नीम-हकीमों के चक्कर में पड़ कर कहीं खो न दें मर्दाना ताकत

इन विज्ञापनों के नीचे विज्ञापनदाता के क्लीनिक का पता दिया गया होता है और मिलने का खास दिन भी लिखा होता है. जब विज्ञापन देने वाले नीम हकीमों के क्लीनिकों में मर्दाना ताकत की चाहत लेकर व्यक्ति जाता है, तो पता चलता है की यहाँ ईलाज करने वाला नीम हकीम किसी किराये के छोटे से कमरे में क्लिनिक चलाते हुए मिल जाता है.

मर्दाना ताक़त को बढ़ाने की चाहत लिए पहुंचा व्यक्ति जब अपने मर्दाना ताकत को बढ़ाने के लिए इन नीम हकीमों से जांच करने और दवाएं देनें को कहता है. तो क्लिनिक चलाने वाला व्यक्ति सामने वाले व्यक्ति को पैंट की जिप खोलने को कहता है और उसके अंग पर टार्च की लाल-पीली रौशनी छोड़ता है. फिर गहरी सांस लेता है और कहता है की मरीज की बचपन की गलतियों के चलते उसकी मर्दाना ताकत में कमी आ गई है. जिसके चलते उसका अंग टेढ़ेपन का शिकार है और अंग की साइज़ का डेवलपमेंट सही से नहीं हुआ है. इसी कारण से व्यक्ति अपने पार्टनर के साथ सेक्स संबध के दौरान जल्दी ही स्खलित हो जाता है.

अब सामने वाले व्यक्ति की हालत देखते बनती है. वह काफी डर जाता है, कहीं ऐसा न हो की पत्नी उसे छोड़ कर किसी गैर मर्द के साथ भाग जाए. फिर वह व्यक्ति हकीम साहब से उस समस्या का निदान पूंछता है. इस पर वह हकीम अपने दराज से नीली-पीली सीसी निकालता है और कहता है उसे घबराने की जरुरत नहीं है. क्यों की उसकी दवाएं मरीज के सेक्स से जुड़े सारे समस्याओं को छूमंतर कर देगी. मरीज के चेहरे पर कुछ सुकून आता है अब हकीम साहब द्वारा मरीज को ईलाज के खर्च के बारे में बताया जाता है. स्वर्ण भस्म की कीमत 2 हजार से 3 हजार रुपये साथ ही महीने भर के दवा के पुड़ियों की कीमत लगभग 30 हजार रूपये यानी कुल ईलाज का खर्च लगभग 32 से 33 हजार रूपये. महीने भर के दवा की कीमत सुन कर व्यक्ति चौंकता है. लेकिन पत्नी को खुश करने और अपनी खोई हुई मर्दाना ताकत को वापस लाने के लिए हकीम साहब के पास ईलाज के लिए गया व्यक्ति  अपनी जमीन गिरवी रखके या पैसे उधार लेकर भी यह ईलाज शुरू कर देता है.

हकीम साहब की दवा की पुड़िया पहले दिन से ही काम करना शुरू कर देती है. कुछ दिनों तक तो तक तो बहुत अच्छा चल रहा होता है. लेकिन यह दवा भी अपना असर दिखाना बंद कर देती है. अब मरीज फिर से हकीम साहब के पास जाता है. हकीम साहब मरीज की हालत देख कर कहते हैं की अब दवाएं बदलनी पड़ेंगी. इसके लिए शाही ईलाज शुरू करना पडेगा. लेकिन हकीम साहब इस बार के ईलाज की कीमत डेढ़ गुना ज्यादा बताते हैं. सेक्स कूवत बढ़ाने की चाहत लिए व्यक्ति मरता क्या न करता, शाही ईलाज भी शुरू करता है. कुछ दिनों तक उस व्यक्ति को सेक्स में बड़ा मजा आता है. लेकिन इस बार उसके सेक्स की बची खुची ताकत भी चली जाती है. अब मरीज फिर से हकीम साहब के पास जाता है और ईलाज बदलने को कहता है. लेकिन हकीम साहब इस बार हाथ खड़े कर देते हैं. उनका कहना होता है की मरीज ने अपनी मर्दाना ताकत पूरी तरह से खो दी है, अब इसका ईलाज उनके पास नहीं है.

थक हार कर जब वह व्यक्ति सेक्स के किसी माहिर डाक्टर के पास जाता है. तो पता चलता है की उसके अन्दर कोई भी मर्दाना कमजोरी नहीं थी. लेकिन अब वह हकीम साहब के पुड़ियों के असर के चलते अपनी मर्दाना ताकत को खो चुका है. डाक्टर मरीज को कुछ परामर्श देते हैं साथ बहुत सस्ती दवाएं लिखते है. वह व्यक्ति फिर से माहिर डाक्टर की देखरेख में अपना ईलाज शुरू करता है. अब मरीज की मर्दाना ताकत फिर से वापस आने लगती है और कुछ दिनों में वह पूरी तरह से सेक्स के काबिल बन जाता है.

