हिमांशी हाय!
कुनाल : हैलो— आप—?
हिमांशी : मेरा नाम हिमांशी है और आपका?
कुनाल : मेरा नाम कुनाल है, क्या तुम मुझसे दोस्ती करोगी?
हिमांशी : क्यों नहीं? अगर न करनी होती तो तुम्हारे चैट बौक्स में थोड़े आती.
कुनाल : ओ, तो ये बात है.
हिमांशी : हां, यही बात है.
कुनाल : सो, ये बताओ तुम्हें किस चीज में दिलचस्पी है?
हिमांशी : लड़कों से दोस्ती करने में.
कुनाल : अच्छा अगर मैं लड़की होती तो तुम मुझसे दोस्ती नहीं करती ?
हिमांशी : नहीं, ऐसा नहीं है। फिर मैं उसे दूसरे तरह से ट्रीट करती—।
कुनाल : इसका क्या मतलब है?
हिमांशी : जाने दो, तुम नहीं समझोगे—।
कुनाल : तुम्हें मैं पागल लगता हूं क्या? मैं इतना भी नासमझ नहीं हूं।
हिमांशी : अच्छा काफी समझदार हो—।
कुनाल : आजमा लो
हिमांशी : देख लो! मौके में धोखा तो नहीं दोगे।
कुनाल : कुछ भी करवा लो। अगर बीच चैराहे पर छोड़ जाऊं तब तुम मुझे लड़का ही मत समझना–
हिमांशी : क्या! क्या! क्या! लड़का ही न समझूं. कहीं वाकई कोई अबनॉर्मलिटी तो नहीं है? मुझे तो लग रहा है कि कुछ न कुछ गड़बड़ जरुर है.
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कुनाल : यहां कुछ दिखा नहीं सकता वरना सब कुछ दिखा देता.
हिमांशी : कर तो सकते हो
कुनाल : करवा लो, इंतजार किस बात का कर रही हो? चले क्या बेडरूम में.
हिमांशी : मैं कब से इसी बात का तो इंतजार कर रही हूं.
कुनाल : चलो फिर. मेरे बेडरूम में राउंड बेड है और मैंने चारो तरफ कैंडल जलायी हुई है. धीमे स्वर में संगीत बज रहा है.
हिमांशी : वाव! मुझे यहां सुकून मिल रहा है. मैंने कभी इतनी खूबसूरत डेटिंग नहीं की. तुम्हारी खिड़की खुली हुई है.
कुनाल : रुक जाओ लगाकर आता हूं.
हिमांशी : नहीं रहने दो. यहां से बहुत प्यारी हवा आ रही है। ये हवा मेरे पूरे जिस्म में सनसनी फैला रही है.
कुनाल : तुम्हें अच्छा लग रहा है तो ठीक है. मैं नहीं लगा रहा हूं. मैं तो तुम्हें घूर रहा हूं.
हिमांशी : मेरी आंखें शर्म से नीचे हो रही हैं. मुझमें तुम्हारी आंखों से आंखें मिलाने की हिम्मत नहीं हो रही.
कुनाल : कोई बात नहीं. ऐसा तो लड़कियों के साथ होता ही है.
हिमांशी : तुम्हें तो लड़कियों के बारे में काफी जानकारी है.
कुनाल : हां, खैर ये बताओ कि तुमने पहना क्या है? मुझे उतारना है.
हिमांशी : मैंने मिनी स्कर्ट: ऊपर टॉप है. पीछे से इसके हुक है और तुमने—?
कुनाल : मैंने जीन्स पहना है, ब्लू कलर का और शर्ट है, व्हाईट कलर की. मेरी हाइट 5-10 इंच है. शौर्ट हेयर है, फेयर कलर है.
हिमांशी : मेरी हाइट 5-5 इंच है. 34, 26, 34 मेरा साइज है.
कुनाल : क्या बात है. तुम तो बहुत सेक्सी हो.
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हिमांशी : हां, कोई लड़का कॉम्पलीमेंट करता है तो ऐसा ही लगता है. मैंने अपने होंठों पर लाल रंग की लिपस्टिक लगाई है और बालों में पोनी बना रखी है. मेरी लटें मेरी आंखों में गिर रही है.
कुनाल : तुम्हारी लटें जो हवा से तुम्हारे चेहरे पर आ गिरी, उसे मैंने धीरे से तुम्हारे कान के पीछे कर दिया है और अब तुम्हारे गालों पर एक किस कर रहा हूं.
हिमांशी : हाय! मै शर्म से लाल हो गई.
कुनाल : मेरी जान इतना शर्माओगी तो आगे के काम कैसे करोगी?
