राइटर- सोनाली 

कोरोना संक्रमण के खतरों के बीच बिहार में चमकी बुखार का प्रकोप एक बार फिर शुरू हो गया है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक लगभग 200 से ज्यादा बच्चों की मौत इस बीमारी की वजह से हो चुकी है. एक बार फिर मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार ने एक 12 वर्षीय बच्चे की जिंदगी छीन ली है. चमकी बुखार से इस साल जिले में यह पहली मौत है, लेकिन इस मौत के बाद ये साफ है कि एक बार फिर बिहार में चमकी बुखार का आगमन हो चुका है. राज्य में पहले से ही कम संसाधनों और छोटी टीम के साथ कोरोना से जूझ रहा स्वास्थ्य विभाग बच्चों के लिए जानलेवा इस बीमारी से कितना मुकाबला कर पायेगा, यह गंभीर सवाल है.

ताजा मामले में मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में चमकी बुखार से एक बच्चे की मौत का है. मौत के बाद आक्रोशित परिजनों ने पीआईसीयू वार्ड में जमकर हंगामा मचाया. इस दौरान वार्ड में अफरातफरी मच गई. सुरक्षाकर्मियों के आने के बाद ही आक्रोशित परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया गया. परिजनों का आरोप है कि इलाज के अभाव में बच्चे ने दम तोड़ दिया. हंगामा के दौरान बच्चे की मां बार-बार बेहोश होती रही, अस्पताल कर्मियों ने उसे बाहर निकाल दिया. मृतक की पहचान कांटी गोसाईटोला के कमलेश सहनी के पुत्र नंदन कुमार (10 साल) के रूप में की गई है. मृतक के पिता कमलेश ने बताया कि 2 बजे कांटी पीएचसी के डॉक्टर ने नंदन को चमकी बुखार से पीड़ित बताया और एसकेएमसीएच रेफर कर दिया. यहां आने पर भर्ती करने के बाद कोई डॉक्टर बच्चे का इलाज नहीं कर सकें, जिसके बाद बच्चे की मौत हो गई. इधर, डॉक्टर ने बताया कि बच्चे का ग्लुकोज लेवल 106 था. इसलिए मर्ज के अनुसार इलाज किया जा रहा था. इलाज के दौरान मौत हुई है. इधर, अस्पताल अधीक्षक डॉ. बाबू साहब झा ने बताया कि चमकी से बच्चे की मौत हुई है. इसके लिए अस्पताल में पूरी व्यवस्था की जा रही है. एसकेएमसीएच में इससे पहले चमकी से एक और बच्चे की मौत हो चुकी है.

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