बढ़े हुए प्रोस्टेट से आपकी सेक्स लाइफ हो सकती है प्रभावित!

कहीं इरेक्टाइल डिस्फंक्शन या यौन संतुष्टि में कमी जैसी किसी परेशानी से तो आप सामना नहीं कर रहे? यह समस्या प्रोस्टेट के बढ़ने से भी हो सकती हैं .यदि आपका प्रोस्टेट नार्मल साइज से बड़ा है तो यह आपकी सेक्स लाइफ को खराब कर सकता है.

असल में प्रोस्टेट ग्लैंड जिसको पौरुष ग्रंथि भी कहा जाता है वीर्य बनाने वाली महत्वपूर्ण ग्लैंड है. कई बार उम्र के साथ-साथ या हार्मोनल चेंज के कारण यह बढ़ जाती है. इस कारण बहुत से पुरुषों को परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है.

अगर आपकी भी प्रोस्टेट ग्लैंड बढ़ी हुई है, तो आपको भी सेक्स संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. ये यौन समस्यायें , प्रोस्टेट की स्थिति के अनुसार भिन्न भिन्न होती है.बढ़ा हुआ प्रोस्टेट आपकी पेशाब करने की सक्षमता को सीधा प्रभावित करते हैं.इस परेशानी की वजह से  बहुत सी सेक्स संबंधित समस्या होने लगती है . और यह समस्याएं बढ़े हुए प्रोस्टेट की स्थिति के मुताबिक बढ़ती हैं.

कुछ आम सेक्चुअल साइड इफैक्ट्स इस प्रकार हैं-

  • इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (erectile dysfunction)
  • यौन संतुष्टि में कमी (reduced sexual satisfaction)
  • इरेक्शन को बनाए रखने में समस्याएं (problems maintaining an erection)
  • कामेच्छा में कमी (decreased libido)इन साइड इफेक्ट्स को प्रभावित करने वाले फैक्टर हैं-
  • उम्र
  • जेनेटिक्स और
  • एंजाइटीआइए जानते हैं लक्षण ताकि आप  मालूम कर सके कि कहीं आप इस परेशानी से तो ग्रस्त नहीं.लक्षण (Symptoms)

कई बार पुरुषों को पता ही नहीं चलता कि उन्हें प्रोस्टेट से जुड़ी समस्या है. यदि नीचे दिए गए लक्षणों में से कोई भी दो लक्षण आपको परेशान कर रहे हैं ,तो आपको डॉक्टर से तुरंत सलाह लेनी चाहिए. यह भी संभव है कि यह परेशानी किसी और वजह से हो.

  • पेशाब के लिए जाएं और पेशाब करने में परेशानी हो. पेशाब करने की
  • पेशाब  शुरू होने पर हल्की धारा का निकलना.
  • चाहे दिन हो या रात लेकिन बार-बार पेशाब  की जरूरत महसूस होना.
  • पेशाब करने के बाद भी डिस्चार्ज होना.
  • पेशाब करने के बाद ब्लैडर का भरा हुआ फील होना.
  • पेशाब  करते समय तेज दर्द महसूस होना.

बढ़े हुए प्रोस्टेट का असर

नई दिल्ली स्थित अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल में सीनियर कंसलटेंट और यूरोलॉजिस्ट डॉ. एसके पाल का कहना है कि पिछले कुछ सालों से पुरुषों से जुड़ी गुप्त रोगों की समस्याएं दिन पर दिन बढ़ती जा रही हैं.बढ़े हुए प्रोस्टेट के इलाज में प्रयोग होने वाली दवाइयां या सर्जरी के कारण इरेक्टाइल डिस्फंक्शन होता है या सेक्स लाइफ प्रभावित होती है .आइए जानते हैं किस प्रकार.

सेक्स इच्छा का कम होना

प्रोस्टेट बढ़ने के कारण पुरुषों को समय से पहले ही बुढ़ापा अपनी गिरफ्त में ले लेता है. ऐसे पुरुष संकोच में रहते हैं. ये ग्लैंड्स प्रजनन के लिए सीमन बनाते हैं. उपचार के समय दवाइयों की वजह से प्रभावित होने के कारण सेक्स की इच्छा कम हो जाती है.

स्खलन शरीर के अंदर

डॉ अनूप  धीर, सीनियर कंसलटेंट एंड सर्जन अपोलो हॉस्पिटल के अनुसार बढ़े हुए प्रोस्टेट के कारण स्खलन की समस्या हो जाती है. स्खलन बाहर होने की बजाय शरीर के अंदर होने लगता है. मेडिकल भाषा में इसे रिवर्स इजैकुलेशन भी बोलते हैं.

बांझपन की समस्या

  • इन ग्लैंड्स के बढ़ने पर शीघ्र पतन और शुक्राणु में कमी जैसी समस्याएं पनपने लगती हैं. जिस कारण बांझपन की समस्या हो सकती है. इस वजह से सेक्स लाइफ अत्यधिक प्रभावित होती है.
  • शोध के अनुसार प्रोस्टेट इंफेक्शन या बड़े हुए प्रोस्टेट के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों के साइड इफेक्ट के कारण भी पुरुषों की सेक्स इच्छा में कमी होती है. यह भी एक वजह है पुरुषों की सेक्स लाइफ प्रभावित होने की.
  • इसके अलावा इन दवाओं का सेवन करने वाले व्यक्ति का शुक्राणुओं की गिनती  भी कम हो जाती है. व्यक्ति नपुंसकता का शिकार तक हो जाता है.

सेक्स से विमुखता

बढ़े हुए प्रोस्टेट के लिए दो प्रकार से सर्जरी की जाती है. पहली टीयूआरपी सर्जरी और दूसरी प्रॉस्टेटिक आर्टरी इंबोलाइजेशन सर्जरी. लेकिन इस सर्जरी के फौरन बाद सेक्स के लिए मनाही है. इसलिए 20 से 25 दिन तक सेक्स से दूर रहने की सलाह दी जाती है. जिस वजह से सेक्स लाइफ प्रभावित होती है. जब दवाइयां असर नहीं करती तब प्रोस्टेक्टॉमी शल्य चिकित्सा से इन ग्लैंड्स को निकाला जाता है. डॉक्टर एसके पाल का कहना है कि इस का  खास साइड इफेक्ट सेक्स  विमुखता है. इरेक्शन को बनाए रख पाने में असफल होने पर अक्सर पुरुष हीन भावना का शिकार हो जाते हैं.इस वजह से भी अपने पार्टनर से दूरी बना लेते हैं.

मैं कई बार शारीरिक संबंध बना चुकी हूं पर कभी संतुष्टि प्राप्त नहीं होती, क्या करूं?

सवाल
मैं 21 वर्षीय युवती हूं. अपने बौयफ्रैंड के साथ 1 साल से कई बार शारीरिक संबंध बना चुकी हूं पर मुझे कभी संतुष्टि प्राप्त नहीं हुई. मैं जानना चाहती हूं कि क्या मुझ में कोई कमी है और क्या मैं भविष्य में मां बन पाऊंगी या नहीं?

जवाब

सहवास के दौरान आनंदानुभूति न होने की मुख्य वजह सैक्स के प्रति आप की अनभिज्ञता ही है. जहां तक संतानोत्पत्ति का प्रश्न है तो उस का इस से कोई संबंध नहीं है. पीरियड के तुरंत बाद के कुछ दिनों में पति पत्नी समागम के बाद स्त्री गर्भ धारण कर लेती है, बशर्ते दोनों में से किसी में कोई कमी न हो. इसलिए आप कोई पूर्वाग्रह न पालें.

पर विवाह से पहले किसी से संबंध बनाना किसी भी नजरिए से उचित नहीं है. अत: इन संबंधों पर तुरंत विराम लगाएं वरना पछतावे के सिवा कुछ हाथ नहीं लगेगा.

मुझे डर है की मेरे पति को मेरे शादी से पहले के संबंधों के बारे में पता न चल जाए, क्या करूं?

