आखिर युवकों से वर्जिनिटी क्यों नहीं पूछते?

हर युवक या बौयफ्रैंड अपने लिए वर्जिन युवती या गर्लफ्रैंड ही चाहता है. भले ही वह खुद कितनी ही युवतियों की वर्जिनिटी भंग कर चुका हो. साथ ही यह माना जाता है कि यदि युवती वर्जिन है तो ही वह चरित्रवान है, लेकिन युवक के लिए ऐसी कोई शर्त ही नहीं है. उसे तो हमेशा ही वर्जिन माना गया है. आखिर वर्जिनिटी क्या है? युवक क्यों देते हैं इसे इतनी अहमियत? इस का युवती के चरित्र से क्या संबंध? ऐसे बहुत सारे सवालों के जवाब और गलतफहमियों को समझने की जरूरत है. पिछले साल की बहुचर्चित फिल्म ‘पिंक’ में जब वकील कोर्ट में खुलेआम तापसी पन्नू के किरदार से सवाल करता है कि उस की वर्जिनिटी कब खोई थी, तो वहां सन्नाटा पसर जाता है. भारत में युवकयुवती का फर्क सिर्फ लिंगभेद तक ही सीमित नहीं रहता  बल्कि वर्जिनिटी के सवाल को ले कर भी है.

सैक्स और वर्जिनिटी

गर्लफ्रैंड जब अपने बौयफ्रैंड से मिलती है तो जाहिर है कि आज की जनरेशन सैक्स से परहेज नहीं करती. इसलिए दोनों में उन्मुक्त सैक्स होता है और पारंपरिक रोमांस भी, जब तक दोनों का अफेयर चलता है, कायदे से दोनों ही अपनी वर्जिनिटी खो चुके होते हैं.

बौयफ्रैंड चाहे कितनी ही बार सैक्स कर ले, कितनी ही युवतियों का दिल तोड़े, उस से कभी उस की वर्जिनिटी को ले कर सवाल नहीं पूछा जाता. युवती की शादी में भी कई सवाल पूछे जाते हैं, लेकिन युवक वर्जिन है या नहीं, इस सवाल को कोई नहीं उठाता. वहीं युवती का हर दूसरा बौयफ्रैंड यही उम्मीद रखता है कि उस की गर्लफ्रैंड वर्जिन हो यानी उस ने किसी के साथ सैक्स न किया हो. भले ही युवक ने अपनी ऐक्स गर्लफ्रैंड के साथ कई बार शारीरिक संबंध बनाए हों पर युवती उसे वर्जिन चाहिए.

युवक भी वर्जिन होते हैं

 कालेज और क्लास में अकसर स्टूडैंट्स के बीच आम बहस का टौपिक होता है कि उन की गर्लफ्रैंड या क्लासमेट ने अपनी वर्जिनिटी कब खोई थी. बड़े दिलचस्प अंदाज में युवक अंदाजा लगाते हैं कि फलां युवती वर्जिन है या नहीं. अपनी गर्लफ्रैंड बनाने की पहली प्राथमिकता भी वह एक वर्जिन युवती को ही देते हैं, लेकिन वे खुद के गिरेबान में कभी झांक कर नहीं देखते कि वे वर्जिन कहां हैं?

अमिताभ बच्चन इस विषय पर अपनी राय रखते हुए कहते हैं कि अगर युवतियों से उन की वर्जिनिटी, कौमार्य या कुंआरेपन को ले कर सवाल पूछे जाते हैं तो युवकों से भी ये सवाल पूछे जाने चाहिए. इस में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए. वे आगे कहते हैं कि अगर किसी युवती से कुछ पूछा जाता है तो उस पर सवालिया निशान लगता है जैसे उस ने कोई गलत काम कर दिया है, लेकिन जब युवकों का मामला हो तो सवाल विस्मयादिबोधक चिह्न के साथ आता है जैसे उन्होंने कोई महान काम कर दिया हो.

वर्जिनिटी टैस्ट में फेल तो…

 आएदिन अखबारों में इस तरह की खबरें पढ़ने को मिल जाती हैं, जहां वर्जिनिटी टैस्ट करने के नाम पर युवती की शादी टूट जाती है या फिर उसे प्रताडि़त किया जाता है. गर्लफ्रैंड और बौयफ्रैंड के रिश्ते भी इसी बात के आधार पर टूट जाते हैं. पिछले दिनों यह खबर आई थी कि महाराष्ट्र के नासिक में एक पति ने शादी के 2 दिन बाद ही अपनी पत्नी को सिर्फ इसलिए छोड़ दिया, क्योंकि वह वर्जिनिटी टैस्ट में फेल हो गई.

इतना ही नहीं युवती वर्जिन है या नहीं इस का फैसला करने के लिए पंचायत के सदस्यों द्वारा शादीशुदा जोड़े को बिस्तर पर सफेद चादर बिछा कर सैक्स करने के लिए कहा जाता है. सैक्स के बाद अगर चादर पर खून के धब्बे नहीं मिलते, तो युवती को वर्जिन नहीं माना जाता. इस मामले में युवक ने अपनी पत्नी के वर्जिनिटी टैस्ट का प्रमाण पंचायत को सौंपा. युवक ने सुबूत के तौर पर वह चादर पंचायत के सामने पेश की. इस चादर पर खून के धब्बे न होने पर पंचायत के सदस्यों ने पति को शादी खत्म करने की अनुमति दे दी.

वर्जिन टैस्ट और भ्रम

 आम धारणा है कि जिस युवती ने पहली बार सैक्स कर लिया उस की फीमेल रिप्रोडक्टिव और्गन में पाई जाने वाली हाइमन झिल्ली फट जाती है और ब्लड निकल जाता है. अगर वह झिल्ली न फटे तो उसे वर्जिन होने की निशानी माना जाता है. बस, इसी बात को ले कर गलतफहमी है कि पहली बार सैक्स करते समय गर्लफ्रैंड को ब्लीडिंग हुई तो वह वर्जिन वरना नहीं, जबकि गाइनोकोलौजिस्ट और सैक्स ऐक्सपर्ट मानते हैं कि हाइमन झिल्ली का सैक्स संबंध और वर्जिनिटी से कोई वास्ता नहीं है. 90त्न युवतियों की यह झिल्ली साइकिलिंग, घुड़सवारी, डांस या अन्य शारीरिक क्रियाओं के दौरान फट जाती है. ऐसे में यह कहना कि युवती ने सैक्स किया है, गलत है.

