Writer- रोचिका शर्मा

पूरा हौल दर्शकों से खचाखच भरा हुआ था. तालियों की गड़गड़ाहट हौल को गुंजायमान कर रही थी. सभी दर्शकों की नजरें स्टेज पर मिस इंडिया का क्राउन पहनी सोहा पर टिकी हुई थीं. सोहा मुंह पर हाथ रखे खुशी के आंसू बहा रही थी और उन्हीं पनीली आंखों से अपने भाई सिरीश को औडियंस में ढूंढ़ रही थी. मिस इंडिया कौंटैस्ट के प्रश्नोत्तरी राउंड में पूछे गए सवालों का कितना सही जवाब दिया था उस ने. प्रश्न था, ‘‘आज आप इस मुकाम पर हैं, ऐसी क्या खूबी है आप में?’’ और सोहा का जवाब था, ‘‘आई बिलीव इन माईसैल्फ. आज मेरे पास जो कुछ है मैं उसी में ही खुशियां ढूंढ़ने की कोशिश करती हूं.’’

खूबसूरत तो वह थी ही, लेकिन उस के इस जवाब ने जजेज को काफी प्रभावित किया और उसे मिस इंडिया के खिताब से नवाजा गया. खैर, अब तो उस के पास बधाई देने वालों का तांता लग गया था. उस के मातापिता खुशी से फूले नहीं समा रहे थे. वह खुद भी कह रही थी, ‘‘ऐसा लग रहा है कि मैं कोई ख्वाब तो नहीं देख रही हूं?’’

उस का भाई सिरीश अपनी छोटी बहन को इस मुकाम पर देख कर बहुत खुश था और सोहा अपनी इस सफलता का सारा श्रेय अपने भाई सिरीश को देते हुए कह रही थी, ‘‘थैंक यू भैया, यह सब आप ही के सहयोग से संभव हुआ है, मम्मीपापा तो पुराने विचारों के हैं, उन्हें भी तो आप ही ने मनाया और आप ही ने मिस इंडिया कौंटैस्ट की सारी जानकारी इकट्ठा कर मुझे इस के लिए तैयारी करने को कहा. आप ही मेरा सुरक्षा कवच बने, मेरे साथ घूमते रहे.

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कभी औडिशन के लिए तो कभी टैलेंट राउंड के लिए जाना होता था तो आप ही मेरे साथ थे वरना मम्मीपापा तो कितने डरते थे इस मौडलिंग के क्षेत्र से और उन का डरना वाजिब भी था, क्योंकि आजकल टीवी और अखबारों में आएदिन न जाने कितनी बुरीबुरी खबरें पढ़नेसुनने को मिलती हैं.’’ ठीक ही तो कह रही थी सोहा. इन 4 वर्षों में सिरीश ने सोहा को इस मुकाम तक पहुंचाने में कितनी मेहनत की थी. उस ने सोहा को अच्छे ब्यूटी कौंटैस्ट के ट्रेनिंग प्रोग्राम में दाखिला दिलवाया, जिस में उस ने पब्लिक स्पीकिंग, वौइस मौड्यूलेशन आदि की ट्रेनिंग ली.

प्रश्नोत्तरी राउंड के लिए अपनेआप को तैयार किया. ईवनिंग गाउन राउंड के लिए खुद को दर्शकों के सामने कैसे प्रैजेंट करना है, इस की ट्रेनिंग ली. 60 सैकंड के इंटरव्यू राउंड जिस पर जजेज का पूरा फैसला निर्भर होता है, को पास करना कोई आसान काम न था. सोहा ने भी इस कौंटैस्ट में भाग लेने के लिए मेहनत में कोई कमी नहीं छोड़ी थी. जहां कालेज की सारी सहेलियां कैंटीन से पिज्जा, बर्गर ले कर खातीं, वहीं सोहा अपनी मां के हाथ का बना खाना ले कर जाती. रोज सुबह उठ कर सोहा योगा और ध्यान साधना करती. नाश्ते में अंकुरित अनाज खाती और रात के खाने में सलाद और हरी सब्जियां खाती. इस के अलावा रोज पौना घंटा खुली हवा में सैर कर के आती. मात्र 18 वर्ष की उम्र से अपने मन पर इतना नियंत्रण रखना कोई मामूली बात नहीं और शायद इसीलिए सोहा का सपना आज पूरा हो गया था. तभी अचानक उस के मोबाइल पर फोन आया. दूसरी तरफ आकाश था, उस के पिताजी के दोस्त का बेटा और सोहा का प्यार. न चाहते हुए भी सोहा ने फोन उठाया और दूसरी तरफ से आकाश की आवाज सुनाई दी.

आकाश ने सोहा को बधाई देते हुए कहा, ‘‘बधाई हो सोहा, हर तरफ तुम ही तुम छाई हो, कितनी सुंदर लग रही हो तुम मिस इडिया का क्राउन पहन कर.’’

सोहा ने आकाश की बात काटते हुए कहा, ‘‘थैंक्स आकाश.’’