हिमांशी : मैं तुम्हारे होंठों का रस पी रही हूं.
कुनाल : मजेदार है. तुम्हारे होंठ बड़े मीठे हैं. साथ ही तीखापन भी मौजूद है. जाने अंदर का माल कितना स्वादिष्ट होगा?
हिमांशी : चुप नालायक.
कुनाल : मैं अपने हाथ तुम्हारे पीठ पर सहला रहा हूं.
हिमांशी : मुझे गुदगुदी हो रही है. मैंने अपनी उंगलियां तुम्हारे बालों में फंसायी हुई है.
कुनाल : मैंने अपना हाथ तुम्हारी टॉप के अंदर घुसा दिया.
हिमांशी : हां, मुझे ठंडक महसूस हो रही है.
कुनाल : चेन खोल दिया. तुम्हारी ब्रा का हुक मुझे चुभ गया
हिमांशी : ध्यान से करो. मैंने ब्लैक कलर की ब्रा पहनी है.
कुनाल : लगता है तुम्हारी हुक टूटी हुई हैं
हिमांशी : हां, आज सुबह हैंगर से निकाल रही थी तभी टूट गई थी.
कुनाल : तुम बिना टॉप के कितनी खूबसूरत लग रही हो. मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता.
हिमांशी : मैं तुम्हारी शर्ट के बटन खोल रही हूं. मैं तुम्हारे अंदर के माचो मैन को देखना चाहती हूं.
कुनाल : मैं भी चाहता हूं कि तुम जल्द से जल्द खोल दो. तुम खोलती रहो. मैं तुम्हारे गर्दन का रस चूस रहा हूं.
हिमांशी : मुझे बहुत मजा आ रहा है. मैं, मानों सातवें आसमान पर हूं. मैंने तुम्हारी पूरी शर्ट खोल दी है. तुम्हारा सीना तेरे सामने है. मैं तुम्हारे सीने को चूम रही हूं.
कुनाल : मैं गीला हो रहा हूं. मुझसे रहा नहीं जा रहा. मैं तुम्हारी स्कर्ट के बटन खोल रहा हूं.
हिमांशी : मुझे भी तुम्हारे खूबसूरत औजार को देखने का मन हो रहा है. मैं अपना हाथ तुम्हारे पैंट के अंदर डाल रही हूं.
कुनाल : तुम्हारी स्कर्ट मेरे हाथ में है.
हिमांशी : क्या!
कुनाल : हां, तुम टू पीस में बिल्कुल मेरी मल्लिका लग रही हो.
हिमांशी : मेरे हाथ में कुछ आ गया. यह बहुत टाइट है.
कुनाल : तुम्हारे प्यार का नतीजा है. इतनी देर जो कर रही हो, उसके चलते यह सब हो रहा है.
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हिमांशी : तुम तो बिल्कुल गीले हो चुके हो. तुम अब और किसका इंतजार कर रहे हो जो करना है जल्दी कर लो. मैं और इंतजार नहीं कर सकती. मेरे सब्र का इम्तहान मत लो. मेरी धड़कनें और मत बढ़ाओ. मैं तुम्हारी पूरी पैंट उतार रही हूं.
कुनाल : जल्दी करो.
हिमांशी : कर दिया. अमेजिंग. मैंने ऐसा आज से पहले कभी महसूस नहीं किया था.
कुनाल : मैं तुम्हारे सीने को दो उभारों को ब्रा से निकाल चुका हूं और उन्हें दबाने में बेहद आनंद आ रहा है. बिल्कुल ऐसा लग रहा है मानो मुलायम बॉल्स हैं.
हिमांशी : खोल दो!
कुनाल : खोल चुका हूं. लगता है तुम तो मुझसे भी ज्यादा उत्तेजना महसूस कर रही हो.
हिमांशी : मेरे गले से आवाज नहीं निकल रही.
कुनाल : मैं तुम्हें अपने बाहों में भरकर बेड में लिटा रहा हूं. तुम मेरी गोद में बिल्कुल एक बच्ची जैसी लग रही हो. सिर्फ तुम्हारी पैंटी उतारने की देरी थी. शिट! पैंटी क्यों नहीं उतारी?
हिमांशी : अब उतार दो. मैं तो कह ही रही थी कि उतार दों
कुनाल : मैं चलता हूं तो तुम्हारे दो उभार हिलते हैं, ऐसा नजारा प्रकृति की और किसी चीज में मौजूद नहीं हैं.
हिमांशी : हां, तुम चल रहे हो और तुम्हारा औजार सीधा खड़ा है.
