कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

2-3 पैग पीने के बाद रंजीत ने कहा, ‘इस शहर में किसी चीज की जरूरत हो, तो मुझे बताइएगा. आप की हर ख्वाहिश पूरी होगी. और फिर उसी ने हमें बताया कि समीर की पत्नी शालिनी का चालचलन कुछ ठीक नहीं है. काम के बोझ के चलते वह अपनी बीवी को पूरा वक्त नहीं दे पाता, औफिस में भी ओवरटाइम करता है. और उधर इस के घर में हर रोज नएनए लोगों का आनाजाना लगा रहता है. इस बारे में समीर को जरा भी खबर नहीं है. एकदो बार तो मैं भी जा चुका हूं. आप का भी अगर मूड हो तो बताइएगा.‘

फिर दूसरा अफसर अपनी सफाई में बोला, ‘हम उस की बातों में आ गए और अगले दिन औफिस में समीर का प्रोजैक्ट सलैक्ट करने के बाद जब हम अपने रूम में आए, तो हमारे पीछेपीछे रंजीत भी 2 व्हिस्की की बोतल ले कर रूम में आ गया. और जब हम पीने बैठे तो उस ने बातोंबातों में कहा, ‘समीर दोपहर 3 बजे की ट्रेन से नोएडा जा रहा है, इस से अच्छा मौका फिर कभी नहीं मिलेगा, मैं तुम दोनों को उस के घर तक छोड़ दूंगा. और समीर के जाने के बाद शालिनी को भी तो अपने घर आने वाले खास मेहमानों का इंतजार रहेगा ही न,‘ कहते हुए उसी ने हमें समीर के घर तक अपनी गाड़ी से छोड़ा.

अब तक उन दोनों की बातों से सबकुछ स्पष्ट हो गया. उन की बातें सुन कर समीर का खून खौलने लगा था, तभी बौस बोले, ‘रंजीत ने समीर के साथ ऐसा क्यों किया? वह तो औफिस में इस का सीनियर है.‘

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 महीना)
USD2
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...