Social Issue: पढ़ाईलिखाई बेहद जरूरी है. गरीबों का तो यह सब से मजबूत हथियार है. उन्हें किसी भी तरह से खुद को इस लायक बना लेना चाहिए कि वे रोजगार के मामले में अमीरों से मार न खाएं. पर जब बच्चे पढ़ने के लिए स्कूल जाते हैं, तब वे खुद और उन के परिवार वाले चाहते हैं कि उन के अच्छे नंबर आएं.
अब तो गांवदेहात के बच्चे भी काफी अच्छा कर रहे हैं और अपनों की उम्मीदों पर खरे उतर कर अपना भविष्य बना रहे हैं. पर महाराष्ट्र के सांगली जिले के आटपाडी तालुका के नेलकरंजी गांव में ऐसा नहीं हो पाया.
वहां 12वीं जमात की एक छात्रा साधना भोसले के मैडिकल की प्रवेश परीक्षा नीट के लिए हुए प्रैक्टिस टैस्ट
में कम नंबर आए, तो घर में बवाल मच गया.
साधना के टीचर पिता धोंडीराम भोसले ने अपनी बेटी से कम नंबर आने की वजह पूछी, तो साधना ने दो टूक कह दिया, ‘‘आप को भी तो कम अंक मिलते थे. आप कौन सा कलक्टर बन गए? आप भी तो टीचर ही बन पाए न?’’
इतना सुनते ही धोंडीराम भोसले का गुस्सा सातवें आसमान पर जा पहुंचा और उस ने साधना की इतनी ज्यादा पिटाई कर दी कि उस की मौत हो गई.
बेटी की मौत के बाद साधना की
मां प्रीति भोसले ने आटपाडी पुलिस स्टेशन में धोंडीराम भोसले के खिलाफ मामला दर्ज कराया. धोंडीराम भोसले को 24 जून तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.
अकसर गांवदेहात की लड़कियां खासकर छोटी जाति की लड़कियां ज्यादा पढ़ नहीं पाती हैं या बीच में ही पढ़ाई छोड़ देती हैं, पर साधना ने तो साइंस से पढ़ाई की थी और डाक्टर बनने के लिए नीट के इम्तिहान की तैयारी की थी. इस सूरत में एक पिता द्वारा अपनी बेटी के कम नंबर आने पर पीटपीट कर मार देना, यह साबित करता है कि तनाव रूपी दानव अब शहरों की सड़कों से निकल कर गांव की गलियों में जा पहुंचा है.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
- 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
- 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
- चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
- 24 प्रिंट मैगजीन
डिजिटल

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
- 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
- 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
- चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप