कामुक बने रहने के लिए ये क्या कर रही हैं लड़कियां

यूं तो महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए पूरी दुनिया में अनेक कदम उठाए जा रहे हैं. लेकिन आज भी कई जगहें ऐसी हैं जहां महिलाओं को हवस मिटाने का जरिया समझा जाता है. आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताएंगे जहां महिलाओं के साथ यौन शोषण के नाम पर जो होता है उसे सुनकर आपकी रूह कांप जाएगी. यहां पर ये लोग लड़कियों को कामुक बने रहने के लिए ड्रग्स का सेवन करने के लिए मजबूर करते हैं.

मामला उत्तर प्रदेश का है, जहां कई बड़े शहरों में चल रहे अनैतिक काम के अड्डों पर अवयस्क लड़कियों को खूबसूरत-जवान और कामुक बनाने के लिये खतरनाक ड्रग्स के इंजेक्शन दिये जाते हैं. तीन-चार दिन तक लगातार इंजेक्शन दिये जाने के बाद लड़कियों को इंजेक्शन की लत पड़ जाती है फिर वो खुद बिना इंजेक्शन रह नहीं पाती.

इस मामले का खुलासा आगरा के रेड लाइट ऐरिया से छुड़ायी गयी लड़कियों ने पुलिस के सामने किया है. चिकित्साविज्ञानियों के अनुसार रेड लाइट ऐरिया में लड़कियों को संभवतः वो इंजेक्शन दिये जा रहे थे जिनको डॉक्टर्स विशेष परिस्थितियों में किसी रोगी को प्रेसक्राइब्ड करते हैं. क्यों कि ऐसे ड्रग्स लगातार या ज्यादा मात्रा में लेने से मेंटल और फिजिकल डिसऑर्डर की भी आशंका रहती है.

चिकित्सा विज्ञानियों का यह भी कहना है कि अगर इस ड्रग्स का इंजेक्शन किसी 15-16 साल की लड़की को दिया जा रहा है तो 20-22 साल की होने से पहले ही उसकी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं. और बहुत ही कम उम्र में ही अर्थराइटिस की शिकार हो सकती है. इसके अलावा वो किसी न किसी मनोरोग की भी शिकार हो सकती है. इस ड्रग्स का सबसे बड़ा साइड इफेक्ट ये है कि कोई दूसरी ड्रग्स अपना पूरा असर कभी डाल ही नहीं पाती और लड़की पूरी जिंदगी रोगी बनी रहती है. कोई देखभाल करने वाला न हो तो कम उम्र में मृत्यु की भी आशंका बढ़ जाती है.

कोई लड़की मेरे पति को रात के वक्त रोमांटिक मैसेज भेजती है, मुझे डर लगने लगा है कि कहीं वह मेरे पति को मुझ से छीन न ले, क्या करूं?

सवाल
मेरे पति की जिंदगी में कोई लड़की है जो रात के वक्त उन्हें रोमांटिक मैसेजेज भेजती है. पति ने यह बात स्वयं मुझे बताई थी. वे उस लड़की को तवज्जुह नहीं देते. मगर आजकल वे मुझ से छिप कर उस लड़की के मैसेज पढ़ने लगे हैं. मुझे डर लगने लगा है कि कहीं वह मेरे पति को मुझ से छीन न ले. उन्होंने अपने मोबाइल में पासवर्ड भी डाल दिया है ताकि मैं उसे चैक न कर सकूं.

जवाब
सर्वप्रथम अपने मन में विश्वास रखें. अगर आप का पति के साथ रिश्ता मजबूत है तो कोई तीसरा आसानी से बीच में नहीं आ सकता. आप पति के साथ पहले की तरह ही व्यवहार कीजिए. बारबार शक की नजरों से देखने पर वे आप से बातें छिपाने लगेंगे. बेहतर होगा कि उन की जिंदगी में दखल देने के बजाय उन्हें अपने खूबसूरत साथ का हर पल एहसास दिलाएं और उस लड़की को अपने बीच में आने ही न दें. यदि फिर भी आप को लगे कि अब पति हाथ से निकल चुके हैं तो स्पष्ट तौर पर उन से इस संदर्भ में बात करें.

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सैक्स लाइफ में इन चीजों की हो नो ऐंट्री

दिलीप ने जब रुही से यह कहा कि वह बिस्तर पर अब पहले जैसा साथ नहीं देती, तो वह यह सुन कर परेशान हो उठी. फिर रुही ने सैक्स ऐक्सपर्ट डा. चंद्रकिशोर कुंदरा से संपर्क किया. डा. कुंदरा के मुताबिक, सैक्स सफल दांपत्य जीवन का महत्त्वपूर्ण आधार है. इस की कमी पतिपत्नी के रिश्ते को प्रभावित करती है. पतिपत्नी की एकदूसरे के प्रति चाहत, लगाव, आकर्षण खत्म होने के कई कारण होते हैं जैसे शारीरिक, मानसिक, लाइफस्टाइल. ये सैक्स ड्राइव को कमजोर बनाते हैं.

तनाव: औफिस, घर का वर्कलोड, आर्थिक समस्या, असमय खानपान आदि का सीधा असर तनाव के रूप में नजर आता है, जो हैल्थ के साथसाथ सैक्स लाइफ को भी प्रभावित करता है.

डिप्रैशन: यह सैक्स का सब से बड़ा दुश्मन है. यह पतिपत्नी के संबंधों को प्रभावित करने के साथसाथ परिवार में कलह को भी जन्म देता है. डिप्रैशन के कारण वैसे ही सैक्स की इच्छा में कमी आ जाती है. ऊपर से डिप्रैशन की दवा का सेवन भी कामेच्छा को खत्म करने लगता है.

नींद पूरी न होना: 4-5 घंटे की नींद से हम फ्रैश फील नहीं कर पाते, जिस से धीरेधीरे हमारा स्टैमिना कम होने लगता है. इतना ही नहीं सैक्स में भी हमारा इंट्रैस्ट नहीं रहता है.

गलत खानपान: वक्तबेवक्त खाना और जंक फूड व प्रोसैस्ड फूड का सेवन भी सैक्स ड्राइव को खत्म करता है.

टेस्टोस्टेरौन की कमी: शरीर में मौजूद यह हारमोन हमारी सैक्स इच्छा को कंट्रोल करता है. इस की कमी से पतिपत्नी दोनों ही प्रभावित होते हैं.

बर्थ कंट्रोल पिल्स: बर्थ पिल्स महिलाओं में टेस्टोस्टेरौन लैवल को कम करती हैं, जिस से महिलाओं में सैक्स संबंधों को ले कर विरक्ति हो जाती है. पतिपत्नी का दांपत्य जीवन तभी सफल होता है, जब सैक्स में दोनों एकदूसरे को सहयोग करें. सैक्स एक दोस्त की तरह भी जीवन में रंग भर देता है. शादीशुदा जिंदगी से प्यार की कशिश और इश्क का रोमांच खत्म होने लगा है तो सावधान हो जाएं.

