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बटनों से छेड़छाड़ करने पर लिफ्ट 7वीं मंजिल पर बढ़ गई. हमारी लिफ्ट दरवाजों वाली नहीं है, चैनल वाली है, खुली है तो मुझे जरा ठीक लगता है. मैं ने अब उस लड़के पर नजर डाली. 26-27 साल का होगा. वह 7वीं मंजिल पर लिफ्ट से बाहर निकल कर मुसकराया तो आदतन मैं भी मुसकरा दी. मैं ने फिर 3 वाला बटन दबाया और अपने फ्लोर पर पहुंच मुसकराती हुई घर में घुसी. तीनों मेरा ही वेट कर रहे थे.

शाश्वत बोला, ‘‘अरे वाह, पनीर मिल गया?’’ मैं ने हंसते हुए ‘हां’ कहा तो विपिन ने कहा, ‘‘कितनी अच्छी लग रही हो हंसते हुए.’’

मैं मुसकराते हुए ही लिफ्ट में हुई गड़बड़ बताने लगी तो विपिन कुछ गंभीर हो गए. मैं मन ही मन हंसी. मैं ने कहा, ‘‘अच्छा लड़का था.’’

‘‘इतनी जल्दी पता चल गया तुम्हें कि अच्छा लड़का था?’’ विपिन बोले. ‘‘हां, मुझे जल्दी पता चल जाता है,’’ कहते हुए मुझे मजा आया.

वे बोले, ‘‘ध्यान रखा करो, यार... कहां था तुम्हारा ध्यान?’’ मैं मुसकराती रही. 3-4 दिन बाद मैं शाम की सैर से लौट रही थी. वही लड़का फिर मुझे मिल गया. हमारी हायहैलो हुई, बस. 2 दिन बाद मैं फिर सब्जी ले कर लौट रही थी तो वह लिफ्ट में साथ हो गया. उस ने मेरे कुछ कहे बिना लिफ्ट तीसरी मंजिल पर रोक दी. मैं थैंक्स कह बाहर आ गई.

मैं ने उस रात डिनर करते हुए सब को बताया, ‘‘अरे, आज वह लिफ्ट वाला लड़का भी मेरे साथ ही आया तो उस ने खुद ही तीसरी मंजिल पर लिफ्ट रोक दी.’’

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