मेरी दोस्त की बहन गलत रास्ते पर जा रही है, क्या मुझे अपने दोस्त को इस बारे में बताना सही होगा?

सवाल

मेरा एक दोस्त है जिस की बहन मेरे ही कालेज में पढ़ती है. मेरे दोस्त ने मुझ से कहा था कि मैं उस की बहन पर नजर रखूं और उसे अपनी बहन जैसा ही मानूं. मैं ने ऐसा ही किया और मैं अपने दोस्त की बहन को अपनी छोटी बहन जैसा ही समझता हूं. कालेज का नया टर्म शुरू हुआ तो मैं ने जाना कि दोस्त की बहन कुछ बिगड़े हुए लड़कों से दोस्ती रखती है जो सही नहीं है, मैं ने उसे समझाया भी कि वे लड़के सही नहीं हैं लेकिन उस ने मेरी बात नहीं मानी. अब मैं सोच रहा हूं अपने दोस्त यानी उस के भाई को इस बारे में बता दूं पर ऐसा करना सही होगा या नहीं, यह समझ नहीं पा रहा.

जवाब

आप ने एक भाई होने के नाते दोस्त की बहन को समझा दिया, अच्छा किया. लेकिन आप की यह बात कि आप यह बात उस के भाई से भी कहेंगे, सही नहीं है. आप खुद सोचिए वह बालिग है और यह उस की जिंदगी और उस का फैसला है कि वह किस से बात करना चाहती है और किस से नहीं. आप किसी की लाइफ में इतना दखल तो नहीं दे सकते. कम से कम दोस्त चुनना तो हमारी खुद की मरजी होनी चाहिए. आप खुद को उस की जगह  रख कर देखिए तो शायद आप को समझ आए. एक दोस्त या भाई के तौर पर नजर रखने की कोई तुक नहीं बनती, और फिर आप तो जासूसों जैसी बातें कर रहे हैं. वे उस के दोस्त हैं और शायद वह इतना जानतीसमझती तो होगी कि दोस्त किसे बनाना चाहिए.

मेरी पत्नी निहायत ही झगड़ालू और क्रोधी है और हमेशा मेरी मां के साथ लड़ती रहती है, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं सरकारी स्कूल में शिक्षक हूं. घर में किसी चीज की दिक्कत नहीं है पर मेरी परेशानी मेरी पत्नी है, जो निहायत ही झगड़ालू और क्रोधी है. घर में मेरी मां के साथ वह हमेशा लड़ती रहती है और मुझ पर दबाव डालती है कि कहीं और फ्लैट ले लो, मुझे तुम्हारी मां के साथ नहीं रहना. मैं किसी भी हाल में अपनी मां को खुद से अलग नहीं कर सकता. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

पहले तो आप यह जानने की कोशिश करें कि आप की पत्नी ऐसा क्यों चाहती है? तह तक जाए बगैर फिलहाल कोई निर्णय लेना सही नहीं होगा. पत्नी को समझाबुझा सकते हैं. संभव हो तो पत्नी के मातापिता को भी मध्यस्थ बनाएं. पत्नी के साथ अधिक से अधिक समय बिताएं और साथ घूमनेफिरने जाएं. इन सब से पत्नी सही रास्ते पर आ सकती है.

मैं पिछले कुछ दिनों से एक लड़की को पसंद करने लगी हूं, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं एक 15 साल की लड़की हूं. पिछले कुछ दिनों से मैं एक लड़की को पसंद करने लगी हूं, जो उम्र में मुझसे 3 साल बड़ी है. अब मैं उसे दीदी भी नहीं कहती हूं और उस के पास ही रहने को मचलने लगती हूं.

वह लड़की भी इस बात को जानती है और कभीकभार वह मेरे नाजुक अंगों को सहला देती है. इस में मुझे बड़ा मजा आता है. ऐसा क्यों है? क्या यह कोई बीमारी है?

जवाब-

नहीं, यह कोई बीमारी नहीं है. कई लड़कियों को लड़कियों के साथ ही मजा आता है और कई तो आपस में शादियां कर के सुकून से रह भी रही हैं. ऐसे समलैंगिक संबंधों को अब कानून ने भी मंजूरी दे दी है.

आप अपनी सहेली से खुल कर बात करें. अगर उसे भी आप जितना ही मजा आ रहा हो तो आगे और मजा ही मजा है. इस का बेहिचक लुत्फ उठाएं और मन में कोई शक न रखें.

मैं और मेरी गर्लफ्रैंड कुछ ऐक्साइटिंग करना चाहते हैं, इसके लिए हम क्या करें?

सवाल

मुझे और मेरी गर्लफ्रैंड को रिलेशनशिप में रहते 2 साल हो गए हैं. पिछले साल हम बहुत मिलतेजुलते थे, घूमते थे. बहुत अच्छा टाइम स्पैंड करते थे. लेकिन इस साल लौकडाउन व कोरोना वायरस की वजह से हमारा मिलनाजुलना बहुत कम हो गया. लेकिन स्थिति में कुछ सुधार हुआ तो पूरे प्रीकौशंस के साथ हम फिर से डेटिंग कर रहे हैं. मुझे लगता है कि कुछ नया, कुछ ऐक्साइटिंग किया जाए ताकि हमारी रिलेशनशिप ज्यादा स्पाइसी हो, दोनों के बीच रोमांच बना रहे. बताइए कि मुझे क्या नया करना चाहिये?

जवाब

आप के रिलेशनशिप को 2 साल हो चुके हैं. एकदूसरे को काफी हद तक जान चुके होंगे. इस रिलेशनशिप को आप तरोताजा और ऐक्साइटमैंट से भरा रखना चाहते हैं तो अब डेटिंग में कुछ नए एक्सपैरिमैंट कर सकते हैं, जैसे नाइट कैंपिंग कर सकते हैं. खुले आसमां और नैचुरल इन्वायरमैंट में समय बिताना काफी रोमांटिक होगा.

गर्लफ्रैंड के साथ लौंग ड्राइव पर निकलें. मौसम के हिसाब से और सिचुऐशन देखते हुए ही सबकुछ प्लान करें. गर्मी में किसी ठंडी जगह पर जाएं. सर्दी के मौसम में घूमनेफिरने के बहुत से औप्शंस हैं, जैसे गार्डन, ऐडवैंचर पार्क, विंडो शौपिंग के बाद ओपन साइड लंच करें. कई बार मौसम के कारण भी डेटिंग बेमजा हो जाती है. डेटिंग डैस्टिनेशन बदलते रहें. भले ही कोई जगह आप को बहुत प्यारी लगती हो लेकिन बारबार एक ही जगह पर जा कर बोरियत हो सकती है.

इस के अलावा कुछ ऐसा भी करें जो पहले नहीं किया, जैसे अगर अब तक डांस नहीं किया है तो कपल डांस करें. एकदूसरे के लिए गाना गाएं, गेम खेलें. किस, हग इत्यादि करने का तरीका बदलें. ऊपर बताए रोमांटिक डेट आइडिया अपना कर देखें, मुलाकातें ज्यादा मजेदार हो जाएंगे 

मेरे बौयफ्रेंड ने मेरे साथ सेक्स करते हुए जरूरी ऐहतियात नहीं बरता, अब मुझे क्या करना चाहिए?

सवाल

मैं 21 वर्षीय युवती हूं. पिछले कई महीनों से मैं अपने बौयफ्रैंड के साथ उस के फ्लैट पर जाया करती थी. वहां हम दोनों के बीच शारीरिक संबंध बन गए. इस दौरान बौयफ्रैंड ने जरूरी ऐहतियात नहीं बरता, बल्कि मेरे बारबार आग्रह करने पर वह मुझ से नाराज हो जाता था. मैं मजबूर थी कहीं मैं उसे खो न दूं. लेकिन अब मुझे डर है कि कहीं मैं प्रैगनैंट न हो जाऊं. अब मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब

यदि संबंध बनाने के बाद आप को मासिकधर्म नहीं हुआ है तो डरने की जरूरत है. मासिकधर्म न होने पर आप प्रैगनैंसी टैस्ट किट का इस्तेमाल कर के जांच कर सकती हैं. यह जांच आप घर पर खुद भी कर सकती हैं. यदि जांच के बाद किट में 2 लाल लकीरें दिखें तो आप जल्द ही डाक्टर से कंसल्ट करें. यदि आप के और आप के बौयफ्रैंड के बीच रिलेशन गहरे हैं तो आप को जल्द ही शादी कर लेनी चाहिए. यदि आप का बौयफ्रैंड शादी के लिए राजी नहीं है तो उस के न कहने की वजह जानने की कोशिश करें और उस के हाथों इमोशनली ब्लैकमेल होने से बचें. यदि आप अपनी इच्छा से संबंध बनाती हैं तो हर हाल में प्रोटैक्शन यूज करें.

