राज ने एक बार फिर से अनुभा को अपनी बांहों में भर कर उस के लबों को चूम लिया. अनुभा देर तक राज को प्यार से निहारती रही फिर शरमा कर बोली," हटो अब जाने दो मुझे. इतनी रात गए तुम्हारे घर से निकलते किसी ने देख लिया तो हंगामा हो जाएगा. विपक्षी दल वाले तुम्हारे पीछे पड़ जाएंगे. एक मुद्दा मिल जाएगा उन्हें."
"तो फिर आज मेरे घर में ही ठहर जाओ न. जाने की जरूरत ही क्या है? अपनी वार्डन को कह दो कि ऑफिस में किसी काम से बाहर जाना पड़ा. अनीता भी अभी 15 दिन से पहले नहीं आएगी. 15- 20 दिनों की बात कह कर मायके गई है. उस के भाई के बेटे का मुंडन है न. ऐसे में मुझे किसी की परवाह नहीं. खूब मस्ती करेंगे हम दोनों."
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"वाह क्या बात है बीवी गई और प्रेमिका को घर में बुला लिया मिस्टर राजशेखर. देश के नामचीन खानदान के चश्मोचिराग और उभरते हुए युवा नेता जिन का नाम ही काफी है. सोचा है कभी किसी ने आप की चोरी पकड़ ली तो राजनीतिक गलियारों में कैसा हंगामा मच जाएगा?" अनुभा शरारती नज़रों से देखती हुई बोली.\
"चोरी तो तुम ने की है मेरे दिल की. मैं तो चाहता हूं न कोई अंदर आए और न कोई बाहर जाए. बस वक्त यहीं ठहर जाए. तुम हमेशा के लिए मेरी बाहों में रह जाओ."
"ओके तो तुम बैठ कर बॉबी फिल्म का गाना गाओ. मैं तो निकलती हूं. वैसे भी तुम्हारे कहने पर आज जनता कर्फ्यू का पूरा दिन तुम्हारे साथ बिताया है. अब जाने दो मुझे."