सवाल
मैं शादीशुदा, 5 वर्षीय बेटे की मां हूं. मेरे पति मुझे बहुत प्यार करते हैं. शादी से पूर्व मैं एक युवक से प्रेम करती थी और उस से मेरा शारीरिक संबंध भी था पर अब उस की भी शादी हो गई है. वह मेरे मायके के पास ही रहता है. मैं जब भी मायके जाती हूं, हम अवश्य मिलते हैं. इस बार भी जब मैं मायके गई तो वह मेरे घर पर मुझ से मिलने आया.

परिस्थितिवश उस समय घर पर कोई नहीं था. भावनाओं में बह कर हमारे बीच शारीरिक संबंध स्थापित हो गया. अब मुझे डर है कि कहीं मेरे पति को हमारे संबंधों की भनक न लग जाए. मैं अपनी वैवाहिक जिंदगी में कोई परेशानी नहीं चाहती. मुझे क्या करना चाहिए जिस से मेरे वैवाहिक संबंधों में कोई कड़वाहट न आए?

जवाब
आप एक के बाद एक गलतियां करती जा रही हैं और चाहती हैं कि वैवाहिक संबंधों में कड़वाहट न आए. सब से बड़ी गलती तो आप ने उस युवक से अब तक संबंध रख कर की है. विवाह के बाद भी आप उस युवक से क्यों मिलती हैं, जबकि वह भी शादीशुदा है.

अभी आप के पति को और उस युवक की पत्नी को आप दोनों के विवाहेतर संबंधों की जानकारी नहीं है लेकिन जैसे ही दोनों को आप के संबंधों की जानकारी होगी, दोनों बसेबसाए घरों को टूटने में देर नहीं लगेगी.

आप के लिए यही सलाह है कि आप उस लड़के से पूरी तरह दूरी बना लें, उस से कोई संपर्क न रखें और अपने वैवाहिक रिश्ते यानी अपने घरपरिवार पर ध्यान दें व उसी में मन लगाएं. उस युवक से साफ शब्दों में कह दें कि वह आप से किसी प्रकार का संपर्क न करे. इसी में आप की व उस के  परिवार की भलाई है.

सेक्स में तन के साथ जरूरी है मन की तंदुरुस्ती

सेक्स पतिपत्नी के रिश्ते को मजबूत बनाता है, यह हम सभी जानते हैं. मगर सफल सेक्स के लिए स्वस्थ शरीर के साथसाथ मन का स्वस्थ होना भी बहुत जरूरी है. आज हम आपको बताऐंगे सेक्स में कब कब नाकामी मिलती है, और सेक्स में नाकामी मिलना एक पुरुष के लिए काफी गंभीर बात हो सकती है.

