‘‘100 करोड़…? यह तो बहुत ज्यादा?है. फिर मुख्यमंत्रीजी को भी तो हिस्सा देना है,’’ कंपनी वाला बोला.
‘‘हां तो डेढ़ सौ करोड़ उन को दे देना,’’ नेताजी के हाथों में अब तक असली विदेशी ह्विस्की का जाम आ चुका था.
‘‘पर, इतना पैसा बांटने के बाद तो ब्रिज की क्वालिटी 80 फीसदी तक कम हो जाएगी. अगर वह गिर गया, तो सारी जवाबदारी हमारी कंपनी की आ जाएगी. कई लोग मर जाएंगे सो अलग,’’ कंपनी वाला बोला.
‘‘अरे मूर्ख, तुम्हें बिजनैस करना भी हमें सिखाना पड़ेगा? इस ब्रिज को 10 अलगअलग भागों में बांट दो और 10 छोटेछोटे ठेकेदारों को काम दे दो. जब कभी ब्रिज गिरे तो इन ठेकेदारों के करार दिखा देना, जिस में लिखा होगा क्वालिटी. मतलब, क्वालिटी की जवाबदारी ठेकेदार की होगी. इस तरह से बिना फंसे तुम साफसाफ बच जाओगे.
‘‘दूसरा, जिस दिन ब्रिज बन कर तैयार हो, उसी दिन इस कंपनी को बंद कर परिवार के किसी और सदस्य के नाम पर नई कंपनी खोल लेना. जब पुरानी कंपनी वजूद में ही नहीं रहेगी, तो ऐक्शन कैसा और किस पर? तुम्हारी कमाई दूसरी कंपनी से इसी तरह से होती रहेगी.
‘‘रही लोगों के मरने की बात, तो जमीन पर रेंगने वाले कीड़े तो कुचल कर मरते ही हैं न? अगर जीना है, तो हवाईजहाज, हैलीकौप्टर में बैठो. न ब्रिज की जरूरत पड़ेगी, न सड़क की.
100-50 लोग मरेंगे, तो सहायता राशि का कुछ पैसा हम को भी मिलेगा न? हमारी कमाई पर क्यों कुंडली मारते हो?’’ नेताजी अब तक पूरे तौर पर सुरूर में आ गए थे.
‘‘तब तो डील पक्की,’’ कंपनी वाला आदमी भी जाम उठा कर बोला.
अदृश्य कुत्ता हैरान था, ‘हमारी बिरादरी का कोई भी प्राणी अगर किसी के यहां की रोटी का एक टुकड़ा भी खाता है, तो जीवनभर उस का कर्जदार व एहसानमंद रहता है.
‘उस के प्रति अपनी वफादारी की जिम्मेदारी मरते दम तक नहीं छोड़ता है. और यहां नेताजी लाखों लोगों का भरोसा इस तरह तोड़ रहे हैं, जैसे उन का इनसानियत से कोई संबंध ही नहीं है. देश की तरक्की की तरफ उन का कोई फर्ज ही नहीं है…’ यह सोचता हुआ कुत्ता बंगले के बाहर आ गया.
अब तक रात हो चुकी थी. कुत्ते को भूख भी लग आई थी. उसी इलाके में एक मशहूर ढाबा भी था. शहर से बाहर होने के कारण दारू पार्टी वाले लोग ही यहां पर ज्यादा आया करते थे. कुत्ते को अकसर ग्राहकों के द्वारा छोड़ी गई रोटियां और बोटियां यहां मिल जाया करती थीं. आज कुछ ताजा खाने की इच्छा से वह यहां आया.
‘‘सेठजी, 8 लोगों की पार्टी आई?है. वह चिकन मांग रही है,’’ नौकर ने सेठ को बोला.
‘‘तो दे दो न. क्या तकलीफ है?’’ सेठ बोला.
‘‘अब स्टौक में चिकन नहीं है. रात साढ़े 11 बजे कहां से इंतजाम करें?’’ नौकर बोला.
‘‘क्या सभी शराब पीए हुए हैं?’’ सेठ ने पूछा.
‘‘जी, टुन्न हैं,’’ नौकर बोला.
‘‘ठीक है. उन से कहो कि चिकन का इंतजाम हो रहा है और कुक बाबू भाई को मेरे पास भेजो,’’ सेठ ने आदेश दिया.
‘‘जी सेठजी,’’ बाबू भाई ने आ
कर कहा.
‘‘देखो बाबू भाई, चिकन खत्म हो गया है. तुम जानते हो कि तुम्हें क्या करना है,’’ सेठ बोला.