मेरी शादी हुए 8 वर्ष हो गए हैं लेकिन मेरे पति मुझे बातबात पर डांटा करते हैं, मै क्या करूं?

सवाल-

मैं 38 वर्षीया हूं, शादी हुए 8 वर्ष हो गए हैं. शुरुआत में तो पति मेरी बहुत केयर करते थे लेकिन अब वे मुझे बातबात पर डांटा करते हैं, आनेजाने वालों के सामने मेरी बेइज्जती करते हैं. इस से मेरा मन बहुत दुखी होता है. आप बताएं कि मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब-

शादी के बाद के जीवन की शुरुआत में हम किसी के स्वभाव से उस के व्यक्तित्व को नहीं जान पाते, धीरेधीरे जब हम उस की आदतों से वाकिफ होते हैं तब उस के व्यक्तित्व की असली पहचान हो पाती है.

आप के पति में शायद ईगो बहुत है और वे समझते हैं कि वे ही सबकुछ हैं. इसलिए वे आप को सब के सामने अपमानित करते हैं. उन्हें लगता है कि इस से दूसरों पर यह प्रभाव पड़ेगा कि उन की घर में कितनी चलती है. ऐसे में आप उन्हें समझाएं कि उन का ऐसा रवैया आप को बिलकुल अच्छा नहीं लगता और अगर वे फिर भी न सुधरें तो आप सख्ती अपनाएं, न कि घुटघुट कर जिएं. अगर आप खुद को अबला दिखाएंगी तो हर कोई आप पर हावी होगा ही, इसलिए हिम्मत से इस परिस्थिति का मुकाबला कर पति को ट्रैक पर ले आइए.

मेरी पत्नी काफी खूबसूरत है और सब मेरी पत्नी की तारीफ करते हैं पर मेरी नहीं, मैं क्या करूं?

सवाल-

मेरी पत्नी काफी खूबसूरत है और जब भी कोई हमारे घर आता है तो वह मेरी पत्नी की खूबसूरती की तारीफ किए बिना नहीं रह पाता. मुझे पत्नी से चिढ़ होने लगी है, क्योंकि उस के कारण कोई मेरी तरफ देखता भी नहीं है. समझ नहीं आ रहा है कि मेरी सोच सही है या नहीं?

जवाब-

आप को तो खुश होना चाहिए था कि आप की वाइफ इतनी खूबसूरत है. असल में ऐसी भावना मन में तब आती है जब दोनों में से एक कम खूबसूरत होता है और हम उसे देख कर बस, यही सोचते हैं कि काश, हम भी इतने खूबसूरत होते कि सैंटर औफ अट्रैक्शन बन पाते. लेकिन आप को यह समझना होगा कि यह सब कुदरत का दिया हुआ होता है जिस पर हमारा बस नहीं चलता. इसलिए इसे पौजिटिव लेते हुए खुशी से जिएं.

मेरे पड़ोस की भाभी से अवैध संबंध हैं उनके पति ये जानते हैं लेकिन भाभी मुझे छोड़ना नहीं चाहती, क्या करूं?

सवाल
मैं 21 साल का हूं. पड़ोस वाली भाभी 32 साल की हैं और उन के 3 बच्चे भी हैं. एक बार उन के पति गांव गए थे, तो मेरे और उन के बीच जिस्मानी संबंध बन गए, जो लगातार चल रहे हैं. एक दिन उन के पति ने हम दोनों को रंगेहाथ पकड़ भी लिया. इस के बावजूद वे अपनी बीवी को साथ ले जाने को तैयार हैं, पर वह मुझे छोड़ना नहीं चाहती. क्या करूं?

