जब बौयफ्रैंड करे सैक्स की मांग

निशा को समझ नहीं आ रहा था कि अब क्या करे. उस के एक तरफ कुआं था, तो दूसरी तरफ खाई थी. हां करती है तो रिस्क बहुत है और डर भी बहुत लग रहा है, क्योंकि उस के शहर की ही उस की ही बिरादरी की आशा जिज्जी के किस्सेकहानी अभी भी हुआ करते हैं.

शादी के पहले ही आशा जिज्जी पेट से हो गई थीं. इस पर खूब हल्ला मचा था और बदनामी भी हुई थी. लड़का कौन है, यह बताने को वे तैयार नहीं हुईं, तो घर वालों ने उन का जीना हराम कर दिया था. जिस के जी में आता था, लातघूंसों से उन की ठुकाई कर दिया करता था.

इस के कुछ दिन बाद ही आशा जिज्जी घर और शहर छोड़ कर गायब हो गई थीं. फिर उन का कोई अतापता नहीं चला था. किसी ने उन्हें ज्यादा ढूंढ़ने की कोशिश भी नहीं की थी. और करते भी क्यों, आखिर वे बदचलन और कुलटा जो करार दे दी गई थीं.

लेकिन यह सदमा आशा जिज्जी के पिता बरदाश्त नहीं कर पाए थे, जिन्होंने बदनामी के डर से सल्फास खा कर खुदकुशी कर ली थी.

यही सब सोचसोच कर निशा की नींद उड़ गई थी, क्योंकि वह मना करती है तो अमर हमेशा के लिए मुंह मोड़ लेगा, जिस के बिना वह एक दिन भी रह नहीं सकती.

दरअसल, अमर ने निशा को साफसाफ कह दिया था कि अब यह दूरी उस से बरदाश्त नहीं हो रही है और प्यार में सैक्स करना कोई नई या हैरानी की बात नहीं है. अमर के मुताबिक, वे दोनों तो कुछ भी हो जाए, शादी करेंगे ही. मांबाप मान जाएं तो ठीक, नहीं तो घर से भाग कर शादी कर लेंगे.

अमर ने निशा से यह भी कहा था, ‘‘अगर तुम्हें भरोसा नहीं है, तो कोई बात नहीं. हम दोनों के रास्ते अभी भी अलग हो सकते हैं. मैं ने तो तुम से सच्चा प्यार किया है और मरते दम तक करता रहूंगा.

दो बाप का कहना, अगर तुम्हारे सिवा किसी और लड़की के बारे में सोचूं या शादी करूं. हां, जिंदगीभर पछताता जरूर रहूंगा कि जिसे मैं ने जीजान से चाहा, उस ने ही मुझ पर शक किया.’’

निशा ने हिम्मत कर के अमर को आशा जिज्जी वाला मामला बताया, तो वह हंसते हुए बोला था, ‘‘अरे यार, वह जमाना और था, जब लोग बिना कंडोम के सैक्स करने लग जाते थे, लेकिन इस से यह तो साबित होता ही है न कि आज से 15-20 साल पहले भी प्रेमी शादी से पहले सैक्स करते थे.

‘‘और पगली, तू ने यह कैसे सोच लिया कि मैं कभी तुम्हें इस हाल में छोड़ दूंगा. यह तो तुम ने हमारे प्यार की तौहीन कर दी. तुम आइंदा से ऐसा सोचना भी मत.

‘‘बस, एक बार ही तो कुछ मांग रहा हूं, क्योंकि अब इस के बिना रहा और सहा नहीं जाता. वे रोहन और प्रिया तो सैक्स करते हैं, कभी कुछ हुआ क्या? सब एहतियात बरतते हैं और जवानी के मजे लूटते हैं.’’

लेकिन ये दलीलें निशा के गले नहीं उतर रही थीं. हालांकि कभीकभी उस की भी इच्छा होती थी कि अमर से अमरबेल की तरह लिपट कर अपनी प्यास और तड़प बुझा ले. आखिर हर्ज क्या है इस में. आजकल तो सब चलता है. प्रिया कैसे लुत्फ लेले कर बताती है कि सैक्स में कितना मजा आता है. बिस्तर पर पड़ेपड़े जन्नत नजर आने लगती है.

खुद निशा भी महसूस करती थी कि अमर जब उसे बांहों में भर कर छेड़छाड़ करता है, अंगों को सहलाता, मसलता और चूमता है, तो वह जैसे आसमान की सैर पर होती है.

शहर में इंजीयरिंग की पढ़ाई कर रही शालिनी के तो 2-3 लोगों से संबंध हैं, जिन्हें वह कैसेकैसे हंसहंस कर बताती है कि शादी के पहले सैक्स करने का मजा ही कुछ और है.

आजकल के तो प्यार का मतलब ही सैक्स के मजे लूटना होता है और यह कौन सी किताब या शास्त्र में लिखा है कि जिस से एक बार प्यार या हमबिस्तरी कर लो, शादी भी उसी से करो.

जब भी अमर कसबे के बाहर ले जा कर खंडहर में अपने मोबाइल पर उसे ब्लू फिल्म दिखाता है, तो शरीर में जैसे चींटियां रेंगने लगती हैं और दिल करता है कि आज कर ही लें, जो होगा देखा जाएगा. आजकल तो मैडिकल स्टोर पर पेट से न होने देने वाली गोलियां भी बिना परचे के मिल जाती हैं.

अमर तो अपने प्यार की सचाई साबित करने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहता है और आज जमाने के सामने हाथ पकड़ कर शादी के लिए तैयार है. पीछे तो वह ही हट रही है, क्योंकि पहले दीदी की शादी होनी है.

यह मजबूरी न होती तो अब तक तो दोनों अच्छे से जम गए होते. बात अकेले पेट से हो जाने की नहीं है, बल्कि मन में बैठा दिया गया यह डर भी है कि शादी के पहले सैक्स करना पाप है. अपना जिस्म किसी को नहीं सौंपना चाहिए, यह तो पति की अमानत होता है.

हां या न की कशमकश

निशा का एक मन कहता है कि इस में हर्ज क्या है, लेकिन तुरंत ही दूसरा मन कहता है कि इस में इतनी हड़बड़ाहट क्यों? शादी तक सब्र करने में कहां का पहाड़ टूट जाएगा, लेकिन अमर जैसा कि सख्ती से कह रहा है, अगर वाकई उस

से हमेशा के लिए दूर हो गया तो फिर जिंदगी का क्या मतलब रह जाएगा. वह तो एक सैक्स को छोड़ हर लिहाज से उस की हो चुकी है, दिनरात उस के ही खयालों में डूबी रहती है. ऐसे में यह ब्रेकअप बरदाश्त करना मुश्किल हो जाएगा.

बात या परेशानी एक अकेली निशा की नहीं, बल्कि उन लाखों लड़कियों की है, जिन के बौयफ्रैंड कभी न कभी सैक्स की मांग करते ही हैं. इस बाबत वही दलीलें देते हैं, जो अमर ने निशा को दी हैं. निशा ने क्या फैसला लिया था, यह हम आगे बताने जा रहे हैं, लेकिन आमतौर पर लड़कियां ऐसी हालत में क्या और कैसा फैसला लेती हैं, यह भी कम अहम नहीं.

ज्यादातर लड़कियां बौयफ्रैंड की मांग के आगे घुटने टेक देती हैं. इस से उन्हें बाद में परेशानी होती हो, ऐसा कहने की कोई वजह नहीं, क्योंकि उन का बौयफ्रैंड और प्यार दोनों वाकई सच्चे थे. बौयफ्रैंड की नीयत में उस समय कोई खोट उन्हें नजर नहीं आया था. हां, इतना जरूर उन्हें समझना होगा कि वे सैक्स करने का अहम फैसला अपने दिमाग यानी बुद्धि से ले रही हैं और इस की जिम्मेदार वे खुद होंगी.

ज्यादातर लड़कियों के लिए न या हां कहना आसान नहीं होता और न ही मना करना. बौयफ्रैंड इस हालत को ज्यादा बरदाश्त नहीं कर पाता, क्योंकि उस के सिर पर तो सैक्स का मजा लेने का भूत सवार हो चुका होता है. इस के लिए वह अपनी माशूका को इस बाबत बहलाताफुसलाता है, लेकिन बाद में कई बार अपना असली चेहरा दिखाते हुए डरानेधमकाने के लिए भी उतारू हो जाता है.

न कहें तो सोचसमझ कर बौयफ्रैंड का यह डरानेधमकाने वाला असली चेहरा बहुत खतरनाक होता है, इसलिए हां कहने के पहले ठंडे दिमाग से माशूका को अपना आगापीछा और अच्छाबुरा सोच लेना चाहिए. इस की अपनी वजहें भी हैं.

बिहार के मुजफ्फरपुर के काजी मोहम्मदपुर इलाके में अरशद नाम के एक आशिक ने अपनी माशूका शबनम (बदला नाम) के नहाते हुए अश्लील वीडियो बना लिए और फिर उसे संबंध बनाने के लिए मजबूर करने लगा था.

इस पर शबनम राजी नहीं हुई, तो अरशद ने उस के वे पर्सनल वीडियो, जो कभी मुहब्बत और भरोसे की दुहाई दे कर बनाए थे, दोस्तों के बीच वायरल कर दिए.

उन दोस्तों में से एक ने लड़की को चालू समझा और बहती गंगा में हाथ धोने की गरज से उस पर वही दबाव बनाने लगा जो अरशद बना रहा था, यह 25 अप्रैल, 2023 के आसपास का मामला है.

अच्छा तो यह हुआ कि शबनम डरी नहीं और उस ने पुलिस में रिपोर्ट लिखा दी, जिस से अरशद और उस के दोस्त गिरफ्तार कर लिए गए, लेकिन धोखा खाई शबनम पर इतने दिन क्या गुजरी होगी, इस का एहसास कोई वही लड़की बता सकती है, जिस के साथ भी ऐसा हुआ हो और वह पुलिस तक जाने की हिम्मत न जुटा पा रही हो.

22 मार्च, 2023 को इसी तरह का एक और मामला उत्तर प्रदेश के बरेली में देखने में आया था. सरिता (बदला हुआ नाम) को शादी के बाद भी बौयफ्रैंड ब्लैकमेल कर रहा था. कोई और रास्ता न देख सरिता ने यह बात अपने पति और भाई को बताई, तो उन्होंने सरिता के प्रेमी की हत्या ही कर दी और अब खुद उस जुर्म की सजा जेल में सड़ते हुए भुगत रहे हैं.

अब यह प्यार था, यह क्या खा कर कोई कहेगा कि बौयफ्रैंड ने माशूका से सैक्स की मांग की, वह नहीं मानी तो उस के भरोसे को तोड़ते हुए उस का वीडियो वायरल कर दिया. दूसरे मामले में तो बौयफ्रैंड को मरते समय पता चला होगा कि उसे प्यार में धोखा देने और ब्लैकमेल करने के एवज में सजा ए मौत प्रेमिका का भाई और पति दे रहे हैं.

अब सरिता अकेली है और तय है कि पछता ही रही होगी कि जब यही होना था, जिंदगी इस तरह बरबाद होनी ही थी, तो बौयफ्रैंड बनाया ही क्यों था? बना भी लिया था तो उस से सैक्स संबंध नहीं बनाने थे, जिन की वजह से गृहस्थी बसने के पहले ही उजड़ गई.

लिहाजा, बौयफ्रैंड की सैक्स की मांग ठुकराने से पहले यह देखपरख लेना चाहिए कि कहीं उस के पास ऐसेवैसे फोटो और वीडियो न हों, जिन का डर दिखा कर वह हर कभी सैक्स की मांग और ब्लैकमेल करने लगे.

जब यह सब न मिले, तो बदनाम भी कर दे यानी सैक्स के लिए सख्ती से मना कर देना ज्यादा बेहतर होता है, लेकिन हर आशिक ऐसा ही होगा जरूरी नहीं, फिर भी एहतियात बरतने में हर्ज नहीं.

याद रहे कि अगर एक बार सैक्स की लत लग गई, तो फिर आसानी से नहीं छूटती और पकड़े जाने का डर हमेशा बना रहता है और कई बार बौयफ्रैंड की नीयत में खोट भी आ जाता है.

भोपाल के नजदीक विदिशा की रहने वाली 24 साला कामना (बदला हुआ नाम) के साथ ऐसा ही हुआ था, जिस का बौयफ्रैंड भोपाल से अपडाउन करता था. एक बार उस ने बौयफ्रैंड की सैक्स की मांग पूरी की तो यह डिमांड करना आएदिन की बात हो गई.

धीरेधीरे बौयफ्रैंड की दिलचस्पी कामना में कम होने लगी तो कामना को चिंता हुई. उस ने पूछा तो यहांवहां के बहाने बना कर उसे टाल दिया. हालांकि उस ने शादी का वादा नहीं किया था, लेकिन कामना को अपने ठगे जाने का एहसास हुआ.

अब कामना की कभी भी सैक्स की इच्छा होने लगती है, लेकिन वह मन मसोस कर रह जाती है, क्योंकि इस के लिए हर किसी पर भरोसा नहीं किया जा सकता. उसे इस बात का भी डर लगा कि आगे शादी के बाद पति को यह सब पता चल गया तो फिर क्या होगा.

