दक्षिण-पूर्व दिल्ली के बदरपुर इलाके में एक सरकारी स्कूल के आठवीं कक्षा के छात्र की उसके दो सहपाठियों ने कथित तौर पर पत्थर से कुचलकर हत्या कर दी और शव को नाले में फेंक दिया. वारदात की जानकारी पुलिस को मिली तो जांच शुरू हुई और सनसनीखेज जानकारियां सामने आई जिसमें नशा और अपराध एक दूसरे से साक्षेप रूप में पाए गए .

पुलिस ने हमारे संवाददाता को बताया कि मृतक छात्र की पहचान यहां मोलड़बंद गांव में बिलासपुर कैंप निवासी सौरभ (12 वर्ष) के तौर पर हुई है . शव 27 अप्रेल को खाटूश्याम पार्क और ताजपुर रोड गांव के बीच से मिला था और बालक ने स्कूल के वस्त्र पहने हुए थे.

पुलिस ने जांच के पश्चात पाया कि सिर्फ नशे के सामाजिक अपराध से बचने के लिए उसे छुपाने के लिए स्कूली छात्रों ने हत्या कर दी. पुलिस ने सौरभ की कक्षा में पढ़ने वाले दो किशोरों को पकड़ा है और उन्हें बाल सुधार गृह में भेज दिया गया है. पुलिस ने बताया जांच के दौरान, पता चला कि सौरभ ने दो किशोरों को स्कूल मैदान में (धुम्रपान) सिगरेट पीते हुए देखा था और शिक्षकों को यह बताने की बात कही  थी.  इसके बाद वे सौरभ को बहला-फुसलाकर सुनसान स्थान पर ले गए जहां उन्होंने उसके साथ मारपीट की, जिससे उसके सिर में गंभीर चोट भी आ गई और मृत्यु हो गई .

दक्षिण-पूर्व दिल्ली के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) राजेश देव ने बताया कि शव के पास एक तौलिया और खून लगे कुछ पत्थर भी मिले  दरअसल  सौरभ के सिर पर चोट के कई निशान पाये गये.  सौरभ अपने परिवार के साथ मोलरबंद गांव में रहता था. स्कूल से जब वह नहीं लौटा तो उसकी खोजबीन परिजनों ने शुरू कर दी और आखिरकार पुलिस को जानकारी मिली कि  खाटूश्याम पार्क के पास नाले में एक स्कूली बच्चे का शव पड़ा है.

पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची, जहां पुलिस को बच्चे का स्कूल बैग मिला, जिसमें किताब-कापी और अन्य सामान थे.पुलिस ने बताया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है. सौरभ की मां ने  बताया – गुरुवार शाम सात बजे तक जब उनका बेटा घर नहीं लौटा तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की. उसने बताया, ‘मैंने अपने बेटे के दोस्तों से पूछताछ की तो उन्होंने कहा कि वह स्कूल से निकलते समय कतार में खड़ा था लेकिन उनके साथ नहीं गया. फिर मैंने उसके शिक्षक को फोन किया जिन्होंने कहा कि. सभी छात्र शाम साढ़े छह बजे के आसपास स्कूल से चले गए.

सौरभ की मां ने बताया, ‘आज सुबह हमें उसका शव देखने को मिला . स्कूलों में झांकी अनुशासन मुख्य रूप से सिखाया जाता है नशा पत्ती से दूर रहने का जहां माहौल होता है ऐसे में या घटना यह संदेश देती है कि अब बच्चों को और भी ज्यादा शिक्षित करने की और जागरूक करने की आवश्यकता है नशा ही है जो आने वाली पीढ़ी को अंधकार की ओर धकेल सकता है जिससे बच्चों को दूर रखने की आवश्यकता है.

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