जवाब
3 बच्चों की मां को तलाक दिला कर उस से शादी करना आसान काम नहीं है. लिहाजा, आप उसे समझा कर पति के साथ जाने को कहें. उस का पति बेहद भला है, वरना कोई भी ऐसी हरकत बरदाश्त नहीं कर सकता. आप ने मुफ्त की मलाई खूब चाट ली, अब उस से किनारा करने में ही भलाई है.

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जेंटस पार्लरों में चलता गरम जिस्म का खेल

बिहार की राजधनी पटना के हर इलाके में जेन्टस पार्लर की भरमार है. चमचमाते और रंग बिरंगे पार्लर मनचले युवकों और मर्दों को खुलेआम न्यौता देते रहते हैं. पार्लर के आस-पास गहरे मेकअप किए इठलाती, बलखाती और मचलती लड़कियां मोबाइल फोन पर बातें करती दिख जाती हैं. अपने परमानेंट कस्टमरों को सेक्सी बातों से रिझाती-पटाती नजर आ ही जाती है. इन पार्लर में हर तरह की ‘सेवा’ दी जाती है.

कुर्सी के हेडरेस्ट के बजाए लड़कियों के सीने पर सिर रख कर शेव बनाने और फेस मसाज का आनंद लीजिए या फिर लड़कियों के गालों पर चिकोटियां काटते हुए मसाज का मजा लीजिए. फेस मसाज, हाफ मसाज से लेकर फुल मसाज की सर्विस हाजिर है. जैसा काम, वैसी फीस. याने पैसा फेंकिए और केवल तमाशा मत देखिए, बल्कि खुद भी तमाशों में शामिल होकर दैहिक सुख का भरपूर आनंद उठाइए.

जेंटस पार्लरों में कस्टमर से मनमाने रेट वसूले जाते हैं. शेव बनाने की फीस 500 से 1000 रूपए हैं. फेस मसाज कराना है तो 1000 से 2000 तक ढीले करने होंगे. हाफ बौडी मसाज के लिए 3000 से 5000 रूपए डाउन करने पड़ेगें और फुल बौडी मसाज की तो रेट नहीं है. जैसा कस्टमर वैसी फीस और सुंदर ‘मसाजर’ को तो मनमाना फीस देने को कस्टमर लाइन लगाए रहते हैं.

पटना के बोरिंग रोड, फ्रेजर रोड, एक्जीविशन रोड, डाकबंगला रोड, कदमकुंआ, पीरबहोर, मौर्यलोक कम्प्लेक्स, स्टेशन रोड, राजा बाजार, कंकड़बाग, एसके नगर आदि इलाकों में जेन्टस या मेंस मसाज पार्लर की भरमार है. पिछले कुछ महीनों से पुलिस की छापामारी से जेंटस पार्लरों का धंधा कुछ मंदा तो हुआ है, पर पूरी तरह से बंद नहीं हुआ है. थानों के मिलीभगत से जेंटस पार्लरों का खेल चल रहा है.

कुछ साल पहले तक मसाज पार्लरों  में नेपाली और बांग्लादेशी लड़कियों की भरमार थी, पर अब उनकी संख्या कम हुई है और बिहार और उत्तर प्रदेश की ज्यादातर लड़किया उनमें काम कर रही है. इनमें ज्यादातर गरीब घरों की लड़किया ही होती हैं, जो पेट की आग बुझाने के लिए लोगों के सेक्स की आग को बुझाने का धंधा करने को मजबूर हैं.

