राजस्थान के मौजूदा गवर्नर कल्याण सिंह जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे तब वे कहते थे कि सरकार की हनक, धमक और इकबाल होनी चाहिए. हनक से कानून का राज कायम होता है, धमक से अपराधी, भ्रष्टाचारी डरता है और इकबाल से जनता में सरकार के प्रति भरोसा जगता है.
कल्याण सिंह के बाद उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ भाजपा के दूसरे मुख्यमंत्री हैं जिन को बहुमत से सरकार चलाने का अवसर मिला है. रामप्रकाश गुप्ता और राजनाथ सिंह के समय प्रदेश में भाजपा की बहुमत वाली सरकारें नहीं थीं. ऐसे में उन्हें बहुत सारे मौकों पर सहयोगी दलों की खींचातानी का सामना करना पड़ता था.
योगी सरकार से लोगों को यह उम्मीद जरूर है कि वह अपना हनक, धमक और इकबाल कायम करे. शुरुआती समय में यह प्रभाव नहीं बन पा रहा है. प्रदेश में हत्या, लूट और जातीय हिंसा की बढ़ती घटनाओं ने सरकार के प्रभाव पर सवालिया निशान लगा दिया है.
उत्तर प्रदेश में अपराध हर सरकार के लिए बड़ा मुद्दा रहा है. भाजपा ने कानून के राज के नाम पर विधानसभा का चुनाव लड़ा. मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने अपराध कम करने का पहला वादा किया था. बहुत सारे बदलावों के बाद भी जब योगी सरकार की हनक कायम होती नहीं दिखी तो जनता सड़कों पर उतर कर अपराध के खिलाफ आवाज बुलंद कर रही है.
जनता में फैलता यह संदेश योगी सरकार के खिलाफ जा रहा है. इस से योगी की छवि धूमिल हो रही है. राजधानी लखनऊ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकसभा सीट वाराणसी और कृष्ण की नगरी मथुरा सभी अपराध के दर्द से कराह रहे हैं. सीतापुर में सरेआम कारोबारी सहित उस के बेटे और पत्नी की हत्या हो जाती है. वाराणसी में सर्राफा कारोबारी से लूट के बाद पुलिस ने घटना का पर्दाफाश किया पर उस से पीडि़त परिवार संतुष्ट नहीं दिखा.