यदि आप की सैक्स लाइफ अच्छी है तो इस का सकारात्मक प्रभाव आप की सेहत पर भी पड़ता है.

जानिए, सैक्स के सेहत से जुड़े कुछ फायदे:

शारीरिक तथा मानसिक पीड़ा में राहत दिलाता है: सैक्स के समय शरीर में हारमोन पैदा होते हैं, जो दर्द की अनुभूति कम करते हैं. भले ही कुछ समय के लिए.

सर्दीजुकाम के असर को कम करता है: सैक्स गरमी, सर्दीजुकाम के प्रभाव को काफी हद तक कम कर देता है. अमेरिका स्थित ओहियो यूनिवर्सिटी के अध्ययन बताते हैं कि चुंबन एवं प्यारदुलार करने से रक्त में बीमारियों से लड़ने वाले टी सैल्स की तादाद बढ़ जाती है.

मानसिक तनाव को कम करता है: सैक्स मन को शांति देने के साथसाथ मूड को भी बढि़या बनाने वाले हारमोन ऐंडोर्फिंस के उत्पादन में वृद्धि करता है. इस के मानसिक तनाव कम हो जाता है.

मासिकधर्म के पूर्व की कमी को कम करता है: सैक्स में लगातार गरमी के चलते ऐस्ट्रोजन स्तर काफी हद तक कम होता है. इस दौरान शरीर में थकान कम महसूस होती है.

दिल के रोग और दौरों की आशंका कम होती है: अकसर दिल के मरीजों को सैक्स संबंध बनाने से दूर रहने की सलाह दी जाती है. मगर अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ हृदयरोग विशेषज्ञ, डा. के.के. सक्सेना के अनुसार, पत्नी के साथ सैक्स संबंध बनाने से पूरे शरीर का समुचित व्यायाम होता है, जिस से दिमाग तनावरहित हो जाता है. दिल के दौरों की आशंका कम हो जाती है. सैक्स संबंध बनाने से धमनियों में रक्त का प्रवाह और हृदय की मांसपेशियों की क्षमता बढ़ती है.

रिश्ते: अब तुम पहले जैसे नहीं रहे

आराधना की शादी टूटने की कगार पर है. महज 5 वर्षों पहले बसी गृहस्थी अब पचास तरह के  झगड़ों से तहसनहस हो चुकी है. आराधना और आशीष दोनों ही मल्टीनैशनल कंपनी में अच्छी पोस्ट पर कार्यरत हैं. हाइली एजुकेटेड हैं. बड़ी तनख्वाह पाते हैं. पौश कालोनी में फ्लैट लिया है. सबकुछ बढि़या है, सिवा उन दोनों के बीच संबंध के.

2 साल चले प्रेमप्रसंग के बाद आराधना और आशीष ने शादी का फैसला किया था. शादी से पहले तक दोनों दो जिस्म एक जान थे. साथसाथ खूब घूमेफिरे, फिल्में देखीं, शौपिंग की, हिल स्टेशन साथ गए, एकदूसरे को ढेरों गिफ्ट दिए, एकदूसरे की कंपनी खूब एंजौय की. ऐसा लगता कि इस से अच्छा मैच तो मिल ही नहीं सकता. इतना अच्छा और प्यारा जीवनसाथी हो तो पूरा जीवन खुशनुमा हो जाए.

लेकिन शादी के 2 ही वर्षों के अंदर सबकुछ बदल गया. शादी के बाद धीरेधीरे दोनों का जो रूप एकदूसरे के सामने आया, उस से लगा इस व्यक्तित्व से तो वे कभी परिचित ही नहीं हुए. एकदूसरे से बेइंतहा प्यार करने वाले आराधना और आशीष अब पूरे वक्त एकदूसरे पर दोषारोपण करते रहते हैं. छोटी सी बात पर गालीगलौच, मारपीट तक हो जाती है. फिर या तो आराधना अपने कपड़े बैग में भर कर अपनी दोस्त के यहां रहने चली जाती है या आशीष रातभर के लिए गायब हो जाता है.

दरअसल, शादी से पहले दोनों का अच्छा पक्ष ही एकदूसरे के सामने आया. मगर शादी के बाद उन की ऐसी आदतें और व्यवहार एकदूसरे पर खुले, जो घर के अंदर हमेशा से उन के जीवन का हिस्सा थे. शादी के बाद आशीष की बहुत सी आदतें आराधना को नागवार गुजरती थीं, खासतौर पर उस का गंदे पैर ले कर बिस्तर पर चढ़ जाना.

आशीष को घर में नंगे पैर रहने की आदत है. दिनभर जूते में उस के पैर कसे रहते हैं, लिहाजा, घर आते ही वह जूते उतार कर नंगे पैर ही रहता है. आराधना उस की इस आदत को कभी स्वीकार नहीं कर पाई. आराधना सफाई के मामले में सनकी है. कोई गंदे पैर ले कर उस के बिस्तर पर कैसे आ सकता है? शादी के पहले ही साल उस ने बैडरूम में लगे डबलबैड को 2 सिंगल बैड में बांट दिया. अपने बिस्तर पर वह आशीष को हरगिज चढ़ने नहीं देती है.

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कभी आशीष का मूड रोमांटिक हुआ और उस ने उस के बिस्तर में घुसने की कोशिश की तो वह उस के गंदे पैरों को ले कर चिढ़ी दिखती है और सारे मूड का सत्यानाश कर देती है. उन के रिश्ते में दरार बढ़ने की शुरुआत भी, दरअसल, यहीं से शुरुआत हुई एकदूसरे की नजदीकियां न मिलने से दूरियां बढ़ने की.

और भी कई आदतें आशीष की थीं जो आराधना को बरदाश्त नहीं थीं. नहाने के बाद भीगा तौलिया बाथरूम में ही छोड़ देना, धुलने वाले कपड़े वाशिंग मशीन में डालने की जगह इधरउधर रख देना, बिस्तर छोड़ने के बाद उस को तय कर के न रखना, खाने में हरी सब्जियों से परहेज, हर दूसरेतीसरे दिन नौनवेज खाने की फरमाइश, न मिलने पर बाहर से मंगवा लेना, ये तमाम बातें आराधना को परेशान करती हैं.

आराधना की भी आदतें आशीष को खटकती हैं. उस का जरूरत से ज्यादा सफाई पसंद होना, पूरी शाम फोन पर सहेलियों या अपने घर वालों से बातें करना, उस का डाइटिंग वाला खाना जो कभी भी आशीष के गले नहीं उतर सकता, अपने रूपरंग को बरकरार रखने के लिए ब्यूटीपार्लर में पानी की तरह पैसे बहाना, हर वीकैंड पर शौपिंग करना, फालतू की महंगी चीजें खरीद लाना और फिर गिफ्ट के तौर पर किसी सहेली को पकड़ा देना, कोई फ्यूचर प्लानिंग न करना, ऐसी उस की बहुतेरी बातें आशीष को खटकती हैं. इन्हीं पर दोनों के बीच  झगड़े होते हैं.

