सरकार इस बार आजादी के 75 साल का जश्न मना रही है. इन 75 सालों में देश में काफी बदलाव हुआ है, जो काफी हद तक देश को आगे बढ़ाने में मददगार साबित हुआ है. इस में गांवदेहात और शहरों की आम लड़कियों की पढ़ाईलिखाई ने उन्हें आगे बढ़ने के कई मौके दिए हैं, पर अगर गौर से देखा जाए तो आज भी ऐसी लड़कियां अपनी बात कहने में झिझकती हैं. उन्हें अपने छिपे हुनर को दिखाने का ज्यादा मौका नहीं मिला है.

लेकिन जब से लोगों की जिंदगी में स्मार्ट फोन ने अपनी दखलअंदाजी बढ़ाई है और सोशल मीडिया हम पर हावी हुआ है, तब से गांवदेहात और शहरों के गरीब नौजवानों खासकर लड़कियों के मानो अरमानों को नए पंख लग गए हैं. इस में ‘टिकटौक’, ‘यूट्यूब’, ‘इंस्टाग्राम’ और सोशल मीडिया के दूसरे तमाम साधनों ने बहुत बड़ा रोल निभाया है. एक उदाहरण से इस बात को समझते हैं. वायरल हुए एक वीडियो में एक लड़की चूल्हे पर रोटी पकाते हुए दिखाई दे रही थी. वह कोई खास पकवान नहीं बना रही थी, बल्कि उस लड़की को लोगों ने इसलिए देखा क्योंकि वह बला की खूबसूरत थी, साथ ही उस की मासूमियत भी खास थी और लोग उसे फिल्म की हीरोइन तक बता रहे थे.

वह वीडियो इतना ज्यादा वायरल हुआ कि लड़की अचानक से फेमस हो गई. अगर उस वीडियो को ध्यान से देखें, तो वह लड़की एक खुली जगह पर बैठी थी, जो किसी गांव का इलाका लग रहा था और पीछे कुत्ते तक घूमते दिखाई दे रहे थे. बिना नहाए, मैलेकुचैले कपड़े पहने कुछ बच्चे किसी पाइप पर उलटे लटके हुए थे. और ज्यादा पीछे देखें तो घर भी कच्चेपक्के से थे, मतलब ठेठ देहाती इलाका. रानू मंडल का नाम भला कौन भूल सकता है, जो अपनी सुरीली आवाज से रातोंरात स्टार बन गई थीं. हुआ यों था कि पश्चिम बंगाल के एक रेलवे प्लेटफार्म पर रानू मंडल के गाने वाला वीडियो एक शख्स ने सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था. उस वीडियो को कुछ ही घंटों में दुनियाभर के लोगों ने देखा था. बहुत से लोग तो रानू मंडल को लता मंगेशकर की दूसरी आवाज तक कहने लगे थे. बात यहीं खत्म नहीं हुई थी. इस के बाद रानू मंडल हिंदी फिल्म इंडस्ट्री तक पहुंच गई थीं और संगीतकार व गायक हिमेश रेशमिया के साथ एक फिल्म में अपनी आवाज भी दी थी. कल तक आम घर की लड़की अंजलि अरोड़ा, जो आज अपने डांस वीडियो से बड़ी सैलेब्रिटी बन चुकी है और कंगना राणावत के टैलीविजन शो ‘लौकअप’ में भी आ चुकी है, ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में बताया,

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