फ्रेजर रोड के एक पार्लर में काम करने वाली सलमा बताती हैं कि उसका शोहर उसे छोड़ कर मुंबई भाग गया. अपनी और 7 साल की बेटी को पालने के लिए उसे मसाज पार्लर में काम करना पड़ा. उसी तरह पति की मौत के बाद ससुराल वालों की मार-पीट की वजह से रोहतास से भाग कर पटना पहुंची सोनी काम की खोज में बहुत भटकी पर उसे कोई काम नहीं मिला. उसकी सहेली ने उसे जेन्टस पार्लर में काम दिलाया. वह बताती है कि पहले तो उसे मर्दों की सेक्सी आंखों और हरकतों से काफी शर्म आती थी. कई बार यह काम छोड़ने का मन किया, पर मरता क्या न करता. अब इन सबकी आदत हो गई है. सर, सारी, थैंक्यू, मोस्ट बेलकम, नौटी ब्वाय आदि सीख गई हूं. समाज सेवक प्रवीण सिन्हा कहते हैं कि पार्लर में काम करने वाली ज्यादातर लड़कियों और औरतों के पीछे बेबसी और मजबूरी की कहानी होती हैं. कुछेक लड़कियां ही ऐसी होती हैं जो ऐश-मौज करने और मंहगे शौकों को पूरा करने के लिए मसाज करने और जिस्म बेचने का काम करती हैं.

आसपास के लोगों की कई शिकायतों के बाद कभी-कभार पुलिस जागती है और एक साथ कई मसाज पार्लर पर छापामारी कर कई लड़कियों, पार्लर संचालिकाओं और दर्जनों कस्टमरों को पकड़ कर ले जाती है. पुलिस देह का धंधा करने के आरोप में लड़कियों और ग्राहकों की धरपकड़ करती है. 2-3 दिन तो पार्लर पर ताला दिखता है और फिर  पुलिस, कानून और समाज के ठेकेदारों को ठेंगा दिखाते हुए धंधा चालू हो जाता है और बेधड़क चलता रहता है. पता नहीं पुलिस की इस ड्रामेबाजी का मतलब क्या है?

पुलिस के एक आला अफसर कहते हैं कि जिस्मानी धंधे की शिकायत मिलने के बाद पुलिस छापामारी करती है. प्रिवेंशन आफ इममारल ट्रैफिक एक्ट के तहत शिकायतों के बाद छापामारी की जाती है. पार्लर से पकड़ी गई लड़कियां या औरतें यह नहीं बताती हैं कि उन्हें जर्बदस्ती या लालच देकर या टार्चर कर काम कराया जा रहा है. वह तो पुलिस को यही बयान देती है कि वह अपनी मर्जी से काम कर रही है. अगर वह देह बेचने को मजबूर नहीं की गई है तो प्रिवेंशन आफ इममारल ट्रैफिक एक्ट बेमानी हो जाता है. इससे कानून कुछ कर नहीं पाता है.

पुलिस के एक रिटायर्ड औफिसर की मानें तो पार्लर पर छापामारी पुलिस के पैसा उगाही का जरिया भर है. पुलिस को पता है कि ऐसे मसाज पार्लर पर कानूनी कार्रवाई नहीं हो सकती है, वह महज रौब-धौंस दिखा कर ‘वसूली’ कर लड़कियों और संचालकों को छोड़ देती है. जो पार्लर सही समय पर थानों में चढ़ावा नहीं चढ़ाते हैं, वहीं छापामारी भी की जाती है. पटना हाई कोर्ट के वकील उपेंद्र प्रसाद कहते हैं कि जिस्म के धंधे और यौन शोषण की शिकायत पर कानूनी कार्रवाई तभी हो सकती है, जब वह दबाब में हो. जब किसी महिला को जबरन या खरीद-बिक्री के लिए यौन शोषण नहीं किया जा रहा है, तो वह कानूनन वेश्यावृत्ति नहीं माना जाएगा. पार्लर से पकड़ी गई लड़कियां कभी यह नहीं कहती है कि उससे जबरन कोई काम कराया जा रहा है. फिर यह कैसे कहा जा सकता है कि पार्लर में जिस्मफरोशी का धंधा चलता है?

मेरा बीवी के साथ सेक्स करने का बहुत मन करता है लेकिन वो प्रेग्नेंट है, मैं क्या करूं?

सवाल

मेरी बीवी प्रेग्नेंट है और 7वां महीना चल रहा है. मेरा अपनी बीवी के साथ सेक्स करने का बहुत मन करता है, पर वे मना करती है. मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब

आप को खुद पर काबू रखना चाहिए. ऐसी हालत में बिना बीवी की इच्छा के सेक्स करना बच्चे के भी लिए नुकसानदेह हो सकता है.