दोनों आर्थिक रूप से सक्षम हैं, लिहाजा, किसी के दबने का सवाल ही पैदा नहीं होता.  झगड़ा होता है तो दोनों कईकई दिनों तक एक छत के नीचे 2 अजनबियों की तरह रहते हैं. दोनों में से कोई सौरी नहीं बोलता. अब तो दोनों को ही यह लगने लगा है कि वे अलगअलग ही रहें तो बेहतर है. कम से कम औफिस से घर आने पर सुकून तो होगा. बेकार की बातों पर कोई खिचखिच तो नहीं करेगा. सात जन्मों तक साथ रहने की कसमे खाने वाले आराधना और आशीष 5 वर्षों में ही एकदूसरे से बुरी तरह ऊब चुके हैं.

कोई भी रिलेशनशिप आसानी से नहीं टूटती है. रिलेशनशिप में छोटीछोटी बातों का ध्यान रखना होता है. रिश्तों में धीरेधीरे दूरियां बढ़नी शुरू होती हैं और एक समय ऐसा आता है जब दूरियां इस कदर बढ़ जाती हैं कि रिलेशनशिप टूट जाती है.

अकसर रिलेशनशिप में देखा जाता है कि छोटीछोटी समस्याएं होती रहती हैं, जिन को अधिकतर हम नजरअंदाज कर देते हैं. परंतु इन समस्याओं को नजरअंदाज करने से आप के रिश्ते में दरार पड़ सकती है. इन समस्याओं को हमें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, हमें इन समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए.

रिलेशनशिप में कुछ समस्याओं को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और रिश्ते को बचाए रखने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए :

स्वभाव में अंतर

अगर आप के और आप के पार्टनर के स्वभाव में काफी अंतर है तो यह अंतर बाद में रिलेशनशिप में समस्याएं पैदा कर सकता है. हर किसी का अपना अलग स्वभाव होता है. हो सकता है आप के पार्टनर को घूमने का शौक हो और आप घर पर रहना ही पसंद करते हों. हो सकता है आप के पार्टनर को बाहर जा कर पार्टी करने का शौक हो और आप घर पर ही पार्टी करने का शौक रखते हों. अलगअलग स्वभाव होने की वजह से भी रिलेशनशिप में दूरियां बढ़ने लगती हैं.

स्वभाव में अंतर होना आम बात है, पर इस अंतर को दूर किया जा सकता है. अगर आप चाहते हैं कि आप के रिश्ते में हमेशा प्यार बना रहे तो एकदूसरे के स्वभाव में ढलने का प्रयास करें. रिलेशनशिप को सफल बनाने के लिए पतिपत्नी दोनों को प्रयास करना होता है.

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अलग चाहतें

रिलेशनशिप में एकदूसरे को सम झना काफी महत्त्वपूर्ण होता है. अगर आप की और आप के पार्टनर की प्राथमिकताएं व चाहतें एकदूसरे से अलग हैं तो समय रहते इस बात पर ध्यान देना आप की रिलेशनशिप के लिए बेहतर रहेगा. अगर आप समय रहते इस बात पर ध्यान नहीं देंगे तो आप के रिश्ते में दूरियां बढ़ने लगेंगी.

रिलेशनशिप सिर्फ एक व्यक्ति के चाहनेभर से नहीं चल सकती. एक अच्छी रिलेशनशिप होने के लिए जरूरी है कि एकदूसरे की प्राथमिकताओं को सम झा जाए. जीवन में हर इंसान की कुछ न कुछ प्राथमिकताएं होती हैं. आप की और आप के पार्टनर की भी कुछ प्राथमिकताएं होंगी. आप एकदूसरे की प्राथमिकताओं को सम झने का प्रयास करेंगे तो आप की रिलेशनशिप में कोई भी समस्या नहीं आएगी.

उन के फैसले को तवज्जुह दें

अगर रिश्ते में छोटीछोटी बातों को ले कर तनाव होने लगे तो आप को सम झ जाना चाहिए कि रिलेशनशिप में समस्याएं आ रही हैं. एकदूसरे पर अधिकार जमाने के कारण या पार्टनर द्वारा सिर्फ अपने ही फैसलों को तवज्जुह देने के कारण रिश्ते में तनाव बढ़ने लगता है. तनाव बढ़ने के कारण रिश्ता टूट सकता है. अगर आप चाहते हैं कि आप के रिश्ते में कभी भी कोई भी परेशानी न आए तो एकदूसरे पर अधिकार जमाना छोड़ दें और हर काम में एकदूसरे का साथ निभाएं. रिलेशनशिप में प्यार से रहने से किसी भी तरह का कोई तनाव नहीं रहता. पार्टनर के साथ अधिक से अधिक समय बिताने का प्रयास करें.

भावनाएं साझा करें

एकदूसरे से बातचीत के जरिए अपनी भावनाओं को सा झा करें और कहां कमियां रह गई हैं, इस बात पर विचार करें. रिलेशनशिप में आपस में किसी को भी चलताऊ न लें. अगर आप का पार्टनर आप के लिए कुछ कर रहा है तो उसे अहमियत दें. अहमियत देने से रिश्ते और ज्यादा मजबूत होते हैं और आपसी प्यार भी बढ़ता है. अगर आप का पार्टनर आप के प्रति प्यार जता रहा है तो उस की भावनाओं की कद्र करें.

उन को सम्मान दें

एकदूसरे को सम्मान देने से ही प्यार बढ़ता है. बिना सम्मान के कोई भी रिश्ता नहीं चलता. इसलिए, हमेशा एकदूसरे को सम्मान दें, जम कर एकदूसरे की तारीफ करें. अगर आप से कोई गलती हुई है तो उसे फौरन स्वीकार कर लें. इस से आप का रिश्ता और ज्यादा मजबूत होगा और दरार नहीं आएगी. अकसर हम अपनी गलतियों को कभी नहीं मानते और दूसरे की गलती को स्वीकार कराने में ही पूरा वक्त लगा देते हैं. इस से रिश्ते कमजोर होते हैं. रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए एकदूसरे को भरपूर वक्त देने के साथ ही अपने शौकों को एकदूसरे के साथ सा झा करें.

कभी तंज न करें

हमेशा एकदूसरे पर तंज कसते रहने से रिश्ता कमजोर होने लगता है. गलतियां सब से होती हैं, परंतु अगर हम उन गलतियों के लिए बारबार अपने पार्टनर पर तंज कसते रहेंगे तो रिश्ता कमजोर होने लगेगा और रिलेशनशिप में दूरियां बढ़ने लगेंगी.

