नई दिल्ली का डिफैंस कालोनी इलाका. दोपहर के 2 बजे थे. सड़क सुनसान थी. इतने में वहां एक आटोरिकशा आ कर रुका, जिस में एक जवान लड़की बैठी थी. उस ने मिनी स्कर्ट और टाइट शर्ट पहनी हुई थी. आटोरिकशा वाले ने शायद शराब पी रखी थी, तभी तो वह उस लड़की को छेड़ने लगा था.

वह लड़की पहले तो सकपकाई, फिर जोरजोर से चीखनेचिल्लाने लगी, ‘‘बचाओ…बचाओ, यह शराबी मेरे साथ बदतमीजी कर रहा है,’’ और जल्दी से आटोरिकशा से बाहर आ गई.

तभी एक कोठी का दरवाजा खुला और एक कुत्ते के भूंकने की आवाज आई. फिर उस घर से एक नौजवान और उस के 2-3 नौकर बाहर की ओर दौड़ते से आए. यह देख कर वह आटोरिकशा वाला तेजी से निकल गया.

वह लड़की अभी भी डरी हुई थी. उस नौजवान ने उसे तसल्ली देते हुए कहा, ‘‘घबराइए मत, वह आटोरिकशा वाला भाग चुका है. लेकिन मैं ने उस

के आटोरिकशा का नंबर नोट कर लिया है.’’

‘‘थैंक्स. मु?ो नहीं पता था कि उस ने शराब पी रखी है, वरना मैं उस के आटोरिकशा में कभी नहीं बैठती.’’

‘‘मेरा नाम रोहन है. मैं सामने वाले घर में रहता हूं. आप चाहें तो थोड़ी देर हमारे घर में आराम कर सकती हैं,’’ उस नौजवान ने कहा.

‘‘मेरा नाम दीपा है और मैं नोएडा में रहती हूं. यहां किसी फ्रैंड से मिलने आई थी,’’ उस लड़की ने कहा.

थोड़ी देर में वे दोनों घर के अंदर थे. दीपा ने पानी पिया और वहां से जाने की बात कही.

रोहन ने दीपा को अपना विजिटिंग कार्ड दिया और बोला, ‘‘कभी भी मेरी याद आए, तो दिए गए नंबर पर काल कर लेना.’’

यह सुन कर दीपा शरमा गई. वह खूबसूरत और गोरी तो थी ही, शरमाते ही उस के चेहरे पर लाली छा गई. वैसे, रोहन भी एक हैंडसम लड़का था और करोड़पति भी.

दीपा रोहन के घर से बाहर निकली और फोन किया, ‘‘कहां है भई तू. बड़ी जल्दी आटोरिकशा ले कर भागा.’’

थोड़ी देर में वही आटोरिकशा वाला दीपा के सामने खड़ा था. वह बोला, ‘‘वह लड़का तेरे हुस्न के जाल में फंसा या नहीं… कहीं हमारी चाल फेल तो नहीं हो गई?’’

‘‘ऐसा कभी हुआ है. आज उस ने अपना विजिटिंग कार्ड दिया है, कल

दिल भी देगा,’’ दीपा ने सिगरेट जलाते

हुए कहा.

दरअसल, दीपा जो दिखती थी, वह थी नहीं. वह तो रोहन जैसे अमीर लड़कों को अपने हुस्न के जाल में फंसा कर उन्हें ब्लैकमेल करती थी. कुछ लड़कों को तो उस ने अपने गुरगों से पिटवा भी दिया था. पैसा पाने के लिए वह किसी भी हद तक जा सकती थी.

इस घटना को बीते 2 महीने हो गए थे और इस बीच दीपा और रोहन कई बार मिल चुके थे, पर ज्यादातर रोहन के औफिस में. दीपा उस के बारे में सबकुछ जान चुकी थी. यहां तक कि रोहन ने उसे बता रखा था कि उस के ब्रीफकेस में हमेशा बहुत सारे पैसे रखे रहते हैं.

अब दीपा ने जाल बुनना शुरू कर दिया था. वह चाहती थी कि रोहन उसे अकेले में किसी होटल में मिले, जहां उस के पास उस का ब्रीफकेस जरूर हो.

एक दिन दीपा ने कहा, ‘‘रोहन, मु?ो तुम्हारे साथ डेट पर जाना है. कब तक हम औफिसऔफिस खेलते रहेंगे…’’

‘‘ओह, तो यह बात है,’’ रोहन बोला. वह भी दीपा के साथ कौफी पीपी कर बोर हो गया था, ‘‘बोलो, कब और कहां मिलना है?’’

‘‘मेरी जानपहचान का एक होटल है,’’ दीपा ने कहा.

‘‘देखो दीपा, अगर होटल में मिलना है, तो वह होटल मेरी पसंद का होगा. वहां हमें कोई डिस्टर्ब नहीं करेगा.’’

