आगामी 2022 में उत्तर प्रदेश में चुनावी समर कि अब रणभेरी बजने वाली है कि उससे पहले चुनावी बिसात का बिछना शुरू हो गया है. जिसमें सबसे पहले बाजी मारी है समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोक दल पार्टी के जयंत चौधरी ने. इन दोनों युवा नेताओं की युति जैसे ही एक मंच पर आई उत्तर प्रदेश की राजनीति मैं मानो एक भूचाल सा आ गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी उनकी भारतीय जनता पार्टी और दूसरी तरफ अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की नैया पार लगाने के लिए बेताब प्रियंका गांधी बड़े ही गंभीर भाव से इस गठबंधन को लेकर के गंभीर दिखाई दे रहे हैं.

परिणाम स्वरूप उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक ऐसा माहौल बनता दिखाई दे रहा है जिसमें अखिलेश यादव और जयंत चौधरी धीरे धीरे आगे बढ़ते दिखाई दे रहे हैं. क्योंकि उनकी रैली में जिस तरह लोगों की भीड़ उमड़ रही है वह अपने आप में संकेत दे रही है कि कुछ नया गुल खिलने जा रहा है. दूसरी तरफ योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्रित्व काल में उत्तर प्रदेश ने जो नए आयाम गढ़े हैं उनके पक्ष में कहा जा सकता है कि आने वाले चुनाव में जहां योगी आदित्यनाथ का व्यक्तित्व और उनके काम करने की शैली और साथ देश के भविष्य को देखते हुए राजनीति की सत्ता किस करवट बैठेगी यह सब देखने लायक होगा. इस बीच प्रियंका गांधी कांग्रेस के लिए जो राजनीतिक बिसात बिछाई है वह भी कम दिलचस्प नहीं है उन्होंने यह घोषणा करके सभी को चकित कर दिया है कि कांग्रेस अबकी बार अपने दम पर चुनाव लड़ने जाएगी.

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