यों तो शादी एक पवित्र बंधन माना जाता है, लेकिन कोई धर्म का सहारा ले कर शादी को ऐयाशियों के नाम पर सही ठहराए, ऐसा हरगिज मुनासिब नहीं. अरब देशों के शेख अपनी जिस्मानी ख्वाहिशों को पूरा करने के लिए काफी वक्त से भारत के कई शहरों में आते रहे हैं और इस धंधे का नाम निकाह देते हैं. यह सारा काम मजहब के नाम पर होता है.
निजामों के शहर हैदराबाद में पिछले कई सालों से इस तरह के घिनौने काम को अंजाम दिया जा रहा है. ऐसा नहीं है कि इन अमीर शेखों के लिए उन के मुल्कों में लड़कियों की कोई कमी है, बल्कि ये सिर्फ इसलिए यहां आ कर गलत तरीके से निकाह करते हैं, ताकि इन मासूम लड़कियों को अरब मुल्कों में ले जा कर ऐयाशी की जाए.
ये शेख कतर, ओमान, बहरीन जैसे अमीर मुल्कों से आते हैं. दिलचस्प बात यह है कि ये शेख यहां आ कर बाकायदा निकाह करते हैं, लेकिन यह निकाह समाज की आंखों में धूल झोंकने के लिए किया जाता है.
इस से यह फायदा होता है कि समाज में कहा जा सके कि हम ने कानूनन निकाह किया है, लेकिन ऐसे निकाह सिर्फ छलावा हैं. बात यह है कि जो निकाह काजी करवाता है, वह महज एक कौंट्रैक्ट होता है.
कौंट्रैक्ट मैरिज क्या है
इस कौंट्रैक्ट में लड़की के मांबाप को इस बात पर राजी किया जाता है कि यह शादी समाज को दिखाने के लिए शादी है, जबकि हकीकत यह है कि आप की लड़की को एक मुद्दत तक ही शेख के यहां रहना होगा.
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