सरकार का नोटबंदी से काला बाजारियों को पकड़ने और जीएसटी से सारे देश को एक कर डालने का लौलीपौप टांयटांय फिस हो गया और गले में फांस बन कर अटका पड़ा है. ऐसा ही लौलीपौप मुफ्त बिजली साबित होगी. जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मुफ्त पानी देने की घोषणा की थी, तो जिन लोगों ने उसे अर्थव्यवस्था के लिए घातक बताया था, अब वे ही मुफ्त बिजली का ढिंढोरा पीट कर गरीबों के उत्थान की बात कर रहे हैं.
देश में बिजली की पैदाइश जरूरत से ज्यादा है, पर इसे घरघर, दुकानदुकान और फैक्टरीफैक्टरी पहुंचाना मुश्किल है. खर्चा तो तार डालने, खंभे खड़े करने, बिजली स्टेशन बनाने और रखरखाव में होता है और सरकार की कमर बिल न वसूलने पर नहीं, बल्कि इस सुविधा को घरघर पहुंचाने में टूट जाएगी.
बजाय इस के सरकार उद्योगों, व्यापारों और खेती को इतना ठीक करवाती कि हर जना अपनी खेती, अपना पानी, अपनी बिजली और अपना वाहन खुद खरीद कर सके, पर सरकार ने पिछली कांग्रेस सरकारों की तरह मुफ्त बिजली बांटने पर जोर दिया है. 3 साल तक ढोल पीटने के बाद नरेंद्र मोदी अब समझ रहे हैं कि धर्म, राष्ट्रवाद और गौमाता के फरेब से जनता ऊब चुकी है और इसे सरकार से मुक्ति चाहिए जो दूसरी सरकारों की तरह यह दे ही नहीं सकती, इसलिए मुफ्त की बिजली का लौलीपौप दिया जा रहा है.
बिजली विज्ञान की सब से बड़ी देन है, जिस की वजह से सुरक्षा भी मिली है और रातदिन काम करने का मौका भी. किसानों को मौसम पर ही आंखें लगाए रखना जरूरी नहीं है. वे जब जरूरत हो, जमीन में छेद कर के पानी निकाल सकते हैं. बच्चे रातभर पढ़ सकते हैं. औरतें देर रात तक काम कर सकती हैं.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
सरस सलिल
डिजिटल प्लान
- अनगिनत लव स्टोरीज
- पुरुषों की हेल्थ और लाइफ स्टाइल से जुड़े नए टिप्स
- सेक्सुअल लाइफ से जुड़ी हर प्रॉब्लम का सोल्यूशन
- सरस सलिल मैगजीन के सभी नए आर्टिकल
- समाज और देश से जुड़ी हर नई खबर
प्रिंट + डिजिटल प्लान
- अनगिनत लव स्टोरीज
- पुरुषों की हेल्थ और लाइफ स्टाइल से जुड़े नए टिप्स
- सेक्सुअल लाइफ से जुड़ी हर प्रॉब्लम का सोल्यूशन
- सरस सलिल मैगजीन के सभी नए आर्टिकल
- समाज और देश से जुड़ी हर नई खबर