ये भी पढ़ें- प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्स, इन बातों का रखें ध्यान

प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्स करने को लेकर अलग-अलग बातें या तर्क सामने आते है. प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ ज्यादा सेक्स करना चाहते हैं जबकि दूसरी तरफ कुछ लोग इस दौरान सेक्स करने से डरते हैं. इसकी एक वजह यह भी है कि कुछ महिलाओं में प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्स की इच्छा बढ़ जाती है.

कुछ औरतें इसलिए डरती हैं कि कहीं सेक्स करने से गर्भ में पल रहे बच्चे को खतरा न हो उत्पन्न हो जाए. प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्स के बारे में कोई संदेह या डर हो तो अपने डॉक्टर से आपको खुल कर बातचीत करनी चाहिए. प्रेग्नेंसी के दौरान यौन संबंध बनाना नुकसानदेह नहीं होता. नॉर्मल प्रेग्नेंसी में आप प्रसव होने तक यौन संबंध बना सकते हैं. यह माना जाता है कि प्रेग्नेंसी के आखिरी कुछ हफ्तों में सेक्स नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे समय से पहले डिलीवरी हो सकती है या फिर बच्चे को नुकसान हो सकता है. लेकिन जानकारों के मुताबिक अगर इस दौरान पार्टनर या गर्भवती महिला को सेक्स में तकलीफ हो तो सेक्स करने से बचना चाहिए.

डॉक्टरों के मुताबिक जैसे-जैसे प्रेगनेंसी पीरियड बढ़ती जाती है आपको सावधानियां बरतनी चाहिए. गर्भवास्था में महिलाओं का पेट चौथे या पांचवें महीने के बाद पेट का आकार बढ़ता है और ऐसी स्थिति में सेक्स सहज नहीं रहता और उसमें तकलीफ होने की संभावना बनी रहती है.

आपका शरीर आपके बच्चे को गर्भावस्था के दौरान हर तरह से सुरक्षित रखने में सक्षम है इसलिए आपका बच्चा सेक्स के दौरान भी सुरक्षित ही है. कुछ जानकारों के मुताबिक प्रेगनेंसी के दौरान सेक्स करने से यह बच्चे के जन्म से पहले पैदा होने के खतरे को कम करता है. हालांकि कुछ मामलो में प्रेगनेंसी के दौरान सेक्स करना नुकसानदायक हो सकता है. प्रेगनेंसी के दौरान ब्लीडिंग होने,पेट में दर्द होने, गर्भाशय के कमजोर होने की स्थिति में सेक्स हर्गिज नहीं करना चाहिए.

कहा भी न जाए, सहा भी न जाए

औरतों की कुछ तकलीफें तो ऐसी होती हैं, जिन्हें वे किसी से कह नहीं पाती हैं और उन्हें चुपचाप सहती रहती हैं या उन की पीड़ा भोगती रहती हैं. जब पीड़ा सहन के बाहर हो जाती है, तब वे अपने पति या परिवार वालों को बताती हैं. ऐसे में उन की समस्या इतनी बढ़ जाती है कि उसे ठीक होने में काफी वक्त लगता है या वह लाइलाज हो जाती है.

शादीशुदा औरतों में कइयों को तो जिस्मानी संबंध बनाने के दौरान अंग में तेज दर्द होता है, लेकिन पति के सुख में बाधा न पहुंचे, इसलिए वे दर्द को चुपचाप बरदाश्त करती हैं. अपने चेहरे के हावभाव से भी दर्द को जाहिर नहीं होने देतीं और सेक्स में पति का साथ देती हैं, ताकि वह संतुष्ट रहे.

माना कि पति की सेक्स संतुष्टि का ध्यान रखना चाहिए, लेकिन जब इस में दर्द हो तो संतुष्टि एकतरफा ही होगी, जबकि वह संतुष्टि दोनों को मिलनी चाहिए. पति तो चरम सुख हासिल करता है और औरत उस की पीड़ा सहती रहती है, यह तो कोई बात नहीं हुई.

जिस्मानी संबंध बनाने के दौरान होने वाली तकलीफ के लिए मर्द द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले कंडोम या औरत द्वारा लगाई गई कौपर टी भी जिम्मेदार होती है.