यह स्थितियां कमोबेश सेक्स में कमजोरी का भ्रम पाले सभी व्यक्तियों के साथ होती है. इसका कारण है है की व्यक्ति हकीम के लच्छेदार विज्ञापनों के भ्रमजाल में फंस जाता है. दूसरा इन हकीमों की क्लिनिक ऐसी जगह पर होती है ईलाज कराने वाले को जान पहचाने वाले आते जाते देख भी नहीं पाते है. लेकिन नीम-हकीमों के क्लीनिकों में ईलाज कराने वाले मरीज अपनी बची-खुची मर्दाना ताकत भी खो बैठते हैं. ऐसे में उनके पास पछताने के सिवा कोई चारा भी नहीं होता हैं.

क्या है नीम हकीमों के दवा के पुड़ियों की असलियत – सेक्स क्लिनिक चलाने वाले एक हकीम ने नाम न छापने की शर्त पर बताया की वह मर्दाना ताकत को बढ़ाने के नाम पर दी जाने वाली पुड़ियों में वियाग्रा जैसी दवाएं मिला देते है. इसी लिए उनका ईलाज महंगा होता है. व्यक्ति को लगता है की हकीम साहब की पुड़िया के चलते सेक्स की ताकत में बढ़ोतरी हो रही है. लेकिन सब कमाल वियाग्रा जैसी दवाओं का होता है, वहीँ शाही ईलाज क्या होते होता है पूंछने पर उस हकीम ने बताया की उसमें ऐसा कुछ नहीं होता है. बस वियाग्रा जैसी दवाओं का डोज बढ़ा दिया जाता है जिससे व्यक्ति को ज्यादा मजा आने लगता है.

हकीमों के चक्कर में पड़ खो सकते हैं अपनी मर्दाना ताकत- सेक्स के माहिर डाक्टर एम अकमालुद्दीन का कहना है की हकीमों से ईलाज के चक्कर में पड़ कर कई लोग जब पूरी तरह से अपनी मर्दाना ताकत खो बैठते हैं. जब उनके पास वह ईलाज के लिए आते है ऐसे में इन मरीजों का ईलाज बहुत कठिन हो जाता है.

सेक्स की ज्यादातर समस्या दिमागी – डाक्टर एम अकमालुद्दीन का कहना है की सेक्स से जुडी ज्यादातर समस्याएं दिमागी होती है. इसमें अंग का छोटापन, टेढ़ापन, जल्दी स्खलित होंने जैसी समस्याएं ज्यादा शामिल हैं. जब की इन समस्याओं का ईलाज बिना किसी दवा के ही किया जा सकता है. इसके लिए सेक्स के किसी माहिर डाक्टर से मिलने भर की जरुरत होती है. अगर डाक्टर को लगता है समस्या में दवा देनें की जरुरत है तभी वह दवा लिखता है. नहीं तो सेक्स की ज्यादातर समस्या परामर्श से ही ठीक हो जाती है.

करोड़ों का सेक्स के भ्रामक विज्ञापनों का खर्च- नीम हकीमों के कमाई का अंदाज हम इसी बात से लगा सकते हैं की ये लोग करोड़ों रूपये खर्च करके दीवालों, अखबारों और टीवी जैसे माध्यमों पर अपना विज्ञापन करवाते हैं.

कानून के दायरे को तोड़ कर चलती हैं नीम-हकीमों की दुकानें – मर्दाना ताकत का ईलाज करने के नाम पर चलने वाले ज्यादातर क्लिनिक कानून का पालन नहीं करते हैं. इन क्लीनिकों में ज्यादातर रजिस्टर्ड ही नहीं होते हैं और ज्यादातर के पास कोई डिग्री ही नहीं होती है. कुछ तो ऐसे भी होते हैं जो हफ्ते के सातो दिन अलग-अलग नाम से अलग – अलग जगहों पर अपनी क्लिनिकें भी चलाते हैं. उत्तर प्रदेश में इस तरह के हकीमों का पूरा जाल फैला हुआ है.

इसमें हकीम एम जुनैद क्लिनिक, हाशमी दवाखाना , पीके जैन जैसे हजारों क्लिनिक मिल जातें हैं. इस तरह के नीम हकीमों द्वारा सेक्स के ईलाज के नाम पर ठगी के मामले में आई पी एस अमिताभ ठाकुर और उनकी एक्टिविस्ट पत्नी नूतन ठाकुर ने 20 क्लीनिकों के खिलाफ वर्ष 2013 में एफ आई आर भी दर्ज कराया था. इसमें मशहूर हाशमी दवाखाना के हकीम ताजुद्दीन हाशमी व डॉ. पीके जैन क्लीनिक के डॉ. पीयूष जैन का नाम भी शामिल था. इन लोगों पर दवाओं और चमत्कारिक (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954  के तहत मुकदमें दर्ज हुए थे.

इस लिए जब भी आप को लगे की आप की मर्दाना ताकत घट रही है या आप सेक्स में कमजोर पड़ रहें है तो सेक्स के किसी माहिर डाक्टर की देखरेख में ही अपना ईलाज कराएं .