  • शिथिलता : सेक्स की इच्छा होने पर पुरुष इंद्रिय की ओर रक्तसंचार का प्रभाव बढ़ता है, जिस से इंद्रिय में उत्थान और कठोरता आती है. यदि आप का पार्टनर भय, चिंता, तनाव से परेशान हो तो इंद्रिय की कठोरता समाप्त या फिर कम हो जाती है. ऐसे पतियों को मानसिक रूप से नपुंसक कहा जाता है.
  • मानसिक तनाव : सेक्स में नाकामी का एक कारण मानसिक भी है. इंद्रिय उत्थान नर्वस स्टिम्युलेशन पर आधारित होता है. जब संवेदना नहीं मिलती है तब उत्थान का अभाव होता है. सेक्स की प्रबल इच्छा होते हुए भी पति इंद्रिय शिथिलता के कारण सेक्स करने में असमर्थ होता है.
  • तीखे, गरम, खट्टे का अधिक सेवन : तीखी, खट्टीमीठी, गरम चीजों का अधिक सेवन करने से वीर्य विकृत हो जाता है. परिणामस्वरूप पतिपत्नी सेक्स का पूरी तरह से आनंद नहीं उठा पाते हैं.
  • प्रजनन अंग में रोग : प्रजनन अंग का रोग भी इंद्रिय उत्थान क्रिया में बाधा डालता है, जिस से पतिपत्नी दोनों ही सेक्स को ऐंजौय नहीं कर पाते हैं. कई बार पति के अंग में चोट लगने से भी उत्थान नहीं हो पाता है. इस के अलावा कई बार मन और शरीर दोनों का कामावेग से उत्तेजित होने पर सहवास क्रिया में प्रवृत्त होने पर पति अतिशीघ्र स्खलित हो जाता है.
  • पत्नी के सहयोग का अभाव : यदि पत्नी सहवास के दौरान पति को पूर्णरूप से सहयोग नहीं करती है या फिर अपने सजनेसंवरने अथवा शरीर की साफसफाई का ध्यान नहीं रखती है तो इस से भी पति के मन में सेक्स के प्रति अरुचि पैदा हो जाती है.
  • गैरजरूरी नियम बनाना : कई बार संबंध बनाने के दौरान पत्नी कुछ गैरजरूरी नियम बना लेती है जैसे लाइट औफ न करना, नए तरीके आजमाने के लिए मना करना, जल्दी करो की रट लगाना आदि से भी संबंध बनाने में नाकामी का सामना करना पड़ता है.
  • कभी पहल न करना : परिणय संबंध के लिए पत्नी द्वारा हमेशा पति की ही बाट जोहना, खुद कभी पहल न करना भी पति को अच्छा नहीं लगता है. पति भी चाहता है कि पत्नी भी पहल करे.
  • उत्साह की कमी : सहवास के दौरान पतिपत्नी दोनों को उत्साह के साथ हंसतेबोलते, चुहलबाजी करते हुए सहयोग करना चाहिए. यदि पत्नी ऐसा नहीं करती, तो पति को लगता है कि पत्नी केवल औपचारिकता निभा रही है.
  • और्गेज्म की परवाह न करना : जिस तरह पत्नी चाहती है कि वह सेक्स में पति को पूरी तरह संतुष्ट कर सके, ठीक उसी तरह पति भी चाहता है कि वह पत्नी को पूर्णरूप से संतुष्ट कर सके, मगर यह तभी संभव हो सकता है जब दोनों ही मानसिक व शारीरिक रूप से एकदूसरे से जुड़ कर सेक्स का आनंद लें.
  • इम्युनिटी बढ़ाता है : सेक्स पूरे शरीर को प्रभावित करता है. यह दिलदिमाग के साथसाथ रोगप्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है.
  • जकड़न से छुटकारा : यदि पति या पत्नी स्टिफनेस की समस्या से परेशान रहते हों तो सहवास क्रिया उन की मदद करेगी. दरअसल, यह एक ऐसी क्रिया है, जिस से शरीर की सभी मसल्स की एक्सरसाइज हो जाती है, स्टिफनेस जैसी तकलीफ से भी छुटकारा मिलता है. कोलेस्टेराल नियंत्रित रहता है, रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, सर्दीजुकाम की समस्या कम होती है.
  • पेनकिलर है : शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द हो तो सेक्स से परहेज न करें, क्योंकि सेक्स करने से दर्द से राहत मिलेगी. यह तनाव भी दूर करता है.
  • खूबसूरती : यदि पतिपत्नी दोनों ही खुल कर सेक्स सुख को अपनाते हैं, तो इस से उन की खूबसूरती ही नहीं बढ़ती, अपितु उम्र भी बढ़ती है.

सेक्स की कमजोरी में टेस्टोस्टेरान का प्रयोग किया जाता है. यानी पुरुष हारमोन से इलाज किया जाता है. यह उन रोगियों के लिए ही उपयोगी सिद्ध होता है, जिन के शरीर में सचमुच कामोत्तेजना की कमी होती है. इस तरह सेक्स की नाकामी को दूर कर के सुखद सेक्स जिंदगी जीना आज की भागमभाग वाली जिंदगी के लिए बेहद महत्त्वपूर्ण है.

मेरे पति के कई महिलाओं के साथ संबंध हैं, मैं क्या करूं?

सवाल
मैं 25 वर्षीय विवाहित महिला हूं. विवाह को 2 वर्ष हो गए हैं. लेकिन अब मुझे अपने पति के बारे में जो बातें पता चल रही हैं, अगर मुझे पहले पता होती तो मैं उन से शादी कभी न करती. मेरी केवल बहनें हैं कोई भाई नहीं है और पति का कहना है कि उन्होंने मेरे पिता के कहने पर मुझ से इसलिए विवाह किया ताकि मेरे गांव और शहर दोनों की संपत्ति उन के नाम हो जाए.

