भारत को युवाओं का देश माना जाता है. इस के बावजूद देश के हर राजनीतिक दल में तेजतर्रार युवा नेताओं की कमी दिखती है. चूंकि कांग्रेस वैसे ही दूसरे दलों के मुकाबले पिछड़ती सी दिख रही है, तो कांग्रेस ने एक अभियान चलाने की सोची है, ताकि ज्यादा से ज्यादा युवा उस से जुड़ सकें.

कांग्रेस ने इस अभियान को 'प्रतिभा परिवर्तन' नाम दिया है. दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अरविंदर सिंह 'लवली' ने मंगलवार, 28 नवंबर को प्रदेश कार्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि पार्टी प्रतिभा खोज अभियान के जरीए भी संगठन में पदाधिकारियों की नियुक्ति करेगी. इस के लिए पार्टी में टैलेंट कमेटी का गठन किया गया है, जिस में इंटरव्यू लेने वाले 3 लोग, प्रदेश स्तर के 3 नेता और राष्ट्रीय कांग्रेस के 2 नेताओं को शामिल किया गया है.

अरविंदर सिंह 'लवली' ने आगे बताया कि राजनीति में कैरियर बनाने के इच्छुक युवाओं के लिए पार्टी ने दरवाजे खोले हैं. इस अभिनव प्रयोग के जरीए पार्टी की विचारधारा व नीति में विश्वास रखने वाले और राजनीति और समाजसेवा में काम करने के इच्छुक युवा कांग्रेस से सीधे जुड़ सकेंगे. इस अभियान के तहत प्रदेश, जिला, ब्लौक और मंडल स्तर पर पदाधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी.

इस अभियान के तहत ऐसे पढ़ेलिखे, पेशेवर और आम लोगों को कांग्रेस संगठन के साथ राजनीति में अपना कैरियर बनाने के अवसर मिलेंगे, जो विभिन्न कारणों से राजनीतिक गतिविधियों में शामिल नहीं हो पाए हैं.

कितने काम का यह अभियान

कांग्रेस के इस अभियान को अच्छी पहल कहा जा सकता है, पर क्या यह इतना ही आसान भी है? युवा क्यों किसी राजनीतिक दल से जुड़ना चाहेंगे? उन्हें इस से क्या हासिल होगा? क्या इस के लिए चुनाव लड़ने की उम्र की सीमा के बंधन को भी घटाना होगा?

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