सेक्स करने के बाद मेरे यूटरस में काफी दर्द होने लगा है, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 21 साल की युवती हूं. कुछ दिनों पहले मैने अपने बौयफ्रैंड के साथ सेक्स किया था. हालांकि इस दौरान बौयफ्रैंड ने कंडोम का प्रयोग कर सेक्स किया पर दूसरे दिन सुबह मेरे यूटरस में दर्द होने लगा और मुझे बुखार भी हो गया. अत: बताएं कि सुरक्षित संबंध बनाने के बाद भी दर्द क्यों हुआ?

जवाब

सेक्स संबंध हमेशा सुरक्षित ही बनाना चाहिए. सेक्स क्रिया में कंडोम एक सरल व सहज गर्भनिरोधक है, जिस से अनचाहे गर्भधारण से बचा जा सकता है.

यूटरस में दर्द और बुखार होने का सुरक्षित सेक्स संबंध बनाने से कोई वास्ता नहीं है. संभव है कि आप के साथ कोई अंदरूनी वजह रही होगी. बेहतर होगा कि आप अपने डाक्टर से मिल कर सलाह लें.

अच्छी बात नहीं सैक्स में नानुकुर

आज यह लगातार चौथी रात थी जब सुरभि बिस्तर पर आने के बाद तकरीबन घंटाभर अपने मायके वालों से ले कर दोस्तों तक फोन पर लगी रही थी. टैलीविजन देख रहा उस का मर्द विवेक उस से बीचबीच में जोकुछ भी कहता, उस का वह ‘हांहूं’ में जवाब देती जाती. यही करतेकरते उसे खर्राटे आने लगे. विवेक ने मन मसोस कर टैलीविजन बंद किया और बगल में लेट गया.

आधी रात को जब विवेक की आंख खुली तो उस ने अपने में कड़ापन पाया. उसे सैक्स की तलब हो रही थी. उस ने सुरभि को जगाना चाहा लेकिन उस ने अपना रोज का ‘सोने दो न…’ वाला डायलौग बोल दिया.

झल्ला कर विवेक को आज भी खुद से ही काम चलाना पड़ा और वह नाराज मूड लिए ही सो गया.

इस तरह की हालत केवल विवेक की ही नहीं है बल्कि हर दूसरे घर में मर्दों को अपनी औरतों की यह ‘न’ झेलनी पड़ती है.

औरतों की सैक्स को ले कर नानुकर या इस के बल पर अपने मर्द को ब्लैकमेल करने की यह आदत अकसर अच्छेखासे रिश्ते को खराब कर देती है. ऐसा करना खुद औरतों को भी कई तरह से नुकसान पहुंचाता है.

बारबार सैक्स के लिए मना करने से औरत के साथी को लगने लगता है कि शायद उस में कोई कमी है जिस के चलते ही औरत को उस के साथ सैक्स करने में मजा नहीं आ रहा है. इस से जिंदगी के प्रति उस की चाहत कम हो सकती है.

अगर सैक्स के दौरान सचमुच औरत को अपने साथी की कोई बात खटके तो वह उसे सीधे शब्दों में बताए ताकि उस का हल निकाला जा सके.

लगाव कम होना

अपने साथी से लगातार सैक्स संबंध न बनाना या बहुत कम यानी महीने में 1-2 बार बनाना मर्दऔरत दोनों के रिश्ते में कड़वाहट घोल सकता है. सैक्स के दौरान मर्दऔरत जितने घुलतेमिलते जाते हैं, वैसा किसी और मौके पर होना अकसर मुश्किल होता है.

नए रिश्ते बनाना बुरा नहीं है लेकिन बारबार नएनए रिश्ते बनाना न आसान होता है और न ही अच्छा, इसलिए अगर औरत को अपना रिश्ता प्यारा है तो वह उसे और मजबूत करने पर ध्यान दे.

जिस तरह कोई गायक रियाज करना छोड़ दे तो वह गाना भी भूलने लगता है, उसी तरह सैक्स कम करने से सैक्स की चाहत में भी कमी आनी शुरू हो जाती है. वैसे, सैक्स करने से नीचे खून का दौरा सही रहता?है, पेशाब पर जोर बढ़ता है.

शक को जन्म देना

जी हां, औरत की रोजरोज की यह नानुकर उसे इस तरह की समस्या से भी दोचार करा सकती है खासकर अगर वह कामकाजी औरत है. फिर वह चाहे जो भी बहाने बना ले, अपने साथी को बिस्तर पर समय न देना उस के मन में यह शक पैदा करेगा कि उस की औरत की जिस्मानी जरूरतें कहीं और से पूरी हो रही हैं. मर्द का इस बात का गुस्सा दूसरे मौकों पर निकलने लगेगा जो घर में कलह की वजह बनेगा.

न करें ये गलतियां

कई औरतों को अकसर अपना बदन एक हथियार जैसा लगने लगता है. सासससुर, ननद वगैरह से नोकझोंक की हालत में वे अपने पति को सैक्स के नाम पर धमकाना शुरू कर देती हैं. साथी अगर बौयफ्रैंड है तो मामला खर्च, औफिस जैसे मसलों पर टिक जाता है.