कई बार लड़कियां अपने बौयफ्रैंड को खोने के डर से या किसी लालच के चलते भी हां कर देती हैं, लेकिन बाद में पछताती हैं. ब्लैकमेलिंग का डर भी उन्हें हमेशा सताता रहता है, क्योंकि सच्ची मुहब्बत का दम तो हर आशिक भरता है, लेकिन करता ही हो, इस की कोई गारंटी नहीं. आएदिन के झगड़ेफसाद हत्याओं और आत्महत्याओं की खबरें इस की गवाह हैं, जिस से हर लड़की डरती और घबराती है.

तो फिर क्या करें

हां या न का फैसला करना हर लड़की के लिए आसान नहीं होता, लेकिन यह एक ऐसी मांग बौयफ्रैंड की है, जिसे ज्यादा दिन तक टरका कर रखा जा सकता है. जज्बाती तौर पर लड़की अपने प्रेमी को दिल से चाहती है, लेकिन सैक्स के लिए तैयार नहीं होती.

हालांकि इस फैसले पर मन ही मन उन्हें भी अच्छा नहीं लगता. वजह, बदलते जमाने को वे भी बहुत गौर और बारीकी से देख रही होती हैं कि आजकल तो वाकई यह आम बात हो गई है.

ऐसी लड़कियों की हालत निशा जैसी हो जाती है, जिस ने बहुत ही सोचविचार कर अमर को न कह

दिया, लेकिन बहुत प्यार से उसे एक बार नहीं, बल्कि कई बार अपनी फीलिंग्स के बारे में समझाया तो वह मान भी गया, कि ठीक है शादी तक इंतजार कर लेते हैं.

महीने 2 महीने तक अमर पहले की तरह निशा से मिलता रहा और सैक्स संबंध बनाने की जिद नहीं की और पहले की तरह प्यार जताता रहा, तो निशा को भरोसा हो गया कि वह वाकई उस से सच्चा प्यार करता है, इसलिए निशा ने तय कर लिया है कि अगली बार जब भी अमर सैक्स की मांग

करेगा तो वह उस की छाती पर अपनी उंगली से लिख देगी कि ‘पहले कंडोम ले आओ’.

लव बाइट्स : मीठामीठा, प्याराप्यारा दर्द

प्यार में अगर निशानी छोड़ने का रिवाज या ख्वाहिश न होती तो ताजमहल जैसी खूबसूरत इमारत भी न होती, जिसे मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी महबूब मुमताज महल की याद में बनवाया था यानी राजा हो या रंक सभी की इच्छा अपनी मुहब्बत की निशानी छोड़ जाने की होती ही है, जो निहायत ही कुदरती बात है और इस में कोई हर्ज भी नहीं, लेकिन दिक्कत तब खड़ी होती है जब आशिक या माशूक सैक्स के दौरान अपने पार्टनर के जिस्म पर ऐसा निशान छोड़ देते हैं, जो जख्म नहीं होता और हर किसी को दिखता भी नहीं.

आमतौर पर माशूका के मुकाबले आशिक लव बाइट्स करना या छोड़ना ज्यादा पसंद करते हैं. लव बाइट्स का सीधा सा मतलब होता है पार्टनर के जिस्म के सब को न दिखने वाले अंग पर ऐसी छाप छोड़ देना जिस में वह हिस्सा जामुनी, बैगनी या लाल पड़ जाए. यह काम उस अंग को जोर से दबा कर या फिर दांतों से ऐसे काट कर किया जाता है, जिस से खून न निकले.

आमतौर पर कमर, छाती, जांघ, कंधे, पीठ, गरदन और हिप्स पर ये निशान बनाए जाते हैं, जिस से माशूका उसे देखते ही सैक्स के पलों की याद कर के आहें भरे और अपने आशिक की मर्दानगी की कायल होती रहे.

लेकिन क्या सचमुच ऐसा है? इस में लोगों के तजरबे और राय 2 हिस्सों में बंटी हुई है, लेकिन तादाद ऐसे लोगों की ज्यादा है जो यह मानते हैं कि लव बाइट्स मजा कम सजा ज्यादा है.

भोपाल के 27 साला रवि (बदला नाम) की मानें तो उसे 3 साल पहले तक लव बाइट्स की एबीसीडी भी नहीं मालूम थी, लेकिन उस की माशूका 24 साला आरती (बदला नाम) ने ही उसे यह सब सिखाया. एक बार सैक्स के दौरान आरती ने ही उस से मांग की थी कि वह उस की छाती को ऐसे चूसे कि उस पर हलका सा निशान पड़ जाए.

रवि बेचारा घबरा रहा था कि बड़ी नाजुक जगह है, अगर कुछ उलटासीधा हो गया तो लेने के देने पड़ जाएंगे, लेकिन आरती की जिद के आगे उस की एक न चली और डरतेडरते ही सही लव बाइट उसे देनी पड़ी. दिक्कत तो दूसरी बार तब खड़ी हो गई जब आरती भी उसे लव बाइट देने की जिद पर अड़ गई और मना करतेकरते उस ने उस की जांघ पर हलके से काट लिया.

रवि बताता है कि उस वक्त तो अच्छा लगा और मजा भी आया था, पर जुदा होने के बाद दर्द ज्यादा हुआ जो हफ्तेभर रहा.

रवि ने यह वाकिआ अपने एक जिगरी दोस्त को बताया तो उस का तजरबा एकदम अलग निकला. उस ने अपनी माशूका के जिस्म पर प्यार का ऐसा ही निशान बनाया था जो उसे रास नहीं आया. दूसरी बार भी उस ने लव बाइट्स दी तो माशूका सैक्स के पहले यानी फोरप्ले के दौरान ही बिफर गई और उसे ‘जंगली गंवार’ कहते हुए हमेशा के लिए टाटा कर के चली गई. अब वह दोस्त माशूका की याद में पागल हुआ जा रहा है, जिस ने उसे अपनी जिंदगी और स्मार्ट फोन दोनों से ब्लौक कर दिया है.

पहले रजामंदी लें

लव बाइट्स कोई खराब या अजूबी चीज नहीं है. यह शब्द कहां से आया यह भी कोई नहीं जानता, लेकिन आदमी के विकास का इतिहास देख कर आसानी से कहा जा सकता है कि वह जब जंगलों में कम या बिना कपड़ों के रहता था तब भी लव बाइट्स लेता और देता होगा, क्योंकि तब प्यार और सैक्स में आज जितनी बंदिशें नहीं थीं.

अब जमाना आधुनिक है, इसलिए लोग सभ्य तरीकों से रहते हैं. मौजूदा समाज शिष्ट है, इसलिए प्रेमियों को सैक्स के दौरान यह एहतियात बरतनी चाहिए कि वे किसी भी किस्म की जबरदस्ती न करें.