बौयफ्रैंड की भी वर्जिनिटी जांचें

अगर बौयफ्रैंड बातबात पर वर्जिन होने का सुबूत मांगे तो उस का भी वर्जिनिटी का परीक्षण करना चाहिए. इस से न सिर्फ उसे सबक मिलेगा बल्कि वह वर्जिन जैसी बेमतलब की बातों को दोबारा नहीं पूछेगा. लेकिन यह कैसे पता करें? यदि आप को भी बौयफ्रैंड की वर्जिनिटी चैक करनी है तो उस से सवाल करें और उस के व्यवहार को समझें. मसलन, अगर बौयफ्रैंड वर्जिन है तो आप के साथ सैक्स करने में जल्दबाजी नहीं करेगा. सैक्स के दौरान भी काफी असहज दिखेगा. पहली बार संबंध बनाते समय घबराता है या फिर वह पोजीशन नहीं जमा पाता. वह आप के साथ संबध बनाने से कतराएगा, जबकि पहले से सैक्स संबंध बना चुका बौयफ्रैंड आसानी से सैक्स करेगा. वर्जिन बौयफ्रैंड गर्लफ्रैंड से एक दूरी बना कर बात करेगा और कई बार घबराएगा भी, जबकि वर्जिनिटी खो चुका बौयफ्रैंड खुल कर गर्लफ्रैंड को टच करेगा और जबतब सैक्स करने के मौके खोजेगा.

कुल मिला कर युवकयुवती का संबंध प्रेम पर टिका हो न कि सैक्स और वर्जिनिटी के सवाल पर. वर्जिन कोई नहीं होता. किसी ने सैक्स किया होता है और कोई पोर्न फिल्में देख कर खयाली सैक्स करता है इसलिए गर्लफ्रैंडबौयफ्रैंड का रिश्ता भरोसे पर टिका हो और जो युवक युवती से उस की वर्जिनिटी को ले कर सवाल करे उसे पहले युवती को अपनी वर्जिनिटी का सुबूत देना चाहिए.

जानें वो 5 कारण जिसकी वजह से सेक्स को कहें ‘ना’

जब आप किसी के साथ फिजिकल रिलेशन बनाना चाहते हैं तो कई बातें दिमाग में आती हैं. क्या आप उसके प्रति आकर्षित हैं? क्या आप में वो आग है? क्या आप उसके साथ सहज हैं? सेक्स के बाद आपको कल कैसा मेहसूस होगा? क्या ये सुरक्षित है? ये सब बातें हैं जो आपके दिमाग में चलती रहती हैं और कई बार आप फौरन फैसला कर लेते हैं लेकिन कई बार काफी समय लग जाता है.

बहरहाल हम यहां आपको बताने जा रहे हैं 5 ऐसे संकेत जिसे देखते ही आपको सेक्स के लिये मना कर देना चाहिये.

1. वो पुरुष जो दूसरी महिलाओं के बारे में ओछी बात करें

कई पुरुष दूसरी महिलाओं के बारे में ऊट-पटांग बातें करके ये दिखाना चाहते हैं कि आप (महिला दोस्त) उनसे अलग और कहीं ज्यादा बेहतर हैं. ऐसे व्यक्ति के साथ हमबिस्तर होने से बचना चाहिये क्योंकि जिस विषय पर वो बात कर रहा उससे साफ है कि वो आपकी भी इज्जत नहीं करता. उनका ये कहना कि आप “अलग” हो, कोई तारीफ नहीं है. ऐसे लोगों को दरवाज़ा दिखा देना चाहिये.

2. ऐसे पुरुष जो आपकी हदों की इज़्ज़त नहीं करते

अगर आप कहें कि आप किस नहीं चाहती या किस करना नहीं चाहती, लेकिन फिर भी वो आपको किस कर लेता है तो इसका मतलब वो आपकी सीमाओं की इज़्ज़त नहीं कर रहा. कोई अगर दोस्ती की शुरुआत में ही सीमा लांगने लगे तो समझो कि वो ऐसा हमेशा करेगा और ऐसे व्यक्ति से कतई सेक्स नहीं करना चाहिये.

3. किस का स्टाइल ठीक नहीं है

अगर किसी का किस करने का तरीका आपके तरीके से मेल नहीं खाता तो जाहिर है आप ऐसे व्यक्ति के साथ सेक्स का आनंद नहीं ले सकती. आप उसे किस करना सिखा सकती हैं और अगर वो तब भी न सीखें तो बेहतर होगा आप उसे बाय बाय कर दें.

4. आप बहुत आसानी से भावनात्मक रुप से जुड़ जाती हैं

अगर आप बहुत आसानी से किसी व्यक्ति के साथ भावनात्मक रुप से जुड़ जाती हैं तो बेहतर होगा कि उसके साथ सेक्स न करें. अगर इसके पहले भी आपको सेक्स के दौरान या बाद में खराब महसूस हुआ हो तो भी ऐसे व्यक्ति से सेक्स नहीं करना चाहिये.

5. आप या वो नशे में धुत्त हो

अगर आप या आपका पार्टनर नशे में इतना धुत्त हो कि सेक्स की इजाजत लेने लायक भी न हो तो बेहतर है सेक्स न करें क्योंकि इसे आप इंजाय भी नहीं कर पाएंगीं.

किन तरीकों से बोरिंग सेक्स लाइफ को बनाएं मजेदार

सुखी जीवन का सेक्स अभिन्न अंग है. अगर पार्टनर के साथ सेक्स के में मजा नहीं आता तो जाहिर है की आप की सेक्स लाइफ एक ही ढर्रे पर चलती आ रही है. इस लिए जरुरी हो जाता है की सेक्स लाइफ को मजेदार बनाने के लिए सेक्स के नए तरीकों को समय-समय पर अपनाते रहें. सेक्स के ऐसे ही मजेदार तरीकों में शामिल है किंक सेक्स. यह सेक्स का ऐसा तरीका है जिसे अजमा कर न केवल सेक्स के चरम सुख की प्राप्ति की जा सकती है बल्कि सेक्स के दौरान रोमांच भी कई गुना बढ़ जाता है.

किंक सेक्स उन जोड़ों के लिए ज्यादा मजेदार साबित हो सकता है जो वर्षों से ही ढर्रे पर सेक्स करते- करते ऊब चुके है. इस तरह के सेक्स में सेक्स के दौरान नाजुक अंगों को काटना,चाटना हल्का थप्पड़ मारना , दबाना आदि शामिल है. हाल के वर्षों में देश के कई बड़े शहरों में किंक सेक्स को लेकर लोगों में रूचि बढ़ रही है. किंक सेक्स में रूचि रखने वालों में महिला और पुरुष दोनों शामिल है. कुछ शहरों में तो किंक सेक्स की चाहत रखने वाले लोगों ने बाकायदा अपनी कम्युनिटी बना रखी है. जो अक्सर सप्ताह के तय समय को एक जगह मिलते है. इन्हें बीडीएसएम कम्युनिटी के नाम से जाना जाता है.

