चुनाव जैसे ही नजदीक आते हैं, सभी पार्टियां जीतने के लिए बड़ेबड़े वादे करती हैं. 13 मार्च, 2024 को कांग्रेस ने औरतों के लिए ‘नारी न्याय गारंटी’ योजना का ऐलान किया. बताया गया कि यह पार्टी के घोषणापत्र का हिस्सा भी है. इस व दूसरे और वादों को राहुल गांधी ने अनाउंस किया.
‘नारी न्याय गारंटी’ योजना का वादा तो खासकर औरतों की आर्थिक व सामाजिक बैकग्राउंड को मजबूत करने को ले कर था, जिस में 5 बिंदु रखे गए :
- देश की गरीब औरतों को सालाना एक लाख रुपए की माली मदद.
- केंद्र सरकार की नई नियुक्तियों में 50 फीसदी औरतों को हक.
- आंगनबाड़ी, आशा और मिड डे मील वर्कर्स के मासिक वेतन दोगुने.
- हर पंचायत में औरतों की जागरूकता के लिए कानूनी सहायक की नियुक्ति.
- हर जिले में औरतों के लिए कम से कम एक होस्टल.
एक तरह से देखा जाए तो ये वादे अपनेआप में खासा दिलचस्प हैं, क्योंकि जिस तरह संपत्ति और तमाम हकों पर मर्दों का कब्जा है, उसे एक हद तक बैलेंस करने के लिए इस तरह के काम किए जाने जरूरी हैं.
दूसरे, यह जरूरी इसलिए भी है कि आज आम लोगों के पास परचेजिंग पावर कम हो रही है. मार्केट में वैल्थ सर्कुलेशन हो नहीं पा रहा है. पैसा कुछ खास लोगों के हाथों में ही सिमट रहा है.
ऐसे में गरीबों को डायरैक्ट कैश ट्रांसफर से देश की अर्थव्यवस्था को चलाए रखना बेहद जरूरी भी है. पर समस्या यह कि इस तरह के बड़े वादे अकसर डूबते खेमे से ही आते हैं, जिस पर बहुत ज्यादा उम्मीदें नहीं लगाई जा सकतीं.