Hindi News Story: ‘‘यार, बहुत दिनों से मैं अपने पुराने दोस्तों से नहीं मिली हूं. सोच रही हूं कि कल उन के साथ लंच का प्रोग्राम बना लूं,’’ अनामिका ने विजय से कहा.
‘‘बना लो, पर मैं नहीं चल पाऊंगा,’’ विजय बोला.
‘‘क्यों? तुम कहीं जा रहे हो क्या?’’ अनामिका ने पूछा.
‘‘नहीं, पर उन लोगों के साथ मैं बोरियत महसूस करता हूं. वे हर बात में राजनीति घुसेड़ देते हैं. कभी भी अपनी बातें नहीं करते हैं. और वह जो तुम्हारा बैस्ट फ्रैंड है न जितेश, वह तो मुझे फूटी आंख नहीं सुहाता है,’’ विजय ने कहा.
‘‘विजय, तुम मेरे दोस्तों का नाम सुन कर इतना बिदक क्यों जाते हो? मैं इतने दिनों के बाद उन के साथ लंच का प्रोग्राम बना रही हूं और तुम मेरा मूड खराब कर रहे हो,’’ अनामिका थोड़ा नाराज हो कर बोली.
‘‘मैं कब मना कर रहा हूं. तुम जाओ अपने दोस्तों के पास और मजे करो,’’ विजय ने माहौल को थोड़ा हलका बनाते हुए कहा.
‘‘मैं तो जाऊंगी ही. जितेश से मेरी बात हुई थी. वह आज कन्फर्म कर देगा. फिर मैं, जितेश, राहुल, सुरजीत और सोनिया सब कल लंच पर मिलेंगे,’’ अनामिका ने अपना प्लान बता दिया.
इतने में जितेश का फोन आ गया, ‘‘हां जितेश, बोलो... कल हम सब मिल रहे हैं न?’’ अनामिका ने पूछा.
‘हां, हम सब ठीक दोपहर 1 बजे अनुपम रैस्टोरैंट पर मिलेंगे. तुम देर मत करना. कल बड़ा मजा आएगा,’ उधर से जितेश की आवाज आई.
‘‘ठीक है. मैं टाइम से पहुंच जाऊंगी,’’ इतना कह कर अनामिका ने फोन काट दिया.
अगले दिन अनामिका ने अपना पसंदीदा सूटसलवार पहना और ठीक दोपहर 1 बजे अनुपम रैस्टोरैंट जा पहुंची. उस के सारे दोस्त पहले ही वहां आ गए थे.
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