फिल्म ‘दंगल’ तो आप सब को याद होगी ही. हरियाणा का एक ठेठ देहाती पहलवान जब साधनों की कमी में खुद कुश्ती में कोई बड़ा कारनामा नहीं कर पाता है, तो उसे अपनी आने वाली औलाद से उम्मीद बंध जाती है. औलाद भी लड़का ही चाहिए, क्योंकि तब समाज में लड़कियों को लड़कों की तरह लंगोट बांध कर अखाड़े में उतरने की तो सोचिए भी मत, ढंग से स्कूल में भेज दो तो गनीमत समझी जाती थी.

बेटे के चक्कर में पहलवान महावीर फोगाट बने आमिर खान के एक के बाद एक 4 बेटियां पैदा हो जाती हैं. बाद में इस फिल्म की कहानी क्या मोड़ लेती है, उस पर ज्यादा बात नहीं करेंगे, पर हां एक गंभीर मुद्दे पर जरूर सोचेंगे कि फिल्म में आमिर खान की पत्नी बनी साक्षी तंवर की जचगी कहां और कैसे होती है.

महावीर फोगाट का घर एक ऐसे किसान का घर था, जहां सुखसुविधाओं के नाम पर जरूरत का कुछ पुराना सामान, खाना बनाने के लिए चूल्हा और ईंधन की लकडि़यां ही थीं. घर की जर्जर होती दीवारों के बंद कमरे के बाहर महावीर फोगाट अपनी औलाद की पहली रुलाई सुनने के लिए बेचैन खड़ा होता है.

दरवाजा खुलता है तो एक बुढि़या दाई मायूस सा चेहरा लिए बेटी होने की खबर देती है. ऐसा एक बार नहीं, बल्कि 4 बार होता है, क्योंकि महावीर फोगाट 4 बेटियों का बाप जो बनता है. पर हर बार जचगी दाई से ही होती है.

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वहां पर गनीमत यह होती है कि उस दाई से कोई हादसा नहीं होता है. यह भी कह सकते हैं कि आज से 25-30 साल पहले तक दाई से जचगी कराने पर इतना ध्यान नहीं दिया जाता था. लेकिन आज जब गांवदेहात के आसपास के कसबे या छोटे शहर में लेडी डाक्टर मिल जाती हैं, तो भी बहुत से लोग जचगी गांव में किसी दाई से ही करा लेते हैं.

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