लव बाइट्स जबरन नहीं देनी चाहिए, क्योंकि इस से पार्टनर को परेशानी हो सकती है, इसलिए जब लव बाइट का मन करे तो पहले पार्टनर से इजाजत ले लेनी चाहिए. अगर इजाजत मिल जाए तो एक अच्छी और यादगार लव बाइट कुछ इस तरह दें :

आप अगर माशूका की छाती पर लव बाइट देना चाहते हैं तो पहले फोरप्ले कर के उसे जितना हो सकता हो उत्तेजित करें, फिर छाती को धीरेधीरे देर तक सहलाएं और फिर चूसना शुरू करें. अपने होंठ नीचे से ऊपर तक और ऊपर से नीचे तक ले जाएं. थोड़ी देर बाद उस स्पौट पर होंठ गड़ा कर चुंबन दें. जहां प्यार का निशान बनाना चाहते हैं, वहां जोरजोर से ऐसे चूसें कि पार्टनर को कम से कम तकलीफ हो. थोड़ी देर में ही लव बाइट बन जाएगी.

इस के बाद फिर माशूका को प्यार करें और उस का शुक्रिया भी अदा करें. इस दौरान प्यार के इस निशान का बदलता रंग भी आप देख सकते हैं जो लाल से बैगनी हो जाता है.

याद रखें कि लव बाइट के लिए जोरजबरदस्ती बिलकुल न करें, नहीं तो आप की माशूका भी रवि के दोस्त की माशूका की तरह ‘जंगली गंवार’ कहते हुए हमेशा के लिए चली जाएगी और आप हाथ मलते रह जाएंगे.

लव बाइट एक मजा है जो सजा में तबदील न हो, इसलिए रजामंदी से प्यार का निशान छोड़ें, क्योंकि ताजमहल तो हर कोई बनवा नहीं सकता. सकता.

मॉर्निंग सैक्स, सारा दिन खुशगवार

कहते हैं यदि दिन की शुरुआत अच्छी हो तो दिन अच्छा गुजरता है. आप चाहें लिवइन में रह रहे हों या शादीशुदा हों सुबहसवेरे पुरुषों का मूड थोड़ा रोमांटिक रहता है. जबकि फीमेल्स के साथ ऐसा नहीं होता. वे सुबहसुबह अपने पार्टनर को सैक्स के लिए मना कर देती हैं. ऐसे में दोनों में हलकीफुलकी तनातनी हो जाती है. विशेषज्ञों का मानना है कि मौर्निंग सैक्स न सिर्फ लवलाइफ के लिए बढि़या है, बल्कि सेहत के लिए भी अच्छा रहता है.

तो फिर क्यों न सुबहसवेरे अपने शरारती साथी को सैक्स सरप्राइज दे कर खुश कर दिया जाए. सैक्सी सुबह से न सिर्फ साजन का, बल्कि आप का भी सारा दिन खुशगवार गुजरेगा. बस मूड बनाने की जरूरत है.

सांसों में हो ताजगी

रात को सोने से पहले अच्छी तरह ब्रश करना न भूलें. इस के अलावा अपनी साइड टेबल पर घुलने वाली मिंट जरूर रखें ताकि इन्हें सुबह उठने पर मुंह में रख कर फ्रैशनैस महसूस की जा सके वरना मुंह की बदबू सारा मजा किरकिरा कर सकती है.

छुअन का कराएं एहसास

सैक्स की शुरुआत जरा अलग अंदाज में करें. बेहद मद्धिम स्वर में सौफ्ट रोमांटिक गाना लगाएं. जैसे ही पार्टनर कसमसा कर करवटें बदलने लगें उन्हें अपनी कोमल छुअन का एहसास कराएं. उन के लिए यह इशारा काफी होगा. उन की नींद काफूर हो जाएगी और वे आप से लिपटने के लिए आतुर हो उठेगी.

 स्वस्थ रहने के लिए सैक्स जरूरी

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार हफ्ते में 3 बार मौर्निंग सैक्स से हार्टअटैक या स्ट्रोक का खतरा कम होता है. इस से सर्दीजुकाम होने की भी संभावना घटती है और स्किन, बालों और नाखूनों में भी निखार आता है. सुबह का सैक्स दिनभर व्यक्ति को खुश और ऊर्जावान रखने के साथसाथ इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है.

  कंडोम भी पास रखें?

कंडोम हमेशा पहुंच में रखें. पता नहीं सहलानापुचकारना कब हदें पार कर के समागम में बदलने को उतावला हो जाए. उत्तेजक पलों के बीच उठ कर कंडोम लेने जाने पर सारा मूड औफ हो जाएगा.

प्यार का एहसास

यह जरूरी नहीं है कि रोज सुबहसुबह सैक्स करें ही. एकदूसरे को गुदगुदाना और सहलाना भी काफी मानसिक सुख देता है. एकदूसरे से चिपक कर सहलाने, चूमने का आनंद भी सैक्स आनंद से कतई कम नहीं होता है.

 छेड़छाड़ भी जरूरी

अगर आप किसी दिन बेहद जल्दी में हों तो पिया के गालों पर गहरा चुंबन और उन्हें गुदगुदाना या हलकी चिकोटी काट कर शरारत करते हुए भाग जाना भी उन के मन को भा जाएगा और वे आप के दीवाने हो जाएंगे.

ताजगी भरा सैक्स

जरूरी नहीं कि आप सैक्स बैडरूम में ही करें. बाथरूम में शौवर के नीचे नहाते हुए सैक्स करने का बिलकुल अलग एहसास होगा. पहले एकदूसरे को अच्छी खुशबू वाला बौडी जैल लगाएं, फिर मौसम के अनुसार गरम या ठंडे पानी से नहाते हुए एकदूसरे से लिपट जाएं. फिर जहां मन करे चूमें, सहलाएं और पूरी मस्ती करें. बाथरूम का यह मिलन आप को एक अलग आनंद देगा.

इन्फेक्शन से बचना है तो सेक्स के बाद करें ये काम

जब शारीरिक संबंध आपसी रजामंदी से बनाया जाता है तो यह एक सुखद आनंद की अनुभूति कराता है। लेकिन यदि यह आनद समस्या में बदल जाए तो यह पीड़ादायक लगने लगता है। अधिकतर महिलाएं शारीरिक संबंध बनाने के बाद शौचालय का रुख करती है  मन जाता है की शररिक संबंध के तुरंत बाद यदि महिला शौचालय जाती है तो जल्दी से गर्भ नहीं ठहरता. जो महिलाएं माँ नहीं बनना चाहती वह ऐसा करती भी हैं लेकिन मेडिकल साइंस की माने तो शारीरिक संबंध के बाद शौच जाने से उनका ब्लैडर साफ़ हो जाता हैं जिस वजह से उन्हें  इन्फेक्शन होने का खतरा कम होता है  साथ ही यदि पुरुष भी इसे अपनाते है तो उन्हें भी कई तरह की परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है इसलिए इन्फेक्शन से बचना हैं तो निम्नलिखित काम अवश्य करें और अपनी सेक्स लाइफ का भरपूर मजा ले सकें.