बीडीएसएम का मतलब होता है बाँडेज यानी बाँध कर डोमिनेंस यानी पार्टनर पर हावी होकर सैडिजम यानी पार्टनर को तकलीफ देकर खुश होना, मैसकिजम यानी दूसरे को पीड़ा पहुँचाना. सेक्स के दौरान यह सब ऐसे किया जाता है की पार्टनर को किसी तरह का शारीरिक नुकसान नहीं होता है बल्कि सेक्स का मजा कई गुना बढ जाता है.

कैसे करें शुरुआत

कई लोगों के लिए किंक सेक्स शब्द ही नया हो सकता है. ऐसे में इस तरह के सेक्स तरीकों को अजमाने से पहले इसके बारे में जान लेना बेहतर होगा. वैसे किंक सेक्स के शौकीन लोगों के अनुसार किंक सेक्स संतुष्टि पाने का एक मनोवैज्ञानिक तरीका है. जिसको अजमाने से सेक्स का मजा कई गुना बढ़ जाता है. इसमें फैंटेसी शामिल होता है. सेक्स में किंक तरीकों अजमाने से पहले पार्टनर की सहमति जरुरी है. साथ ही एक सीमारेखा भी तय किया जाना जरुरी हो जाता है. इससे सेक्स को लेकर आप के कल्पनाओं को पर लग जातें हैं.

आप किंक सेक्स का मजा लेने के लिए शुरुआत पार्टनर की आँखों पर पट्टी बाँध करके कर सकते हैं, या कमरे के अँधेरे कोनों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. इसके बाद पार्टनर के नाजुक अंगों के साथ छेड़-छाड़ के साथ हल्के में काटना या नोचना शुरू कर सकते हैं. आखिर वह सेक्स ही क्या जिसमें मीठा दर्द न हों और मजा ना आये. आप पार्टनर को बेड पर बाँध सकते है. अलग-अलग पोजीशन का इस्तेमाल कर सकते हैं जिसमें कई तरह के एनीमल पोजीशन भी शामिल किये जा सकते हैं. और ध्यान रखें इन सबके पहले अपने बेडरूम को हल्के परफ्यूम की खुशबू से सरोबार करना न भूलें. साथ ही बेडरूम की लाइट का ख्याल जरुर रखें. किंक सेक्स के दौरान बेडरूम की लाइट हल्की नीली, पीली और गाढ़ी लाल होना सेक्स का मजा और बढ़ा देता है.

किंक सेक्स के दौरान आप पूरी तरह से बोल्ड हो जाएँ। हल्की मीठी आवाजें निकालें, सिसकारियों से अपने पार्टनर को मदहोस कर दें. जिससे आप का पार्टनर पूरी तरह से आप के ऊपर हावी होने की कोशिस करेगा. ड्रेस तो ऐसा पहनें की आप का साथी देखते ही आप पर रीझ जाएँ. कभी भी सेक्स की शुरुआत जल्दबाजी में न करें इसकी शुरुआत जितनी धीमी होगी मजा उतना ही ज्यादा आयेगा.

दर्द ऐसा दें जिसमें मजा आये-किंक सेक्स के दौरान काटना, नोचना, हथकड़ी लगाना, हल्के चाबुक का इस्तेमाल करना आम बात हो सकती है. लेकिन इन सब तरीकों का इस्तेमाल वही तक सही है जहाँ तक यह सेक्स के दौरान मजे लेने का एहसास कराये. किंक सेक्स के दौरान कभी इतना आगे न निकल जाएँ आप का पार्टनर दर्द से तड़पने या चिल्लाने लगे. इससे हो सकता है आप को मजा आये लेकिन सामने वाले के नाजुक अंगो के साथ शरीर को नुकसान पहुँच सकता है.

सेक्स प्ले के दौरान यह ख्याल रखें की अत्यधिक उत्तेजना में कहीं आप ऐसा ना काट लें की आप के साथी को किसी तरह का जख्म हो जाए या ऐसे बांधने का ख्याल भी मन में न लायें जिसमें पार्टनर को चोट लगने का डर हो. किंक सेक्स के तरीकों इस्तेमाल जरुर करें लेकिन उसमें प्यार शामिल हो.

गंदगी से रहें दूर

कई बार हम किंक सेक्स के दौरान इतना आगे निकल जाते हैं की सेक्स के दौरान घृणा आने वाली हरकतें भी करने की कोशिश करने लगते है. इससे कई बार सामने वाले पार्टनर का मूड खराब हो सकता है. पार्टनर को उबकाई आ सकती है. पार्टनर का सेक्स से मन ऊब सकता है. कई बार गंदा सेक्स कई तरह की गम्भीर बिमारियों का कारण बन जाता है. ऐसे में किंक सेक्स का तरीका अजमाने से पहले यह जरुर तय कर लें की किंक सेक्स में आपका पार्टनर किन तरीकों को अपनाना ज्यादा पसंद करता है.

अगर आप ऐसा करते हैं तो आप का और आपके साथी का मजा सेक्स के दौरान बढ़ जाएगा. अगर आप भी सेक्स के एक ही ढर्रे से ऊब चुकें है तो किंकी तरीकों को अजमा सकते हैं. बस आप के लिए ध्यान रखने वाली बात यह होगी की इसमें दर्द न शामिल हो बल्कि मजा शामिल हो. इसके लिए आप बताये गए सेफ्टी के तरीकों को अजमा सकते हैं.

सेक्स के ये अंदाज कर सकते हैं आपको हैरान, पढ़ें खबर

सेक्स के ये विचित्र और मजेदार चलन आपको अचरज से भर देंगे. आइए इन पर एक नजर डालें.

महिलाओं का मास्टबेशन बार

टोकियो के शीबाया जिले में मौजूद लव जूल महिलाओं को समर्पित लव व सेक्स बार है. यह बार महिलाओं को तनावमुक्त होकर कौकटेल के साथ गपशप करने की जगह देता है, साथ ही रंगीन सेक्स टौयज की बड़ी रेंज उपलब्ध कराता है. यहां पुरुषों का प्रवेश वर्जित है. वे यहां सिर्फ तभी आ सकते हैं, जबकि वे किसी महिला के साथ हों. इसका उद्देश्य फीमेल मास्टबेशन (हस्तमैथुन) को लेकर जापानी संस्कृति में मौजूद वर्जना को तोड़ने में सहायता करना है.

500 लोगों का विलासोत्सव

शायद 499 लोगों का विलासोत्सव (और्जी) का विश्व कीर्तिमान काफी नहीं था. इसलिए जापान ने 500 लोगों को इकट्ठा कर इसका एक नया कीर्तिमान स्थापित किया. चूंकि जापान के लोग स्मार्ट उद्यमी भी हैं, उन्होंने इसकी एक डीवीडी भी बनाई, जिसे खरीदा जा सकता है.