पुरानी गलतियां याद न करें

जीवन में हर किसी से गलतियां होती हैं. कुछ ऐसी बातें भी होती हैं जिन्हें आप का पार्टनर याद नहीं करना चाहता होगा. उन बातों को पार्टनर को याद न दिलाएं. अगर आप बारबार पार्टनर को उन बातों को याद दिलाएंगे तो आप के रिश्ते में दूरियां बढ़ने लगेंगी और रिश्ता कमजोर होने लगेगा.

कम्युनिकेशन गैप

अकसर कम्युनिकेशन गैप होने की वजह से भी रिश्ते में दूरियां बढ़ने लगती हैं. अगर आप चाहते हैं कि आप की रिलेशनशिप मजबूत रहे, तो अपने पार्टनर से बातचीत करते रहें. घरबाहर की बातें उन से शेयर करें. अपने पार्टनर से खुल कर बातें करें. रिलेशनशिप को मजबूत बनाने के लिए इस बात का भी विशेष ध्यान रखें कि आप को पार्टनर की बातों को अनसुना नहीं करना है.

एक्स की बात न करें

एक्स के बारे में बात करने से भी रिलेशनशिप टूटने का खतरा रहता है. बारबार एक्स के बारे में बात करने से रिश्ते में दूरियां बढ़नी शुरू हो सकती हैं. एक्स के बारे में बात करने से लड़ाई झगड़े भी अधिक होने की संभावना रहती है. इसलिए पुराने जख्मों को कभी न कुरेदें.

भरोसा पैदा करें

रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए भरोसा बहुत जरूरी होता है. भरोसा किसी भी रिश्ते की नींव होता है. रिलेशनशिप में धोखा देने का मतलब है कि रिश्ते में दूरियां बढ़ना. पार्टनर को धोखा देने से,  झूठ बोलने से, बातें छिपाने से रिश्ता मजबूत नहीं होता. धोखा देने से रिलेशनशिप में कई तरह की समस्याएं आनी शुरू हो जाती हैं. 2 लोग एक छत के नीचे खुशीखुशी से तभी रह सकते हैं जब उन के व्यवहार में पारदर्शिता हो, एकदूसरे के लिए प्यार और सम्मान हो. दोनों में से किसी में किसी बात का अहंकार न हो बल्कि आपसी विश्वास मजबूत हो.

Top 10 Best Relationship Tips in Hindi: रिलेशनशिप से जुड़ी टॉप 10 खबरें हिंदी में

Top 10 Best Relationship Tips in Hindi: हर रिश्ते में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है. क्योंकि हरेक के विचार और व्यवहार एक दूसरे से अलग होते हैं. कभी-कभी ऐसा होता है कि छोटी-छोटी बातों के कारण रिश्ता टूट भी जाता है. तो अगर आप अपने रिश्ते को मजबूत बनाना चाहते हैं तो पढ़िए सरस सलिल की Top 10 Best Relationship Tips in hindi. आप इन खास टिप्स को अपनाकर रिश्ते को मजबूत कर सकते हैं.

  1. रिलेशनशिप में सेक्स का है बहुत महत्व, जानें कैसे

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संबंधों में एक-दूसरे का साथ बेहद जरूरी है. आपसी संबंधों में जहां एक साथी का दूसरे साथी से मानसिक जुड़ाव होता है ऐसे में शारीरिक देह को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. मानसिक जुडा़व के साथ-साथ शारीरिक जुड़ाव भी संबंधों में मधुरता लाता है. पति-पत्नी के संबंधों में सेक्स का अपना अलग महत्व है. न सिर्फ पति-पत्नी बल्कि वैवाहिक जीवन में सेक्स का महत्व बहुत अधिक होता है. इससे पति-पत्नी न सिर्फ एक-दूसरे के नजदीक रहते हैं बल्कि सेक्स संबंधों में खटास को भी दूर करता है. जिस प्रकार जीवन में भोजन की आवश्यकता होती है, ठीक उसी तरह से वैवाहिक जीवन में सेक्स की आवश्यकता होती है. आइए जानते हैं संबंधों में सेक्स के महत्व के बारे में.

सही मायने में सेक्स सिर्फ भौतिक सुख ही नहीं बल्कि मानसिक सुख भी देता है, इसके साथ ही ये तनाव दूर करने में भी बहुत कारगर है. सेक्स के माध्यम से ही पति-पत्नी के संबंधों में भावनात्मक जुड़ाव अधिक दिखाई देता है.

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2. पति की दूरी, आखिर कैसे बने नजदीकी

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शायद ही ऐसी कोई पत्नी होगी जो अपनी शादी पर 2-4 आंसू न बहाती हो. शादी के कुछ साल गुजरने के बाद पति में तो अपनी भावनाएं व्यक्त करने की काबिलीयत जैसे कुम्हला सी जाती है और पत्नी अपने पति को दिनबदिन नीरस बनता देखती रहती है, जिस से उस का मन व्यग्रता और हताशा से भरने लगता है. ये दूरियां एक ऐसी कशमकश पैदा करती हैं जिस की शिकायत पत्नियां बरसों से करती आई हैं, उन्हें रविवार की दोपहर को क्रिकेट मैच में, अखबार के पन्नों में या फिर चुप्पी में सिमटा या लिपटा पति मिलता है.

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3. जब पत्नी बहाना बनाए, नजदीक न आए

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महेंद्र की शादी को 10 साल हुए गए हैं. उस के दो बच्चे हैं. उसे हर रात को अपनी पत्नी का साथ चाहिए. प्यार की बरसात चाहिए. पर उस की पत्नी मोहिनी उसे गच्चा दे जाती है. वह कभी छोटी बेटी को सुलाने का बहाना बना देती है तो कभी घर का ज्यादा काम करने की वजह से बदन दर्द की शिकायत करते हुए मुंह फेर कर सो जाती है. कभी नजदीक आती भी है तो बेमन से.

महेंद्र इस बात से चिड़चिड़ा हो गया है. वह ऑफिस में भी खुश नहीं रहता है. कभीकभार तो वह अपने साथी कर्मचारियों से भी भिड़ जाता है. नतीजतन अब वह शराब पीने लगा है और कभीकभार किसी प्रोफेशनल लड़की को पैसे दे कर उस के साथ रात बिता लेता है. बहाना बनाता है ऑफिस के टूर का या नाईट शिफ्ट का.

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4. बारिश में इश्क की खुमारी!

