प्रश्नों और संदेहों के चक्रव्यूह में उलझी नेहा परिपक्व व प्रौढ़ शलभ और सौम्या को ले कर चिंता में थी लेकिन नेहा की सहेली मीरा ने उसे ऐसा क्या सुझाया कि उस के मनमस्तिष्क पर छाया तनाव का कुहरा छंटता सा दिखाई देने लगा.