आईबौल-लिकिंग

इसे औक्यूलोलिंक्टस के नाम से भी जाना जाता है. यह जापान में कामुकता को उकसाने का लोकप्रिय माध्यम बन गया है. यह पहली बार तब सामने आया, जब एक स्कूल ने पाया कि बच्चे स्कूल में आई-पैचेस पहनकर आ रहे हैं. 12 वर्ष के एक तिहाई बच्चे इसमें संलिप्त पाए गए. माना जा रहा है कि यह चलन एक जापानी बैंड बौर्न के एक म्यूजिक वीडियो से प्रेरित है.

नीदरलैंड्स को सलाम

शारीरिक रूप से विकलांग लोगों को सेक्शुअल अंतरंगता का अनुभव देने के लिए हौलैंड सरकार ने उन्हें मासिक वजीफा देना शुरू किया है, ताकि वे ऐम्स्टरडम के रेड लाइट इलाके डि वौलेन की वेश्याओं के पास जा सकें. जर्मनी भी वयस्क सहचर्य के लिए विकलांगों को सब्सिडी देता है.

इनसे दूर ही रहो

आयरलैंड के समुद्री इलाके में एक छोटा-सा द्वीप है इनिस बीग, जो सेक्शुअली दमित समाज के रूप में जाना जाता है. यहां के लोग सेक्शुअल संबंधों के दौरान अंडरवेयर पहने रहते हैं और मानते हैं कि इंटरकोर्स (संभोग) उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.

महिलाएं और मछलियां

ब्राजील के मेहिनाकू गांव में पुरुषों के बीच महिलाओं को मछलियों का तोहफा देकर मनाने की स्पर्धा होती है.

ये डांस है सबसे अच्छा!

कोलंबिया के ग्वेजीरो लोगों का एक औपचारिक नृत्य होता है. यदि इस नृत्य के दौरान किसी महिला ने किसी पुरुष के पैर पर पैर रख दिया तो उन्हें सेक्स करना होता है. अब आप जरा जल्दी से अपनी दूसरी डांस क्लासेस कैंसल कर दीजिए.

लड़का हो या लड़की, जरूरी है Sex की जानकारी

गांव हो या शहर लड़के और लड़कियों में सेक्स की जानकारियां बेहद कम होती है. जो भी जानकारियां होती भी है वह बेहद सतही होती है. इसकी वजह यह है कि पढने लिखने की जगह सोशल मीडिया से यह जानकारियां मिलती है. जो भ्रामक होती है. सोशल मीडिया के अलावा पोर्न फिल्मों से सेक्स की जानकारियां मिलती है. यह दोनो ही पूरी तरह से गलत होती है. कई बार लडकियों को पता ही नहीं होता है और गर्भवती हो जाती है. बात केवल लडकियों में नासमझी की नहीं होती लडकों को भी सेक्स की पूरी जानकारी नहीं होती है.

स्त्री रोगो की जानकार डाक्टर रमा श्रीवास्तव कहती है ‘बहुत सारी घटनाये हम लोगो के सामने आती है. जिनमें लड़की को पता ही नही चलता है कि उसे साथ क्या हो गया है. इसीलिये इस बात की जरूरत है कि किशोर उम्र में ही लड़की सेक्स शिक्षा दी जाय. घर में मां और स्कूल में टीचर ही यह काम सरलता से कर सकती है. मां और टीचर को पता होना चाहिये कि बच्चो को सेक्स की क्या और कितनी शिक्षा देनी चाहिये. इसके लिये मां को खुद भी जानकारी रखनी चाहिये.

गर्भ निरोधक की जानकारी हो:

डाक्टर रमा श्रीवास्तव का कहना है ‘जिस तरह की बाते सामने आ रही है उनसे पता चलता है कि कम उम्र में लडकियो के साथ होने वाला शारीरिक शोशण उनके रिश्तेदारो या फिर घनिष्ठ दोस्तो के द्वारा किया जाता है. इसलिये जरूरी है कि लड़की को यह 10 से 12 साल के बीच यह बता दिया जाय कि सेक्स क्या होता है और यह बहलाफुसला कर किस तरह किया जा सकता है.  लड़कियांे को बताया जाना चाहिये कि वह किसी के साथ एंकात में न जाय. अगर भी इस तरह की कोई घटना हो जाती है तो लड़की को यह बता दे कि मां को अपनी बात बता दे ताकि मां उसकी मदद कर से.

शारीरिक संबंधो से यौन रोग हो सकते है. इनका स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड सकता है.  इन बीमारियो में एडस जैसी जानलेवा बीमारियां भी शामिल है. जिनऽका इलाज तक नही है.  इसी तरह स्कूल में टीचर को चाहिये कि वह लडकियो को बताये कि गर्भनिरोधक गोलियां क्या होती है ? इनऽका उपयोग क्यो किया जाता है. बहुत सारी लडकियों के साथ बलात्कार जैसी घटना हो जाती है तो वह या तो मां बन जाती है या फिर आत्महत्या कर लेती है. ऐसी लडकियो को इस बात की जानकारी दी जानी चाहिये कि अब इस तरह की गोली भी आती है जिसके खाने से अनचाहे गर्भ ऽको रोका जा सकता है. मार्निग आफ्टर पिल्स नाम से यह दवा की दुकानो पर मिलती है.

अस्पतालों में मिले मुफ्त:

डाक्टर रमा श्रीवास्तव का कहना है कि प्राइवेट अस्पतालो में महिला डाक्टरो को एक दिन कुछ घण्टे ऐसे रखने चाहिये जिसऽके दौरान किशोरियो की परेशानियो को हल किया जा सके. यहां पर परिवार नियोजन की बात होनी चाहिये. स्कूलो को भी समय समय पर डाक्टरो को साथ लेकर ऐसी चर्चा करानी चाहिये. जिससे छात्र और टीचर दोनो को सही जानकारी मिल सके.

किशोर उम्र में सबसे बडी परेशानी लडकियो में माहवारी को लेकर होती है. आमतौर पर माहवारी आने की उम्र 12 साल से 15 साल केे बीच की होती है. अगर इस बीच में माहवारी न आये तो डाक्टर से मिल कर पता करना चाहिये कि ऐसा क्यो हो रहा है. डाक्टर रमा का कहना है कि माहवारी में देरी का कारण खानपान में मी पारिवारिकऽइतिहास जैसे मां और बहन को अगर माहवारी देर से आयी होगी तो उसके साथ भी देरी हो सकती है. इसके अलावा कुछ बीमारियो  चलते भी ऐसा होता है. इन बीमारियो में गर्भाशय का न होना, उसका छोटा होना, अण्डाशय में कमी हो, क्षय रोग और एनीमिया के कारण भी देरी हो सकती है. डाक्टर के पास जाकर ही पता चल सकता है कि सही कारण क्या है.