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मानसून के मदमाते मौसम में तो उन का प्यार सावन के झड़ी बन कर एकदूसरे पर बरस जाता है. कल की ही बात है. दोनों सुबह ऑफिस जाने के लिए तैयार हो चुके थे. रीना साड़ी पहने हुई थी जबकि रंजन ने फॉर्मल पैंटशर्ट. इसी बीच बारिश ने अपना रंग दिखा दिया. पहले रिमझिम, उस के बाद तेज बरसात. रीना अपनी बालकनी में जा कर आसमान से बरसते पानी का लुत्फ़ लेने लगी. थोड़ी देर में वह भूल गई कि उसे ऑफिस जाना है. बेखयाली में वह थोड़ा सा भीग गई.

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5. सेक्स लाइफ बेहतर बनाने के लिए करें ये आसान काम

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हम अपना वजन कम करने के लिए क्या नहीं करते हैं. इसके लिए हम डाइटिंग भी करते है. जिससे लिए हम कम से कम खाना खाते हैं, लेकिन आप जानते हैं कि कम खाना खाने से कई फायदे हैं. इन्हीं में से एक फायदा है सेक्स लाइफ. कम खाना खाने से आपकी सेक्स लाइफ बेहतर रहती है. यह बात एक शोध में सामने आई.

अगर आप कैलोरी के प्रति सचेत हैं और अतिरिक्त वजन घटाने के लिए स्वास्थ्यवर्धक भोजन ग्रहण करते हैं तो आपके खुश होने का एक और बड़ा कारण मिल गया है. एक दिलचस्प शोध में यह पता चला है कि कम खाने से न सिर्फ लोगों को वजन कम करने में मदद मिलती है, बल्कि यह मूड को भी बेहतर बनाता है और तनाव को कम करता है, जिससे आपकी सेक्स लाइफ बेहतर होती है.

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6. रिश्ता दिल से

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क्या प्यार की कोई सही उम्र होती है? क्या प्यार के लिए कोई छोटा और कोई बूढ़ा होता है? जी नहीं, प्यार की कोई उम्र, कोई सीमा नहीं होती. प्रसिद्ध लेखिका मारिया एजवर्थ ने कहा था कि इंसानी दिल किसी भी उम्र में उस दिल के आगे खुलता है जो बदले में अपने दिल का रास्ता खोल दे. तकरीबन 2 शतक पूर्व कही गई उन की बात आज भी सटीक साबित होती है. शायद इसी बात की मार्मिकता को समझते हुए गजल सम्राट जगजीत सिंह ने फिल्म ‘प्रेम गीत’ (1981) के एक गीत ‘होठों से छू लो तुम…’ की कुछ पंक्तियों में कहा है, ‘न उम्र की सीमा हो… न जन्मों का हो बंधन, जब प्यार करे कोई तो देखे केवल मन…’ चार दशक पहले लिखा यह गीत आज भी प्रासांगिक है. तब प्यार की जो नई परिभाषा कल्पना में पिरो कर शब्दों से सजाई गई थी, आज वह समाज की हकीकत बन गई है.

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7. ब्रेकअप से टूटता है पुरुषों का दिल भी

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समीर (बदला हुआ नाम) कुछ महीनों से काफी डिप्रैशन में रहने लगा है. हंसमुख मिजाज का और दूसरों को भी खुश रखने वाला समीर न तो अब किसी से ज्यादा बातें करता है और न ही कहीं आताजाता है. औफिस से आते ही वह अपने कमरे में बंद हो जाता है. कारण, कुछ महीने पहले उस का अपनी गर्लफ्रैंड से ब्रेकअप हो गया, जिस के कारण वह काफी डिप्रैस्ड रहने लगा है. समीर का कहना है जब उस की गर्लफ्रैंड से उस का ब्रेकअप हुआ तो लगा मानो उस की पूरी दुनिया ही उजड़ गई. वह अपने ब्रेकअप के दर्द से बाहर नहीं आ पा रहा है.

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8. पति-पत्नी के रिश्ते में कायम रखें रोमांस

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सुमित और पूजा के विवाह को हुए 10 साल बीत चुके हैं. लेकिन दोनों के बीच का प्यार देख कर लगता है जैसे कुछ ही अरसा हुआ है. दोनों का कहना है कि आज भी दोनों अपने रिश्ते में वही ताजगी और नयापन महसूस करते हैं जैसे शुरुआती दिनों में. दरअसल, उन्होंने अपने रिश्ते को बो िझल नहीं बनने दिया. एकदूसरे की खुशी का खयाल रखा. सिर्फ शारीरिक नहीं, भावनात्मक रिश्ता इतना मजबूत बनाया हुआ है कि उस में ‘मैं’ की भावना नहीं है. लेकिन हर पतिपत्नी सुमित और पूजा की तरह खुशमिजाज नहीं होते.

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9. क्या आपकी दोस्ती खतरे में है?

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एक रिश्ता है जो हम अपने व्यवहार से बनाते हैं, वह है दोस्ती. दोस्ती एकमात्र ऐसा रिश्ता है जो हम खुद जोड़ते हैं. दोस्त हम स्वयं चुनते हैं. लेकिन दोस्त की इस दोस्ती से कब व कैसे कट कर लिया जाए. आप भी जानिए.

संभव है कि किन्हीं कारणों से आप की दोस्ती अब पहले जैसी नहीं रह गई हो. आप के दोस्त के बरताव में आप कुछ बदलाव महसूस कर सकते हैं या आप में उस की दिलचस्पी अब न रही हो या कम हो गई हो. कुछ संकेतों से आप पता लगा सकते हैं कि अब यह दोस्ती ज्यादा दिन निभने वाली नहीं है और बेहतर है कि इस दोस्ती को भूल जाएं.

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10.जब पार्टनर हो शक्की

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‘‘इतनी लेट नाइट किस से बात कर रहे थे? मेरा फोन क्या नहीं उठाया? वह तुम्हें देख कर क्यों मुसकराई? मेरी पीठ पीछे कुछ चल रहा है क्या?’’ यदि ऐसे सवालों से आप का रोज सामना होता है तो आप ठीक समझे आप का पार्टनर शक्की है.

यदि आप इन सवालों से थक गए हैं और यह रिश्ता नहीं निभा सकते, पर अपने बौयफ्रैंड या गर्लफ्रैंड को प्यार भी करते हैं और उसे इस शक की आदत पर छोड़ना भी नहीं चाहते, तो ऐसे शक्की पार्टनर से निबटने के लिए इन टिप्स पर गौर करें:

द्य किसी भी रिश्ते में सब से बुरी चीज शक करना ही हो सकता है. इस से असुरक्षा, झूठ, चीटिंग, गुस्सा, दुख, विश्वासघात सब आ सकता है. रिश्ते की शुरुआत में एकदूसरे को समझने के लिए ज्यादा कोशिश रहती है. एकदूसरे पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है. एक बार आप दोनों में बौंडिंग हो गई तो आप जीवन की और महत्त्वपूर्ण बातों की तरफ ध्यान देने लगते हैं. इस का मतलब यह नहीं होता है कि पार्टनर में रुचि कम हो गई है. इस का मतलब है कि अब वह आप की लाइफ का पार्ट है और आप अब उस के साथ कुछ और बातों में, कामों में अपना ध्यान लगा सकते हैं.

