लेखक-भानु प्रकाश राणा

इस प्रजाति के मुरगे (चूजे) व मुरगी अंडे से निकलने के बाद तकरीबन 40 ग्राम वजन के होते हैं जिन की सही प्रकार से देखरेख की जाए और उन्हें सही समय पर दानापानी दिया जाए तो वे 6 हफ्ते में तकरीबन 1.5 से 2 किलोग्राम वजन तक के हो जाते हैं.

ब्रायलरपालन करने से पहले इस के बारे में तकनीकी जानकारी जरूर ले लें और ब्रायलर की सही प्रजाति का चयन करें.

सीएआरआई द्वारा विकसित की गई ब्रायलर प्रजातियां

कैरी विशाल (सफेद ब्रायलर) : यह सफेद रंग की एक ऐसी ब्रायलर मुरगी प्रजाति है जो मांस गुणवत्ता के?क्षेत्र में अच्छी नस्ल साबित हो रही है.

इसे उष्णकटिबंधीय जलवायु के मुताबिक अच्छी खूबियों के साथसाथ रंगीन नस्ल वाली मुरगी के रूप में भी विकसित किया गया है. यह नस्ल भारतीय जलवायु और प्रबंधन स्थितियों के अनुरूप है और बेहतर बढ़ोतरी दर और रोग प्रतिरोधक क्षमता वाली नस्ल है.

उत्पादन की खासीयतें

* एक दिन के चूजे का वजन 43 ग्राम.

* 6 हफ्ते पर शरीर का?वजन 1650 से 1700 ग्राम तक.

* 7 हफ्ते पर शरीर का वजन 2100 से 2150 ग्राम तक.

कैरी धनराज (रंगीन ब्रायलर) : चमकदार, रंगीन एकल कलगी कैरी धनराज की खूबी है. अधिक वजनदार, अच्छी शारीरिक बनावट और उम्दा आहार इस की खास विशेषताएं?हैं. इस का मांस स्वादिष्ठ और अच्छी गुणवत्ता वाला है. अनेक रंगों में होने के कारण इन पक्षियों की मांग बाजार में बहुत ज्यादा है. इस से मुनाफा भी अच्छा मिलता है.

उत्पादन की खासीयतें

* एक दिन के चूजे का वजन 46 ग्राम.

* 6 हफ्ते पर शरीर का वजन

1500 से 1700 ग्राम.

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