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राइटर- नीरज कुमार मिश्रा

लखनऊ शहर के इंदिरानगर इलाके में बने हुए फ्लैट नंबर 256 में इस समय हवस से भरी फुसफुसाहटें गूंज रही थीं. फ्लैट की दीवारें नमिता और सुदेश के सैक्स की आवाजों की गवाह बनी हुई थीं.

सुदेश नमिता के तन पर लिपटा हुआ आखिरी कपड़ा भी अलग कर देना चाहता था, पर नमिता थी कि बारबार अपने बदन को सिकोड़ लेती थी.

सुदेश के एक हाथ में मोबाइल फोन का वीडियो रिकौर्डर चल रहा था, जिस से वह नमिता की वीडियो क्लिप बनाने में लगा हुआ था.

‘‘अब मेरी वीडियो क्लिप मत बनाओ... प्लीज,’’ नमिता ने बनावटी अंदाज में कहा, पर सुदेश ने उस की एक नहीं सुनी और नमिता के बदन पर लिपटा हुआ आखिरी कपड़ा भी हटा दिया.

अपने सामने नमिता के हुस्न का दीदार कर के सुदेश पागल हो उठा. उस ने अपना मोबाइल फोन एक तरफ रख दिया और नमिता के नंगे बदन पर अपने होंठों को बेतहाशा रगड़ने लगा.

नमिता ने भी अपनी आंखें बंद कर ली थीं और सुदेश भी पूरी तरह से जोश में आ चुका था.

सुदेश के मर्दाने और कठोर जिस्म ने नमिता के नरम और गुदगुदे जिस्म में प्रवेश कर लिया. नमिता भी अपने हाथों से सुदेश की पीठ को सहलाने लगी.

अभी दोनों ने सैक्स का मजा लेना ही शुरू किया था कि नमिता ने सुदेश से कहा, ‘‘तुम नीचे आओ... मैं तुम्हारे ऊपर आना चाहती हूं.’’

नमिता को इतने सैक्सी अंदाज में सुदेश ने पहले कभी नहीं देखा था. वह मुसकराने लगा और नमिता के बदन से बिना अलग हुए ही एक करवट ले कर नमिता के बदन के नीचे हो गया और अब नमिता सुदेश के ऊपर बैठी हुई थी.

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