मणिपुर के हालात से सभी वाकिफ हैं. वहां पर बिते कई दिनों से हिंसा चल रही लेकिन बुधवार को जो वायरल वीडियो आया, जिसमें दो महिलाओं को नग्न करके सड़क पर दौड़ाया गया. जिसनें इंसानियत और महिलाओं की इज्जत को तार-तार किया वो बेहद ही शर्मनाक है. मणिपुर हिंसा को लेकर अभी तक कोई कार्रवाई भी नहीं हुई, लेकिन जैसे ही ये वायरल वीडियो सबके सामने आया इस पर हंगामा शुरू हो गया. मणिपुर में इस घटना ने इंसानियत पर सवाल उठा दिया. वहशी दरिंदों के नए चेहरे दिखा दिए. मणिपुर में कुछ लोग इतने वहशी हो गए कि उन्होंने दो लड़कियों को निर्वस्त्र किया, उन्हें बिना कपड़ों के घुमाया.

प्रधानमंत्री अब तक चुप क्यों ?

मणिपुर में 3 मई से हिंसा हो रही थी, वायरल वीडियो 4 मई का है. 77 दिन तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस मामले में कोई कमेंट नहीं आया जबकि विपक्षी नेता लगातार इस मामले में पीएम के दखल की मांग कर रहे थे. गृह मंत्री अमित शाह ने मोर्चा जरूर संभाला लेकिन उनके दिल्ली वापस होते ही हिंसा से शुरु हो गई. संसद के मानसून सत्र का पहला दिन था प्रधानमंत्री मीडिया के सामने आए और वायरल वीडियो के मामले में 36 सेकंड में अपनी बात कह गए. इस दौरान उन्होंने राजस्थान और छत्तीसगढ़ का नाम भी गिना दिया. अब सवाल यह उठता है कि मणिपुर जैसे जघन्य अपराध को किसी दूसरे अपराध से तुलना कैसे की जा सकती है ? सवाल यह भी उठता है आखिरकार कब तक दूसरे अपराधों की तुलना में अपने अपराधों को छुपाया जाएगा ? जब भी कभी भाजपा पर सवाल उठते हैं तो वह तुरंत कांग्रेस के 70 सालों का इतिहास बनाने लगते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी इसलिए भी सवाल खड़ी करती है कि वह हर छोटे छोटे मसलों पर ट्वीट करते हैं लेकिन मणिपुर 77 दिनों से जल रहा था लेकिन पीएम खामोश थे. वायरल वीडियो और मणिपुर हिंसा को देखते हुए पीएम मोदी ने चुप्पी तो तोड़ी, साथ ही दो और प्रदेशों का नाम जोड़कर उन्होंने यह जता दिया कि सिर्फ बीजेपी शासित राज्य में ऐसे कांड नहीं होते जहां पर कांग्रेस की सरकार है वहां पर भी ऐसी शर्मनाक हरकतें हो रही हैं

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