औरत को यह समझना होगा कि सैक्स केवल मर्द की गरज नहीं है, बल्कि औरत को भी सैक्स की उतनी ही जरूरत होती है. अगर ऐसा नहीं होता तो ‘पति के अंग में तनाव कम होता है’ जैसे मुद्दों पर घर नहीं टूटते. सैक्स को ले कर ब्लैकमेल करने की आदत औरत को एक दिन किसी लायक नहीं छोड़ती है.

बिना वजह ‘न’ कहना

ऐसा हो सकता है कि किसी दिन या कुछ दिनों तक औरत सैक्स के लिए तैयार न हो, पर इस की सही वजह होनी चाहिए. ‘थकी हुई हूं’ जैसी बातें हमेशा अच्छी नहीं लगतीं. औरत का साथी भी उसी की ही तरह थका हुआ होता है. इस के अलावा एक कामयाब सैक्स औरत की थकान भी उतारेगा, इस को भी समझें.

प्यार भरी छेड़छाड़ तक तो ठीक है लेकिन औरत का साथी अगर उस से सैक्स करने के लिए चिरौरी कर रहा है, तो यह सोच कर मजे लेना शुरू न करें. इस का भारी खमियाजा भी भुगतना पड़ सकता है. लिहाजा, सैक्स करने का मजा लें और अपनी जिंदगी को खुशहाल बनाएं.

मैंने पिछले दिनों 2-3 बार गर्लफ्रैंड के साथ बिना कंडोम लगाए सेक्स कर लिया, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं 24 साल का हूं और मेरी गर्लफ्रैंड 25 साल की. मैं ने पिछले दिनों 2-3 बार गर्लफ्रैंड के साथ बिना कंडोम लगाए सेक्स किया. गर्लफ्रैंड ने हालांकि 72 घंटे की मैडिकल लिमिट के अंदर ही इमरजैंसी कौंट्रासैप्टिव पिल ली पर अब हम दोनों की ही टैंशन बढ़ गई है. गर्लफ्रैंड को 20 से 27वें दिन के बीच पीरियड्स आता है, जो इस बार नहीं आया. क्या वह प्रैगनैंट है?

जवाब-

कंडोम की तरह ही इमरजैंसी पिल्स गर्भधारण रोकने का एक माध्यम हैं. मगर इन्हें आमतौर पर तब लिया जाता है जब सेक्स संबंध अनायास बन जाए और उस दौरान गर्भनिरोध के किसी भी तरीके को अपनाया न जाए. इमरजैंसी कौंट्रासैप्टिव पिल को सेक्स के बाद 72 घंटे के अंदर लेना होता है. 72 घंटे से पहले इसे लेने से गर्भ ठहरने की संभावना को काफी हद तक टाला जा सकता है.

संभव है कि आप की गर्लफ्रैंड को इमरजैंसी पिल लेने की वजह से उस के रक्त में मौजूद हारमोंस का संतुलन बिगड़ गया हो. संभव यह भी है कि उस का मासिकधर्म लेट हो.

बेहतर होगा कि आप अपनी गर्लफ्रैंड से कहें कि वह यूरीन प्रैगनैंसी टैस्ट कर ले. यह घर पर भी आसानी से किया जा सकता है.

सेक्स में उतावलापन या जल्दबाजी सही नहीं होती और बिना कंडोम यौन संबंध बनाना नई मुसीबत को जन्म देता है. इसलिए आगे से जब भी सेक्स संबंध बनाएं कंडोम का इस्तेमाल जरूर करें ताकि आप दोनों ही बिना किसी भय के सेक्स का आनंद उठा सकें और बाद में भी कोई टैंशन न हो.

मेरे बौयफ्रेंड ने मेरे साथ सेक्स करते हुए जरूरी ऐहतियात नहीं बरता, अब मुझे क्या करना चाहिए?

सवाल

मैं 21 वर्षीय युवती हूं. पिछले कई महीनों से मैं अपने बौयफ्रैंड के साथ उस के फ्लैट पर जाया करती थी. वहां हम दोनों के बीच शारीरिक संबंध बन गए. इस दौरान बौयफ्रैंड ने जरूरी ऐहतियात नहीं बरता, बल्कि मेरे बारबार आग्रह करने पर वह मुझ से नाराज हो जाता था. मैं मजबूर थी कहीं मैं उसे खो न दूं. लेकिन अब मुझे डर है कि कहीं मैं प्रैगनैंट न हो जाऊं. अब मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब

यदि संबंध बनाने के बाद आप को मासिकधर्म नहीं हुआ है तो डरने की जरूरत है. मासिकधर्म न होने पर आप प्रैगनैंसी टैस्ट किट का इस्तेमाल कर के जांच कर सकती हैं. यह जांच आप घर पर खुद भी कर सकती हैं. यदि जांच के बाद किट में 2 लाल लकीरें दिखें तो आप जल्द ही डाक्टर से कंसल्ट करें. यदि आप के और आप के बौयफ्रैंड के बीच रिलेशन गहरे हैं तो आप को जल्द ही शादी कर लेनी चाहिए. यदि आप का बौयफ्रैंड शादी के लिए राजी नहीं है तो उस के न कहने की वजह जानने की कोशिश करें और उस के हाथों इमोशनली ब्लैकमेल होने से बचें. यदि आप अपनी इच्छा से संबंध बनाती हैं तो हर हाल में प्रोटैक्शन यूज करें.

