इस देश के लोग काफी तरक्की होने के बावजूद अभी भी इतने अंधविश्वासी हैं कि वे अखबारों, टैलीविजन चैनलों व ज्योतिषियों के बताए हुए भविष्यफल पर यकीन कर के अपना काम करते हैं. इस बारे में एक 30 साला बेरोजगार लड़के से पूछा गया, तो उस ने बताया कि वह अपनी पढ़ाई खत्म करने के बाद पिछले 3 साल से रोजगार की तलाश में परेशान हो चुका है. एक निजी कंपनी में तो उस की नौकरी लगना तकरीबन तय था, मगर टैलीविजन चैनल पर अपने भविष्यफल को देख कर वह उस दिन इंटरव्यू देने के लिए नहीं गया था, क्योंकि उस के भविष्यफल में उस दिन कोई बड़ा हादसा होने का योग बताया गया था.

इस बारे में जब उस ने अपनी मम्मी से सलाह ली, तो उन्होंने भी इंटरव्यू देने जाने से मना करते हुए कहा था कि जब हादसे में तेरी जान ही चली जाएगी, तो तेरी उस नौकरी का क्या करेंगे. उस नौजवान ने निराश हो कर कहा, ‘‘अगर मैं उस दिन टैलीविजन पर अपना भविष्यफल नहीं देखता, तो मुझे उस कंपनी में नौकरी मिल जाती. अब मैं ने अपना भविष्यफल देखना ही बंद कर दिया है.’’

ऐसे ही भविष्यफल के अंधविश्वास में एक 30 साला नौजवान की सही इलाज न मिलने पर मौत हो गई थी. उस नौजवान की अचानक तबीयत खराब हुई, तो उस के मातापिता उसे अस्पताल ले जाने लगे. पर उन के पंडित ने उस दिन का उस का भविष्यफल देखते हुए बताया कि अगर उसे अस्पताल ले जाया जाएगा, तो उस की मौत हो जाएगी, इसलिए उसे घर पर रख कर सुंदरकांड का पाठ कराया जाए.

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