आकाश कहने लगा, ‘‘सोहा, मैं तुम से मिलना चाहता हूं. आज रात को मम्मीपापा तुम्हारे घर आ रहे हैं और मैं भी उन के साथ आ रहा हूं.’’

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‘‘ओके,’’ सोहा ने कहा.

शाम को आकाश सोहा के घर पर था. आकाश की मां ने सोहा को गले लगाते हुए कहा, ‘‘जितनी सुंदर उतनी ही गुणी है हमारी सोहा,’’ और वे तीनों मिल कर सोहा की तारीफ के पुल बांधने लगे. थोड़ी देर औपचारिक बातें करने के बाद आकाश सिरीश से बोला, ‘‘सिरीश, मैं सोहा से अकेले में कुछ बात करना चाहता हूं.’’

‘‘हांहां, क्यों नहीं,’’ सिरीश ने कहा और उसे टैरेस पर जाने को कह सिरीश ने सोहा को भी कहा कि आकाश तुम से कुछ बात करना चाहता है तुम भी टैरेस पर जाओ.’’

सोहा जैसे ही टैरेस पर पहुंची आकाश ने कहा, ‘‘रात के अंधियारे में चांद की चमकती दूधिया रोशनी में तुम किसी कमलिनी के समान खिल रही हो और सोहा आज तो चांद भी तुम पर फिदा है, फिर मेरे दिल का हाल न पूछो क्या है?’’

सोहा ने उस की बात टालते हुए कहा, ‘‘आकाश, तुम ने मुझे यहां क्यों बुलाया?’’

‘‘सोहा, मैं अपनी भूल के लिए माफी चाहता हूं,’’ आकाश ने कहा.

‘‘इस में माफी जैसी क्या बात है आकाश, हर इंसान के अपने विचार होते हैं, अपनी सोच होती है.’’

‘‘नहीं सोहा, ऐसा न कहो. मम्मीपापा भी कह रहे थे आज तुम्हारे पापा से सदा के लिए तुम्हें मांग लेंगे मेरे लिए.’’

सोहा तो आकाश की बात सुन कर जैसे पत्थर की मूरत बन गई थी. उस के मुंह से एक भी शब्द न निकला, लेकिन उस की सीप सी आंखों से आंसू की धारा बह निकली थी, जो सोहा के दिल का दर्द बयां कर रही थी. बस, उसी धारा के साथ वह 4 साल पीछे बह चली थी. जब उसे पहला मौडलिंग का औफर मिला था. टीवी पर एक शैंपू का ऐड किया था उस ने, जिस में उसे शौवर लेते दिखाया गया था. वह ऐड जब आकाश ने देखा तो आगबबूला हो उठा था और उस ने सोहा को फोन पर जोरदार डांट लगाई थी और उसी वक्त मिलने को कहा था.

सोहा हमेशा की तरह उस से कालेज के पास वाले रैस्टोरैंट में मिली तो वह बहुत गुस्से में था. उस ने कहा था, ‘सोहा, मुझे तुम्हारा मौडलिंग का शौक बिलकुल पसंद नहीं है. अच्छा लगता है तुम्हें नहाते हुए टीवी पर दिखना? तुम्हारी तसवीरें किताबों में छपें और लोग उन्हें चूमें.’

उस दिन सोहा आकाश का यह रूप देख कर समझ ही नहीं पाई थी कि वह एक अच्छाखासा पढ़ालिखा मौडर्न खयालों का इंसान है, लेकिन उस की सोच ऐसी?

आखिर वह भी कहां चुप रही थी आकाश की बात सुन कर. उस ने भी जवाब में कहा था, ‘आकाश, तुम क्या कह रहे हो सोचसमझ कर बोलो. मौडलिंग करना क्या हर किसी के बस की बात है? क्या ऐसे मौके सभी लड़कियों को मिलते हैं? और यदि मेरी तसवीरें किताबों में देख कर लोग चूमते हैं तो उस में मेरा क्या दोष? मैं तो अपना काम करती हूं बस. ‘क्या तुम खुद दूसरी मौडल्स को देखना पसंद नहीं करते? क्या तुम उन की खूबसूरती पर नहीं रीझते? और रही बात नहाते हुए ऐड करने की तो उस में मुझे सिर्फ कंधों के ऊपर बाल धोते हुए दिखाया गया है. इस सब में क्या गलत कर दिया मैं ने? अगर तुम ऐसी सोच रखोगे तो दूसरों से क्या उम्मीद रखूं मैं आकाश?

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लेकिन उस दिन तो आकाश उस की कोई बात सुनने को तैयार नहीं था. आकाश के मातापिता ने भी तो सोहा के मातापिता से दोटूक शब्दों में कह दिया था, ‘हम सोहा को अपनी बहू बना कर बहुत खुश होंगे, लेकिन हमारे घर में यह खुलापन नहीं चलने वाला, आप को सोहा को रोकना होगा. उसे मौडलिंग छोड़नी होगी.’