मेरी शादी हुए 8 वर्ष हो गए हैं लेकिन मेरे पति मुझे बातबात पर डांटा करते हैं, मै क्या करूं?

सवाल-

मैं 38 वर्षीया हूं, शादी हुए 8 वर्ष हो गए हैं. शुरुआत में तो पति मेरी बहुत केयर करते थे लेकिन अब वे मुझे बातबात पर डांटा करते हैं, आनेजाने वालों के सामने मेरी बेइज्जती करते हैं. इस से मेरा मन बहुत दुखी होता है. आप बताएं कि मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब-

शादी के बाद के जीवन की शुरुआत में हम किसी के स्वभाव से उस के व्यक्तित्व को नहीं जान पाते, धीरेधीरे जब हम उस की आदतों से वाकिफ होते हैं तब उस के व्यक्तित्व की असली पहचान हो पाती है.

आप के पति में शायद ईगो बहुत है और वे समझते हैं कि वे ही सबकुछ हैं. इसलिए वे आप को सब के सामने अपमानित करते हैं. उन्हें लगता है कि इस से दूसरों पर यह प्रभाव पड़ेगा कि उन की घर में कितनी चलती है. ऐसे में आप उन्हें समझाएं कि उन का ऐसा रवैया आप को बिलकुल अच्छा नहीं लगता और अगर वे फिर भी न सुधरें तो आप सख्ती अपनाएं, न कि घुटघुट कर जिएं. अगर आप खुद को अबला दिखाएंगी तो हर कोई आप पर हावी होगा ही, इसलिए हिम्मत से इस परिस्थिति का मुकाबला कर पति को ट्रैक पर ले आइए.

मेरी पत्नी काफी खूबसूरत है और सब मेरी पत्नी की तारीफ करते हैं पर मेरी नहीं, मैं क्या करूं?

सवाल-

मेरी पत्नी काफी खूबसूरत है और जब भी कोई हमारे घर आता है तो वह मेरी पत्नी की खूबसूरती की तारीफ किए बिना नहीं रह पाता. मुझे पत्नी से चिढ़ होने लगी है, क्योंकि उस के कारण कोई मेरी तरफ देखता भी नहीं है. समझ नहीं आ रहा है कि मेरी सोच सही है या नहीं?

जवाब-

आप को तो खुश होना चाहिए था कि आप की वाइफ इतनी खूबसूरत है. असल में ऐसी भावना मन में तब आती है जब दोनों में से एक कम खूबसूरत होता है और हम उसे देख कर बस, यही सोचते हैं कि काश, हम भी इतने खूबसूरत होते कि सैंटर औफ अट्रैक्शन बन पाते. लेकिन आप को यह समझना होगा कि यह सब कुदरत का दिया हुआ होता है जिस पर हमारा बस नहीं चलता. इसलिए इसे पौजिटिव लेते हुए खुशी से जिएं.

मेरा बीवी के साथ सेक्स करने का बहुत मन करता है लेकिन वो प्रेग्नेंट है, मैं क्या करूं?

सवाल

मेरी बीवी प्रेग्नेंट है और 7वां महीना चल रहा है. मेरा अपनी बीवी के साथ सेक्स करने का बहुत मन करता है, पर वे मना करती है. मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब

आप को खुद पर काबू रखना चाहिए. ऐसी हालत में बिना बीवी की इच्छा के सेक्स करना बच्चे के भी लिए नुकसानदेह हो सकता है.

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प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्स करने को लेकर अलग-अलग बातें या तर्क सामने आते है. प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ ज्यादा सेक्स करना चाहते हैं जबकि दूसरी तरफ कुछ लोग इस दौरान सेक्स करने से डरते हैं. इसकी एक वजह यह भी है कि कुछ महिलाओं में प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्स की इच्छा बढ़ जाती है.

कुछ औरतें इसलिए डरती हैं कि कहीं सेक्स करने से गर्भ में पल रहे बच्चे को खतरा न हो उत्पन्न हो जाए. प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्स के बारे में कोई संदेह या डर हो तो अपने डॉक्टर से आपको खुल कर बातचीत करनी चाहिए. प्रेग्नेंसी के दौरान यौन संबंध बनाना नुकसानदेह नहीं होता. नॉर्मल प्रेग्नेंसी में आप प्रसव होने तक यौन संबंध बना सकते हैं. यह माना जाता है कि प्रेग्नेंसी के आखिरी कुछ हफ्तों में सेक्स नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे समय से पहले डिलीवरी हो सकती है या फिर बच्चे को नुकसान हो सकता है. लेकिन जानकारों के मुताबिक अगर इस दौरान पार्टनर या गर्भवती महिला को सेक्स में तकलीफ हो तो सेक्स करने से बचना चाहिए.