मेरे पति मुझ पर मायके से पैसा लाने के लिए दबाव डालते हैं और नशे में मुझे मारतेपीटते भी हैं. उन के खुद के अन्य महिलाओं से अफेयर हैं पर वे मुझ पर शक करते हैं जबकि मेरा ऐसा कोई संबंध नहीं है. वे मुझ पर हमेशा नजर रखते हैं और घर से बाहर नहीं जाने देते. कहते हैं, ‘‘मैं तुम्हें तलाक कभी नहीं दूंगा. तुम्हें ऐसे ही रहना होगा.’’ मैं बीए कर चुकी हूं और एमए कर रही हूं. मैं इतनी सक्षम हूं कि अकेले रह सकती हूं लेकिन मेरे पति मुझे तलाक नहीं देना चाहते. मैं बहुत परेशान हूं. मैं ऐसे इंसान के साथ और नहीं रह सकती. मैं अकेले रहना चाहती हूं. क्या करूं सलाह दें.

जवाब
आप की सारी बातों से पता चल रहा है कि आप के पति ने संपत्ति के लालच में आप से विवाह किया है और उन्हें आप से कोई लगाव या प्यार नहीं है. उन का मकसद सिर्फ आप को परेशान करना है. अगर आप सचमुच उन से छुटकारा पाना चाहती हैं तो या तो आप बिना तलाक के भी पति से अलग रह सकती हैं. इस के अलावा आप का इस तरह उन से अलग रहना कानूनन तलाक का आधार नहीं माना जाएगा.

इस के अलावा अगर आप चाहें तो पति के क्रूरतापूर्ण व्यवहार के आधार पर न्यायिक पृथक्करण करवा सकती हैं या तलाक ले सकती हैं. अगर आप तलाक के लिए कोर्ट में अर्जी देती हैं तो कोर्ट एक खास समय के लिए कानूनी अलगाव की मंजूरी देता है ताकि पतिपत्नी अपने रिश्ते के बारे में पूर्ण विचार कर सकें. इस अवधि में आप दोनों कानूनन विवाहित रहेंगे. लेकिन इस अवधि के बाद भी आप का निर्णय अलग होने का होगा तो कानून के अंतर्गत आप की तलाक की याचिका पर सुनवाई होगी.

बेहद जरूरी है यौन रोग के शुरुआती लक्षणों को जानना

शादी के कुछ समय के बाद रेखा के अंदरूनी अंग से कभीकभी कुछ तरल पदार्थ निकलने लगा, पर उस ने इस तरफ खास ध्यान नहीं दिया. मगर कुछ दिनों बाद जब उसे उस तरलपदार्थ से बदबू आने का एहसास होने लगा और अंग में खुजली भी होने लगी तो वह तुरंत डाक्टर के पास गई.

डाक्टर ने जांच कर के रेखा को बताया कि उसे यौन रोग हो गया है, पर घबराने वाली कोई बात नहीं है क्योंकि समय पर दिखा लिया. इलाज पर कम पैसा खर्च कर बीमारी ठीक हो जाएगी.

सीमा जब अपने पति के साथ शारीरिक संबंध बनाती तो उसे दर्द होता. उस ने इस परेशानी के बारे में डाक्टर को बताया. डाक्टर ने सीमा के अंगों की जांच कर के बताया कि उसे यौन रोग हो गया है. समय से इलाज कराने पर सीमा की बीमारी दूर हो गई.

यौन रोग पतिपत्नी के संबंधों में बाधक बन जाते हैं. यौन रोग के डर से लोग संबंध बनाने से डरने लगते हैं. कई बार यौन रोगों से अंदरूनी अंग से बदबू आने लगती है, जिस की वजह से सैक्स संबंधों से रुचि खत्म हो जाती है. ऐसे में पतिपत्नी एकदूसरे से दूर जा कर कहीं और संबंध बनाने लगते हैं.