जब सोहा के पिता ने उन्हें समझाया कि वह मौडलिंग नहीं छोड़ सकती. उन्होंने आकाश के मातापिता को बताया कि मैं ने सोहा से मौडलिंग छोड़ने के लिए कहा था, लेकिन उस ने कहा, ‘पापा, मेरा सपना है यह, इस के लिए मैं ने बचपन से मेहनत की है, मेरे इस सपने को आईने की तरह मत तोडि़ए. कांच की किरिचों की तरह बिखर जाऊंगी मैं, और किरिचें भी कभी टूट कर वापस नहीं जुड़तीं. फिर कभी नहीं बन पाएगा वह आईना.’ जब यह बात सिरीश को मालूम हुई तो उस ने आकाश को समझाने की कितनी कोशिश की, लेकिन आकाश अपने फैसले से टस से मस नहीं हुआ था. सोहा के सामने एक तरफ अपना प्यार था तो दूसरी तरफ रातों को जागजाग कर देखा गया ब्यूटी क्वीन बनने का सपना.

उस ने आकाश को कहा था, ‘आकाश, मैं ने प्यार किया है तुम से और तुम ने भी मुझ से, फिर उस में यह शर्त कैसी? तुम अपनी जिंदगी अपने हिसाब से जिओ और मुझे मेरे हिसाब से रहने दो. मौडलिंग को मैं बुरा प्रोफैशन नहीं मानती,’ लेकिन आकाश को तो मौडलिंग में खुलापन, लोगों द्वारा कसी गई फबतियां और शौवर लेता जिस्म ही नजर आया. उस में उसे कला, मेहनत नजर नहीं आई. सो उस ने साफ शब्दों में कह दिया था, ‘देखो सोहा, मैं ने अपना फैसला तुम्हें सुना दिया है और तुम भी सोचसमझ कर अपना फैसला मुझे सुना दो. मैं तुम्हें कल सुबह तक का समय देता हूं.’

सोहा की सारी रात इसी उधेड़बुन में निकल गई कि किसे निभाए अपने प्यार को या सपने को? और जब यह बात सिरीश को पता चली तो उसे भी काफी बुरा लगा था.

सिरीश और आकाश हमउम्र ही तो थे और एक ही कालेज से पढ़े थे. फिर भी दोनों की सोच में जमीनआसमान का अंतर था और उस समय उसी ने सोहा को हिम्मत दी थी. सिरीश ने कहा था, ‘मैं तुम्हारे साथ हूं सोहा, तुम चाहे जो फैसला लो, बस, तुम हिम्मत न हारना.’

सोहा जब अगले दिन आकाश से मिली तो आकाश ने कहा, ‘थैंक यू सोहा, मुझे मालूम था तुम अपनी मौडलिंग छोड़ कर मेरे पास ही आओगी,’ बदले में सोहा ने कहा था, ‘मैं मौडलिंग नहीं तुम्हें छोड़ रही हूं आकाश, सदा के लिए, मैं अपना सपना जरूर पूरा करूंगी आकाश,’ और इतना कह कर सोहा उलटे कदमों अपने घर लौट आई थी. उस के बाद सोहा और आकाश आज ही मिले थे.

सोहा के दिल पर इन 4 वर्षों में क्याक्या बीती वह उस में खो गई थी. तभी आकाश की आवाज से उस की तंद्रा टूटी. आकाश कह रहा था, ‘‘सोहा, कहां खो गई, बोलो न चुप क्यों हो? आई लव यू सोहा,’’ और इतना कह कर उस ने सोहा का हाथ अपने हाथ में ले लिया था.

सोहा ने आकाश से हाथ छुड़ाते हुए कहा था, ‘‘आकाश, हमारे रास्ते 4 साल पहले ही अलग हो चुके हैं और मैं आज भी वहीं हूं. आज भी मेरी तसवीरें अखबारों में छपती हैं, आज भी न जाने कितने लोग मेरी तसवीरों को चूमते होंगे और इस क्राउन के लिए तो मैं ने स्विमिंग सूट राउंड में दर्शकों के सामने चल कर भी दिखाया, पर तुम्हें तो पसंद नहीं न ये सब,’’ इतना कह कर सोहा टैरेस से नीचे आ गई.

घर में आते ही आकाश की मां बोलीं, ‘‘चलिए, मुंह मीठा कीजिए सभी. दोनों ने फैसला कर लिया है शादी करने का,’’ सोहा के पिताजी ने सोहा की तरफ देखा तो उस ने गरदन हिला कर साफ मना कर दिया. उस के इशारे को सोहा के पिता समझ गए थे. उन्होंने हाथ जोड़ते हुए आकाश के पिताजी से कहा, ‘‘माफ कीजिए भाई साहब, सोहा इस रिश्ते के लिए राजी नहीं है.’’

उस के बाद आकाश और उस का परिवार अपना सा मुंह ले कर चला गया. इतने वर्षों की घुटन में दबी सोहा ने आज चैन की गहरी सांस ली थी और अपने भैया से लिपट कर खूब रोई थी.

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