इस अवसर पर आयोजित कार्यकम को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री जी ने कहा कि विश्व भर के बौद्ध समाज के लिए भारत श्रद्धा और आस्था का केन्द्र है. आज कुशीनगर इण्टरनेशनल एयरपोर्ट की यह सुविधा, उनकी श्रद्धा को अर्पित पुष्पांजलि है. भगवान बुद्ध के ज्ञान प्राप्ति से लेकर महापरिनिर्वाण तक की सम्पूर्ण यात्रा का साक्षी यह क्षेत्र आज सीधे दुनिया से जुड़ गया है. श्रीलंकन एयरलाइंस के विमान का कुशीनगर में उतरना इस पुण्य भूमि को नमन करने की तरह है. देश सबका साथ और सबका प्रयास की सहायता से सबके विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि कुशीनगर का विकास, उत्तर प्रदेश सरकार और केन्द्र सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है. कुशीनगर का इण्टरनेशनल एयरपोर्ट दशकांे की आशाओं और अपेक्षाओं का परिणाम है.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि यह क्षेत्र सिर्फ भारत के अनुयायियों के लिये ही नहीं, बल्कि देश के सभी नागरिकों के लिये भी बहुत बड़ा श्रद्धा व आकर्षण का केन्द्र बनने जा रहा है. कुशीनगर इण्टरनेशनल एयरपोर्ट एयर कनेक्टिविटी का माध्यम बनने के साथ-साथ इसका सीधा लाभ किसान, पशुपालक, दुकानदार, श्रमिक, उद्यमी आदि को मिलेगा. सबसे ज्यादा लाभ यहां के टूरिज्म, ट्रेवल टैक्सी, होटल-रेस्टोरेन्ट, छोटे-छोटे बिजनेस करने वालों को मिलेगा. इस क्षेत्र के युवाओं के लिए रोजगार के नये अवसर बनेंगे.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि पर्यटन किसी भी स्वरूप में हो, आस्था अथवा आनन्द के लिए हो, आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर इसके लिये बहुत ज्यादा जरूरी है. रेल, रोड, एयरवेज, वॉटरवेज के साथ साथ होटल, हॉस्पिटल, इण्टरनेट-मोबाइल कनेक्टिविटी, सफाई व्यवस्था, सीवरेज ट्रीटमेन्ट का प्लान्ट यह अपने आप में एक सम्पूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चर है. टूरिज्म बढ़ाने के लिए इन सभी का एक साथ कार्य करना जरूरी है. आज 21वीं सदी का भारत इसी एप्रोच के साथ आगे बढ़ रहा है.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि कोरोना वैक्सीनेशन में भारत की तेज गति एवं प्रगति से दुनिया में एक विश्वास पैदा होगा. टूरिस्ट के रूप में अथवा किसी काम-काज से भारत आना पड़ता है तो व्यापक रूप से वैक्सीनेटेड भारत दुनिया के पर्यटकों के लिये आश्वस्ति का एक कारण बन सकता है. एयर कनेक्टिविटी को देश में उन लोगों तथा उन क्षेत्रों तक पहुंचाने पर जोर दिया गया, जिसके बारे में पहले सोचा भी नहीं गया था. इसी लक्ष्य के साथ उड़ान योजना को 4 साल पूरे हो रहे हैं. उड़ान योजना के बीते सालों में 900 से अधिक रूटों को स्वीकृति दी जा चुकी है तथा इनमें 350 से अधिक रूटों पर हवाई सेवा शुरू भी हो चुकी है.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि आने वाले 3-4 सालों में कोशिश यह है कि 200 से अधिक एयरपोर्ट, हेलीपैड और सी-प्लेन की सेवा देने वाले वॉटर ड्रोन का नेटवर्क भी देश में तैयार हो. बढ़ती हुई इन सुविधाओं के बीच एयरपोर्ट पर भारत का सामान्य नागरिक दिखने लगा है. मध्यम वर्ग के ज्यादा से ज्यादा लोग अब हवाई सेवा का लाभ ले रहे हैं. उड़ान योजना के तहत उत्तर प्रदेश में भी कनेक्टिविटी लगातार बढ़ रही है. उत्तर प्रदेश में कुशीनगर एयरपोर्ट से पहले ही, 08 एयरपोर्ट चालू हो चुके हैं.

लखनऊ, वाराणसी, कुशीनगर के बाद जेवर मे भी इण्टरनेशनल एयरपोर्ट पर तेजी से काम चल रहा है. इसके अतिरिक्त, अयोध्या, अलीगढ़, आजमगढ़, श्रावस्ती, चित्रकूट, मुरादाबाद में भी नये एयरपोर्ट पर तेजी से काम चल रहा है. उत्तर प्रदेश के अलग-अलग अंचलो में हवाई मार्ग से कनेक्टिविटी बहुत जल्द मजबूत हो जायेगी. इससे घरेलू यात्रियों तथा श्रद्धालुओं को बहुत सुविधा होने जा रही है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश का एविएशन सेक्टर प्रोफेशनली चले, सुविधा और सुरक्षा को प्राथमिकता मिले, इसके लिए हाल ही में एयर इण्डिया से जुड़ा कदम देश ने उठाया है. यह निर्णय भारत के एविएशन सेक्टर को नई ऊर्जा देगा. भारत के युवाओं को यहीं बेहतर ट्रेनिंग मिले, इसके लिये देश के 05 एयरपोर्ट में नई फ्लाइंग एकेडमी स्थापित करने हेतु प्रक्रिया शुरु की गयी है. ट्रेनिंग के लिये एयरपोर्ट के उपयोग से जुड़े नियमों को भी सरल किया गया है.