क्या है यौन रोग

यौन रोग शरीर के अदरूनी अंगों में होने वाली बीमारियों को कहा जाता है. यह एक पुरुष और औरत के साथ संपर्क करने से भी हो सकता है और बहुतों के साथ संबंध रखने से भी हो सकता है. यौन रोग से ग्रस्त मां से पैदा होने वाले बच्चे को भी यह रोग हो सकता है. ऐसे में अगर मां को कोई यौन रोग है, तो बच्चे का जन्म डाक्टर की सलाह से औपरेशन के जरीए कराना चाहिए. इस से बच्चा योनि के संपर्क में नहीं आता और यौन रोग से बच जाता है.

कभीकभी यौन रोग इतना मामूली होता है कि उस के लक्षण नजर ही नहीं आते हैं. इस के बाद भी इस के परिणाम खतरनाक हो सकते हैं. इसलिए यौन रोग के मामूली लक्षण को भी नजरअंदाज न करें. मामूली यौन रोग कभीकभी अपनेआप ठीक हो जाते हैं, पर इन के बैक्टीरिया शरीर में रह जाते हैं, जो कुछ समय बाद शरीर में तेजी से हमला करते हैं. यौन रोग शरीर की खुली और छिली जगह वाली त्वचा से ही फैलते हैं.

यौन रोग का घाव इतना छोटा होता है कि उस का पता ही नहीं चलता है. पति या पत्नी को भी इस का पता नहीं चलता है. यौन रोगों का प्रभाव 2 से 20 सप्ताह के बीच कभी भी सामने आ सकता है. इस के चलते औरतों को माहवारी बीच में ही आ जाती है. यौन रोग योनि, गुदा और मुंह के द्वारा शरीर में फैलते हैं. यौन रोग कई तरह के होते हैं. इन के बारे में जानकारी होने पर इन का इलाज आसानी से हो सकता है.

हार्पीज: हार्पीज बहुत ही आम यौन रोग है. इस रोग में पेशाब करते समय जलन होती है. पेशाब के साथ कई बार मवाद भी आता है. बारबार पेशाब जाने को मन करता है. बुखार भी हो जाता है. टौयलेट जाने में भी परेशानी होने लगती है.  जिसे हार्पीज होता है उस के मुंह और योनि में छोटेछोटे दाने हो जाते हैं. शुरुआत में ये अपनेआप ठीक भी हो जाते हैं. अगर ये दोबारा हों तो इलाज जरूर कराएं.

व्हाट्स: व्हाट्स में शरीर के तमाम हिस्सों में छोटीछोटी फूलनुमा गांठें पड़ जाती हैं. व्हाट्स एचपीवी वायरस यानी ह्यूमन पैपिलोमा वायरस के चलते फैलता है. यह 70 प्रकार का होता है. अगर ये गांठें अगर शरीर के बाहर हों और 10 मिलीमीटर के अंदर हों तो इन्हें जलाया जा सकता है. 10 मिलीमीटर से बड़ा होने पर औपरेशन के जरीए हटाया जाता है.

योनि में फैलने वाले वायरस को जैनरेटल व्हाट्स कहते हैं. यह योनि में बच्चेदानी के मुख पर हो जाता है. अगर समय पर इलाज न हो तो यह घाव कैंसर का रूप ले लेता है. अगर यह हो तो 35 साल की उम्र के बाद एचपीवी का कल्चर जरूर करा लें. इस से घाव का पूरा पता चल जाता है.

गनेरिया: इस रोग में पेशाब की नली में घाव हो जाता है, जिस से पेशाब की नली में जलन होने लगती है. कई बार खून और मवाद भी आने लगता है. इस का इलाज ऐंटीबायोटिक दवाओं के जरीए किया जाता है. अगर यह बारबार होता है तो इस का घाव पेशाब की नली को बंद कर देता है, जिसे बाद में औपरेशन के द्वारा ठीक किया जाता है.