पानी पीना ना भूले

सेक्स के बाद पानी पीना ना भूलें क्योंकि पानी पीने से  ज्यादा पेशाब जा सकेंगे जिससे पेशाब के जरिए  शरीर के अधिक बैक्टीरिया  बाहर निकल सकेंगे और इन्फेक्शन होने का खतरा नहीं रहेगा.

हाथ थोए व साफ तौलिए का इस्तेमाल करें

सेक्स के  दौरान अपने या अपने साथी के जननांगों को छूने से आपके हाथों मे  बैक्टीरिया लग जाते हैं  जिस से संक्रमण  होने का खतरा हो सकता है इसलिए हाथों को अच्छे से डिस इंफेक्ट करें व साफ तौलिए का इस्तेमाल करें.

ढीले कपड़े पहने

सेक्स के बाद टाइट अंडर गारमेंट्स का उपयोग ना करें, क्योंकि सेक्स के बाद त्वचा पर नमी आ जाती हैं जिस कारण खुजली जैसी समस्या हो सकती हैं और आपको रेशेज भी हो सकते हैं  , इसलिए सूती अंडर गार्मेंट्स पहने.साथ ही टाइट कपड़ों की जगह ढीले या कॉटन के कपडे पहन कर सोएं.

शावर लेने से बचें

कई  लोगो को गर्मियों मे रात मे सोने से पहले नहाने की आदत होती हैं लेकिन अगर आप सेक्स करने के बाद नाहते हैं तो आपके लिए यह आदत समस्या बन सकती हैं क्योंकि सेक्स के बाद हमारा शरीर थोड़ा गर्म होता हैं ऐसे मे सेक्स के तुरंत बाद नहाने से गर्म और नम वातावरण होने से बैक्टीरिया का विकास होता हैं , जिससे संक्रमण हो सकता है. इसलिए सेक्स के तुरंत बाद नहाना आपकी सेहत के लिए नुकसादेह साबित हो सकता है.

सुगंधित उत्पादों से करें परहेज

सेक्स के बाद किसी भी प्रकार का सुगंधित स्प्रे, परफ्यूम या डियो का उपयोग ना करें. तुरंत बाद इनके उपयोग से आपको प्राइवेट पार्ट में जलन या  संक्रमण की समस्या हो सकती है। बेहतर होगा की आप सेक्स करने से पहले इनका प्रयोग करें जिससे  आप इन्फेक्शन से सुरक्षित भी रह सकें साथ ही आपका पार्टनर भी आपकी तरफ  आकर्षित होगा.

प्यार ही है सच्ची मर्दानगी

सुहागरात शादीशुदा जोड़ों के लिए एक मीठी शुरुआत होती है और इस का इंतजार भी बड़ी बेसब्री से रहता है. पर साथ ही यह बात भी ध्यान रखें कि यह पति के लिए ‘मर्दाना ताकत’ दिखाने का समय तो बिलकुल भी नहीं होता है, लेकिन ज्यादातर मर्द साथी अपने अधकचरे ज्ञान की वजह से सुहागरात की मस्ती को बेमजा कर देते हैं.

खून आना और बदचलनी

अभी पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक खबर आई थी, जिस में 19 साल की एक लड़की की हत्या इसलिए कर दी गई थी, क्योंकि वह कुंआरी नहीं साबित हो सकी थी.

काफी लोग इस खबर को ले कर चौंके होंगे कि आज के मौडर्न जमाने में ऐसे लोग भी दुनिया में पाए जाते हैं, जो शादी की पहली रात पर हमबिस्तरी के दौरान खून निकलने को ही लड़की का कुंआरापन मानते हैं.

अभी भी अनगिनत लोग हैं, जो इस तरह की सोच रखते हैं कि शादी की पहली रात खून नहीं निकला तो लड़की चालू है. हैरान करने वाली बात यह है कि शादी और बीवी को ऐसे लोग क्या समझते हैं? वे ऐसे नौजवान हैं, जिन्हें शादी के बाद बीवी सील पैक चाहिए और उस के लिए जो पैमाना तय किया है, वह है सुहागरात पर खून निकलना.

इन लोगों को समझने की जरूरत है कि बचपन या लड़कपन में खेलकूद के दौरान रस्सी कूदते समय या साइकिल चलाते हुए वह बारीक झिल्ली फट सकती है, जिस से खून निकल सकता है.

लेकिन शादी की पहली रात अगर पत्नी का खून नहीं निकला, तो ज्यादातर पति यह मान लेते हैं कि बीवी गलत है. पर अगर आप को इतना ही शक था, तो तफतीश कर के शादी करते. अब उस का जीना मुहाल क्यों कर रहे हैं?

मर्दानगी का जौहर

दूसरी किस्म के लोग वे होते हैं, जो शादी की पहली रात बीवी को ज्यादा से ज्यादा तकलीफ देने में मर्दानगी समझते हैं. अगर पहली रात हमबिस्तरी के दौरान बीवी को तकलीफ से रोने पर मजबूर न किया तो उन से बड़ा मर्द कोई नहीं.

ऐसा अगर हो भी जाए, तो वे लोग अगले दिन अपने दोस्तों को बढ़ाचढ़ा कर किस्से सुनाते पाए जाते हैं. पर ऐसे मर्दों को समझने की जरूरत है कि औरत भी इनसान है. आप की बीवी भी किसी की बहनबेटी है. वह अगर सैक्स में सहज नहीं है, तो उसे कुछ समय दो. पहली रात को ही सैक्स करना जरूरी नहीं है. आप अगर उसे ज्यादा तकलीफ में देखें तो ठहर जाएं.

यह कैसी मर्दानगी

तीसरे लोग वे हैं, जो सैक्स के दौरान ज्यादा देर तक टिकने को ही मर्दानगी मानते हैं. अगर शादी की पहली रात सैक्स में एक घंटे से कम समय लगाया तो आप मर्द नहीं.

मेरे एक दोस्त की शादी जैसे ही करीब आई, तो पहली रात में एक मिनट या उस से कम समय में ही पस्त होने के डर से उन्होंने डाक्टर से दवाएं लेना शुरू कर दिया. शादी की पहली रात में 40 मिनट सैक्स करने के बादही उन की बीवी की सेहत खराब हो गई और उन्हें अस्पताल में भरती कराना पड़ा.

सैक्स में भड़ास

कुछ लोगों के लिए सैक्स करना भड़ास निकालने के बराबर है. यह चौथी किस्म उन लोगों की है, जिन के लिए शादी की पहली रात कम से कम 5 या 6 बार सैक्स करना उम्रभर की भड़ास निकाल देने के बराबर है.

