कीटाणु भरे हाथ रोजाना तकरीबन 1,000 भारतीय बच्चों की जान लेते हैं. गंदे हाथ कई जानलेवा बीमारियों की वजह बनते हैं. खाने से पहले, खाने के बाद और शौच के बाद हाथ जरूर धोएं. न सिर्फ धोएं, बल्कि अच्छे से साफ  रखने का जतन भी करें.

गंदे तौलिए से हाथ न पोंछें

हाथ अच्छी तरह धो कर उन्हें पहने हुए कपड़ों की छोर से, जेब में रखे रूमाल से या आंचल से नहीं पोंछना चाहिए. इन में कीटाणु मौजूद होते हैं, जो गीले हाथों में चिपक जाते हैं.

डाक्टरों की सलाह है कि साफसुथरी जगह पर सुखाए गए तौलिए का ही इस्तेमाल करें. तौलिए को उबलते पानी में धोएं, ताकि वह पूरी तरह कीटाणुमुक्त हो जाए.

खाने के पहले हथेलियों के ऊपर तक हाथ धोएं और हवा में सुखाएं. इस तरह तौलिए में छिपे कीटाणुओं से बचा जा सकता है. खांसतेछींकते वक्त हाथों को आगे करने के बजाय रूमाल को आगे करें.

पानी से नहीं जाते कीटाणु

गांधी मैडिकल कालेज के मैडिसिन महकमे के मुताबिक, दिनभर में हम कई चीजों को छूते हैं. हाथों की लकीरों में ये कीटाणु छिप जाते हैं. अगर केवल सामान्य पानी से हाथ धोए जाएं, तो ये कीटाणु नहीं निकलते हैं. इसलिए साबुन से हाथ धोना जरूरी है.

बड़ों की तुलना में बच्चों को खाने के पहले हाथ धोना ज्यादा जरूरी है, क्योंकि बच्चे धूल में खेलते रहते हैं, इसलिए उन के हाथों में कीटाणु पाए जाते हैं.

किसी संक्रामक बीमारी से पीडि़त इनसान के हाथ मिलाने के बाद कोई भी चीज न खाएं.

रोज पूछें, हाथ धोए क्या

डायरिया की कई वजह हैं, जिन में गंदे हाथ भी एक खास वजह हैं. हमें तो आदत डाल लेनी चाहिए और बच्चों को ही नहीं, बल्कि बड़ों से भी खाने से पहले पूछना चाहिए कि हाथ धोए क्या?

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