गनेरिया को साधारण बोली में सुजाक भी कहा जाता है. इस के होने पर तेज बुखार भी आता है. इस के बैक्टीरिया की जांच के लिए मवाद की फिल्म बनाई जाती है. अगर यह बीमारी शुरू में ही पकड़ में आ जाए तो इलाज आसानी से हो जाता है. बाद में इलाज कराने में मुश्किल आती है.

सिफ लिस: यह यौन रोग भी बैक्टीरिया के कारण फैलता है. यह यौन संबंध के कारण ही होता है. इस रोग के चलते पुरुषों के अंग के ऊपर गांठ सी बन जाती है. कुछ समय के बाद यह ठीक भी हो जाती है. इस गांठ को शैंकर भी कहा जाता है. शैंकर से पानी ले कर माइक्रोस्कोप द्वारा ही बैक्टीरिया को देखा जाता है. इस बीमारी की दूसरी स्टेज पर शरीर में लाल दाने से पड़ जाते हैं. यह कुछ समय के बाद शरीर के दूसरे अंगों को भी प्रभावित करने लगता है. इस बीमारी का इलाज तीसरी स्टेज के बाद मुमकिन नहीं होता है. खराब हालत में यह शरीर की धमनियों को प्रभावित करता है. धमनियां फट भी जाती हैं. यह रोग आदमी और औरत दोनों को हो सकता है. इस का इलाज दवा और इंजैक्शन से होता है.

क्लैमाइडिया: इस बीमारी में औरतों को योनि में हलका सा संक्रमण होता है. यह योनि के द्वारा बच्चेदानी तक फैल जाता है. यह बांझपन का सब से बड़ा कारण होता है. यह बच्चेदानी को खराब कर देता है. बीमारी की शुरुआत में ही इलाज हो जाए तो ठीक रहता है. क्लैमाइडिया के चलते औरतों को पेशाब करते समय जलन, पेट दर्द, माहवारी में दर्द, टौयलेट के समय दर्द, बुखार आदि परेशानियां पैदा होने लगती हैं.

मेरी बीवी पिछले 2 साल से मायके में हैं, मैं क्या करुं?

सवाल 

मैं 24 साल का एक शादीशुदा नौजवान हूं. मेरी शादी को 6 साल हो गए हैं. मेरा एक बेटा भी है. छोटी सी लड़ाई के चलते मेरी बीवी पिछले 2 साल से मायके में रह रही है. बहुत समझाने पर भी वह वापस नहीं आ रही है. मैं क्या करूं?

जवाब

आप एकदम पत्नी को समझाने के लिए उस के पीछे न पड़ें. इस से उस के भाव और बढ़ेंगे. ससुराल वालों को समझाएं कि सवाल आप की परेशानी के साथसाथ बेटे के भविष्य का?भी है. इस पर भी वह न माने तो आप उसे घर आने के लिए वकील के जरीए नोटिस दे सकते हैं.

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मेरी भाभी चाहती हैं कि मैं उनका मां बनने में साथ दूं, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं विवाहित पुरुष हूं. विवाह को 8 वर्ष हो गए हैं. 7 साल का एक बच्चा है. मैं बच्चे व पत्नी से बहुत प्यार करता हूं. मेरी समस्या मेरी दूर के रिश्ते की भाभी को ले कर है. उन के विवाह को 10 वर्ष हो गए हैं लेकिन वे अभी तक मां बनने का सुख हासिल नहीं कर पाई हैं.

मैडिकल जांच में भाभी के पति में कमी पाई गई है. भाभी चाहती हैं कि मैं उन का साथ दूं ताकि वे मां बनने का सुख हासिल कर सकें. मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं क्या करूं, सलाह दें.

जवाब

आप अपने वैवाहिक जीवन में सुखी हैं तो फिर बैठे बिठाए अपने वैवाहिक जीवन को क्यों बरबाद करना चाहते हैं. आप की भाभी का मां बनने को ले कर आप से जो प्रस्ताव है वह पूरी तरह से गलत है. ऐसा करने से आप की हंसती खेलती गृहस्थी बरबाद हो जाएगी.