यह बात भी ध्यान देने केे योग्य है किऽभीऽभी लड़की उस समय भी गर्भधारण कर लेती है जब उसऽके माहवारी नही होती है. डाक्टर रमा कहती है ऐसा तब होता है जब लड़की को शरीर गर्भ धारण के योग्य हो जाता है लेकिन माहवारी किसी कारण से नही आती है. यह नही सोचना चाहिये कि जब तक माहवारी नही होगी गर्भ नही ठहर सकता है.

माहवारी में रखे ख्याल:

माहवारी में दूसरी तरह की परेशानी भी आती है. कभी कभी यह समय से शुरू तो हो जाता है लेकिन बीच में एक दो माह का गैप भी हो जाता है. शुरूआत में यह नार्मल होता है लेकिन अगर यह परेशानी बारबार हो तो डाक्टर से मिलना जरूरी हो जाता है. कभी कभी माहवारी का समय तो ठीक होता है लेकिन यह ज्यादा मात्रा में होता है. अगर ध्यान न दिया जाय तो लड़की का हीमोग्लोबिन कम हो जाता है और उसका विकास कम हो जाता है.

डाक्टर रमा कहती है परेशानी की बात यह है किऽकुछ लोग अपनी लडकियो को डाक्टर के पास लाने से घबराती है उनका मानना होता है कि अविवाहित लड़की की जांच कराने से उसके अंग को नुकसान हो सकता है. जिससे पति उस पर शक कर सकता है. ऐसे लोगो को पता होना चाहिये की अब ऐसा नही है. अल्ट्रसाउण्ड और दूसरे तरीको से जांच बिना किसी नुकसान के हो सकती है.

जानकारियां जो दी जानी चाहिये:

  • वैक्सिन द्वारा बचाव – रूबैला, चिकन पाक्स, टिटनेस, हैपिटाइटस और पोलियो के टीके स्कूल समय में लगने चाहिये.
  • युवा उम्र में खाना ऐसा होना चाहिये जो ज्यादा से ज्यादा पौष्टिक हो. इस उम्र में शरीर का विकास होता है इसके लिये पौष्टिक खाना जरूरी होता है.
  • लड़के और लडकियों को गर्भ से बचाव के तरीके बताये जाने चाहिये. जिससे उनको गर्भपात की परेषानियों से निपटना ना पडे.
  • एनीमिया और माहवारी में ज्यादा रक्तस्त्राव होना खतरनाक होता है. इसको छिपाया नही जाना चाहिये.
  • लड़के लडकियों दोनो में त्वचा सबंधी बीमारियां भी हो सकती है. इनमें मुंहासे निकलना सबसे प्रमुख समस्या होती है.
  • पढाई का बोझ और नयेनये दोस्त बनने से कुछ मनोवैज्ञानिक परेशानियां भी हो सकती है.  इस उम्र में पढाई, कैरियर और प्रेम संबंधों को लेकर तनाव को संभालने के लिये काउंसलर से सलाह लेनी जरूरी हो जाती है.

कहीं आप भी तो नहीं करते उन खास पलों में ये गलतियां

सेक्स कोई ऐसी चीज नहीं जिसके लिए मैन्यूअल बनाया जाए, लेकिन हां इसमें कुछ ऐसी चीजें जरूर होती हैं जिनसे बचा जाना चाहिए. अकसर लोग सेक्स के दौरान कुछ गलतियां करते हैं, जिनसे बचकर सेक्स के अनुभव को और भी यादगार बनाया जा सकता है. आइए जानें कुछ ऐसी गलतियां जो लोग अकसर बिस्तर पर करते हैं.

1. फोरप्ले ना करना  

इंटरकोर्स से पहले फोरप्ले ना करने की गलती सबसे ज्यादा की जाती है. अकसर पुरुष उत्तेजित होकर सीधा इंटरकोर्स करने लगते हैं जिसके कारण महिला साथी को काफी परेशानी होती है.

2. साथी का मूड ना पूछना

एक बिजी दिन के बाद हो सकता है आपके साथी का मन सेक्स का ना हो या हो सकता है आपकी महिला साथी पीरियड के दर्द से गुजर रही हो ऐसे में सेक्स के बारे में सोचना उनके लिए मुश्किल होता है. जबरन सेक्स करना महिला के मानसिक और शारीरिक दोनों रूप से कष्टदायक होता है. उनकी इच्छाओं का सम्मान करना चाहिए. (यह बात पुरुषों पर भी लागू होती है)

3. चुपचाप रहना

सेक्स के दौरान की जाने वाली कुछ बेहद आम गलतियों में से एक है चुप रहना. माना कि उन हसीन लम्हों में कुछ बोलना मुश्किल होता है लेकिन चुप रहना या कोई रिस्पोंस ना देना संबंधों को नुकसान पहुंचा सकता है. सेक्स के दौरान अगर आप अपने साथी का साथ दें तो उन लम्हों का आनंद और भी ज्यादा उठाया जा सकता है.

4. नए प्रयोग से इंकार

यह गलती अकसर शादी-शुदा कपल्स के साथ आती है. शादी के बाद लोग सेक्स को एक मजबूरी मान बैठते हैं जो ऐसे में वह क्रिएटिव होने से दूर भागते हैं. अगर आप मानते हैं कि आपको यह काम करना ही है तो क्यों ना उसे करने के दूसरे तरीकों को आजमाएं जाएं?

5. शर्माना और खुलकर इच्छाओं को ना बताना

शर्माना और अपनी इच्छाओं को जाहिर ना करना एक और बड़ी गलती है जो सेक्स के दौरान लोग अमूमन करते हैं. ऐसा कर आप सिर्फ अपने रोमांच को ही कम करते हैं. अगर आपको किसी खास बॉडी पार्ट पर सहलाना या किस करना पसंद है तो इसे अपने साथी को अवश्य बताएं. यह आपको जल्दी ऑर्गेज्म तक पहुंचने में मदद कर सकता है.

6. इधर-उधर की बातें

सेक्स के दौरान इधर-उधर की बातें करना एक और ऐसी चीज है जो महिलाओं से हो जाती है. सेक्स के दौरान यहां-वहां या रोजमर्रा की बातें पुरुष साथी के मूड को खराब कर देती हैं.

7. सेक्स के बाद सीधे सो जाना

सेक्स के बाद सीधे सो जाना तो जैसे शादीशुदा जोड़ों द्वारा की जाने वाली सबसे बड़ी गलती है जिससे बचना चाहिए. सेक्स के बाद सीधे सो जाना या बिस्तर से उठ जाना साथी को एक गलत संदेश देता है. कोशिश करनी चाहिए कि सेक्स के बाद साथी के साथ कुछ देर बिताएं और अपने जज्बात उसके सामने रखें.

