अभिनव काम में हुई देरी के कारण माफी मांग निकिता को सोने को कह देता और स्वयं भी बिस्तर पर लेटते ही बेसुध हो जाता. लेकिन एकदूसरे को पतिपत्नी का स्थान न दिए जाने के बावजूद भी इन 2-3 दिनों में दोनों के मन में एकदूसरे के प्रति मित्रता का भाव जन्म लेने लगा था. दिन में अकसर अपनाअपना काम करते हुए वे फोन पर बातचीत कर लेते थे. एकदूसरे से नई जगह और नए लोगों के विषय में अनुभव बांटना दोनों का अच्छा लगता था.
2 दिन बाद निकिता का पैरिस का काम पूरा हो गया और वह अपनी गाइड के साथ फ्रैंच रिविएरा के लिए रवाना हो गई. फ्रांस के दक्षिण पूर्व में भूमध्य सागर के तट पर बसे इस स्थान के विषय में सोचते हुए निकिता के मस्तिष्क में कांस फिल्म फैस्टिवल, मौजमस्ती के लिए बना विशाल खेल का मैदान, रेतीले बीच और नीस
में मनाए जाने वाले फूलों के कार्निवाल की छवि बन रही थी. मन चाह रहा था कि गाइड के स्थान पर अभिनव साथ होता तो लिखने की सामग्री जुटाने के साथसाथ ही वह दोस्ती का आनंद भी ले पाती.
नौनस्टौप फ्लाइट में लगभग डेढ़ घंटे का सफर तय कर वे नीस पहुंचे. एअरपोर्ट से निकल कर होटल जाने के लिए टैक्सी में बैठ निकिता खिड़की से बाहर झांकने लगी. साफ मौसम जहां निकिता के मन को सुकून दे रहा था, वहीं अभिनव की चाह को भी बढ़ा रहा था. ‘क्या इस समय मुझे सिर्फ एक दोस्त की जरूरत है? मेरी गाइड ऐलिस भी एक अच्छी मित्र बन गई है, फिर अभिनव ही क्यों याद आ रहा है मुझे बारबार?’