कांग्रेस में इस समय हिंदू धर्म और सवर्णों का जो महिमामंडन चल रहा है वह उस के अब तक के किसी भी दौर को मात देने वाला है. कांग्रेस और उस के नेताओं में इस बात की होड़ लगी हुई है कि उन्हें आरएसएस और उस के संगठनों से इस मामले में आगे निकल जाना है.

राहुल गांधी मानसरोवर यात्रा पर गए. भला इस से किसी को क्या एतराज हो सकता है. यह उन की व्यक्तिगत आस्था का भी एक विषय हो सकता है. हालांकि ऐसा कुछ है नहीं, फिर भी उसे मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए. लेकिन उस के साथ ही देश के हर कोने में पार्टी की हर इकाई अगर इसी तरह से धर्म और आस्था से जुडे़ मुद्दों का अलगअलग तरीके से राग अलापती नजर आ रही हो तो मामला जरूर गंभीर हो जाता है.

मध्य प्रदेश में चुनाव जीतने का दावा कर रही कांग्रेस के चुनाव अभियान के प्रभारी कमलनाथ चुनाव जीतने पर हर पंचायत में गौशाला खुलवाने का वादा करते नजर आ रहे हैं. अब वहां आरएसएस को  भाजपा की जगह कांग्रेस की पीठ पर हाथ रखने में भला क्या एतराज हो सकता है, जो उस का हर एजेंडा पूरा करने के लिए तैयार है.

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला हरियाणा में कांग्रेस के डीएनए में ब्राह्मण खोजते पाए गए और उन्होंने एक ब्राह्मण सम्मेलन में ऐलानिया तौर पर इस बात की घोषणा की. इस सम्मेलन में बताया जा रहा है कि जनेऊ और चोटी से ले कर हर ब्राह्मणवादी कर्मकांड की चर्चा हुई. जिस ब्राह्मणवादी वर्चस्व के चलते देश में दलितों और वंचितों को एक इंसानी जिंदगी तक मयस्सर नहीं हो सकी, उस का महिमामंडन कर के आखिर पार्टी क्या हासिल करना चाहती है?

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