जहां तक भाभी के मां बनने का सवाल है उस के लिए मैडिकल औप्शन उपलब्ध है जैसे आईवीएफ. वे इस उपाय को अपना सकती हैं. इस से आप की खुशहाल गृहस्थी में भी कोई आंच नहीं आएगी और आप की भाभी मां बनने का सुख हासिल भी कर सकेंगी. आप भूल कर भी अपनी भाभी के प्रस्ताव को न स्वीकारें. इस से न केवल आप पति पत्नी के रिश्ते में दरार आएगी, बल्कि आप के अपने दूर के भाई से भी संबंध बिगड़ते देर नहीं लगेगी.

मेरे बेटे को कुछ समय से कब्ज की शिकायत रहने लगी है. कहीं यह फास्ट फूड की वजह से तो नहीं?

सवाल

मेरा 5 साल का बेटा है. उसे घर का खाना पसंद नहीं है, जबकि फास्ट फूड वह तुरंत खा लेता है. समझाओ तो नखरे करता है. पिछले कुछ समय से उसे कब्ज की शिकायत रहने लगी है. क्या यह ज्यादा फास्ट फूड खाने की वजह से हुआ है?

जवाब

फास्ट फूड का सब से बड़ा नुकसान इंसान की सेहत पर पड़ने वाला बुरा असर है. घर में पके खाने की तुलना में फास्ट फूड काफी नुकसानदायक होता है क्योंकि इस में नमक, वसा और कई तरह के कृत्रिम रसायन जैसे अनचाहे तत्त्वों की ज्यादा मात्रा होती है. इस में नुकसानदायक बैक्टीरिया भी हो सकते हैं.

अपने बच्चे को पिज्जा, बर्गर और नूडल्स से दूर रहने के लिए कहें और उसे घर में पका फाइबर वाला खाना खिलाएं जो सब्जियों और फलों से भरपूर होता है, ताकि उस की पाचन क्रिया को मजबूती मिल सके.

पूरे दिन में ये है सेक्स के लिये सबसे बेहतर समय

सेक्स के लिये दोपहर तीन बजे का समय सबसे बेहतर माना जाता है लेकिन ये बात अलग है कि उस समय ज्यादातर लोग औफिस में होते हैं.

हार्मोन विशेषज्ञ एलिसा विटी के अनुसार ये वो समय होता है जब पुरुष और महिला की सेक्स की इच्छा बराबर की होती है. दोपहर को महिला का हार्मोन कॉर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है जिससे वह अधिक ऊर्जावान हो जाती है. इसी समय पुरुष का भी एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ा रहता है जिसकी वजह से सेक्स के दौरान दोनों भावनात्मक रुप से एक दूसरे के और करीब आ जाते हैं.

एलिसा का कहना है कि दोपहर के समय सेक्स करने से सबसे ज्यादा संतुष्टि मिलती है. इस समय जहां महिला को जहां पुरुष से भावनात्मक लगाव मिलता है वही सेक्स का परम आनंद भी प्राप्त होता है.

एलिसा के अनुसार सोते समय पुरुष के शरीर में टेस्टोस्टेरोन बनता है जो उत्तेजना के बेहद जरुरी हार्मोन होता है. इसका स्तर बहुत सुबह या कुछ देर बाद चरम पर पहुंच जाता है, इसलिये ये समय सेक्स के लिये बेहतर होता है. इस समय सेक्स करने करने के लिये पहल करने की पुरुषों की ज्यादा दिलचस्पी रहती है और वे बेहतर तरीके से सेक्स करते हैं.

लेकिन पुरुषों के लिये सेक्स करने का दोपहर का भी समय बोहतर होता है क्योंकि जहां उनका टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम हो जाता है वहीं एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ जाता है.

एलिसा का ये भी कहना है कि अंडोत्सर्ग (ovulation) के दस दिन के बाद का समय सेक्स के लिये बहुत अच्छा होता है, क्योंकि इस समय महिला का एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ जाता है जिससे सेक्स की तीव्र इच्छा पैदा होती है.

इसके पहले के शोध में कहा गया है कि सुबह सेक्स के लिये सबसे अच्छा समय होता है क्योंकि उस समय पुरुष और महिला एकदम तरोताज़ा रहते हैं.

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