हमारे देश में सैकड़ों सालों से अंधविश्वास चला आ रहा है. दिमाग में कहीं न कहीं यह झूठ घर करा दिया गया है कि अगर गड़ा हुआ पैसा हासिल करना है, तो किसी मासूम की बलि देनी होगी. जबकि हकीकत यह है कि यह एक ऐसा झूठ है, जो न जाने कितनी किताबों में लिखा गया है और अब सोशल मीडिया में भी फैलता चला जा रहा है.
ऐसे में कमअक्ल लोग किसी की जान ले कर रातोंरात अमीर बनना चाहते हैं. मगर पुलिस की पकड़ में आ कर जेल की चक्की पीसते हैं और ऐसा अपराध कर बैठते हैं, जिस की सजा तो मिलनी ही है.
सचाई यह है कि यह विज्ञान का युग है. अंधविश्वास की छाई धुंध को विज्ञान के सहारे साफ किया जा सकता है, मगर फिर अंधविश्वास के चलते एक मासूम बच्चे की जान ले ली गई.
देश के सब से बड़े धार्मिक प्रदेश कहलाने वाले उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में एक तथाकथित तांत्रिक ने2 नौजवानों के साथ मिल कर एक 8 साल के मासूम बच्चे की गला रेत कर हत्या कर दी थी और तंत्रमंत्र का कर्मकांड किया गया था. उस बच्चे की लाश को गड्डा खोद कर छिपा दिया गया था.
ऐसे लोगों को यह लगता है कि अंधविश्वास के चलते किसी की जान ले कर के वे बच जाएंगे और कोई उन्हें पकड़ नहीं सकता, मगर ऐसे लोग पकड़ ही लिए जाते हैं. इस मामले में भी ऐसा ही हुआ.
अंधविश्वास के मारे इन बेवकूफों को लगता है कि ऐसा करने से जंगल में कहीं गड़ा ‘खजाना’ मिल जाएगा, मगर आज भी ऐसे अनपढ़ लोग हैं, जिन्हें लगता है कि जादूटोना, तंत्रमंत्र या कर्मकांड के सहारे गड़ा खजाना मिल सकता है.