ऐसे लोगों के दोस्त भी फिर उसी सोच के मालिक होते हैं. यह इज्जत का पैमाना है कि जितनी ज्यादा बार सैक्स होगा, सोसाइटी में आप की उतनी इज्जत की जाएगी, जबकि यह समझने की जरूरत है कि अपनी बीवी के लिए इस तरह की बातें सोचना ही गलत है.

जहर घोलती ब्लू फिल्में

5वीं किस्म उन लोगों की है, जिन की सारी उम्र ब्लू फिल्में देखते गुजरी है. उन के दिमाग पर ब्लू फिल्मों के सीन सवार रहते हैं. उन्हें शादी की पहली रात का शिद्दत से इंतजार होता है कि सारे सीन खुद कर के अपनेआप को मर्द मनवाया जाए.

लेकिन ऐसे लोगों को समझने की जरूरत है कि इन फिल्मों में काम करने वाले सारे प्रोफैशनल होते हैं, जो आधा घंटे की फिल्म बनाने में एक हफ्ता भी लगा देते हैं.

सैक्स मशीन नहीं है साथी

इस किस्म के मर्द अपनी बीवी को बच्चे पैदा करने और सैक्स करने की मशीन के अलावा कुछ नहीं समझते हैं, जबकि सुहागरात के दिन होना तो यह चाहिए कि सब से पहले आप को अपनी पत्नी को अपने घर के माहौल और सदस्यों वगैरह के बारे में बताना चाहिए, जिस से उसे सब के साथ रहने में किसी बात की परेशानी न हो.

वियाग्रा सिर्फ सैक्स के लिए नहीं होती

डायमंड के आकार वाली छोटी सी नीली गोली वियाग्रा सैक्स पावर को बढ़ाने के अलावा दूसरी बीमारियों में भी कमाल का असर दिखाती है. वियाग्रा में मौजूद दवा सिल्डेनाफिल को मर्दों की सैक्स संबंधी कमजोरियों को दूर करने में असरकारक माना जाता है लेकिन एक नई रिसर्च के अनुसार, वियाग्रा अन्य कई गंभीर रोगों में भी फायदेमंद है.

कई देशों में वियाग्रा के साइड इफैक्ट्स के बारे में शोध करने पर इस के कई फायदे सामने आए जो चौंकाने वाले हैं. अमेरिका में किए गए एक शोध के अनुसार, ठंड के मौसम में अकसर लोगों की उंगलियों में ऐंठन, दर्द होना, मुड़ न पाना, पीली पड़ जाना जैसी समस्याएं हो जाती हैं. ठंड से बच कर इन समस्याओं से बचा जा सकता है.

इस समस्या से जूझ रहे मरीजों को सिल्डेनाफिल देने पर उन्हें काफी फायदा हुआ. ऐसे स्थान जहां अधिक बर्फ पड़ती है, वहां के लोगों को माउंटेन सिकनैस की समस्या हो जाती है. ऊंचे स्थानों पर औक्सीजन की कमी होने से ब्लड में इस का लेवल कम हो जाता है जिस से पल्मोनरी धमनियां संकरी हो जाती हैं. ऐसे में हृदय को पंपिंग करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है और व्यक्ति की कार्यक्षमता पर असर पड़ता है.

पल्मोनरी हाइपरटैंशन जैसी समस्या में भी सिल्डेनाफिल काफी प्रभावशाली होती है. फेफड़ों की बीमारी व हृदय संबंधी गड़बडि़यां होने पर पल्मोनरी हाइपरटैंशन की समस्या हो सकती है. पल्मोनरी हाइपरटैंशन के इलाज के लिए पुरुष व स्त्री दोनों के लिए सिल्डेनाफिल की 20 एमजी की 1-1 खुराक दिन में 3 बार निर्धारित की गई है. क्लीनिकल ट्रायल्स में इस दवा के काफी बेहतर परिणाम मिले हैं.

हृदय रोगियों के लिए हालांकि वियाग्रा सुरक्षित नहीं है लेकिन एक ही जगह पर रक्त की अधिकता, जिस की वजह से हार्ट फेल्योर की समस्या उत्पन्न होती है, के मरीजों के लिए सिल्डेनाफिल काफी प्रभावकारी होती है.

स्ट्रोक जैसी समस्या में सिल्डेनाफिल कमाल का असर दिखाती है. इस विषय पर शोध करने वाले जरमनी के डा. मैक रैपर का कहना है कि सिल्डेनाफिल मस्तिष्क के स्ट्रोक को दूर  करने में काफी अच्छा काम करती है.

सिल्डेनाफिल को ले कर नए शोध जारी हैं.  शोधों में इस से होने वाले लाभ और नुकसान के नतीजे सामने आ रहे हैं. बहरहाल, अब तक किए गए नतीजों से वियाग्रा एक लाभदायक दवा के रूप में भी सामने आई है. मगर ध्यान रहे, ऐसी कोई भी दवा बिना विशेषज्ञों की सलाह के बगैर न लें.

सुहागरात : मर्दानगी का नहीं, प्यार का दिन

सुहागरात शादीशुदा जोड़ों के लिए एक मीठी शुरुआत होती है और इस का इंतजार भी बड़ी बेसब्री से रहता है.  पर साथ ही यह बात भी ध्यान रखें कि यह पति के लिए ‘मर्दाना ताकत’ दिखाने का समय तो बिलकुल भी नहीं होता है, पर ज्यादातर मर्द साथी अपने अधकचरे ज्ञान की वजह से सुहागरात की मस्ती को बेमजा कर देते हैं.

खून आना और बदचलनी

अभी पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक खबर आई थी, जिस में 19 साल की एक लड़की की हत्या इसलिए कर दी गई थी, क्योंकि वह कुंआरी नहीं साबित हो सकी थी. काफी लोग इसे ले कर चौंके होंगे कि आज के मौडर्न जमाने में ऐसे लोग भी दुनिया में पाए जाते हैं जो शादी की पहली रात पर हमबिस्तरी के दौरान खून निकलने को ही लड़की का कुंआरापन मानते हैं.

अभी भी अनगिनत लोग हैं जो इस तरह की सोच रखते हैं कि शादी की पहली रात खून नहीं निकला तो लड़की चालू है. हैरान करने वाली बात यह है कि शादी और बीवी को ऐसे लोग क्या समझते हैं? वे ऐसे नौजवान हैं, जिन्हें शादी के बाद बीवी सील पैक चाहिए और उस के लिए जो पैमाना तय किया है, वह है सुहागरात पर खून निकलना.

