पैरिस ओलिंपिक में सीधेसीधे पहलवान विनेश फोगाट के साथ नाइंसाफी हुई है, यह तो कोई बच्चा भी जानता है. अगर विनेश का वजन 100 ग्राम ज्यादा हो गया, तो उस की वजह क्या थी, इसे जाने बैगर ऐक्शन लेना गलत ही है न?

यह सारी दुनिया को मालूम है कि पानी की कमी की वजह से विनेश फोगाट को क्लिनिक में भरती कराया गया था. सवाल यह है कि किसी की जिंदगी बड़ी है या फिर खेल के नियम और कायदे? सचमुच, अगर वजन ज्यादा होता तो वे ओलिंपिक खेलों में क्वालिफाई ही नहीं कर पातीं. इनसानियत के नजरिए से ओलिंपिक संघ को इसे स्वयं संज्ञान में लेना चाहिए था, पर अगर नहीं लिया गया तो भारतीय ओलिंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा ने याद दिलाया, मगर इस के बावजूद अगर विनेश फोगाट के साथ नाइंसाफी हुई है और उन्हें डिसक्वालिफाई कर दिया गया है तो भारत सरकार को सख्त कदम उठाने की जरूरत है.

यह सीधेसीधे भारत की बेइज्जती है. भारत की एक बेटी अगर कुश्ती के खेल में फाइनल में पहुंची है तो पूरे देश के जनजन की भावना को इज्जत करते हुए पैरिस ओलिंपिक में फाइनल में प्रदर्शन करने की इजाजत दी जानी चाहिए थी.

यह है मामला

पैरिस ओलिंपिक में महिलाओं की 50 किलोग्राम भारवर्ग कुश्ती इवैंट के फाइनल से पहले 100 ग्राम वजन ज्यादा पाए जाने के चलते बुधवार, 7 अगस्त, 2024 को विनेश फोगाट को अयोग्य घोषित कर दिया गया. इस की वजह से जहां विनेश पदक से वंचित रह गईं, वहीं 140 करोड़ भारतवासियों की उम्मीदों के साथ खिलवाड़ किया गया.

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