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रिलेशनशिप: ब्रेकअप से टूटता है पुरुषों का दिल भी

समीर (बदला हुआ नाम) कुछ महीनों से काफी डिप्रैशन में रहने लगा है. हंसमुख मिजाज का और दूसरों को भी खुश रखने वाला समीर न तो अब किसी से ज्यादा बातें करता है और न ही कहीं आताजाता है. औफिस से आते ही वह अपने कमरे में बंद हो जाता है. कारण, कुछ महीने पहले उस का अपनी गर्लफ्रैंड से ब्रेकअप हो गया, जिस के कारण वह काफी डिप्रैस्ड रहने लगा है. समीर का कहना है जब उस की गर्लफ्रैंड से उस का ब्रेकअप हुआ तो लगा मानो उस की पूरी दुनिया ही उजड़ गई. वह अपने ब्रेकअप के दर्द से बाहर नहीं आ पा रहा है.

यह कहना गलत नहीं होगा कि भागतीदौड़ती जिंदगी के बीच रिश्ते भी बहुत तेजी से बदल रहे हैं, आजकल जितनी जल्दी लोगों को प्यार हो जाता है, उतनी ही जल्दी रिश्ते टूट भी जाते हैं. लव अफेयर में जब ब्रेकअप होता है, तो इस का महिलाओं के जीवन पर बहुत बुरा असर होता है. वे डिप्रैशन और असुरक्षा की भावना का शिकार हो जाती हैं. उन में उदासी घर कर जाती है. ब्रेकअप के कारण कई बार वे सुसाइड जैसे खतरनाक कदम भी उठा लेती हैं, क्योंकि पुरुषों की तुलना में महिलाएं अधिक भावुक और संवेदनशील होती हैं.

वहीं माना जाता है कि पुरुषों पर ब्रेकअप का कुछ खास असर नहीं पड़ता. लेकिन ऐसा नहीं है. कई बार पुरुष भी ब्रेकअप से प्रभावित होते हैं. फर्क सिर्फ इतना है कि ब्रेकअप होने पर महिलाएं अपना दर्द व्यक्त कर पाती हैं, जिस से उन के दिल का बोझ कुछ कम हो जाता है, जबकि पुरुष अंदर ही अंदर घुटते रहते हैं और ब्रेकअप के दर्र्द अकेले ही झेलते हैं. कईर् बार पुरुष ब्रेकअप से इस कदर टूट जाते हैं कि वे लोगों से मिलनाजुलना खानापीना तक छोड़ देते हैं.

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ब्रेकअप का पुरुषों पर असर

खुद को दोषी मानने लगना : ब्रेकअप होने के बाद ज्यादातर पुरुष खुद को ही दोषी मानने लगते हैं. भले ही लोगों के सामने वे कुछ भी कह लें, पर मन ही मन ब्रेकअप के लिए खुद को ही जिम्मेदार मानते हैं. इस से वे गहरे तनाव में आ जाते हैं. अधिक तनाव में रहने के कारण उन के सोचनेसमझने की क्षमता पर नैगेटिव असर पड़ने लगता है. जो पुरुष अधिक संवेदनशील होते हैं, वे अपने पार्टनर की गलती होते हुए भी, उस की गलती न मान कर खुद को ही दोषी ठहरा देते हैं. ब्रेकअप के बाद ऐसे संवेदनशील लोग भीतर से टूट जाते हैं.

अकेलापन : पुरुष ब्रेकअप के बाद अकसर ज्यादा अकेलापन महसूस करते हैं. वे अपना दुख जाहिर नहीं कर पाते और ऐसे में उन्हें सांत्वना देने वाला कोई नहीं होता. जबकि महिलाएं अपने दिल का हाल अपनों से बांट लेती हैं. इस से उन का दर्द कम हो जाता है. पर पुरुषों के साथ ऐसा नहीं होता है.

नशे का सहारा लेते हैं : ब्रेकअप के बाद तनाव और डिप्रैशन का शिकार सिर्फ महिलाएं ही नहीं होतीं, बल्कि पुरुष भी होते हैं. भले ही ब्रेकअप के तुरंत बाद वे आजादी महसूस करते हों, पर धीरेधीरे वे अकेलापन और तनाव महसूस करने लगते हैं. इस के कारण वे खुद को शराबसिगरेट में डुबो लेते हैं. उस से उन का तनाव घटता नहीं, बल्कि और बढ़ता जाता है.

गलतियां दोहराते हैं : पुरुष ब्रेकअप के बाद खुद को दोषी जरूर मानते हैं, लेकिन वे खुद में बिलकुल सुधार नहीं करते हैं. जहां ब्रेकअप के बाद महिलाएं किसी नए रिलेशनशिप में नहीं पड़ना चाहतीं, वहीं पुरुष ब्रेकअप के गम को भुलाने के लिए किसी दूसरे पार्टनर की तलाश में लग जाते हैं, जबकि कई बार यह तलाश सही साबित नहीं होती है. लेकिन पुरुष किसी सहारे की खोज में होते हैं, अगर उन्हें कोईर् पार्टनर मिल भी जाता है तो ब्रेकअप के बाद पुरुष जल्दी उस पर भरोसा नहीं कर पाते और टाइमपास करने लगते हैं. ऐसे रिलेशन ज्यादा समय तक नहीं टिकते और फिर टूट जाते हैं.

अपने एक्स को याद कर के बेचैन हो जाना : यह देखा गया है कि ब्रेकअप के बाद भी ज्यादातर पुरुष को यह उम्मीद होती है कि उन की प्रेमिका फिर लौट कर उन के पास वापस आएगी और इस के लिए वे प्रयास भी करते हैं. इस मामले में वे काफी धैर्य दिखाते हैं. मौका मिलने पर वे अपनी एक्स से माफी भी मांग लेते हैं ताकि रिश्ता फिर से सुधारा जा सके.

काम से लेते हैं ब्रेक : कई पुरुष ब्रेकअप के बाद इतने दुख में डूब जाते हैं कि उन्हें कुछ करने का मन नहीं होता, यहां तक कि औफिस में भी उन का मन नहीं लगता और वे काम से छुट्टी ले लेते हैं. लेकिन इस से भी उन्हें चैन नहीं मिलता, क्योंकि खाली बैठेबैठे फिर वही ब्रेकअप की बातें उन्हें परेशान करने लगती हैं और उन का दर्र्द घटने के बजाय और बढ़ने लगता है, वहीं, महिलाएं मानसिक परेशानी के बावजूद अपने काम बेहतर ढंग से करती रहती हैं.

