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तीनों ने हाथ मिलाए. फिर पहले से बुक की गई मेज के इर्दगिर्द बैठ गए. वेटर चांदी के गिलासों में ठंडा पानी सर्व कर गया.

थोड़ी देर बाद वही वेटर उन के पास आया और सिर नवा कर खड़ा हो गया तो सविता ने ड्रिंक लाने का आर्डर दिया.

थोड़ी देर बाद वेटर आर्डर सर्व कर गया. सभी अपनाअपना ड्रिंक पीने लगे. तभी हाल की बत्तियां बुझ गईं. डायस पर धीमाधीमा संगीत बजने लगा. हाल में एक तरफ डांसिंग फ्लोर था. कुछ जोड़े उठ कर डांसिंग फ्लोर पर चले गए.

वहां का माहौल बहुत रोमानी हो चला था. विवेक ने अपना गिलास खत्म किया और उठ खड़ा हुआ. सिर नवाता हुआ मिस रोज की तरफ देखता हुआ बोला, ‘‘लैट अस हैव ए राउंड.’’

मिस रोज मुसकराई. उस ने अपना गिलास खत्म किया और उठ कर अपना बायां हाथ विवेक के हाथ में  थमा दिया. उस की पीठ पर अपनी बांह फिसला विवेक उसे डांसिंग फ्लोर की तरफ ले गया. दोनों साथसाथ थिरकने लगे.

सविता ईर्ष्यालु नहीं थी. उस ने कभी ईर्ष्या नहीं की. मुकाबला नहीं किया था. मगर आज जाने क्यों ईर्ष्या से भर उठी थी. हालांकि वह जानती थी. आयात- निर्यात के धंधे में विदेशी ग्राहकों को ऐंटरटेन करना व्यवसाय सुलभ था, कोई अनोखी बात न थी.

मगर आज वह एक खास मकसद से विवेक के पास आई थी. इस खास अवसर पर उस का किसी अन्य के साथ जाना, चाहे वह ग्राहक ही क्यों न हो, उसे सहन नहीं हो रहा था.

पहला राउंड खत्म हुआ. विवेक बतरा चहकता हुआ मिस रोज को बांहों में पिरोए वापस आया. मिस रोज ने कुरसी पर बैठते हुए कहा, ‘‘सविताजी, आप के साथी बतरा बहुत मंझे हुए डांसर हैं, मेरी तो कमर टूट रही है.’’

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