वर्षों पूर्व रिटायर हो चुके रिश्वतखोर सरकारी कर्मचारी रामशरण जी के वास्तविक जीवन में एक के बाद एक 3 ऐसे क्षण आए कि उन्होंने सोचा कि रिश्वत देना पड़ेगा.