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ब्रेकअप के दर्द से कैसे उबरें पुरुष

किसी भी रिश्ते को भुलाना आसान नहीं होता. उस से हमारी भावनाएं जुड़ी होती हैं. खासकर जब रिश्ता प्यार का हो. जब हम किसी अपने से अलग होते हैं, तो उस दर्द को बरदाश्त कर पाना आसान नहीं होता. हम उस रिश्ते से निकलना चाहते हैं, पर हमारी भावनाएं हम पर हावी रहती हैं. यही भावनाएं डिप्रैशन का कारण बनती हैं. हम उसे भुलाने की कोशिश करते हैं, पर बारबार उस की याद आती है.

ऐसे में अकसर हम वे गलतियां कर जाते हैं जो हमें नहीं करनी चाहिए. जैसे, बारबार हम अपने एक्स को फोन लगाते हैं, उसे मैसेज करने लगते हैं. कभी खुद को कमरे में बंद कर लेते हैं, तो कभी नशे में डूब जाते हैं. ब्रेकअप का वक्त बहुत बुरा होता है. हम किसी से इतने इमोशनली अटैच होते हैं कि हर वक्त उस की आदत होती है और जब वह अचानक साथ छोड़ जाता है, तो यह हम से बरदाश्त नहीं होता है. मन की उदासी सारी ताकत चूस लेती है. लेकिन यह सचाई स्वीकार करनी होगी कि अब वह आप के साथ नहीं है और अब आप को जीवन में आगे बढ़ना होगा.

भूलने की कोशिश न करें : अपने प्यार को भुलाना आसान नहीं होता. तो आप उसे भूलने की कोशिश भी न करें, क्योंकि ऐसा करने से उस की और ज्यादा याद आएगी. उसे अपने और दोस्तों की तरह ही समझें, ताकि आप के मन में उस के लिए कुछ अलग महसूस न हो.

अकेले न रहें : ब्रेकअप के बाद अकसर लोग अकेले रहना पसंद करते हैं. यह सही नहीं है. दोस्तों से मिलें, परिवार को समय दें, उन के साथ थोड़ा वक्त बिताएं. घूमने जाएं. इस से आप के मन में सुकून मिलेगा और आप खुश भी रहेंगे.

अपने कैरियर पर ध्यान दें : ब्रेकअप का असर कभी भी अपने कैरियर पर न पड़ने दें. अकसर लोग ब्रेकअप के बाद अपने काम में मन नहीं लगाते और पर्सनल के साथ प्रोफैशनल लाइफ भी खराब कर लेते हैं. यह गलती करने से बचें, क्योंकि जिसे आप के जीवन से जाना था, चला गया. तो, उसे भूल जाएं और अपने काम पर फोकस करें.

खुद को दोष देना बंद करें : आप का ब्रेकअप हुआ है, इस का यह मतलब नहीं कि सारी गलती आप की ही थी. हर इंसान का अपनाअपना नेचर होता है. हो सकता है आप दोनों का नेचर मेल नहीं खाता हो, इसलिए आप दोनों का ब्रेकअप हो गया, तो यह तो एक दिन होना ही था, ऐसा सोचिए और कि जो कल होना था, आज हो गया. सो, अब अपनी गलतियों से सीख लें और सैल्फ गिल्ट में न जीएं.

हमेशा पौजिटिव रहें : यह सोचें कि जो हुआ, अच्छा हुआ, जो होगा, अच्छा ही होगा, की सोच के साथ खुद को खुश रखने की कोशिश करें. कहते हैं, हम जैसा सोचते हैं, वैसे ही होता है. इसलिए, हमेशा पौजिटिव सोच रखें.

जरा सोशल बनें : खुद को अच्छा महसूस कराने के लिए वह करें जिस से आप को खुशी मिली है. आप अपनी पसंद की कोई हौबी चुनें और उस में व्यस्त रहें.

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परिस्थिति का सामना करना सीखें: अपनी परिस्थिति को स्वीकार कर आगे बढ़ने में ही भलाई है. इसलिए पिछली कड़वी यादों को भुला दें. इस सोच के साथ आगे बढ़ें कि जो होगा, सही होगा.

नशे को दोस्त न बनाएं : अकसर लोग ब्रेकअप के बाद उसे भुलाने के लिए नशे का सहारा लेने लगते हैं, जो गलत है. ब्रेकअप हुआ, कोई जिंदगी खत्म नहीं हो गई. रास्ते और भी हैं. बस, चलने की ताकत रखिए. नशे में कुछ देर तक अपने एक्स को भुलाया जा सकता है, लेकिन उस के बाद फिर क्या. इसलिए नशे से खुद को दूर रखिए.

अपनी कमियों को सुधारें : आप का ब्रेकअप क्यों हुआ? यह सोचें और सबक लें, ताकि आगे यह गलती न हो पाए. ज्यादा पजैसिव न हों.

साइकोलौजिस्ट की सलाह लें : अपनी फीलिंग्स हर किसी से शेयर न करें. क्योंकि जितने मुंह उतनी बातें

होंगी, जाने कौन आप की बातें किस तरह से ले. अच्छा है आप किसी अच्छे साइकोलौजिस्ट से कंसल्ट करें, वे आप को सही सलाह देंगे.

आप बीमार नहीं हैं, यह याद रखें : हर बात पर दवाइयां लेना उचित नहीं. इसलिए डिप्रैशन की दवाइयों में न उलझें. यह परिस्थिति ऐसी है जो धीरेधीरे वक्त के साथ ठीक हो जाएगी, अगर नींद नहीं आती है तो किसी अच्छे लेखक की किताब पढि़ए, पत्रिकाएं पढि़ए, म्यूजिक सुनिए. याद रखिए. जब वह वक्त नहीं रहा, तो यह वक्त भी गुजर जाएगा.

ब्रेकअप को करें सैलिब्रेट : हर छोटीबड़ी खुशियों को सैलिब्रेट करना जैसे जरूरी है, वैसे ही अपने ब्रेकअप को भी एंजौय करें. खुद को ट्रीट दें. आप को अच्छा महसूस होगा.

आप को शायद पता नहीं, फेसबुक डेटा से साबित हो चुका है कि एक खास दिन को प्रेमी, एकदूसरे से अलग होने का उत्सव मनाते हैं. यह दिन है 11 दिसंबर, जब कई प्रेमी युगलों ने रिश्ता खत्म किया होगा. साइकोलौजिस्ट के मुताबिक, जो एकतरफा प्यार में होते हैं वे लोग साल के अंत में यानी दिसंबर में अपना रिश्ता खत्म कर देते हैं. इस वजह से दिसंबर में ब्रेकअप डे मनाया जाता है.

