राधे मां के चेहरे पर विकट का तेज है अधिकांश लोगों का यह मानना गलत नहीं है कि यह तेज , वह तेज नहीं है जो तप बल , योग , भक्ति बगैरह के चलते आता है बल्कि इस तेज के लिए वह लाखों रुपये मेकअप पर खर्चती हैं . उनके गोरे गुलाबी चेहरे की लालिमा और होठों पर पुती सुर्ख लिपिस्टिक इस बात की चुगली भी खाती है . उम्र को मात करती इस सन्यासिन को कोई अगर रूबरू देखे तो वह सहज ही इस बात पर यकीन नहीं करेगा कि वह ज़िंदगी के साढ़े पाँच वसंत देख चुकी हैं और उनकी फिटनेस देखते इस बात पर तो कतई कोई यकीन नहीं करेगा कि वह महज 22 साल की उम्र में छह बच्चों की मां बन चुकी थीं.

राधे मां का विवादों से कितना गहरा नाता है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन पर दर्जनों मुकदमे देश भर की अदालतों में चल रहे हैं इनमें से एक भोपाल का भी है जो एक अधिवक्ता रामकुमार पाण्डेय ने दायर कर रखा है . इन वकील साहब ने अदालत में दायर मुकदमे में उन पर आरोप लगाए हैं कि वह समाज में अश्लीलता फैला रही हैं , धार्मिक भावनाएं भड़काती हैं और खुद को देवी का अवतार बताती हैं और मां शब्द को बदनाम कर रही हैं.

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इन बातों या इस तरह के आरोपों से राधे मां और उनकी अरबों की दुकान अप्रभावित ही रहती है . एकाएक ही राधे मां भोपाल आईं तो लोग चौंके थे क्योंकि इस शहर में उनके भक्तों की तादाद न के बराबर है और कभी उन्होने भोपाल में अपनी चौकी नहीं लगाई .  गौरतलब है कि राधे मां की एक चौकी यानि दरबार लगाने की फीस लाखों रु होती है जिसे देश भर में फैले उनके भक्त बिना किसी हिचक या मोल भाव के देते हैं . इन चौकियों में राधे मां आइटम गानों पर नाचती हैं और नाचते नाचते किसी भी भक्त की गोद में चढ़ जाती हैं जो आमतौर पर पुरुष ही होता है . जिसकी गोद में वे चढ़ जाती हैं उसे बड़ा किस्मत बाला माना जाता है और अगर गोद में अठखेलियाँ खाते वे भक्त को चूम भी लें तो माना जाता है कि उस  भक्त की हर मनोकामना पूरी होगी . ( यह कोई नहीं सोचता कि जिसकी गोद में सवार होकर यह अनिद्ध सुंदरी उसे चूम ले उसके दिलोदिमाग में कोई ख़्वाहिश बाकी भी रह पाएगी ) .

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