कुनाल : बिल्कुल सही पहचाना, उसे अपनी जगह चाहिए
हिमांशी : लेकिन उससे पहले मेरा मुंह सूख रहा है. क्या मेरी प्यास नहीं बुझाओगे.
कुनाल : मैं कौन होता हूं तुम्हें रोकने वाला. तुम तो मेरी रानी हो, मेरी शहजादी हो.
हिमांशी : ये कितना नमकीन है. कितना रसीला है.
कुनाल : तेजी से करो और तेज और भी—
हिमांशी : कर रही हूं. इससे तेज नहीं कर सकती.
कुनाल : रुक जाओ. अब इसे इसकी जगह पर पहुंचा दो. हमारे प्यार को अंतिम सीमा तक पहुंचा दो.
हिमांशी : अरे, लगता है कुछ गिर गया.
कुनाल : क्या?
हिमांशी : एक कैंडल गिर गई.
कुनाल : जाने दो. फिलहाल यहां-वहां नजर मत दौड़ाओ.
हिमांशी : अरे मेरे राजकुमार अगर आग लग गई तो?
कुनाल : लो मैंने मोमबत्ति बुझा दी.
हिमांशी : मुझे प्यास लग रही है.
कुनाल : तुम क्या चाहती हो.
हिमांशी : वही जो तुम चाहते हो.
कुनाल : तो करने क्यों नहीं देती?
हिमांशी : मैं तो बस तुम्हारा सब्र देख रही थी.
कुनाल : फिलहाल मैं हार चुका हूं. करने दो मुझे
हिमांशी : मैं भी! और तेज और तेज और भी—. मुझे दर्द हो रहा है.
कुनाल : सॉरी! क्या तुम्हें दुख रहा है.
हिमांशी : हां, बहुत तेजऋ लेकिन मुझे मजा आ रहा है. तुम लगे रहो. करो और भी तेज. अपनी पूरी ताकत लगा दो. अपने अंदर का जंगली जानवर जगा दो. अअअअअअ—-.
कुनाल : तुम्हारी ये सिसकियां मेरी जान लेकर रहेंगी.
हिमांशी : मैं रुक नहीं सकती. अअअअअअअअ.
……और ये बातें अंत तक चलती रहीं जब तक दोनों क्लाइमेक्स पर पहुंच गए.
आज से करीब सात साल पहले यह मुंबई के दो टीनएजर की इंटीमेट चैट थी, जो वायरल हो गई थी. इसमें नाम काल्पनिक हैं बाकी बातचीत वही है, जो उस समय दोनों के बीच हुई थी. हिमांशी और कुनाल यूं तो फेसबुक के मैसेज बाक्स में उन दिनों बातचीत कर रहे थे, मगर ये सिर्फ बातचीत नहीं थी. दोनों इसके जरिये अपनी सेक्सअुल फंतासी इंज्वॉय कर रहे थे. वास्तव में ऐसी ही अंतरंग बातचीत के जरिये साइबर सेक्स की शुरुआत हुई थी, जो आज वर्चुअल इंटरकोर्स तक पहुंच चुका है. साइबर सेक्स को कम्पयूटर सेक्स, इंटरनेट सेक्स, नेट सेक्स, मड सेक्स, टाइनी सेक्स आदि कई नामों से जाना जाता है. इसके तहत हम व्यवहारिक तौरपर भले कुछ नहीं करते हैं, लेकिन वर्चुअल तौरपर या कहें कि बातों और कल्पनाओं में सारी हदें तोड़ देते हैं. सबसे बड़ी बात ये है कि नेट सेक्स में लोग अपने नेट फ्रेंड के जरिये तो यह सब करते ही हैं, साथ ही अजनबी लोगों के साथ भी अंगतरंगता का लुत्फ उठाते हैं. नेट सेक्स दरअसल फीलिंग की दुनिया है. बातों से और अब तो लाइव होकर बिल्कुल असली की तरह यह सब किया जाता है. नेट सेक्स महज झूठमूठ की एक्टिंग भर नहीं होता बल्कि इससे लोग वैसे ही संतुष्ट होते हैं, जैसे सचमुच का सेक्स करने से होते हैं.