क्या आपको भी सेक्स के दौरान होता है दर्द

सेक्‍स एक ऐसी अनुभूति है, जिसमें आप पूरी तरह से खो जाते हैं. लेकिन जब दोनों को सेक्‍स के आनंद में होना चाहिए, तब कई महिलाएं खुद को अहसनीय दर्द में पाती है. यह समस्‍या केवल लाखों लोगों को प्रभावित ही नहीं करती, बल्कि उम्र के साथ बदतर होती जाती है. वास्‍तव में अमेरिका में सेक्‍स सर्वे के अनुमान के अनुसार, सेक्‍सुअल पेन 20 प्रतिशत अमेरिकी महिलाओं को- 15 प्रतिशत मेनोपॉज से पहले और 33 प्रतिशत उसके बाद प्रभावित करता है.

‘जो डिवाइन’ – सेक्स टॉय कंपनी की फॉर्मर नर्स और सीओ-फाउंडर सामन्था इवांस कहती हैं कि इसके कारण भिन्न हो सकते हैं. दर्द योनि के आस-पास मसल्‍स के टाइट होने या प्रवेश से पहले कामोत्‍तेजना की कमी के कारण होता है. वह कहती है कि बहुत ज्‍यादा कॉपी पीने या बहुत अधिक स्‍ट्रॉबेरी खाने से इसका कारण हो सकता है. ऐसा इसलिए क्‍योंकि इन खाद्य पदार्थों में ऑक्सलेट्स नामक तत्‍व बहुत अधिक मात्रा में होता है- जो संवदेनशील महिलाओं के यूरीन मार्ग में जलन पैदा करता है.

सेक्स दर्दनाक नहीं होना चाहिए 

सेक्‍स महिला और उसके पार्टनर दोनों के लिए एक सुखद अनुभव होना चाहिए. सेक्‍स के दौरान दर्द को कभी भी अनदेखा नहीं करना चाहिए. अगर आप सेक्‍स के दौरान या बाद में दर्द का अनुभव करते हैं, तो अपने डाक्‍टर से सलाह लेनी चाहिए.

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अक्सर आपका डॉक्टर समस्या का निदान कर आसानी से उसका समाधान कर देता है. हालांकि कई महिलाएं शादी और रिश्‍ते के टूटने के बाद सेक्‍स करने से बचती है. लेकिन अगर समस्‍या सच में दर्द को लेकर है तो अपने पार्टनर से इस बारे में खुल कर बात करें और एक दूसरे को समझते हुए सेक्‍स की प्रक्रिया में बदलाव करें. सेक्‍स के दौरान दर्द के कई कारण हो सकते हैं कुछ का इलाज आसानी से हो जाता है तो कुछ का समाधान करने में काफी समय लग जाता है.

आहार से परेशानी

आहार में ऑक्सलेट्स का उच्‍च स्‍तर के कारण संवदेनशील यूरीन मार्ग में जलन पैदा हो जाती है- पाइप से यूरीन शरीर से उत्‍सर्जित किया जाता है. जब बहुत ज्‍यादा ऑक्‍सलेट्स आंत के माध्‍यम से खून में अवशोषित होता है, वह कैल्शियम के साथ मिलकर तेज कैल्शियम-ऑक्‍सलेट्स बनाता है. यह शरीर में कहीं भी नाजुक ऊतकों के साथ जुड़कर, दर्द और नुकसान का कारण बनता है. जिन महिलाओं को इर्रिटेबल बॉउल सिंड्रोम (आईबीएस) की समस्‍या होती है वह आंतों की खराबी के कारण बहुत ज्यादा ऑक्‍सलेट्स को अवशोषित कर लेती है. 3-6 महीनों तक कम ऑक्‍सलेट्स आहार लेकर इसके लक्षणों में सुधार किया जा सकता है. उच्‍च ऑक्‍सलेट्स आहार में अजवाइन, कॉफी, सेम, बीयर, लीक, पालक, मीठा आलू और स्ट्रॉबेरी शामिल हैं.

लुब्रिकेशन की कमी

यह सेक्‍स के दौरान दर्द का प्रमुख कारण है. कामोत्‍तेजना में कमी का मतलब योनि में लुब्रिकेशन की कमी है, लेकिन कई महिलाएं में (जिनमें युवा महिलाएं भी शामिल है) पर्याप्‍त मात्रा में लुब्रिकेशन नहीं होता है. योनि में ड्राईनेस को हमेशा से महिलाओं के मेनोपॉज से जोड़ा जाता है, लेकिन युवा महिलाएं भी गर्भनिरोधक गोली, मासिक हार्मोनल परिवर्तन, तनाव और चिंता के कारण इससे प्रभावित होती है और उनका सेक्‍स करने को मन नहीं करता. सेक्‍स से पहले फोर प्‍ले में ज्‍यादा जयादा समय लगाने से महिला के यौन सुख में सुधार किया जा सकता है. हालांकि मेनोपॉज महिलाओं योनि में ड्राईनेस सामान्‍य स्‍थिति है लेकिन लुब्रिकेशन के उपाय वास्‍तव में आपकी मदद कर सकता है.

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कामोत्तेजना की कमी

ज्‍यादातर महिलाएं को सेक्‍स करने से पहले वॉर्म होने की जरूरत होती है लेकिन कई पुरुष साथी के तैयार होने से पहले ही सेक्‍स के लिए जल्‍दबाजी करते हैं. सेक्‍स से पहले फोरप्‍ले आपके यौन सुख को बढ़ा सकता है. कई बार सेक्‍स करना संभव नहीं होता लेकिन आप इंटरकोर्स के बिना फोरप्‍ले से सेक्‍स का मजा ले सकते हैं.

एलर्जी की स्थिति

कई महिलाओं को नए प्रोडक्‍ट इस्‍तेमाल करने पर यानी नया शैम्पू या शॉवर जेल का प्रयोग करने से लेकर वाशिंग पाउडर तक सब खुजली या जलन का अनुभव होता है. यहां तक कि कुछ तरह के योनि लुब्रिकेशन भी एलर्जी का कारण बनते हैं, इसलिए अपने जननांगों की नाजुक त्‍वचा में कुछ भी इस्‍तेमाल करने से पहले सावधान रहें. साथ ही कुछ लाटेकस प्रोडक्ट जैसे कंडोम और सेक्‍स खिलौने और कुछ शुक्राणुनाशक क्रीम एलर्जी की प्रतिक्रिया कर सकते हैं.

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तर्क

अगर एक महिला अपने रिश्‍ते में भावनात्‍मक दर्द का सामना करती है तो सेक्‍स के दौरान दर्द हो सकता है. क्‍योंकि ऐसे में वह अपने पार्टनर को दुश्‍मन की तरह अनुभव करती है. अगर आपको सेक्‍स के दौरान या बाद दर्द का अनुभव करते हैं तो चिकित्‍सक से सलाह लें. ऐसे में ‘परामर्शदाता या सेक्स चिकित्सक परामर्श से आपको मदद मिल सकती है. चुप्‍पी में पीड़ि‍त होने की जरूरत नहीं है.

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