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उन चारों ने भी अभी और आने वाले दोस्तों के बारे में कुछ नहीं बताया. वे घर के बाकी सदस्यों का अभिवादन कर आराम से ड्राइंगरूम में बैठ गए. शिवानी को चारों ने गुड न्यूज सुनाने की बधाई दी. शिवानी का मन फिर उदास हो गया. पल भर के लिए चारों को देख कर उस अनहोनी को भूल गई थी. अजय भी आ गया था.

इतने में रेखा, अनिता, सुमन, मंजू, सोनिया, रीता, संजय, अनिल और कुणाल भी आ गए. तब शिवानी को समझ आया अजय ने उस का मन ठीक करने के लिए उस के दोस्तों को इन्वाइट किया है. सब को सामने देख कर शिवानी को उस रात की याद आ गई जब इन्हीं में से किसी ने उस के साथ विश्वासघात किया था.

उस की उड़ी रंगत को सब ने प्रैगनैंसी का कारण समझा. सब मस्ती के मूड में थे. हंसीमजाक शुरू हो गया था. लता और उमा मेड माया के साथ मिल कर सब को वैलकम ड्रिंक्स और स्नैक्स सर्व कर रही थीं. गौतम और विनय भी आ गए. सब ने उन का अभिवादन किया. फिर सब को थोड़ी आजादी देते हुए गौतम, विनय, लता और उमा सब अंदर चले गए. अजय सब से हिलमिल चुका था.

शिवानी के दिल में एक बवंडर सा उठ रहा था. वह रमन, कुणाल, संजय और अनिल का चेहरा बारबार देखती, अंदाजा लगाती कहीं संजय तो नहीं, नहींनहीं संजय तो उस का बालसखा है, उस ने कभी कोई हरकत नहीं की थी. अनिल या फिर कुणाल या रमन नहीं, रमन तो मैरिड है, अनिल, कुणाल तो बहुत ही मर्यादा में रहने वाले दोस्त हैं. बचपन से घर आतेजाते रहे हैं, फिर इन में से कौन था उस रात. सोचतेसोचते शिवानी को सिर की नसें फटती महसूस हो रही थीं.

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