शादी एक ऐसा समय है जब लड़का-लड़की एक साथ एक बंधन में बंधकर पूरा जीवन साथ में बिताने का वादा करते हैं. शादी को पुरूष आमतौर पर शारीरिक तौर पर अधिक देखते हैं. शादी का मतलब अधिकतर पुरूषों के लिए सेक्स संबध बनाना ही होता है लेकिन वे ये बात भूल जाते हैं कि शारीरिक संबंध से अधिक महत्वपूर्ण आत्मिक संबंध होता है.

यदि महिला और पुरूष आत्मिक रूप से एक-दूसरे से संतुष्ट‍ है तो फिर शारीरिक संबंधों में भी कोई दिक्कत नहीं होती. शादी से पहले यानी सगाई के बाद लड़के और लड़की को एकसाथ खूब समय बिताने को मिलता है लेकिन इसका ये अर्थ नहीं कि वे शादी से पहले फिजीकल रिलेशन बना ले या फिर प्री मैरिटल सेक्सू करें. शादी से पहले संयम बरतना जरूरी है. आइए जानें शादी और संयम के बारे में कुछ और दिलचस्प बातों को.

सगाई और शादी के बीच में संयम के बारे में कुछ और दिलचस्प बातें 

- सगाई के बाद लड़के और लड़की को आपस में एक-दूसरे से मिलना चाहिए और एक-दूसरे को जानना चाहिए, लेकिन इसके साथ ही उन्हें संयम बरतना भी जरूरी है.

- यदि शादी से पहले फिजीकल रिलेशन बनाने के लिए लड़का-लड़की में से कोई भी पहल करता है तो दूसरे को मना करना चाहिए नहीं तो इससे इंप्रेशन अच्छा नहीं पड़ता.

- दोनों को समझना चाहिए कि प्री मैरिटल सेक्स से पहले उन्हें आपस में एक-दूसरे को जानने-सूझने का मौका मिला है जिससे वे पहले एक-दूसरे की पसंद-नापसंद इत्यादि के बारे में जान पाएं.

- ये जरूरी है कि मिलने वाले समय को लड़के व लड़की को समझदारी से बिताना चाहिए न कि फिजूल की चीजों में खर्च करना चाहिए.

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