Writer- भावना ठाकर

आज रविवार की छुट्टी थी. विशाल अपने स्टडीरूम की सफाई करने में लगा था. अलमारी के एक कोने में 2 दोस्तों की तसवीर देख कर विशाल के होंठों पर हंसी आ गई. ‘अमन मेरे यार, मिस यू,’ कहते उस ने तसवीर चूम ली.

विशाल की छोटी बहन मीनू हौल में टीवी देख रही थी कि अचानक न्यूज देख कर चिल्ला उठी, ‘‘विशाल भैया, जल्दी आइए, देखिए, न्यूज में क्या दिखा रहे हैं.’’

विशाल स्टडीरूम से दौड़ता हुआ आया और न्यूज में अपने जिगरजान दोस्त अमन के शहीद होने की खबर से हिल गया. हाथ से तसवीर गिर गई.

आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में मेजर अमन बजाज शहीद हुए. इस समाचार ने मानो विशाल के कानों में गर्म सीसा उड़ेल दिया, मानो दुनिया घूम रही हो. विशाल का सिर चकराने लगा.

यह क्या हो गया. विशाल के सामने सब से पहले अमन की प्रैग्नैंट बीवी रश्मि का चेहरा तैरने लगा. अभी 7 महीने पहले ही अपनी पत्नी रश्मि के गर्भवती होने की खुशखबरी सुन कर अमन पागल हो गया था और रिश्तेदारों व मित्रों में ‘मैं बाप बनने वाला हूं’ का ऐलान करते अभी से मिठाई बांट रहा था.

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रश्मि को डिलीवरी के समय हाजिर रहने का वादा कर के सरहद का सिपाही कितना खुश हो गया था. जिंदादिल और देश के प्रति समर्पित अपने जिगरजान दोस्त के साथ बिताए पल विशाल की आंखों के सामने चित्रपट की तरह चलने लगे. बचपन से साथ खेले, एक ही स्कूल में साथसाथ पढ़े, पलेबढ़े मानो एक मां की कोख से जन्मे हों.

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