प्यार में अगर निशानी छोड़ने का रिवाज या ख्वाहिश न होती तो ताजमहल जैसी खूबसूरत इमारत भी न होती, जिसे मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी महबूब मुमताज महल की याद में बनवाया था यानी राजा हो या रंक सभी की इच्छा अपनी मुहब्बत की निशानी छोड़ जाने की होती ही है, जो निहायत ही कुदरती बात है और इस में कोई हर्ज भी नहीं, लेकिन दिक्कत तब खड़ी होती है जब आशिक या माशूक सैक्स के दौरान अपने पार्टनर के जिस्म पर ऐसा निशान छोड़ देते हैं, जो जख्म नहीं होता और हर किसी को दिखता भी नहीं.

आमतौर पर माशूका के मुकाबले आशिक लव बाइट्स करना या छोड़ना ज्यादा पसंद करते हैं. लव बाइट्स का सीधा सा मतलब होता है पार्टनर के जिस्म के सब को न दिखने वाले अंग पर ऐसी छाप छोड़ देना जिस में वह हिस्सा जामुनी, बैगनी या लाल पड़ जाए. यह काम उस अंग को जोर से दबा कर या फिर दांतों से ऐसे काट कर किया जाता है, जिस से खून न निकले.

आमतौर पर कमर, छाती, जांघ, कंधे, पीठ, गरदन और हिप्स पर ये निशान बनाए जाते हैं, जिस से माशूका उसे देखते ही सैक्स के पलों की याद कर के आहें भरे और अपने आशिक की मर्दानगी की कायल होती रहे.

लेकिन क्या सचमुच ऐसा है? इस में लोगों के तजरबे और राय 2 हिस्सों में बंटी हुई है, लेकिन तादाद ऐसे लोगों की ज्यादा है जो यह मानते हैं कि लव बाइट्स मजा कम सजा ज्यादा है.

भोपाल के 27 साला रवि (बदला नाम) की मानें तो उसे 3 साल पहले तक लव बाइट्स की एबीसीडी भी नहीं मालूम थी, लेकिन उस की माशूका 24 साला आरती (बदला नाम) ने ही उसे यह सब सिखाया. एक बार सैक्स के दौरान आरती ने ही उस से मांग की थी कि वह उस की छाती को ऐसे चूसे कि उस पर हलका सा निशान पड़ जाए.

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