इन लोगों को समझने की जरूरत है कि बचपन या लड़कपन में खेलकूद के दौरान, रस्सी कूदते या साइकिल चलाते हुए वह बारीक झिल्ली हट सकती है, जिस से खून निकल सकता है.

लेकिन शादी की पहली रात अगर पत्नी का खून नहीं निकला तो ज्यादातर पति यह मान लेते हैं कि बीवी गलत है. पर अगर आप को इतना ही शक था तो तफतीश कर के शादी करते, अब उस का जीना हराम क्यों कर रहे हैं?

मर्दानगी का जौहर

दूसरी किस्म के लोग वे होते हैं जो शादी की पहली रात बीवी को ज्यादा से ज्यादा तकलीफ देने में मर्दानगी समझते हैं. अगर पहली रात हमबिस्तरी के दौरान बीवी को तकलीफ से रोने पर मजबूर न किया, तो उन से बड़ा मर्द कोई नहीं.

ऐसा अगर हो भी जाए तो वे लोग अगले दिन अपने दोस्तों को बढ़ाचढ़ा कर किस्से सुनाते पाए जाते हैं. पर ऐसे मर्दों को समझने की जरूरत है कि औरत भी इनसान है. आप की बीवी भी किसी की बहनबेटी है. वह अगर सैक्स में सहज नहीं है तो उसे कुछ समय दो. पहली रात को ही सैक्स करना जरूरी नहीं है. आप अगर उसे ज्यादा तकलीफ में देखें तो ठहर जाएं.

यह कैसी मर्दानगी

तीसरे लोग वे हैं जो सैक्स के दौरान ज्यादा देर तक टिकने को ही मर्दानगी मानते हैं. अगर शादी की पहली रात सैक्स में एक घंटे से कम समय लगाया तो आप मर्द नहीं.

मेरे एक दोस्त की शादी जैसे ही करीब आई, तो पहली रात में एक मिनट या उस से कम समय में ही पस्त होने के डर से उन्होंने डाक्टर से दवाएं लेना शुरू कर दिया. शादी की पहली रात में 40 मिनट सैक्स करने के बाद ही उन की बीवी की सेहत खराब हो गई और उन्हें अस्पताल में भरती कराना पड़ा.

सैक्स में उग्रता

कुछ लोगों के लिए सैक्स करना भड़ास निकालने के बराबर है. यह चौथी किस्म उन लोगों की है, जिन के लिए शादी की पहली रात कम से कम 5 या 6 बार सैक्स करना उम्रभर की भड़ास निकाल देने के बराबर है.

ऐसे लोगों के दोस्त भी फिर उसी सोच के मालिक होते हैं. यह इज्जत का पैमाना है कि जितनी ज्यादा बार सैक्स होगा, सोसाइटी में आप की उतनी इज्जत की जाएगी, जबकि यह समझने की जरूरत है कि अपनी बीवी के लिए इस तरह की बातें सोचना ही गलत है.

जहर घोलती ब्लू फिल्में

5वीं किस्म उन लोगों की है जिन की सारी उम्र ब्लू फिल्में देखते गुजरी है. उन के दिमाग पर ब्लू फिल्मों के सीन सवार रहते हैं. उन्हें शादी की पहली रात का शिद्दत से इंतजार होता है कि सारे सीन खुद कर के अपनेआप को मर्द मनवाया जाए.

लेकिन ऐसे लोगों को समझने की जरूरत है कि इन फिल्मों में काम करने वाले सारे प्रोफैशनल होते हैं, जो आधा घंटे की फिल्म बनाने में एक हफ्ता भी लगा देते हैं.

सैक्स मशीन नहीं है साथी

इस किस्म के मर्द अपनी बीवी को बच्चे पैदा करने और सैक्स करने की मशीन के अलावा कुछ नहीं समझते हैं, जबकि सुहागरात के दिन होना तो यह चाहिए कि सब से पहले आप को अपनी पत्नी को अपने घर के माहौल, सदस्यों के बारे में बताना चाहिए, जिस से उसे सब के साथ रहने में किसी बात की परेशानी न हो.

कंडोम के बारे में क्या आप ये बातें जानते हैं

16वीं शताब्दी में यूरोप में लिनेन के बने कंडोम का इस्तेमाल शुरू हुआ. धीरे-धीरे दो शताब्दियां बीतते-बीतते कंडोम जानवरों की खाल से बनाए जाने लगे. पर उस तरह के कंडोम न तो पूरी तरह फिट रहते होंगे और न ही आधुनिक कंडोम्स की तरह सुविधाजनक.

फिर भी पुरुष और कभी-कभी महिलाएं कंडोम को जोश और मूड औफ करनेवाला मानते हैं. सेक्सोलौजिस्ट व काउंसलर डा. हितेन शाह कहते हैं कि यह एक मिथक है. ‘‘यदि आप अपनी सेक्शुएलिटी के लिए आत्मविश्वास से भरे हैं तो कोई भी चीt मूड को समाप्त नहीं कर सकती.’’

आजकल बाजार में अच्छी गुणवत्ता वाले कई तरह के कंडोम उपलब्ध हैं, बहुत ही मुलायम से लेकर वाइब्रेटिंग तक, जो अपनी उपस्थिति का पूरा एहसास कराते हैं. अलग-अलग आकार और नाप के कंडोम भी उपलब्ध हैं. पहले अवरोध की तरह समझे जानेवाले कंडोम्स को अब यौनसुख को बढ़ाने का माध्यम समझा जाने लगा है. डा. शाह कहते हैं,‘‘इतने तरह-तरह के कंडोम्स में से अपने लिए उपयुक्त कंडोम की तलाश भी खुद में एक खूबसूरत अनुभव हो सकता है.’’

सही आकार का कंडोम न चुनने और उसे सही तरीके से न पहनने की वजह से ही अक्सर कंडोम मजा खराब करनेवाला बन जाता है. हर पुरुष को संवेदनशीलता और आकार के अनुसार अलग तरह के कंडोम की आवश्यकता होती है, जैसे-रिब्ड कंडोम कुछ दंपतियों को आनंददायक लगते हैं तो कुछ को अपनी त्वचा पर चुभते हुए. महत्वपूर्ण ये है कि आप अलग-अलग तरह के कंडोम्स का इस्तेमाल कर अपने और अपने साथी के लिए उपयुक्त कंडोम चुनें.

पर सच तो ये है कि कंडोम जोश और उत्तेजना को बढ़ाने का काम करते हैं. इनकी वजह से आप चिंतामुक्त रहते हैं और इसका ल्युब्रिकेंट (चिकनाई) सेक्स के अनुभव को सहज बनाता है. वहीं डा. शाह कहते हैं,‘‘कंडोम पहनने में जो वक्त लगता है, यकीनन वो आपके फोरप्ले का समय और साथ ही आनंद को भी बढ़ाता है.’’