‘‘अच्छा,’’ दीपा ने कह तो दिया, पर किसी अनजान होटल में वह रोहन को अपने साथियों के साथ मिल कर लूटेगी कैसी, यह सम?ा नहीं आ रहा था, पर फिर भी वह बोली, ‘‘जहां तुम कहो, मैं आ जाऊंगी.’’

‘‘फिर ठीक है. हम कल ही मिलते हैं. मैं होटल की लोकेशन तुम्हें भेज दूंगा. मैं सीधा औफिस से वहां आ जाऊंगा.’’

‘‘यह ठीक रहेगा. नेक काम में देरी क्यों करें,’’ दीपा ने रोहन के पास जा

कर कहा.

दीपा के इतना करीब आते ही रोहन ने अपने होंठ उस के होंठों पर रख दिए. दीपा पीछे हटते हुए बोली, ‘‘अभी कुछ भी नहीं. जो भी करना है कल होटल

में कर लेना,’’ फिर वह जाने लगी.

आज रोहन ने दीपा को बड़े ध्यान से देखा था. वह लंबी और खूबसूरत तो थी ही, उस के नाजुक अंग भी जैसे तराशे हुए थे.

रोहन और दीपा ने अगले दिन यानी 24 अक्तूबर को शाम के 6 बजे तय होटल में मिलने का प्लान बनाया. रोहन ने उसे होटल की लोकेशन भेज दी थी.

रोहन समय से थोड़ा पहले ही होटल जा पहुंचा था और लौबी में बैठ कर दीपा का इंतजार कर रहा था. उस के मोबाइल फोन में चार्जिंग कम थी, तो टाइमपास करने के लिए उस ने सामने टेबल पर रखा एक हिंदी अखबार उठा लिया.

यों तो रोहन इंगलिश मीडियम स्कूल और कालेज से पढ़ा था, पर उस की हिंदी पर भी अच्छी पकड़ थी. कुछ

पन्ने पलटने के बाद उस की नजर एक सनसनीखेज खबर पर गई और उत्सुकता में वह खबर पढ़ने लगा.

मामला दिल्ली का था. अखबार के मुताबिक, राजधानी दिल्ली के भलस्वा डेयरी थाने की पुलिस उस समय हैरान रह गई, जब एक औरत थाने पहुंची और उस ने पुलिस वालों को बताया कि

उस ने अपने लिवइन पार्टनर की हत्या कर दी है.

शुरू में तो पुलिस वालों को लगा कि वह औरत शायद दिमागीतौर पर बीमार है, लेकिन उस के बारबार कहने पर पुलिस ने सोचा कि क्यों न एक बार चैक कर लिया जाए.

पुलिस जैसे ही उस औरत के साथ क्राइम सीन पर पहुंची, तो हैरत में पड़ गई. कमरे में फर्श पर खून से लथपथ एक नौजवान पड़ा था.

पुलिस वालों ने तुरंत मर्डर की तसदीक करते हुए थाने में बताया. मौकामुआयना करने पर पता चला कि उस औरत ने अपने साथी की पेचकस, सिलबट्टा, हथौड़े और चाकू से वार कर के हत्या की थी.

पुलिस ने उस नौजवान की लाश को फौरन ही पोस्टमौर्टम के लिए भेज दिया. उस औरत की निशानदेही पर वारदात

में इस्तेमाल सामान को भी जब्त कर लिया गया.

पुलिस के मुताबिक, यह वारदात मंगलवार, 22 अक्तूबर, 2024 की थी. भलस्वा डेयरी थाने में गली नंबर 1, रामा गार्डन, मुकुंदपुर में रहने वाली मुन्नी ने बताया कि वह मोहम्मद तवारक उर्फ साहिल खान के साथ काफी समय से लिवइन रिलेशनशिप में रह रही थी, जिस की घर में पत्थर (सिलबट्टा), हथौड़े और चाकू से हत्या कर दी.

पुलिस की पूछताछ में मुन्नी से पता चला कि उस के पति बंटी यादव की साल 2018 में मौत हो चुकी है. उस के 4 बच्चे हैं, एक लड़की और 3 लड़के. पति की मौत के बाद से वह मुकुंदपुर में रह रही थी.

मुन्नी पिछले 2 सालों से मोहम्मद तवारक उर्फ साहिल खान के साथ रिलेशनशिप में थी. साहिल खान पेशे से प्लंबर था. वह शादीशुदा था और उस का एक बच्चा भी है.

मुन्नी का आरोप है कि मोहम्मद तवारक उस के साथ बदसुलूकी करता था और शराब पीने का आदी था. वह उसे या उस के बच्चों को जान से मारने की धमकी देता था.

वारदात के समय मोहम्मद तवारक नशे की हालत में घर आया और उस के साथ बदसुलूकी करने लगा. फिर मुन्नी ने पत्थर, चाकू और हथौड़े से तवारक के सिर पर वार कर उस की हत्या कर दी.