कुछ मर्द सेक्स के दौरान अपनी मर्दानगी को साबित करने की कोशिश करते हैं जो किसी बलात्कार से कम नहीं होता, जबकि सेक्स में ताकत दिखाने के बजाय प्यार का प्रदर्शन करना चाहिए.

एक उम्र के बाद यानी 45 साल से 50 साल की उम्र के बीच औरतों की माहवारी बंद हो जाती है, जिसे मेनोपोज कहते हैं. इस से हार्मोन में बदलाव आता है और औरतों की सेक्स में दिलचस्पी धीरेधीरे खत्म होने लगती है. अंग में पहले जैसी नमी नहीं रहती है, वह नमी सूख जाती है. इस से सेक्स के दौरान दर्द होने लगता है या इस में मजा नहीं आता.

बेहतर होगा कि औरतें इस बारे में अपने पति को बताएं. वह कभी नहीं चाहेगा कि सेक्स के दौरान आप को दर्द हो. वह सेक्स का तरीका बदलेगा या सब्र का परिचय देगा.

इस के बावजूद भी अगर समस्या बनी रहती है, तो आप को महिला रोग विशेषज्ञ से पूरी जांच करानी चाहिए, ताकि असली वजह का पता चल सके. इलाज के बाद दर्द दूर हो जाएगा और सेक्स दोनों के लिए सुखद व मजा देने वाला होगा.

कुछ औरतों में माहवारी के दौरान बहुत ज्यादा खून बहता है या काफी दर्द होता है. ऐसे में उन्हें संकोच छोड़ कर महिला रोग विशेषज्ञ को बताना चाहिए.

हां, माहवारी में कुछ तकलीफें होना आम बात है, जैसे स्तनों में दर्द या भारीपन होना, पेट के निचले हिस्से में दर्द होना या भारीपन रहना वगैरह. ये लक्षण 1-2 दिन में अपनेआप ठीक हो जाते हैं.

औरतों को चाहिए कि वे माहवारी के दिनों में रोज नहाएं और साफ पैड का इस्तेमाल करें. नहाने के दौरान अपने अंगों की अच्छी तरह साफसफाई भी करें.

कुछ औरतों के अंग में घाव या छोटीछोटी फुंसियां हो जाती हैं. ये काफी जलन पैदा करती हैं, जो बरदाश्त के बाहर होती हैं. इसी तरह बहुत सी औरतों के अंग के आसपास खुजली रहती है. खुजलाने में शर्म भी आती है, लेकिन खुजलाना पड़ता है.

ये सब यौन संक्रमण हैं. इन को गंभीरता से लेना चाहिए और अपना इलाज कराना चाहिए. औरतों के निचले हिस्से में फंगल इंफैक्शन भी हो सकता है.

औरतों के अंग से थोड़ाबहुत पानी का रिसाव सा होना कुदरती है. इस से उस में नमी बनी रहती है. लेकिन अगर यह रिसाव असामान्य पीला, हरा, गाढ़ा, बदबू वाला हो तो चिंता की बात है.

आमतौर पर औरतें इस की अनदेखी करती हैं. नतीजतन, उन की यह समस्या गंभीर हो जाती है. इस में शर्म,  िझ झक छोड़ कर महिला डाक्टर को बताना जरूरी है. बेहतर होगा कि अंदरूनी अंग और कपड़ों के प्रति साफसफाई बरतें.

अगर शादीशुदा औरतों को कोई गुप्त रोग है, तो उसे बेझिझक अपने पति को बताना चाहिए. ऐसे में पति को भी अपनी जांच करानी होगी, क्योंकि इस का जिम्मेदार वह भी हो सकता है.

दूसरी बीमारियों की तरह गुप्त रोग भी एक बीमारी है और इस का इलाज मुमकिन है. इस में न तो घबराने की जरूरत है, न शरमाने की. जितनी जल्दी इस का इलाज शुरू होगा, उतनी ही जल्दी बीमारी ठीक हो सकती है.

गुप्त रोग की हालत में पतिपत्नी दोनों का इलाज किया जाता है. इस के लिए गुप्त रोग विशेषज्ञ के पास जाना होगा. दवाओं की कुछ खुराक लेने के बाद लक्षण गायब होने लगते हैं, लेकिन

दवा का पूरा कोर्स करना चाहिए, वरना बीमारी दोबारा हो सकती है. जब तक गुप्त रोग का इलाज पूरा न हो जाए, तब तक सेक्स से दूरी बनाए रखना होगा.

