कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पिछले अंक में आप ने पढ़ा:

रूपमती बिस्तर पर अपने प्रेमी सूरजभान के साथ थी कि उस के पति अवध ने देख लिया. खुद को फंसती देख कर रूपमती ने सूरजभान पर इज्जत लूटने का इलजाम लगाया और अवध के सामने रोते हुए बताया कि सूरजभान उस के बेहूदा फोटो से उसे ब्लैकमेल कर रहा है.

अब पढ़िए आगे...

अवध चुप रहा, तो रूपमती ने फिर कहा ‘‘देखोजी, वह बहुत बड़ा आदमी है. तुम उसे कुछ कर दोगे, तो तुम्हें जेल हो जाएगी. फिर तो पूरा गांव मुझ अकेली के साथ न जाने क्याक्या करेगा. फिर तुम क्या करोगे? माफ करना सब से बड़ा धर्म है. तुम कल मेरे साथ चलना. वह फोटो भी देगा और माफी भी मांगेगा. खत्म करो बात.’’

अवध छोटा किसान था. उस में इतनी हिम्मत भी नहीं थी कि वह गांव के सरपंच के बेटे का कुछ नुकसान भी कर सके. पुलिस और कोर्टकचहरी के नाम से उस की जान सूखती थी.

अवध ने कहा, ‘‘ठीक है. अगर फोटो वापस कर के वह माफी मांग लेता है, तो हम उसे माफ कर देंगे. और हम कर भी क्या सकते हैं?’’

रूपमती अवध की तरफ से निश्चिंत हो गई. उस ने सूरजभान को भी समझा दिया था कि शांति से मामला हल हो जाए, इसी में तीनों की भलाई है.

रूपमती पति और प्रेमी को आमनेसामने कर के देखना चाहती थी कि क्या नतीजा होता है. अगर वे दोनों अपनी मर्दानगी के घमंड में एकदूसरे पर हमला करते हैं, तो उस के हिसाब से वह अपनी कहानी आगे बढ़ाने के लिए तैयार रखेगी. पति मरता है, तो कहानी यह होगी कि सूरजभान ने उस की इज्जत पर हाथ डालने की कोशिश की. पति ने विरोध किया, तो सूरजभान ने उस की हत्या कर दी. बाद में भले ही वह सूरजभान से बड़ी रकम ले कर कोर्ट में उस का बचाव कर दे.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 महीना)
USD2
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...