8. उपरोक्त गलतियों के अलावा सेक्स के दौरान की जाने कुछ अन्य गलतियां निम्न हैं:

* प्राइवेट पार्ट्स को स्पर्श करने से कतराना

* अपना पूरा वजन साथी पर लाद देना

* क्लाइमैक्स काफी जल्द या काफी देर से आना

* क्लाइमैक्स से पहले साथी को ना बताना

वर्जिनिटी को लेकर कोई भ्रम न पालें

किसी भी युवती के लिए पहले सैक्स के दौरान उस की वर्जिनिटी सब से ज्यादा माने रखती है. युवती की योनि के ऊपरी हिस्से में पतली झिल्ली होती है जो उस के वर्जिन होने का प्रमाण देती है, लेकिन किसी भी युवती की योनि और उस के ऊपरी सिरे में स्थित हाइमन झिल्ली को देख कर यह पता लगाना कि वह वर्जिन है कि नहीं न तो संभव है न ही ठीक. सैक्स के दौरान अकसर पार्टनर द्वारा युवती की योनि से रक्तस्राव की उम्मीद की जाती है लेकिन ज्यादातर मामलों में पाया गया है कि पहली बार सैक्स के दौरान युवती के वर्जिन होने के बावजूद उस की योनि से रक्तस्राव नहीं होता, फिर भी साथी  द्वारा यह मान लिया जाता है कि युवती पहले भी सैक्स कर चुकी है, जबकि पहली बार सैक्स के दौरान युवती की योनि से स्राव होने या न होने को उस के वर्जिन होने का सुबूत नहीं माना जा सकता, क्योंकि पहली बार में बहुत सी युवतियों को इसलिए रक्तस्राव नहीं होता, क्योंकि खेलकूद, साइकिल चलाना आदि की वजह से उन की योनि में स्थित झिल्ली कब फट जाती है उन्हें स्वयं नहीं पता चलता. इस का कारण हाइमन झिल्ली का बहुत पतला व लचीला होना है. कभीकभी युवती में जन्म के समय से ही यह झिल्ली मौजूद नहीं होती. ऐसे में पहले सैक्स के दौरान योनि से रक्तस्राव न होने के आधार पर युवती के चरित्र पर संदेह करना गलत होता है.

पहली बार सैक्स के दौरान युवक अपने साथी से उस के कुंआरी होने का सुबूत भी मांगते हैं, जबकि वह खुद के कुंआरे होने का सुबूत देना उचित नहीं समझते. इस वजह से पहला सैक्स जिसे हम वर्जिनिटी का नाम देते हैं, आगे चल कर सैक्स संबंधों में बाधा बन जाता है. युवती की वर्जिनिटी पर शक की वजह से कई तरह की गलतफहमियां जन्म लेती हैं. इस का प्रमुख कारण कुंआरेपन को ले कर लोगों से सुनीसुनाई बातें हैं.

किसी भी युवक या युवती के लिए पहली बार किए जाने वाले सैक्स का जो रोमांच होता है, उसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह एक ऐसी स्टेज है जहां युवकयुवती एकदूसरे के सामने अपने सारे कपड़े उतारने और सैक्स को ले कर होने वाली झिझक को दूर करने की शुरुआत करते हैं. यहीं से युवकयुवती के कुंआरेपन की समाप्ति होती है और यही वह स्टेज है जहां दोनों अपनी वर्जिनिटी खोते हैं.

युवती को अपने कुंआरेपन का सुबूत देने के लिए कई तरह की परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है जोकि सरासर गलत है. अगर युवती पुरुष से कुंआरे होने का सुबूत नहीं मांगती तो उसे भी चाहिए कि अपने साथी पर विश्वास करते हुए उस के कुंआरेपन पर सवाल खड़ा न करे. अकसर युवती के कुंआरेपन को ले कर घरेलू ंिहंसा व तलाक जैसी नौबत भी आ जाती है. अपने चरित्र का प्रमाण देने के लिए युवती को तमाम तरह के सुबूत पेश करने के लिए कहा जाता है.

सैक्स के दौरान वर्जिनिटी को ले कर आने वाले खून की कुछ बूंदों के प्रति पुरुषवर्ग इतना गंभीर होता है कि वह वर्षों से चले आ रहे इस दकियानूसी खयाल से बाहर आने की सोच भी नहीं सकता, जबकि अपने कुंआरेपन को गृहस्थी के बीच का मुद्दा बनाना गलत है. इसलिए युवकयुवतियों को चाहिए कि वे पहले सैक्स को यादगार बनाएं न कि वर्जिनिटी के चक्कर में पड़ कर संबंधों में दरार पैदा करें.

प्यार और भरोसे से करें शुरुआत

नीरज की अरेंज्ड मैरिज थी, अत: वह अपनी होने वाली पत्नी से कभी मिला नहीं था. ऐसे में नीरज के दोस्त शादी की पहली रात को ले कर नीरज को तमाम तरह की सलाह देने में लगे हुए थे. उस के एक दोस्त ने कहा कि वह अपनी पत्नी के साथ पहली रात के सैक्स यानी सुहागरात में पत्नी के वर्जिन होने का पता लगाने के लिए योनि से रक्तस्राव होने पर जरूर ध्यान दे. अगर रक्तस्राव हुआ तो समझ ले कि पत्नी ने किसी के साथ सैक्स नहीं किया है, अगर नहीं हुआ तो वह पहले सैक्स कर चुकी है.

लेकिन नीरज ने दोस्त की इस बात पर ध्यान न दिया, क्योंकि वह जानता था कि पहले सैक्स में रक्तस्राव होना जरूरी नहीं. इस से यह पता चलता है कि वर्जिन होने के लिए सुबूत देने की जरूरत नहीं होती बल्कि पहली बार किए जाने वाले सैक्स की शुरुआत प्यार और भरोसे के साथ की जाए तो यह न केवल ज्यादा मजा देने वाला होता है, बल्कि इस से रिश्ता और भी गहरा व विश्वसनीय बन जाता है.

बातचीत है जरूरी

सैक्स व मनोरोग विशेषज्ञ डा. मलिक मोहम्मद अकमलुद्दीन का कहना है कि कौमार्य खोने के पहले एकदूसरे के बारे में अच्छी तरह से जान लें, क्योंकि सैक्स आनंद के लिए किया जाता है न कि भूख मिटाने के लिए. इसलिए सैक्स को मजेदार बनाने की कोशिश करें, आपस में कामुक बातचीत की शुरुआत हो और धीरेधीरे यह बातचीत शर्म से ऊपर उठ कर सैक्स संबंध के रूप में आगे बढे़. इस तरह सैक्स का मजा दोगुना हो जाता है और पतिपत्नी के बीच शर्म का परदा भी उठ जाता है.

पहले सैक्स को ज्यादा मजेदार व यादगार बनाने के लिए वर्जिनिटी जैसे दकियानूसी खयाल से ऊपर उठ कर शारीरिक व मानसिक संतुष्टि को ज्यादा महत्त्व देना चाहिए. इस के अलावा किसी तरह की अजीबोगरीब उम्मीदें नहीं पालनी चाहिए जिन से जीवन साथी को किसी तरह की ठेस पहुंचे.

