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‘‘खाली जेब मांबाप की सेवा कैसे करेगा? क्या उन्हें समझ में नहीं आता. 3 महीने होने को आए क्या नौकरी अभी तक बच रही होगी जो वह...

‘‘सुनयना का रोनाधोना चलता रहा और इसी बीच उस का अविकसित गर्भ चलता बना. पूरा दिन मेरी पत्नी उस के साथ अस्पताल में रही. इतना सब हो गया पर उस का पति नहीं आया. किंकर्तव्य- विमूढ़ होते जा रहे थे हम.

‘‘ ‘क्या तुम दोनों में सब ठीक चल रहा है? कैसा इंसान है वह जिसे न अपने बच्चे की परवाह है न पत्नी की.’ एक दिन मैं ने पूछ लिया.

‘‘हैरानपरेशान थे हम. 2-3 दिन सुनयना हमारे ही घर पर रही. उस के बाद अपने घर चली गई. यह कहानी क्या कहानी है हम समझ पाते इस से पहले एक दिन सुनयना ने हमें बताया कि वह हम से इतने दिन तक झूठ बोलती रही. दरअसल, उस का पति किसी और लड़की के साथ भाग गया है और उस के मातापिता भी इस कुकर्म में उस के साथ हैं.

‘‘हम पतिपत्नी तो जैसे आसमान से नीचे गिरे. सुनयना के अनुसार उस के मायके वाले अब पुलिस केस बनाने की सोच रहे हैं. जिस लड़की के साथ गिरीश भागा है वे भी पूरा जोर लगा रहे हैं कि गिरीश पकड़ा जाए और उसे सजा हो. हक्केबक्के रह गए हम. हैरानी हुई इस लड़की पर. बाहरबाहर क्या होता रहा इस के साथ और भीतर यह हमें क्या कहानी सुनाती रही.

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‘‘सुनयना का कहना है कि वह शर्म के मारे हमें सच नहीं बता पाई.

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