भारत द्वारा हाल में बनाई गयी ड्रोन नीति भी देश में कृषि से स्वास्थ्य तक, डिजास्टर मैनेजमेंट से लेकर डिफेंस तक, जीवन को बदलने वाली है. ड्रोन की मैन्युफैक्चरिंग से लेकर ड्रोन फ्लाइंग से जुड़े ट्रेन्ड मैनपावर को तैयार करने के लिये भारत में सिस्टम विकसित किया जा रहा है. सारी योजनाएं तेजी से आगे बढ़ें, किसी तरह की कोई रुकावट न हो, इसके लिये प्रधानमंत्री गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान भी लॉन्च किया गया है. इससे गवर्नेंस में सुधार आयेगा. यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि सड़क, रेल, हवाई जहाज एक दूसरे को सपोर्ट करें और क्षमता बढ़ायें.

भारत में हो रहे निरन्तर रिफॉर्म का ही परिणाम है कि भारतीय सिविल एविएशन सेक्टर में 1,000 नये विमान जुड़ने का अनुमान लगाया गया है. आजादी के अमृत महोत्सव काल में भारत का एविएशन सेक्टर राष्ट्र की गति और राष्ट्र की प्रगति का प्रतीक बनेगा, उत्तर प्रदेश की ऊर्जा भी इसमें शामिल होगी.

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि हम सबके लिए यह दिन कई मायनों में अत्यन्त महत्वपूर्ण है. आज शरद पूर्णिमा की पावन तिथि है. मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की गाथा को जन-जन तक पहुंचाने वाले, लौकिक संस्कृत में सर्वश्रेष्ठ महाकाव्य के रचयिता महर्षि वाल्मीकि जी की भी आज जयन्ती है. बौद्ध परम्परा के अनुसार अभिधम्म दिवस भी आज ही है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूरी दुनिया में जब भी मैत्री और करुणा की बात आती है, विश्व मानवता भगवान बुद्ध का सदैव स्मरण करती है. प्रधानमंत्री जी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में यही बात तो कही थी कि ‘दुनिया ने युद्ध दिया होगा, लेकिन भारत ने दुनिया को बुद्ध दिया है.’ जब भगवान बुद्ध की बात करते हैं, तो उत्तर प्रदेश और भारत का यह संदेश दुनिया के कोने-कोने में जाता है. भगवान बुद्ध से जुड़े सर्वाधिक स्थल उत्तर प्रदेश में हम सभी का गौरव हैं. चाहे भगवान बुद्ध की राजधानी कपिलवस्तु हो या जिस धरती पर उन्होंने पहला उपदेश दिया – सारनाथ हो, उन्होंने सबसे अधिक चातुर्मास श्रावस्ती में व्यतीत किये, सबसे अधिक कथाश्रवण और सत्संग का लाभ जिस धरती को मिला वह कौशाम्बी तथा इसी के साथ संकिसा एवं भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर भी उत्तर प्रदेश में है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश आजादी के बाद लगातार उपेक्षित था. इसके विकास की एक नई उड़ान को मजबूती के साथ आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री जी का आशीर्वाद व सान्निध्य पूर्वी उत्तर प्रदेश के 05 करोड़ से अधिक नागरिकों को प्राप्त हो रहा है. हम सब का सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री बनने के साथ प्रधानमंत्री जी ने बौद्ध सर्किट की इस परिकल्पना को साकार करना प्रारम्भ कर दिया. आज उसका परिणाम है कि बौद्ध सर्किट न केवल सड़क मार्ग बल्कि वायु मार्ग से भी जुड़ गया है. इसी क्रम में, अर्न्तराष्ट्रीय उड़ानों का संचालन प्रारम्भ हो चुका है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 1947 से लेकर वर्ष 2014 तक उत्तर प्रदेश में केवल 2 एयरपोर्ट फंक्शनल थे, पहला लखनऊ तथा दूसरा वाराणसी, प्रदेश की कनेक्टिविटी भी उस समय मात्र 15 से 16 स्थानों के लिये थी. आज प्रधानमंत्री जी के कर-कमलों से इस एयरपोर्ट का लोकार्पण होने जा रहा है. यह प्रदेश का 9वां फंक्शनल एयरपोर्ट होने जा रहा है. अब उत्तर प्रदेश 75 गंतव्य स्थानों पर वायु सेवा के साथ सीधे जुड़ चुका है. उड़ान योजना के अन्तर्गत हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई जहाज की यात्रा कर सकता है. प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी, विकास की ढेर सारी योजनाओं को अपने साथ लेकर आ रही है. कुशीनगर प्रदेश का तीसरा अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है. वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 11 नये एयरपोर्ट पर कार्य हो रहा है, जिसमें 02 अर्न्तराष्ट्रीय एयरपोर्ट – अयोध्या तथा नोएडा के निर्माण की कार्यवाही युद्ध स्तर पर आगे बढ़ रही है. प्रधानमंत्री जी का मार्गदर्शन न केवल उत्तर प्रदेश के विकास, बल्कि पर्यटन सुविधाओं को आगे बढ़ाने तथा उसके माध्यम से रोजगार की सम्भावनाओं को विकसित करने का एक सशक्त माध्यम बना है.

केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम0 सिंधिया ने सभी का स्वागत करते हुये कुशीनगर इण्टरनेशनल एयरपोर्ट की विशेषताओं के बारे में अवगत कराया.

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी, केन्द्र एवं प्रदेश सरकार के मंत्रिगण सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे.

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