कुछ औरतों को पेशाब के दौरान कंट्रोल न रहने की समस्या भी होती है. हंसते, खांसते, छींकते समय पेशाब की अनचाही कुछ बूंदें निकल जाती हैं, जिस से उन के भीतरी कपडे़ खराब हो जाते हैं. उन्हें शर्मसार होना पड़ता है, सो अलग.

यह समस्या लाइलाज नहीं है, बशर्ते शर्म छोड़ कर डाक्टर के पास जाया जाए. डाक्टर दवाएं देगा और कुछ कसरत बताएगा, जिस से इस समस्या पर काबू पाया जा सकता है.

औरतों में पेशाब के रास्ते में इंफैक्शन होना एक आम बीमारी है. इस की कई वजहें हो सकती हैं, जैसे पब्लिक टौयलेट का इस्तेमाल, माहवारी के दौरान सफाई न रखना वगैरह. इस से उन्हें बुखार भी आ सकता है. इस का इलाज कराना बहुत जरूरी है, वरना इस का बुरा असर शरीर के कई अंगों पर पड़ता है. अगर इलाज को अधूरा छोड़ा, तो यह इंफैक्शन बारबार होता रहेगा.

इस संक्रमण को यूटीआई के नाम से जाना जाता है. शरीर की बीमारियों से लड़ने की कूवत कम होने से बैक्टीरिया बहुत जल्दी हमला बोल देते हैं. योनि और गुदा मार्ग की ठीक से सफाई न होना भी इस की वजह है.

बारिश के मौसम में इस का खतरा बढ़ जाता है. बचाव के लिए जरूरी है कि पानी खूब पीएं, पेशाब को न रोकें, सेक्स के पहले व बाद में पेशाब जरूर करें और सही मात्रा में विटामिन सी लें.

औरतों में बवासीर की शिकायत भी देखी गई है. इस में शौच के दौरान उन्हें काफी पीड़ा होती है. खूनी बवासीर में खून भी निकलता है. समस्या जब बढ़ जाती है, तो औरत का उठनाबैठना मुश्किल होने लगता है.  िझ झक के चलते वे यह बात अपने पति तक को नहीं बताती हैं और खुद पीड़ा सहती रहती हैं.

बवासीर की तरह ही फिस्टुला यानी भगंदर की समस्या भी हो सकती है. इस बीमारी में गुदा मार्ग के अलावा मल निकलने का एक दूसरा रास्ता बन जाता है. यह काफी तकलीफदेह होता है. मरीज को उठनेबैठने में परेशानी होती है, लेकिन औरतें इस की पीड़ा चुपचाप सहती रहती हैं.

बवासीर हो या फिस्टुला, गुदा मार्ग से जुड़ी इन बीमारियों का आपरेशन ही एकमात्र उपाय है. औरतों को चाहिए कि वे इसे सहने के बजाय इस का उपचार करा कर पीड़ामुक्त जिंदगी जिएं.

औरतों में स्तन कैंसर और गर्भाशय कैंसर के मामले बढ़ते जा रहे हैं. जहां तक स्तन कैंसर की बात है, औरतें इसे अपने पति तक को नहीं बतातीं. स्तनों में आई गड़बड़ी, गांठ, स्राव की वे अनदेखी करती हैं. वे लेडी डाक्टर को बताने में भी संकोच करती हैं. जब दर्द बरदाश्त से बाहर हो जाता है तब बताती हैं, लेकिन तब तक कैंसर काफी फैल चुका होता है.

औरतों को चाहिए कि वे अपनी कोई भी निजी समस्या सब से पहले अपने पति, सास या मां को बताएं और समस्या की शुरुआत में ही माहिर डाक्टर से इलाज कराएं. इसी में भलाई है.

गांवदेहात में स्वास्थ्य सुविधाएं कम हैं. माहिर डाक्टर भी नहीं होते हैं. ऐसे में उन्हें शहरों में आ कर अपना इलाज कराना चाहिए.

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