रोहित तुरंत मिस्टर सूद के केबिन में पहुंच गया. सूद साहब कुछ परेशान लग रहे थे. रोहित भांप गया कि कोई गंभीर बात है.

‘‘बैठो,’’ कुरसी की तरफ इशारा करते हुए सूद साहब ने रोहित से कहा.

‘‘मिस्टर रोहित, मेरी पोजीशन बहुत खराब हो रही है,’’ सूद साहब ने धीमी और कांपती आवाज में कहना शुरू किया, ‘‘पहली तारीख को बोर्ड आफ डाइरेक्टर्स की मीटिंग है. फैक्टरी तैयार हो चुकी है, ट्रायल उत्पादन कल से शुरू होना है, लेकिन फैक्टरी शुरू करने का लाइसेंस अभी तक नहीं मिला है. अभीअभी दत्ता से खबर मिली है कि विस्फोटक विभाग में हमारी फाइल अटक गई है और वहां से कारण बताओ नोटिस जारी होने वाला है.’’

एक पल रुक कर सूद साहब ने फिर कहना शुरू किया, ‘‘रोहित, यदि लाइसेंस मिलने में देर हो गई तो हम किसी को अपना मुंह नहीं दिखा सकते हैं. बोर्ड आफ डाइरेक्टर्स द्वारा मीटिंग के फौरन बाद प्रेस कान्फ्रेंस में फैक्टरी में उत्पादन शुरू होने की घोषणा की जानी है और बिना लाइसेंस के उत्पादन शुरू नहीं कर सकते. जबकि उत्पादन हमें हर हालत में शुरू करना है, क्योंकि अगले महीने हमारा प्रतिद्वंद्वी अपना उत्पादन शुरू कर के बाजार पर कब्जा करना चाहता है.

‘‘दत्ता ने खबर दी है कि उन्होंने हमारी कंपनी के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज की है ताकि कंपनी को वर्क लाइसेंस मिलने में देर हो जाए और बाजी वह मार ले. मैं ऐसा किसी भी कीमत पर नहीं होने दूंगा. यदि हमारा उत्पादन शुरू नहीं हुआ तो कंपनी के शेयर डूब सकते हैं और हम कहीं के नहीं रहेंगे,’’ कह कर सूद साहब चुप हो गए.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 महीना)
USD2
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...