इस स्तन के आकार की महिलाएं हैं ज्यादा आकर्षक

महिलाओं के वक्ष को ले कर पुरूषों में बेहद कामुकता देखी जाती है. वक्ष को ले कर उनकी धारणाएं, सोच, ख्याल सब बहुत अनोखे और अति होते हैं. यही कारण रहा कि पुरूषों को किस तरह के स्तन पसंद है इस बात को ले कर कई शोध किए जा चुके हैं पर अब तक किसी खास नतीजे पर पहुंचना संभव ना हो सका.

महिलाओं के वक्ष हर तरह के होते हैं. कुछ डील-डौल, कुछ बड़े, छोटे, चुस्त और ढीले भी हो सकते हैं और कई बार तो ये भी होता है कि दोनों स्तन समान आकार के ना हों. ज्यादातर पुरूषों में बड़े स्तन वाली महिलाओं के प्रति आकर्षण होता है, इसका मनोवैज्ञानिक कारण ये सामने आया कि पुरुषों को लगता है कि बड़े स्तन वाली महिलाएं दुसरों से तुलनात्मक रूप से ज्यादा उर्वर होती हैं.

इस मामले पर विश्व भर के कई शोधकर्ताओं ने शोध किया है. इसमें ब्राज़ील, कैमरून, चेक गणराज्य और नामीबिया के 250 ऐसे पुरुषों को ढूंढा गया जो महिलाओं के स्तनों की तसवीरें देखकर उनका आकलन करने को तैयार थे. उन्हें विभिन्न प्रकार के स्तनों की तसवीरें दिखाई गयी और उन्हें उनकी सुंदरता के आधार पर अंक देने को कहा गया. जिसमें ये बात सामने आई कि अधिकतर पुरुषों में मध्यम आकार के स्तन को ले कर ज्यादा आकर्षण दिखा. इसके अलावा पुरुषों के पसंद के पीछे उनके भागौलिक संबंध का भी असर दिखा. चेक गणराज्य को छोड़ दें तो बाकी देशो में हर पांच में से एक पुरुष को छोटे स्तन अच्छे लगते थे. विश्व के अलग हिस्सों में हुए कई और अध्ययनों से भी यही बात सामने आई है कि पुरुषों को सभी तरह के स्तन पसंद आते हैं.

सैक्स के बाद मर्दाना अंग में जलन,डाक्टर से लें सलाह

माधव की उम्र 45 साल थी. उस के 2 बच्चे थे. पत्नी सविता की उम्र 40 साल थी. पतिपत्नी ज्यादा तो सैक्स नहीं कर पाते थे, पर उन में बहुत ज्यादा प्यार था. हां, जब कभी मूड कर गया, तो माधव सविता की देह मथ ही देता था.

सविता भी पति की बांहों में खो जाती थी. पर यह सब हफ्ते में 2-3 बार ही हो पाता था. लेकिन पिछले कुछ समय से माधव एक नई समस्या से जूझ रहा था. पत्नी के साथ सैक्स करने के बाद उस के अंग में तेज जलन होती थी और कई बार तो वह दर्द से बिलबिला जाता था. पहले तो माधव ने सोचा कि सविता के पास काफी दिनों में जाने से ऐसा हो सकता है, पर पिछले 2 दिन में 2 बार सैक्स करने पर भी उसे वही दर्द हुआ.

माधव ने यह बात किसी को नहीं बताई और इसे आम बात समझ कर चुप्पी साध गया, पर मन ही मन वह सैक्स करने के विचार से ही डरने लगा. सविता भी नहीं समझ पाई कि अब माधव उस से दूरी क्यों बना रहा है, जबकि वह तो उसे पूरा मजा देती है.

भारत में सब से ज्यादा दिक्कत की बात यह है कि अच्छे पढ़ेलिखे लोग भी सैक्स से जुड़ी बीमारियों को जानबूझ कर अनदेखा कर देते हैं और इलाज की कमी में उन्हें बड़ा बना देते हैं, जबकि किसी माहिर अच्छे डाक्टर के पास ऐसी बीमारियों का इलाज हो सकता है.

लेकिन माधव डाक्टर के बजाय किसी नीमहकीम के दरवाजे पर जा पहुंचा, जहां इलाज के नाम पर उसे इतना काढ़ा पिलाया गया कि वह हाथ जोड़ने लगा, जबकि उसे अपनी बीमारी से छुटकारा नहीं मिल पाया.

मर्दाना अंग में जलन बारे में ‘अल्फा वन सैंटर’ के डायरैक्टर और ‘यूरोपियन कमेटी औफ सैक्सुल मैडिसिन’ के फैलो डाक्टर अनूप धीर का मानना है, ‘‘सैक्स के बाद अंग में जलन एक एसटीआई का संकेत हो सकता है, जैसे अंग का दाद, सिफलिस, क्लैमाइडिया या गोनोरिया. अगर आप को संभावित एसटीआई पर शक है, तो सैक्स करने से बचें और अपने अंग की जलन की सटीक वजह का पता लगाने के लिए डाक्टर से मिलें.

‘‘सैक्स का रगड़ाव आप के अंग की चमड़ी को परेशान कर सकता है खासकर अगर आप का साथी सही रूप से लुब्रिकेटेड नहीं है. पार्टनर के शरीर पर रगड़ने से चमड़ी की ऊपरी परत घिस सकती है. यह नीचे की संवेदनशील परत को उजागर कर सकता है, जिस में तंत्रिकाएं और ऊतक होते हैं.

‘‘यह दर्द केवल एक दिन तक रह सकता है, अगर आप ऐसी गतिविधियों यानी सैक्स करने से परहेज करते हैं जो चमड़ी को और परेशान कर सकती हैं. कुछ देर तक सैक्स करने या फिर जोरजोर से सैक्स करने से आप के अंग में दर्द हो सकता है.

‘‘यह लंबे समय तक सीधा रहने का नतीजा हो सकता है, जो मांसपेशियों और ऊतकों को तनाव और कभीकभी चोट भी पहुंचा सकता है.’’

डाक्टर अनूप धीर का यह भी मानना है कि अगर यह समस्या बढ़ रही है तो माहिर डाक्टर से चैक कराने में देर न करें और उस के बताए गए इलाज का पूरी तरह पालन करें.

इन बातों का रखें खयाल

  1. सैक्स से पहले और बाद में दोनों पार्टनर अपने प्राइवेट पार्ट की सफाई जरूर करें.

2. कंडोम का इस्तेमाल करें.

3.  सैक्स के बाद अंडरवियर बदल दें.

4. अंग में दर्द होने पर कुछ समय के लिए सैक्स करना छोड़ दें.

5. ऐसी सैक्स पोजिशन न इस्तेमाल करें, जिन से बाद में दिक्कत होती हो.

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