इस बार के इंडियन प्रीमियर लीग में कुछ नए नियमों के साथ टीमें मैदान उतरी थीं और वे नियम बड़े फायदे के साबित हुए. इसी तरह इस बार कई नई भाषाओं में कमैंट्री सुनने को मिली, जिन में से भोजपुरी का अंदाज सब से ज्यादा लुभाने वाला महसूस हुआ.
ठीक उसी तरह जैसे हिंदी फिल्म ‘गुलामी’ के एक गाने के कुछ बोल भले ही समझ नहीं आए थे, पर शब्बीर कुमार और लता मंगेशकर की मीठी आवाज ने उसे यादगार बना दिया था.
अमीर खुसरो की एक कविता से प्रेरणा पा कर गीतकार गुलजार के लिखे इस गीत के बोल थे :
‘जिहाल ए मिस्कीं मकुन ब रंजिश
ब हाल ए हिज्रा बेचारा दिल है,
सुनाई देती है जिस की धड़कन
हमारा दिल या तुम्हारा दिल है...’
कुछ इसी तरह का मजा इस बार की आईपीएल भोजपुरी कमैंट्री को सुन कर तब मिला, जब सौरभ उर्फ रौबिन सिंह के साथ गोरखपुर के सांसद व भोजपुरी के सुपरस्टार रविकिशन, कैमूर के शिवम सिंह, देवरिया के गुलाम अली, झारखंड के सत्य प्रकाश कृष्णा और वाराणसी के मोहम्मद सैफ कमैंट्री करते दिखे.
याद रहे कि आईपीएल में हिंदी, इंगलिश, भोजपुरी भाषा के अलावा जिन भाषाओं में कमैंट्री हो रही है, उन में मराठी, तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, पंजाबी, गुजराती और बंगाली भाषाएं शामिल हैं.
देश में तकरीबन 25 करोड़ लोग भोजपुरी भाषा सुनते, बोलते और समझते हैं. जब रविकिशन ने अपने ही अंदाज में आईपीएल में कमैंट्री की, तो माहौल ही बन गया. एक बानगी देखिए:
बारबार धुआंधार प्रहार जारी बा. अद्भुत, अद्भुतम, अद्भुताय मैच बा हो. जे ऊहां पूरन बा, ऊ चूरन मार रहल बा. एकदम चौंचक बैटिंग होत बा... ई बैट नाहीं, लाठी ह. ऊ मरलें धौनी छक्का. अइसन छक्का मरलें कि गेना गोपालगंज से होत गंगा पार, गोरखपुर के गल्ली से निकल कर आरा पहुंच गईल...’