मीठे मीठे दर्द की अनुभूति, सिसकियों की धीमी धीमी आवाज निकालकर और बदन के वैसे ही हाव भाव निकालकर साइबर सेक्स के जरिये भरपूर संतुष्ट हुआ जाता है. यही नहीं साइबर सेक्स अपनी फंतासियों के पूरा करने का भी एक कृत्रिम जरिया है. वास्तव में साइबर जगत एक ऐसी दुनिया बन गई है, जहां अपनी किसी भी कल्पना को वर्चुअल तरीके से अंजाम दे दिया जाता है. हालांकि अब इसमें कई तरह के अपराधिक तौर तरीके भी जुड़ गये है मसलन- कुछ पॉर्न वेबसाइटें सचमुच में लाइव सेक्स का प्रसारण करते हैं. मतलब यह कि लोग सेक्स की जो तमाम फंतासियां पहले पॉर्न फिल्मों के जरिये देखते थे, अब उन्हें न केवल लाइव भी दिखाया जाता है बल्कि दोहरे कम्युनिकेशन की व्यवस्था से दूर बैठे देखने वाले लोग इस पूरी प्रक्रिया को अपनी इच्छा के मुताबिक करने के लिए कह सकते हैं.
लेकिन जब इस दोहरे संवाद की सुविधा नहीं थी, तब भी साइबर सेक्स के दीवाने वेबकैम और हैड फोन का इस्तेमाल करते हुए, लाइव तरीके से हस्तमैथुन तक करने लगते थे. हालांकि आज पूरी दुनिया में बढ़ते साइबर सेक्स को लेकर बहुत चिंताएं जतायी जा रही हैं, लेकिन समाजशास्त्रियों का नजरिया इसमें बंटा हुआ है. कुछ का मानना है कि इस पर तुरंत सख्त पाबंदी लगनी चाहिए. क्योंकि यह बलात्कार की घटनाओं के लिए माहौल तैयार करता है. जबकि कुछ समाजशास्त्रियों का मानना है कि इसके जरिये तमाम यौन अपराध होने से बच जाते हैं, क्योंकि लोग कृत्रिम तरीके से अपनी सेक्सुअल जरूरतें पूरी कर लेते हैं. हालांकि यह कभी न खत्म होने वाली बहस है. लेकिन जिस तरह साइबर सेक्स धीरे धीरे ड्रग्स की तरह लत बन जाता है, उसके मद्देनजर इससे एक अनुशासित दूरी बनाकर रखना जरूरी है. पॉर्न तब तक बीमारी नहीं है बल्कि तरोताजा होने का उपाय है, जब तक पॉर्न देखने की फ्रीक्वेंसी पर हमारी इच्छा का नियंत्रण है. लेकिन अगर हम पॉर्न देखने की इच्छा पर नियंत्रण रखने में असफल हों तो इसके जबरदस्त नुकसान हैं. असल में तब यह एक ऐसी लाइलाइज बीमारी में तब्दील हो जाती है, जिससे उबरना मुश्किल होता है.
पिछला दशक पूरी दुनिया में साइबर सेक्स की फंतासियों का इंज्वाय करने वाला दशक था. लेकिन पिछले पांच छह सालों से पूरी दुनिया में साइबर पॉर्न के तमाम जाने अंजाने खतरे सामने आये हैं, जिनसे समाजशास्त्री बहुत चिंतित हैं. वास्तव में अमरीका और यूरोप जहां आज हर एक लाख की आबादी के बीच औसतन एक ऐसा क्लिनिक खुल गया है, जहां साइबर सेक्स के एडिक्शन का इलाज हो रहा है, उससे इसके खतरे का जबरदस्त तरीके से भान हुआ है. समाजशास्त्रियों के मुताबिक साइबर सेक्स एक ऐसी लत है, जो हमें तमाम व्यवहारिक दुनिया से न सिर्फ काट देती है बल्कि उस दुनिया का आनंद लेने में भी अरूचि पैदा कर देती है. हाल के सालों में अमरीकी हाईवेज में पांच से सात फीसदी रोड एक्सीडेंट बढ़े हैं. समाजशास्त्रियों का मानना है कि इनमें कार चलाते हुए, पॉर्न देखने की लत का एक बड़ा हिस्सा है. यही नहीं पॉर्न देखने में औसतन हर व्यक्ति दिन के कम से कम दो घंटे बरबाद करता है. इस श्रम का एक मौद्रिक मूल्य तो है ही. इसका एक भावनात्मक मूल्य भी है. हर दिन औसतन दो घंटे पॉर्न देखने वाले 90 फीसदी लोग निराशा और बेचैनी से घिरे रहते हैं. इनकी उत्पादन क्षमताओं पर साफ साफ इसका असर दिखता है. सबसे बड़ी बात यह है कि यूरोपियन साइक्रेटिक एसोसिएशन का मानना है कि इसके कारण बहुत तेजी से मानसिक रोगियों की संख्या बढ़ी है. कुल मिलाकर साइबर सेक्स एकांत में भले मजा देने का सुरक्षित तरीका हो, लेकिन इसके जो नुकसान सामने आ रहे हैं, उसको देखते हुए तो यही ठीक है कि इससे बचा जाए.