‘‘हां, सेठजी जानता हूं. जो हम बरसों से करते आ रहे हैं. आज शाम को ही ढाबे के पीछे वाले बच्चों के कब्रिस्तान में डेढ़ महीने के बच्चे की लाश को दफनाया है. उसे निकाल कर पका देता हूं,’’ बाबू भाई बोला.
‘‘शाबाश. मैं तुम्हारे लिए देशी दारू का इंतजाम करता हूं. जाओ, किचन के पिछले दरवाजे से निकल जाओ. तब
तक मैं इस बेवड़ा पार्टी को नकली विदेशी शराब आधी कीमत में पिला कर इन
का नशा और बढ़ाता हूं,’’ ढाबे का
मालिक बोला.
वह आवारा कुत्ता इस से आगे रुक कर देखने की हिम्मत नहीं जुटा पाया. वैसे भी दिनभर इस तरह की घटनाएं देखने और घूमते रहने के चलते वह काफी थक गया था. समय भी रात के 12 बज चुके थे.
ऐसे में उसे दूर के एक घर में रोशनी दिखाई दी. उसे याद आया कि यह तो वही घर है, जिस में 3 औरतें रहती हैं. उन के पहनावे से तो लगता था कि तीनों शायद किसी बड़े पद पर काम करती हैं. बड़ी गाड़ी, ड्राइवर सब हैं. घर में 3 औरतों के अलावा वहां कोई और आताजाता भी नहीं है.
‘यहां पर कम से कम भरपूर आराम तो मिल ही जाएगा,’ यही सब सोच कर वह कुत्ता उस घर में घुस गया.
बड़े से ड्राइंगरूम के बाद अंदर के कमरे में से तीनों औरतों के खिलखिला कर हंसने की आवाजें आ रही थीं. शायद टैलीविजन चल रहा था.
वह अदृश्य कुत्ता अंदर चला गया. वह यह देख कर हैरान रह गया कि अंदर बड़ा सा टैलीविजन किसी मोबाइल से जुड़ा हुआ था और बहुत ही गंदी फिल्म चल रही थी.
‘‘अरे, मजा आ गया. उजली क्या शानदार शूट किया है. एकएक ऐक्टिविटी और दोनों का चेहरा साफ नजर आ रहा है,’’ तीनों में से एक खुश होते हुए बोली.
‘‘बहुत बड़ा मंत्री बना फिरता है. फंस गया बेचारा चक्कर में. अब तो वह लाखोंकरोड़ों दे कर जाएगा. क्यों चमकी दीदी?’’ उजली नाम की इस औरत ने चमकी से पूछा.
‘‘हां…’’ तीसरी वाली औरत चहकते हुए बोली, जिस का नाम प्रभा था, ‘‘इस साल का यह छठा केस है.’’
‘‘इसे शूट करना बड़ा मुश्किल था. चेहरा ही नहीं दिखा रहा था. बहुत स्मार्ट बन रहा था. 3 अलगअलग जगह कैमरे लगाने का जुगाड़ करना पड़ा.
‘‘लड़की को भी हीरोइन बनाने के नाम पर यह सब करने के लिए मजबूर कर दिया. अब जब भी उसे बुलाएंगे, बदनामी के डर से तुरंत आ जाएगी. इसे कहते हैं बिना इन्वैस्टमैंट का हाई रिटर्न वाला बिजनैस,’’ चमकी बोली.
‘‘हमें तो दोनों तरफ से फायदा है. अगर मर्द होहल्ला करे, तो उसे रेपिस्ट बना कर पेश कर दो. बेचारा बुरी तरह से फंस जाएगा. वरना तो यह हनीट्रैप
तो है ही,’’ उजली शराब का घूंट लेते हुए बोली.
‘‘हमारे लिए तो मनीट्रैप है,’’ प्रभा सिगरेट का धुआं छोड़ते हुए बोली.
कुत्ता बंगले से बाहर निकल गया. एक हफ्ता तो क्या वह एक घंटा भी और नहीं देख सकता था. अब उसे कुत्ता होना गाली नहीं लग रहा था, बल्कि फख्र महसूस कर रहा था.
जब वह कुत्ता प्रोफैसर वैज्ञानिक के घर पहुंचा तो पता चला कि कुछ भगवा गुंडों ने उन पर आक्रमण कर के उन की प्रयोगशाला को तोड़ दिया था, क्योंकि वे पंडों की पोल खोलते थे.
प्रोफैसर वैज्ञानिक अस्पताल में भरती थे. अब कुत्ता न जाने कब तक अदृश्य भटकता रहेगा.