सवाल-

मैं एक लड़के से बहुत प्यार करती हूं. हम दोनों के बीच नजदीकियां इतनी अधिक बढ़ गईं कि आवेश में आ कर वह सब कर लिया जो शादी के बाद होना चाहिए था. संबंध बनाने के बाद से मैं अपराधबोध से ग्रस्त हूं. मुझे अपनेआप से घृणा होने लगी है. हर समय तनावग्रस्त रहती हूं. लगता है मुझे डिप्रैशन हो जाएगा. कृपया बताएं कि मैं क्या करूं? कैसे अपने दिमाग को संयत रखूं?

जवाब-

अंतरंग पलों में बहक कर आप ने अपने बौयफ्रैंड के साथ संबंध बना लिया. अब उस बात के लिए अपराधबोध होना या तनाव पालना समस्या का हल नहीं है. बेहतर होगा कि आप इस घटना को भूल जाएं और भविष्य में सतर्क रहें. तनाव से बचने के लिए स्वयं को व्यस्त रखें.

नादान उम्र का खेल

राम रहमानपुर गांव सालों से गंगाजमुनी तहजीब की एक मिसाल था. इस गांव में हिंदुओं और मुसलिमों की आबादी तकरीबन बराबर थी. मंदिरमसजिद आसपास थे. होलीदीवाली, दशहरा और ईदबकरीद सब मिलजुल कर मनाते थे. रामरहमानपुर गांव में 2 जमींदारों की हवेलियां आमनेसामने थीं. दोनों जमींदारों की हैसियत बराबर थी और आसपास के गांव में बड़ी इज्जत थी. दोनों परिवारों में कई पीढि़यों से अच्छे संबंध बने हुए थे. त्योहारों में एकदसूरे के यहां आनाजाना, सुखदुख में हमेशा बराबर की साझेदारी रहती थी. ब्रजनंदनलाल की एकलौती बेटी थी, जिस का नाम पुष्पा था. जैसा उस का नाम था, वैसे ही उस के गुण थे. जो भी उसे देखता, देखता ही रह जाता था. उस की उम्र नादान थी. रस्सी कूदना, पिट्ठू खेलना उस के शौक थे. गांव के बड़े झूले पर ऊंचीऊंची पेंगे लेने के लिए वह मशहूर थी.

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