सुरेशचंद्र रोहरा

नरेंद्र दामोदरदास मोदी प जब पंजाब गए  और वहां मौसम खराब होने के बाद जिस तरह उन्होंने रैली स्थल पर पहुंचने का प्रयास किया. इस बीच जो नौटंकी हुई वह सारे देश ने देखी है.

अब सवाल है सिर्फ प्रधानमंत्री की सुरक्षा के कथित हवाओं में उठे सवाल का, इसका जवाब शायद देश के उच्चतम न्यायालय के पास ही होगा या फिर देश की जनता के पास.

लाख टके का सवाल यह है  कि क्या वाकई हमारे देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा पंजाब में खतरे में पड़ गई थी. या फिर यह सब एक चुनावी ड्रामा मात्र है.

दरअसल, आज देश में  बड़े लोग बड़ी नौटंकियां खेलते हैं.हर छोटी-बड़ी बात को नाटकीयता के साथ प्रदर्शित करना क्या देश हित में है ? और शोध का विषय यह है कि जब से नरेंद्र दामोदरदास मोदी राजनीति के केंद्र में आए हैं ऐसा बारम बार कैसे हो जाता है. हमें यह भी याद रखना है कि 5 जनवरी के घटना क्रम के सप्ताह भर के भीतर ही चुनाव आयोग ने पंजाब सहित पांच राज्यों में चुनाव की घोषणा कर दी है. इससे चोर की दाढ़ी में तिनका वाली कहावत और भी सजीव होकर हमारे सामने हैं.  आज देश की हर राजनीतिक पार्टी की  निगाह इन चुनावों पर है. और यह भी तथ्य सार्वजनिक है कि पांच राज्यों में चुनाव से पहले प्रधानमंत्री मोदी लगभग 50% महत्वपूर्ण राजनीतिक जगहों पर अपनी पहुंच दिखा और सभाएं ले चुके थे.

यह सबसे बड़ी हास्यास्पद स्थिति है कि कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री पर पाकिस्तान की तोपें चल जाती तो . जब पाकिस्तान वैसे ही छप्पन इंच से घबराया हुआ है तो भला वह क्या तोप चलाता और इस तरह का कायराना हमला पाकिस्तान या कोई भी देश भला क्यों करेगा.

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