कैसी प्रेमिका की चाहत

एक सर्वे के अनुसार 51% युवा प्रेमियों को प्रेमिका की ब्यूटी, 36% को ब्रेन और 15% को प्रेमिका की ब्यूटी विद ब्रेन दोनों का कौंबिनेशन प्रभावित करता है. प्रेमी प्रेमिका की तरह अपनी पसंद और नापसंद के आधार पर प्रेमिका को चुनते हैं.

आइए जानें वे क्या पसंद करते हैं अपनी प्रेमिका में :

–       युवा प्रेमी को साफसफाई का खयाल रखने वाली प्रेमिका अधिक पसंद आती है.

–       युवा प्रेमी को प्रेमिका की बौडी लैंग्वेज, बाल, आंखें, मुसकराहट भी अपनी ओर आकर्षित करती है.

–       युवा प्रेमी बहुत होनहार प्रेमिका की चाहत नहीं रखते बल्कि उन्हें हर सामान्य कार्य में रुचि रखने वाली प्रेमिका ज्यादा पसंद आती है.

–       51% युवाओं का मानना है कि उन्हें प्रेमिका की खूबसूरती के अलावा उस का केयरिंग नेचर बहुत प्रभावित करता है.

–       आत्मविश्वासी प्रेमिका युवा प्रेमी को ज्यादा पसंद आती है.

–       अकसर युवक ऐसी प्रेमिका को पसंद करते हैं जो अपना अधिकांश समय उन्हें ही दे.

–       बातबात पर इमोशनल होने वाली पे्रमिका से वे दूरी बनाने में ही भलाई समझते हैं.

–       युवा प्रेमी अकसर ऐसी प्रेमिका चाहते हैं, जो सैक्सी और कौपरेट करती हो.

कोरोना के समय ऐसे करें सेफ सेक्स

अगर कोरोना की महामारी के दौरान आपने और आपके साथी ने खुद को एकांतवास में ले लिया है तो ऐसे में आपकी सेक्स लाइफ में रोमांच लाने के कई तरीके हो सकते हैं. कोरोना वायरस के खौफ के साए में हम चेहरे पर तो हाथ का स्पर्श नहीं ले जा रहे हैं लेकिन बदन के अन्य हिस्सों को तो छुआ जा सकता है.

सेक्स सेफ है

यह बीमारी सेक्स से संक्रमित नहीं होती और न ही ऐसा कोई मामला सामने आया है कि किन्ही युगलों के बीच सेक्स के कारण इसका संक्रमण हो गया हो. यह मूल रूप से सांसों के माध्यम से गिरी बारीक बूंदों और किसी संक्रमित सतह को छूने से हो रही है.

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ओरल सेक्स से बचें

इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि कोविड-19 का संक्रमण योनी या गुदा मैथुन से हुआ हो. सेक्स के दौरान चूमना बहुत आम बात है लिहाजा इसका वायरस मुंह की लार के जरिए फैल सकता है. अगर आपका पार्टनर विदेष दौरे से लौटा/लौटी है तो उस स्थिति में चुंबन लेने से बचें! यात्रा करने के दो हफ्ते बाद ऐसा करना सुरक्षित है. कोविड-19 के ओरल-फिकल ट्रांसमिशन के भी सबूत मिले हैं, लिहाज़ा, ओरल सैक्स से बचना चाहिए.

यदि एक भी पार्टनर कोविड-19 का संदिग्ध रोगी है तो बेहतर यही होगा कि आप एक दूसरे से दूर रहे हैं और जांच के नतीजे मिलने तक अलग-अलग कमरों में ही सोएं.

स्ट्रैस रिलीवर

लेकिन अगर आपमें से किसी में भी किसी किस्म का लक्षण दिखायी नहीं दिया है और किसी संक्रमित व्यक्ति या सतह आदि के संपर्क में भी नहीं आए हैं तथा पूरे समय घर पर ही रहे हैं तो सेक्स से अच्छा और कोई तरीका आनंद लेने का नहीं हो सकता. यह तनावपूर्ण समय में बेचैनी दूर करने का सबसे बढ़िया उपाय है.

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फिलहाल यही सलाह है कि जितना हो सके घर पर रहें और रोज़मर्रा की जरूरतों का सामान खरीदने के वक़्त ही दूसरे लोगों के संपर्क में आएं. इस दौरान भी अन्य लोगों से कम से कम दो मीटर की दूरी बनाएं रखें. हालाकि इस स्थिति में कैजुअल सेक्स करना चुनौतीपूर्ण होगा!

हस्तमैथुन

किसी भी किस्म का अंतरर्वैयक्तिक संबंध तभी कायम करें जब ऐसा करना एकदम जरूरी हो. लिहाज़ा, आगामी कुछ हफ्तों में यौन संसर्ग कुछ कम हो सकता है. लेकिन यौन सुख प्राप्त करने के और भी कई तरीके हैं. जो मौजूदा हालात में उपयोगी साबित हो सकते हैं. इनमें सेक्सटिंग, वीडियो कौल, कामोत्तेजक साहित्य पढ़ना और हस्तमैथुन शामिल हैं. याद रखिये, आप अपने सबसे सुरक्षित सेक्स पार्टनर हैं. ऐसे में हस्तमैथुन बढ़िया विकल्प है और यह आपको कोविड-19 से बचाए रखेगा. ऐसे में भी हाथ धोना मत भूलिये और यदि आप सेक्स टौयज का इस्तेमाल करते हैं तो उन्हें भी सेक्स से पहले और बाद में 20 सेकंड अवश्य धो लें.

डा. अनूप धीर, डायरेक्टर अल्फा वन एंड्रोलॉजी ,फेलो औफ यूरोपीयन काउंसिल औफ सेक्सुअल मेडिसिन से बातचीत पर आधारित

क्या अंतरिक्ष यात्री कभी स्पेस में सेक्स करते हैं ?

हालांकि अभी तक न सिर्फ दुनिया की तमाम अंतरिक्ष कार्यक्रम एजेंसियां जैसे नासा आदि इस सवाल से बचती रही हैं बल्कि अंतरिक्ष यात्री भी अव्वल तो सीधे कभी मीडिया से टकराते नहीं रहे और अगर कभी टकराये भी तो ऐसे सवालों से कन्नी काट जाते रहे हैं. लेकिन यकीन मानिये लोगों में यह जानने की हमेशा से सहज जिज्ञासा रही है कि अंतरिक्ष में  जाने वाले महिला और पुरुष एस्ट्रोनाॅट महीनों साथ-साथ रहते हैं तो क्या इस दौरान वे एक दूसरे के साथ स्पेस में सेक्स भी करते हैं? अगर नहीं करते तो क्यों नहीं करते? क्या उनमें इस तरह की इच्छा नहीं होती या कोई और कारण है?