रोहन यह खबर पढ़ कर चौकन्ना हो गया. वह दीपा के बारे में ज्यादा नहीं जानता था और आज रात होटल में वह उस के साथ पूरी रात बिताने वाला था.

रोहन ने एक गिलास पानी पिया और टहलते हुए लौबी के उस हिस्से में चला गया, जहां से होटल की पार्किंग का हिस्सा शीशे से दिखता था, पर बाहर से लौबी में देखना मुमकिन नहीं था.

रोहन का ध्यान अचानक पार्किंग में घुसती एक कार में गया. थोड़ा भीतर जाते ही वह कार रुकी और उस में से

4 लड़के और एक लड़की बाहर निकली. लड़की ने टीशर्ट और टाइट लैगिंग पहनी हुई थी.

‘अरे, यह तो दीपा है. पर इस के साथ ये 4 लड़के क्या कर रहे हैं?’ रोहन ने सोचा. पहले तो उस का मन पार्किंग में जाने को हुआ, पर फिर उस ने वहीं से दीपा पर नजर रखी.

उधर दीपा इस बात से बेखबर थी कि रोहन लौबी से उसे देख रहा है. वह उन चारों लड़कों के साथ हंसीमजाक

कर रही थी कि तभी एक लड़के ने

उस के पिछवाड़े पर चपत लगाई, तो दीपा ने एकदम से उस के पेट पर मुक्का मार दिया.

वह लड़का एक बार को तो दर्द से बिलबिला गया, फिर दीपा के गले लग गया. इसी बीच उन सब लड़कों ने दीपा को एक तरह से घेर लिया और वह

उन की ओट में वहीं पार्किंग में लैगिंग

पर साड़ी बांधने लगी और मेकअप

करने लगी.

रोहन को यह बात खटकी, पर वह जानना चाहता था कि दीपा उस से

क्या चाहती है, तो वह सावधान भी हो गया. उस के दिमाग में पेचकस से खून करने वाली खबर घूमने लगी.

थोड़ी ही देर में दीपा लौबी में आ गई. रोहन को वहां देख कर दीपा मुसकराई और उस के गले लग गई. सैक्सी स्टाइल में बंधी साड़ी में दीपा के नाजुक अंग उभर रहे थे. उस ने एक खुशबूदार इत्र लगाया हुआ था.

रोहन का मन मचलने लगा, पर पार्किंग वाला सीन उसे फिर सावधान कर रहा था.

रोहन बोला, ‘‘अरे यार, हमें होटल का कमरा शाम को 7 बजे के बाद ही मिलेगा. उस की सफाई हो रही है. तब तक क्यों न कौफी पी ली जाए?’’

‘‘वाह कौफी, इस की तो मु?ो बहुत जरूरत है. रात को मुझे नींद भी नहीं आएगी,’’ दीपा ने आंख मारते हुए कहा.

पर, रोहन के दिमाग में तो वे चारों लड़के घूम रहे थे. दीपा का उन के साथ होटल में आने का क्या मकसद है? यह सवाल रोहन को परेशान कर रहा था.

‘‘ओ हैंडसम, कहां खो गए… अभी तो हम रूम में भी नहीं गए और तुम मु?ो पाने के सपने भी देखने लगे,’’ दीपा इतराते हुए बोली.

‘‘उन पलों का तो मैं बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं. और हां, जब तक कौफी आती है, तब तुम अगर फ्रैश

होना चाहती हो, तो वहां साइड में वाशरूम है,’’ रोहन ने अपनी चिंता छिपाते हुए कहा.

‘‘यह अच्छा आइडिया है. तुम बैठो, मैं अभी फ्रैश हो कर आई,’’ दीपा ने कहा और अपना बैग वहीं छोड़ कर वाशरूम में चली गई.

रोहन को जब तसल्ली हो गई कि अब कम से कम 5 मिनट तक दीपा बाहर नहीं आएगी, तो वह तेजी से लौबी के उसी हिस्से में गया, जहां से पार्किंग एरिया दिखता था. वे चारों लड़के और वह कार वहीं खड़ी थी.

रोहन तुरंत वापस आया और दीपा का बैग खंगालने लगा. उस में 2 बड़ीबड़ी छुरियां रखी थीं. एक शीशी में क्लोरोफार्म भी था.

रोहन के दिमाग में अखबार में छपी खबर पर गया और मुन्नी का खयाल आया. कहीं दीपा उसे लूटने के चक्कर में तो नहीं आई है, क्योंकि दीपा को पता था कि रोहन के ब्रीफकेस में हमेशा 5-10 लाख रुपए कैश रहता ही था?

इस से पहले कि दीपा वापस आती, रोहन ने अपना ब्रीफकेस उठाया और चुपचाप वहां से निकल गया. आज अगर उस ने यह खबर नहीं पढ़ी होती, तो पता नहीं उस के साथ क्या हो सकता था.

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