डॉक्टरों के मुताबिक जैसे-जैसे प्रेगनेंसी पीरियड बढ़ती जाती है आपको सावधानियां बरतनी चाहिए. गर्भवास्था में महिलाओं का पेट चौथे या पांचवें महीने के बाद पेट का आकार बढ़ता है और ऐसी स्थिति में सेक्स सहज नहीं रहता और उसमें तकलीफ होने की संभावना बनी रहती है.

आपका शरीर आपके बच्चे को गर्भावस्था के दौरान हर तरह से सुरक्षित रखने में सक्षम है इसलिए आपका बच्चा सेक्स के दौरान भी सुरक्षित ही है. कुछ जानकारों के मुताबिक प्रेगनेंसी के दौरान सेक्स करने से यह बच्चे के जन्म से पहले पैदा होने के खतरे को कम करता है. हालांकि कुछ मामलो में प्रेगनेंसी के दौरान सेक्स करना नुकसानदायक हो सकता है. प्रेगनेंसी के दौरान ब्लीडिंग होने,पेट में दर्द होने, गर्भाशय के कमजोर होने की स्थिति में सेक्स हर्गिज नहीं करना चाहिए.

कहा भी न जाए, सहा भी न जाए

औरतों की कुछ तकलीफें तो ऐसी होती हैं, जिन्हें वे किसी से कह नहीं पाती हैं और उन्हें चुपचाप सहती रहती हैं या उन की पीड़ा भोगती रहती हैं. जब पीड़ा सहन के बाहर हो जाती है, तब वे अपने पति या परिवार वालों को बताती हैं. ऐसे में उन की समस्या इतनी बढ़ जाती है कि उसे ठीक होने में काफी वक्त लगता है या वह लाइलाज हो जाती है.

शादीशुदा औरतों में कइयों को तो जिस्मानी संबंध बनाने के दौरान अंग में तेज दर्द होता है, लेकिन पति के सुख में बाधा न पहुंचे, इसलिए वे दर्द को चुपचाप बरदाश्त करती हैं. अपने चेहरे के हावभाव से भी दर्द को जाहिर नहीं होने देतीं और सेक्स में पति का साथ देती हैं, ताकि वह संतुष्ट रहे.

माना कि पति की सेक्स संतुष्टि का ध्यान रखना चाहिए, लेकिन जब इस में दर्द हो तो संतुष्टि एकतरफा ही होगी, जबकि वह संतुष्टि दोनों को मिलनी चाहिए. पति तो चरम सुख हासिल करता है और औरत उस की पीड़ा सहती रहती है, यह तो कोई बात नहीं हुई.

जिस्मानी संबंध बनाने के दौरान होने वाली तकलीफ के लिए मर्द द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले कंडोम या औरत द्वारा लगाई गई कौपर टी भी जिम्मेदार होती है.

कुछ मर्द सेक्स के दौरान अपनी मर्दानगी को साबित करने की कोशिश करते हैं जो किसी बलात्कार से कम नहीं होता, जबकि सेक्स में ताकत दिखाने के बजाय प्यार का प्रदर्शन करना चाहिए.

एक उम्र के बाद यानी 45 साल से 50 साल की उम्र के बीच औरतों की माहवारी बंद हो जाती है, जिसे मेनोपोज कहते हैं. इस से हार्मोन में बदलाव आता है और औरतों की सेक्स में दिलचस्पी धीरेधीरे खत्म होने लगती है. अंग में पहले जैसी नमी नहीं रहती है, वह नमी सूख जाती है. इस से सेक्स के दौरान दर्द होने लगता है या इस में मजा नहीं आता.

बेहतर होगा कि औरतें इस बारे में अपने पति को बताएं. वह कभी नहीं चाहेगा कि सेक्स के दौरान आप को दर्द हो. वह सेक्स का तरीका बदलेगा या सब्र का परिचय देगा.

इस के बावजूद भी अगर समस्या बनी रहती है, तो आप को महिला रोग विशेषज्ञ से पूरी जांच करानी चाहिए, ताकि असली वजह का पता चल सके. इलाज के बाद दर्द दूर हो जाएगा और सेक्स दोनों के लिए सुखद व मजा देने वाला होगा.

कुछ औरतों में माहवारी के दौरान बहुत ज्यादा खून बहता है या काफी दर्द होता है. ऐसे में उन्हें संकोच छोड़ कर महिला रोग विशेषज्ञ को बताना चाहिए.

हां, माहवारी में कुछ तकलीफें होना आम बात है, जैसे स्तनों में दर्द या भारीपन होना, पेट के निचले हिस्से में दर्द होना या भारीपन रहना वगैरह. ये लक्षण 1-2 दिन में अपनेआप ठीक हो जाते हैं.

औरतों को चाहिए कि वे माहवारी के दिनों में रोज नहाएं और साफ पैड का इस्तेमाल करें. नहाने के दौरान अपने अंगों की अच्छी तरह साफसफाई भी करें.

कुछ औरतों के अंग में घाव या छोटीछोटी फुंसियां हो जाती हैं. ये काफी जलन पैदा करती हैं, जो बरदाश्त के बाहर होती हैं. इसी तरह बहुत सी औरतों के अंग के आसपास खुजली रहती है. खुजलाने में शर्म भी आती है, लेकिन खुजलाना पड़ता है.