लेकिन ऐसे सवालों से अंतरिक्ष एजेंसियां और अंतरिक्ष यात्री दोनो ही यह कहकर कन्नी काट जाते रहे हैं कि वे अंतरिक्ष इस सबके लिए नहीं जाते, अंतरिक्ष जाने का मिशन बहुत बड़ा होता है, उस सबमें इस सबका न ख्याल आता है और न ही जरूरत महसूस होती है. लेकिन हम सब जानते हैं कि यह एक रूटीन में बोला गया झूठ है.

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सच तो यह है कि ऐसा जवाब देने वाले भी इस बात को जानते हैं कि यह झूठ है. बहरहाल इस सोशल मीडिया के दौर में तमाम अंतरिक्ष यात्री तमाम आम लोगों से भी सोशल मीडिया में जुड़े हुए और लोग उनसे ऐसे तमाम सवालों की निजी रूप से बौछार करते रहते हैं. इसलिए न सिर्फ अंतरिक्ष यात्री बल्कि अंतरिक्ष एजेंसियां भी अब इस और इस जैसे कई दूसरे सवालों का जवाब देने लगे हैं. लेकिन हम यहां सिर्फ इसी सवाल को ले रहे हैं कि क्या अंतरिक्ष यात्री स्पेस में सेक्स करते हैं?

थाॅट कंपनी डाॅट काॅम वेबसाइट में मशहूर साइंस लेखक पीएचडी, जाॅन पी मिल्स ने पिछले दिनों लिखा है कि आने वाले दिनों में इस सवाल की आवृत्ति और ज्यादा इसलिए बढ़ जायेगी क्योंकि साल 2028 और उसके बाद से तमाम स्पेस एजेंसियां लंबे-लंबे अंतरिक्ष, चांद और मंगल मिशन भेजने वाली हैं. इनमें पुरुष भी होंगे, महिलाएं भी होंगी. जाहिर है वो महीनों महीनों तक एक साथ रहेंगे, एक जगह रहेंगे, एक दूसरे को छूने की दूरी में रहेंगे. ऐसे में क्या वे कभी एक दूसरे के साथ अतंरंग होने यानी सेक्स के बाबत नहीं सोचेंगे?

चूंकि स्पेस स्टेशन में तो ऐसे मिशन सालों के लिए जाते हैं, यहां रहते हुए तो यह सहज जिज्ञासा और भी परेशान करेगी. बहरहाल अब बड़ी ईमानदारी और सहजता से न सिर्फ अंतरिक्ष एजेंसियों ने इस सवाल का जवाब देने की कोशिश की है बल्कि कई अंतरिक्ष यात्रियों ने भी व्यक्तिगत रूप से लोगों को ऐसा ही कुछ बताया है. दरअसल अंतरिक्ष में शून्य गुरुत्वाकर्षण होता है, जिसके चलते सैंद्धांतिक रूप से यह तय है कि आप ‘हुक अप’ नहीं कर सकते यानी एक दूसरे से चिपककर सेक्स नहीं कर सकते. क्योंकि अंतरिक्ष में शरीर के हर हिस्से पर खून की मौजूदगी एक सी नहीं होती. इसलिए पुरुष इंद्री में इरेक्शन संभव नहीं होता.

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हालांकि यह लिखते हुए जॉन पी मिल्स ने यह भी कहा है कि यह उनका अनुमानभर है और विज्ञान के नियम के चलते बुनियादी सच्चाई का तर्क. अगर किसी का व्यक्तिगत अनुभव कुछ और हो तो कहा नहीं जा सकता. हालांकि उनके इस चर्चित हुए लेख के बाद से अब तक किसी भी अंतरिक्ष यात्री ने उनके इस लिखे हुए का खंडन नहीं किया. लेकिन न सिर्फ लेखक जाॅन पी मिल्स बल्कि कई दूसरे सेक्सोलाॅजिस्ट और कार्डियोलाजिस्ट ने भी यही बात दोहरायी है.

भौतिक विज्ञान के नियमों के मुताबिक देखें तो सेक्स के लिए पुरुष जननांग में रक्तप्रवाह का तीव्र होना जरूरी है. चूंकि कम गुरुत्व बल के कारण अंतरिक्ष में खून पूरे शरीर में बहता ही नहीं, जैसे वह धरती में बहता है, इसलिए अंतरिक्ष में सिद्धांततः संभोग असंभव है. लेकिन सेक्स महज यौन गतिविधि भी नहीं होती, उसके कई दूसरे रूप भी होते हैं, जो कि हर हाल में संभव हैं.

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मेरी पत्नी को सेक्स में इंटरेस्ट नहीं है, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 35 साल का शादीशुदा मर्द हूं. मेरे 2 बच्चे हैं. पिछले कुछ समय से मेरी पत्नी मु झ से दूरी बना कर रख रही है. वैसे, वह स्वभाव की बहुत अच्छी है और मेरा व बच्चों का भी बहुत खयाल रखती है. लेकिन समस्या यह है कि वह अब मेरे प्रेम प्रस्ताव को टाल देती है. जब भी मैं रात को बिस्तर पर उस के पास जाता हूं, तो वह  झिड़क देती है. वह कहती है कि अब बच्चे बड़े हो रहे हैं, ऐसे में यह नौटंकी उसे पसंद नहीं है.

अभी मेरी पत्नी 30 साल की है और ऐसी बातें करती है, जैसे 60 साल की हो गई है. मैं उसे हर तरह से सम झा कर हार गया हूं, लेकिन वह टस से मस नहीं होती है. मैं क्या करूं?

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जवाब

पहले तो यह समझ लें कि पत्नी के माने सिर्फ जिस्म नहीं होता है कि जब पति चाहे तब वह सैक्सी गुडि़या की तरह बिस्तर पर बिछते हुए उसे अनचाहे मन से मनचाहा सुख दे. बाकी तो आप खुद मान रहे हैं कि वह एक अच्छी पत्नी की तरह घर में सब का खयाल रखती है.

ऐसा लगता है कि आप की पत्नी का मन सैक्स से उचट गया है, जबकि उस का लुत्फ लेने का यह बेहतर समय है. मुमकिन है कि अब उसे पहले जैसी संतुष्टि न मिलती हो, इसलिए खीज कर वह ऐसा बरताव कर रही है कि आप ही उस से हमबिस्तरी की पेशकश न करें.

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आप को प्यार और सब्र से काम लेते हुए उस से उस की परेशानी उगलवानी पड़ेगी, उसे सैक्स के लिए उकसाना पड़ेगा. इस के लिए उसे पोर्न फिल्म दिखा कर देखें और उस के सिर से घरगृहस्थी की जिम्मेदारियों का भार कम करें. इस पर भी बात न बने, तो किसी सैक्स स्पैशलिस्ट डाक्टर से  बात करें.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  सरस सलिल- व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem
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