सवाल

कालेजटाइम से एक लड़के से प्यार करती थी. मुझे वह सपनों का राजकुमार लगता था लेकिन उस से कभी अपनी फीलिंग्स बता नहीं सकी. जैसे ही मेरी कालेज की पढ़ाई खत्म हुई, घरवालों ने मेरी शादी करवा दी. मेरे पति बहुत अच्छे हैं, मुझे हद से ज्यादा प्यार करते हैं. मैं भी उन के साथ बहुत मजे में जी रही थी कि एक दिन हमारे फ्रैंड्स व्हाट्सऐप ग्रुप में वह लड़का भी शामिल हो गया. धीरेधीरे वह मुझे पर्सनल व्हाट्सऐप मैसेज भेजने लगा.

वह मुझसे खुलने लगा है. मुझे उस का खुलापन भाने लगा है. दिल में फिर से वही पुरानी कालेज वाली प्यार की उमंगें जागने लगी हैं. वह भी अब शादीशुदा है लेकिन उस का कहना है कि अगर हमें एकदूसरे से बात करना अच्छा लगता है तो इस में बुराई क्या है और महीने में एकदो बार मिल कर अपने दबे अरमान पूरे कर लें तो क्या हर्ज है. मुझमें इतनी हिम्मत नहीं कि इतना बड़ा कदम उठाऊं. लेकिन मन में दबा प्यार बारबार जोखिम उठाने को प्रेरित कर रहा है. आप ही बताएं कि क्या करूं? क्या सही है और क्या गलत?

जवाब

यह बात तो हम भी मानते हैं कि जिंदगी में हुआ पहला प्यार भुलाया नहीं जाता, मगर आप जिंदगी में बहुत आगे निकल चुकी हैं. शादीशुदा हैं और आप खुद कह रही हैं कि पति आप से बेहद प्यार करते हैं तो फिर क्यों अपने हाथों अपनी प्यारभरी गृहस्थी में जहर घोलना चाहती हैं. आप का फ्रैंड कैसा है, कैसा नहीं, हमें नहीं पता लेकिन इतना जरूर है कि वह जानते  हुए भी गलत काम कर रहा है और आप को भी उकसा रहा है.

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