ये सब यौन संक्रमण हैं. इन को गंभीरता से लेना चाहिए और अपना इलाज कराना चाहिए. औरतों के निचले हिस्से में फंगल इंफैक्शन भी हो सकता है.

औरतों के अंग से थोड़ाबहुत पानी का रिसाव सा होना कुदरती है. इस से उस में नमी बनी रहती है. लेकिन अगर यह रिसाव असामान्य पीला, हरा, गाढ़ा, बदबू वाला हो तो चिंता की बात है.

आमतौर पर औरतें इस की अनदेखी करती हैं. नतीजतन, उन की यह समस्या गंभीर हो जाती है. इस में शर्म,  िझ झक छोड़ कर महिला डाक्टर को बताना जरूरी है. बेहतर होगा कि अंदरूनी अंग और कपड़ों के प्रति साफसफाई बरतें.

अगर शादीशुदा औरतों को कोई गुप्त रोग है, तो उसे बेझिझक अपने पति को बताना चाहिए. ऐसे में पति को भी अपनी जांच करानी होगी, क्योंकि इस का जिम्मेदार वह भी हो सकता है.

दूसरी बीमारियों की तरह गुप्त रोग भी एक बीमारी है और इस का इलाज मुमकिन है. इस में न तो घबराने की जरूरत है, न शरमाने की. जितनी जल्दी इस का इलाज शुरू होगा, उतनी ही जल्दी बीमारी ठीक हो सकती है.

गुप्त रोग की हालत में पतिपत्नी दोनों का इलाज किया जाता है. इस के लिए गुप्त रोग विशेषज्ञ के पास जाना होगा. दवाओं की कुछ खुराक लेने के बाद लक्षण गायब होने लगते हैं, लेकिन

दवा का पूरा कोर्स करना चाहिए, वरना बीमारी दोबारा हो सकती है. जब तक गुप्त रोग का इलाज पूरा न हो जाए, तब तक सेक्स से दूरी बनाए रखना होगा.

कुछ औरतों को पेशाब के दौरान कंट्रोल न रहने की समस्या भी होती है. हंसते, खांसते, छींकते समय पेशाब की अनचाही कुछ बूंदें निकल जाती हैं, जिस से उन के भीतरी कपडे़ खराब हो जाते हैं. उन्हें शर्मसार होना पड़ता है, सो अलग.

यह समस्या लाइलाज नहीं है, बशर्ते शर्म छोड़ कर डाक्टर के पास जाया जाए. डाक्टर दवाएं देगा और कुछ कसरत बताएगा, जिस से इस समस्या पर काबू पाया जा सकता है.

औरतों में पेशाब के रास्ते में इंफैक्शन होना एक आम बीमारी है. इस की कई वजहें हो सकती हैं, जैसे पब्लिक टौयलेट का इस्तेमाल, माहवारी के दौरान सफाई न रखना वगैरह. इस से उन्हें बुखार भी आ सकता है. इस का इलाज कराना बहुत जरूरी है, वरना इस का बुरा असर शरीर के कई अंगों पर पड़ता है. अगर इलाज को अधूरा छोड़ा, तो यह इंफैक्शन बारबार होता रहेगा.

इस संक्रमण को यूटीआई के नाम से जाना जाता है. शरीर की बीमारियों से लड़ने की कूवत कम होने से बैक्टीरिया बहुत जल्दी हमला बोल देते हैं. योनि और गुदा मार्ग की ठीक से सफाई न होना भी इस की वजह है.

बारिश के मौसम में इस का खतरा बढ़ जाता है. बचाव के लिए जरूरी है कि पानी खूब पीएं, पेशाब को न रोकें, सेक्स के पहले व बाद में पेशाब जरूर करें और सही मात्रा में विटामिन सी लें.

औरतों में बवासीर की शिकायत भी देखी गई है. इस में शौच के दौरान उन्हें काफी पीड़ा होती है. खूनी बवासीर में खून भी निकलता है. समस्या जब बढ़ जाती है, तो औरत का उठनाबैठना मुश्किल होने लगता है.  िझ झक के चलते वे यह बात अपने पति तक को नहीं बताती हैं और खुद पीड़ा सहती रहती हैं.

बवासीर की तरह ही फिस्टुला यानी भगंदर की समस्या भी हो सकती है. इस बीमारी में गुदा मार्ग के अलावा मल निकलने का एक दूसरा रास्ता बन जाता है. यह काफी तकलीफदेह होता है. मरीज को उठनेबैठने में परेशानी होती है, लेकिन औरतें इस की पीड़ा चुपचाप सहती रहती हैं.

बवासीर हो या फिस्टुला, गुदा मार्ग से जुड़ी इन बीमारियों का आपरेशन ही एकमात्र उपाय है. औरतों को चाहिए कि वे इसे सहने के बजाय इस का उपचार करा कर पीड़ामुक्त जिंदगी जिएं.

औरतों में स्तन कैंसर और गर्भाशय कैंसर के मामले बढ़ते जा रहे हैं. जहां तक स्तन कैंसर की बात है, औरतें इसे अपने पति तक को नहीं बतातीं. स्तनों में आई गड़बड़ी, गांठ, स्राव की वे अनदेखी करती हैं. वे लेडी डाक्टर को बताने में भी संकोच करती हैं. जब दर्द बरदाश्त से बाहर हो जाता है तब बताती हैं, लेकिन तब तक कैंसर काफी फैल चुका होता है.

औरतों को चाहिए कि वे अपनी कोई भी निजी समस्या सब से पहले अपने पति, सास या मां को बताएं और समस्या की शुरुआत में ही माहिर डाक्टर से इलाज कराएं. इसी में भलाई है.

गांवदेहात में स्वास्थ्य सुविधाएं कम हैं. माहिर डाक्टर भी नहीं होते हैं. ऐसे में उन्हें शहरों में आ कर अपना इलाज कराना चाहिए.

मेरे पति के मेरे अलावा 2 महिलाओं के साथ संबंध हैं, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं विवाहित युवती हूं. मेरे पति के मेरे अलावा 2 महिलाओं के साथ संबंध हैं. मैं बहुत परेशान हूं और मुझे आपसे बहुत उम्मीद है. कृपया बताएं कि मैं ऐसा क्या करूं जिस से अपने पति को उन युवतियों के चंगुल से बचा सकूं?

जवाब

लगता है, आप अपनी घरगृहस्थी में कुछ ज्यादा ही व्यस्त हो पति के प्रति लापरवाह होती गईं. घर में अपेक्षित प्यार और तवज्जो न मिलने के कारण ही आप के पति ने बाहर दूसरी महिलाओं से संबंध बना लिए. उन्हें वापस पाने के लिए आप को अब थोड़े धीरज से काम लेना होगा.

पति जब भी घर आएं उन के साथ बिलकुल सामान्य व्यवहार करें. उन्हें तानेउलाहने न दें, न ही उन से लड़ाई झगड़ा करें, वरना वे घर आने से भी कतराने लगेंगे, जो आप के हित में नहीं होगा. पति जितनी देर घर रहें उन्हें भरपूर प्यार दें. धीरेधीरे उन का बाहर से वैसे भी मोहभंग हो जाएगा. विवाहित पुरुषों को युवतियां ज्यादा दिनों तक घास नहीं डालतीं, साथ ही अवैध संबंधों की मियाद भी ज्यादा लंबी नहीं होती. इसलिए चिंता छोड़ कर पति को वापस पाने के प्रयास में लग जाएं.

मैं एक लड़की से 8 वर्षों से प्यार करता हूं, उसके पापा को शादी के लिए कैसे मनाऊं?

सवाल-

मैं एक लड़की से 8 वर्षों से प्यार करता हूं. वह सुंदर है और मुझे बहुत प्यार करती है. मेरे पिताजी की मृत्यु तब हो गई थी जब मैं ग्रैजुएशन कर रहा था. मैं आज अच्छी जौब करता हूं और ट्यूशन भी पढ़ाता हूं. मेरी गर्लफ्रैंड दूसरी जाति से है. मैं हार्डवर्क कर के पैसे कमा रहा हूं ताकि फाइनैंशियली स्ट्रौंग बन कर उस के पापा से शादी की बात कर सकूं. मुझे गाइड करें कि कैसे मैं उस के पापा को मनाऊं?

जवाब-

प्यार इंसान से किया जाता है न कि जाति से. आप अपने परिवार का पालनपोषण अच्छे तरीके से कर सकते हैं, इसलिए डरें नहीं बल्कि हिम्मत जुटाएं. पहले अपने परिवार वालों को इस बात से परिचित कराएं ताकि वे लड़की के पिता से बात कर सकें. आप यकीन मानिए, अगर दोनों परिवार एकदूसरे से संतुष्ट हो गए तो आप को मिलने से कोई नहीं रोक सकता. अगर लड़की के घर वाले न मानें तो आप दोनों अपनी मरजी से विवाह कर सकते हैं. ऐसे विवाह कोर्टमैरिज प्रक्रिया से ही किए जाने चाहिए ताकि बाद में कठिनाई न हो.

मेरे पति वैसे तो काफी अच्छे हैं लेकिन उन का नौकरी में बिलकुल मन नहीं लगता. इस कारण परिवार के समक्ष आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. परिवार के किसी भी सदस्य की बात उन्हें समझ नहीं आ रही. आप ही बताएं कि कैसे उन्हें सही रास्ता दिखाया जाए?

पति कमाए नहीं तो जिंदगी चलती ही नहीं है. उन के नौकरी न करने से सब बेहाल हो जाएंगे और बिना नौकरी वाले आदमी को न तो घर में इज्जत मिलती है न ही बाहर.

ऐसे इंसान के साथ रहने का कोई फायदा नहीं है जो दो वक्त की रोटी का भी जुगाड़ न कर सके. हो सकता है आप का यह सख्त रुख उन्हें सुधरने पर मजबूर कर दे. आप भी खुद को आत्मनिर्भर बनाएं और उन से साफ कह दें कि प्यार एक तरफ है और जिम्मेदारी एक तरफ.

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